43 मिनट की छोटी मुसाफरी के बाद फ़ारूक़ और भैयाजी सिम्बोर में शैलेश मज़मुदार के स्थान पर पहुंच चुके थे। लेकिन बदकिस्मती से उन दोनों के अलावा उस खाली पड़े वेर हाउस में और कोई नही था।
"तू तो बता रहा था कि शैलेश यहां मिलेगा?" भैयाजी ने अपनी भारी आवाज़ में पूछा जो वो बरसो पहले किसीको डराने, धमकाने या मारते वक़्त उपयोग किया करता था।
"थोड़ा सा इंतेज़ार कर लीजिए भैयाजी, कुछ ही वक़्त में वो आता ही होंगा।" यह कहते हुवे फ़ारूक़ अपने मोबाइल से कोई नंबर डायल करने लगा। ऐसा लग रहा था मानो वो अपने किसी सोर्स से पता लगा रहा था की आखिरकार वहां शैलेश मज़मुदार क्यो नही था।
फ़ारूक़ के वहा से थोड़े दूर जाते ही भैयाजी ने अपना फ़ोन निकाल कर रामदास को फ़ोन लगाया ताकि वो उसे बता सके कि आखिरकार वे शैलेश मज़मुदार से मिलने पहुंच चुके थे। भैयाजी रामदास से बातें करने में थोड़ा मशगूल क्या हुआ कि तभी किसीने लोहे के रॉड से पीछे से उसके सिर पर प्रहार कर दिया। भैयाजी उसी क्षण नीचे गिर पड़ा और बेहोश हो गया।
फ़ारूक़ ने फिर अपने कपड़े बदले, उसने हरा लबादा पहना और सफेद टोपी पहनकर नकली मूछ दाढ़ी लगाई ठीक वैसे ही जैसे वो रहीम को सबसे पहले मिला था। फ़ारूक़ ने फिर बेहोश पड़े भैयाजी को बड़ी ही मशक़्क़त के साथ उठाया और एक लकड़े की कुर्सी पर बिठा दिया और फिर रस्सियों से उसके हाथ और पैर बांध दिए और खुद उसके सामने एक कुर्सी लगाकर बैठ गया और भैयाजी के जगने का इंतेज़ार करने लगा।
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कुछ मिनट की कैब राइड के बाद जय अपने क्लाइंट मिस्टर एंड मिसेज़ ओकले के साथ महान अकबर के मकबरे पर पहुंच चुका था।
पार्किंग के पास में ही बने टिकट काउंटर से जय ने ४ टिकटे खरीदी और वे आगे बढ़ गए।
"ओकले कपल, एस धिस इज़ आवर लास्ट डे ऑफ टूर, आई होप डेट यु वुड हेव लाइकड माय सर्विस, प्लीज गिव में मैक्सिमम स्टार्स ऑन माय प्रोफाइल।" आगे बढ़ते बढ़ते जय ने ओकले दंपति से उसकी एल.एस.डब्ल्यू. की प्रोफाइल पर रिव्यू डालने का अनुरोध किया जिस ओर मिसेज़ ओकले ने स्योर कहते हुवे हामी भरी।
थोड़ा ही चलने के बाद वे दक्षिणी गेट के सामने थे, जो सभी द्वारों में से सबसे बड़ा प्रवेश द्वार था।
"डू यु सी धौस टावर्स?" जय ने उंगली से इशारा करते हुवे ओकले दंपति को प्रवेशद्वार के इर्दगिर्द बने चार मीनारों को दिखाते हुवे पूछा जिस पर ओकले दंपति ने "यस!" कहते हुवे जवाब दिया।
"इट इज़ सेड डेट शाहजहां हेड गोट एन इंस्पिरेशन फ्रॉम धिस एंड आफ्टर डेट ही मेड फोर टावर्स ऑफ ताज महल।" एक बार फिर जय ने बड़ी अच्छी जानकारी देते हुवे कहा, जिसके बाद मिसेज़ ओकले ने महान अकबर के मकबरे के प्रवेशद्वार की कुछ तस्वीरें तो कुछ अपने पति के साथ तस्वीरे खींची और जय की दी गयी जानकारी को एक बुक में नोट कर लिया जो वो हर वक़्त अपने पास रखा करती थी।
"वैसे तुम गाइड कैसे बने, और इतनी सारी इन्फॉर्मेशन तुमको कैसे मिली?" माहेरा ने जय द्वारा हर बार दिए जानेवाली सटीक जानकारी से प्रभावित होते हुवे पूछा।
"एन इंट्रस्टिंग क्वेश्चन! आई विश आई कुड गेट अ गाइड लाइक यू इन शिकागो।" मिसेज़ ओकले ने अपनी दिली बात रखते हुवे कहा।
"यस यु कैन, मिसेज़ ओकले, आई लिव इन यूएस एन्ड माय मोम वास् फ्रॉम शिकागो।" मिसेज़ ओकले को अपने बारे में बताते हुवे जय ने कहा।
"ओह रियली! आई डेफिनेटली वांट टू मीट योर मोम धेन" मिसेज़ ओकले ने हंसते हुवे कहा।
"यू कैंट मिसेज़ ओकले। शी इज़ नो मोर इन धिस वर्ल्ड" जय ने थोड़ा दुखी स्वर में कहा।
"ओह! माय चाइल्ड, आईं एम सॉरी, मे हर सौल रेस्ट इन पीस। अपने गले मे पहने हुवे क्रॉस को चूमने के बाद जय को सिम्पथि देने के लिए मिसेज़ ओकले ने जय को हग करते हुवे कहा।
"आर यू ओके जय?" मिस्टर ओकले ने जय के कंधे पर हाथ रखते हुवे पूछा।
"ओह यस, यस! आईं एम वेरी फाइन! लेट मी शो यू ध टॉम्ब ऑफ अकबर ध ग्रेट" कहते हुवे जय थोड़ा आगे बढ़ा और ओकले दंपत्ति को दूर से अकबर की कब्र की ओर इशारा करते हुवे कहा।
"इज़ धेट अ प्लेस वेर अकबर इज़ ब्युरिड?" मिस्टर ओकले ने दूर से ही अकबर की कब्र को देखते हुवे पूछा।
"यस! मिस्टर ओकले, इट इज़। डू यू नॉ धेट अकबर हेड स्टार्टेड मेकिंग धिस मोनुमेंट, बट बिफोर इट कुड बी कंप्लीटेड अकबर डायड़, एंड आफ्टर धेन हिज सन जहांगीर कंप्लेटेड धिस।" अकबर की कब्र की ओर चलते चलते ही जय ने मिस्टर ओकले को एक और अच्छी जानकारी दी।
"यू मस्ट बी अ हिस्ट्री टीचर ओर समथिंग लाइक धेट, यू हेव टू मच नॉलेज ऑफ हिस्ट्री।" मिसेज़ ओकले ने जय की तारीफ करते हुवे कहा
"इफ यू डोंट माइंड धेन प्लीज़ कैन यू क्लिक सम पिक्चर्स ऑफ अस?" मिसेज़ ओकले ने माहेरा के हाथों में कैमरा थमाते हुवे कहा और अपने पति की बाहों में बाह पिरोये ठीक अकबर के मकबरे वाली दिशा में खड़ी हो गयी जिससे उन दोनों के साथ साथ फ़ोटो में अकबर के मकबरे की तस्वीर भी आ सके।
"स्योर, व्हाई नॉट" कहते हुवे माहेरा ने मिसेज़ ओकले के हाथ से कैमरा लिया और उनके पिक्स खींचने लगी। जैसे जैसे माहेरा ओकले दंपति को कहती गयी वे ठीक वैसे वैसे पोज़ देते गये। जय उनसे थोड़े ही दूर शांति से खड़ा खड़ा यह सब देख रहा था, उसे लगता था मानो माहेरा को हैकिंग क्लास की स्टूडेंट नही बल्कि एक फोटोग्राफर होना चाहिए था।
"नाउ इफ यु हेव क्लिकड फोटोज धेन शुड वी कंटिन्यू?" जय ने बड़े ही विनम्र लहज़े से पूछा।
"स्योर, स्योर!" मिस्टर ओकले ने जवाब दिया
"इट इज़ आ ग्रेट अमलगामेशन ऑफ मुग़ल एंड राजपुताना स्कल्पचर, अकबर'स रेन वास् ध मोस्ट प्रोस्पेरोस, वेल्थी, जस्टीफ़ाइड इन ध एरा ऑफ मुग़ल डायनेस्टी इन इंडिया, ही हेड एस्टेब्लिश्ड अ न्यू रिलीजियन कॉल्ड दिन-ए-इलाही। ही कॉल्ड आल ध ग्रेट मेन फ्रॉम वेरियस कम्युनिटी एंड वेरियस रेलीजियोन्स एंड आफ्टर धेट ही कलेक्टेड गुड पॉइंट्स ऑफ एवरी रेलीजियोन्स एंड मेड अ न्यू वन।"
"डीन-अलाही" मिस्टर ओकले ने अपनी टूटी-फूटी हिंदी का प्रयोग करते हुवे बोलने का प्रयास किया।
"मिसेज़ ओकले ने अकबर की कब्र की कुछ तस्वीरें खींची, इतनी बड़ी सी जगह में अकबर की एक मात्र कब्र थी जो प्रतीति कराती थी कि मानो अकबर कभी पूरे भारत का, मुग़ल सल्तनत का राजा हुवा करता था।
"धिस ग्रेव इज़ नॉट रियल, मिसेज़ ओकले। इट इज़ अ फाल्स वन...
"धेन व्हेर इज़ ध रियल वन?" इससे पहले की जय अपनी बात पूरी कर पाता मिसेज़ ओकले ने पहले ही पूछ लिया।
"एज़ आई टोल्ड यू धेट इन ताजमहल ध ग्रेव ऑफ शाहजहाँ एन्ड मुमताज़ वास् नॉट रियल, सो हियर, ध रियल ग्रेव इज़ इन ध बेसमेंट एरिया सो वास् धैर। इट इज़ प्रोहिबिटेड फ़ॉर टूरिस्टर्स ड्यू टू सिक्योरिटी पर्पज। बट ध रियल वन इज़ सैम लाइक धिस, आई कैन अस्योर यू अबाउट धेट।"
जय द्वारा कही जा रही एक एक बात न केवल ओकले दंपति को बल्कि माहेरा को भी प्रभावित कर रही थी, उसने अपनी ज़िंदगी मे कभी यह नही सोचा था कि वो कभी एक ऐसे इंसान से रूबरू होंगी जो इतिहास में इतनी दिलचस्पी रखता हो और इतने बोरिंग इतिहास को अच्छे से बयान भी करता हो, धीरे धीरे वो जय के बिल्कुल सीधे-सादे व्यक्तित्व की ओर खींची जा रही थी। आनेवाला कल उसके लिए क्या लानेवाला था यह तो उसे नही मालूम था लेकिन एक बात तो तय थी कि, ज़िन्दगी रहस्य और रोमांच से भरी पड़ी है, कोई नही कह सकता कि अगले पल क्या होनेवाला है, ऊपरवाले से बड़ा और कोई जादूगर नही।
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