Ittfak se intzaar tak - 1 in Hindi Fiction Stories by Neha Kariya books and stories PDF | इत्तफाक से इन्तज़ार तक ... - 1

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इत्तफाक से इन्तज़ार तक ... - 1


ये कहांनी हैं एक अलग ही प्रेम कि , दो ऐसे लोग जो मिले थे इत्तफाक से.. ना दर्द देने वाला past था, ना अलग cast थी ...पर हालत से बिछड़े हुए .. इंंताजर में जीते हुए.. .. . देखने वाली बात ये भी है की कैसे दो अजनबी इत्तफाक से इन्तज़ार का ये सफ़र निभाते हैं ..दुनिया की रश्मों से बिछड़ जाते हैं .. और वक्त की ताकत फिर उन्हें सामने लाती है.. पर क्या सालों के बाद वो एक दूसरे को समझा पायेंगे खुद समझ पायेंगे ?? सवाल बहूत होंगे पर जवाब कहा से लायेंगे .? क्या खामोशी एक दूसरे की वो सुन पायेंगे ? क्या दुनिया को मंजूर होगा फिर साथ वही ? 🤔

सारे सवालों के जवाब के खातीर .. हम करते हैं शरु कहानी वही ... 🤞

हिमाचल प्रदेश में एक सुंदर सा सहर है , पहाड़ों का सहर कुल्लू .. यह शहेर अपने मंदिरों और देवदार और देवदार के जंगल और सेब के बागों से ढकी पहाड़ियों के लिए जानी जाती है ..और एक और खूबसूरत चीज है इस सहेर की वो है यहां के राजगुरु साहेब ...

राजगुरु साहेब कि इस सहर में बहुत इज्जत है, राजगुरु साहेब पूर्व अध्यक्ष थे इस सहर के .. उनके पास उनके पूर्वजों की बहुत संपति थी .. उन्होंने अपने पूर्वजों की सारी संपति सहर के लोगो के खातिर खर्च कर दी .. इतने सारे लोगों की मदद की उन्होंने .. ना जाने कितनी दुआ थी उनके खातिर.. , वो इस सहर की जान है , पर उनकी जान तो कोई और है .. वो है उनकी लाडली बेटी प्रेरणा ..एक लोती बेटी.. जिनको उन्होंने बहुत नाज़ुको से पाला , क्युकी प्रेरणा 2 साल की थी तभी ही उनकी मां कि मुत्यू हो गए थी .. वैसे तो उन लोगों का परिवार बहुत बड़ा है .. इनके घर में वो total 14 लोग रहते है ,
प्रेरणा उनके पापा , 2 चाचा , 2 चाची , दादा , और बड़े चाचा के 4 बच्चे , और छोटे चाचा के 3 बच्चे ..

एक aeisa खूबसूरत परिवार .. जो किसिकी भी कल्पना से परे है .. एक aeisa घर जो असल में घर है ,मकान नहीं .एक aeisa घर जहा किसीको किसी से कोई सिकायत नहीं , सब को एक दूजे से प्यार है , फिक्र है , और उन फिक्र का ज़िक्र भी है .. लोग इनका एक दूसरे के लिए प्यार देख के तंग रहा जाते है ..

प्रेरणा और उनके सारे cousion सग्गे भाई बहन की तरह रहते है , शहेर में कितने लोको को तो पता ही नहीं है कि इस घर में कौन किसके बच्चे है , क्युकी मा हो , बड़ी मा हो या चाची .. हर किसीको हर बच्चे से इतना लगाव इतना प्यार है .. इन शहेर में कभी भी किसी के घर में लड़ाई होती है , वो उन्हें इसी घर की वर्गायत सुनते है ..

एक खूबसूरत घर .. एक खूबूरत परिवार .. किसीको भी भा जाए aeisa एक सुंदर सा स्वर्ग सा ए घर 🏘️


( जिंदगी का सफर खूबसूरत बन जाता है,
जब़ साथ इनको अपनो की दुआ का मिल जाता है 💞 )



क्रमशः