Island of the vampire's - 4 in Hindi Fiction Stories by pratibha singh books and stories PDF | आइलैंड ऑफ द् वैम्पायर्स - भाग- 4

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आइलैंड ऑफ द् वैम्पायर्स - भाग- 4

केविन उन सबको ठहरा कर उस कैसेल के अंदरूनी भाग में गया यहाँ काफी अंधेरा था काफी नजर डालने पर काले लबादे में सिर से पाव तक ढंकी एक इंसान जैसी आकृति दिख रही थी
उस कमरे में जा उस आकृति के पीछे केविन एक घुटना टेक के बैठ गया
"क्या खबर लाये हो केविन " उस आकृति की आवाज गूंजी

"योर मेजेस्टी .... वो वही है "

"क्या तुम यकीन के साथ कह सकते हो "

"यस माय लार्ड " केविन बोला..."पर ..... केविन बोलते बोलते रुका

"पर क्या केविन कहो "

"वो निशानी नही दिखी मुझे ...ओर वो शायद आपके लिए प्योर भी नही है "

"तो फिर तुम कैसे कह रहे थे कि वो वही है " इस बार उस आकृति की आवाज तेज हो गयी

"माय लार्ड उनका चेहरा अगर आपने देखा होता तो आप भी धोका खा जाते "

"सुबह उन लोगो के जाने का इंतजाम कर देना और समझा देना की वो इस टापू पर दुबारा ना आये "

"यस माय लार्ड" केविन ने दाया हाथ सीने से लगा सिर झुकाया ओर वहां से चला गया

सुबह वो चारो इकठ्ठे बाते कर रहे होते है

जोर्गा- मुझे ये जगह ओर लोग कुछ सही नही लग रहे "

इसाबेल- तुम गलत सोच रहे हो जोर्गा ये लोग बहुत अच्छे मेहमाननवाज है ..बेशक ये लोग जंगली है पर .मेहमानों की रिस्पेक्ट करना इनको अच्छे से आता है "

जोर्गा- तुम बिल्कुल गलत सोचा रही हो बेला ये ऐसे बिल्कुल नही है....

अभी ये लोग बात कर ही रहे होते है कि केविन उधर आ जाता है

"लो आ गए तुम्हारे मेजबान " जोर्गा ने इसाबेल को ताना मारा

"उम्मीद करता हु आप लोगो की रात अच्छी गुजरी होगी " केविन ने पास आकर उन सब लोगो से कहा

उस कैसेल में दिन में भी हल्का हल्का अंधेरा था झरोखों से आती रोशनी से पता चलता था कि बाहर सुबह हो गयी
उस हल्की रोशनी में देखने पर पता चला कि ये कैसेल काफी पुराना है इसकी दिवाले काली पड़ी हुई थी
कैसेल से बाहर आकर उन लोगो ने पाया कि ये जंगल भी उस कैसेल जितना ही अंधेरा है काफी ऊंचे ओर घने पेड़ थे जिसकी वजह से सूरज की बड़ी ही कम रोशनी वहां तक आ पाती थी बारिश और कम धूप मिलने की वजह से उस कैसेल के बाहरी हिस्से में काई जमी हुई थी
"आप लोगो को इस आइलैंड से चले जाना चाहिए ये काफी खतरनाक है " केविन ने उन सबको सम्बोन्धित किया

जोर्गा-पर हम जायेगे कैसे हमारी नाव टूट चुकी है जब तक कोई बाहरी मदद नही मिलती हम यहां से कैसे जा सकते है "

केविन- इस आइलैंड पर कोई नही आता यहां कोई बाहरी मदद नही मिलने वाली , रही जाने की बात तो हमारे लोगो ने नाव का इंतजाम कर दिया है उसमें जा सकते हो ...जिधर समुंदर किनारे मुझे मिले थे वही जाओ वहां नाव मिल जाएगी "
ये कह केविन वापिस पलट कर अंदर चला गया

ओर वो सब वहां से रास्ता याद करते करते समुंदर के किनारे के लिए रवाना हुए
दोपहर तक वो समुंदर तक पहुचे जिसमे वो कई रास्ता भटके भी
वहां किनारे पर लकड़ी की बनी हुई एक साधारण सी नाव थी वो सब वही लेके चल पड़े वापिस जिस आइलैंड के लिए निकले थे उसके बारे में वो अब भूल चुके थे एक नया ओर खतरनाक अनुभव लेकर वो चारो घुमक्कड़ वहां से वापिस लौट आये

यहां उस कैसल में

"केविन कही तुम्हारा अंदाजा सही तो नही था " उसी काले लबादे वाले ने केविन से कहा

"मैं स्योर नही हु माय लार्ड" केविन सिर झुका कर खड़ा था

"आखिर ओर कब तक " उस काले लबादे वाले ने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ लिया

"डोंट वरी माय लार्ड उन्होंने यही टाइम बताया था जब वो वापिस आ सकते है "

"हा उनके वापिस आने का वक़्त आ चुका है पर अब तक वो लोग आए क्यो नही दो हजार .....दो हजार साल हो गए अब और कितना इंतजार ......।