सुमी आज यूँही घर सफ़ाई में लग गयी थी, अलमारी, ऊपर रखे समान को वो ठीक कर अच्छे से रख रही थी तभी उसकी नज़र समीर की एक पुरानी बेग पर गयी जो कई सालो से ऊपर ऐसे ही पड़ी रहती थी उसने सहसा ही उसे नीचे उतारी और टटोलने लगी, समीर की कुछ बुक्स, पेन,कुछ जीते हुए मेडल, कुछ पुरानी फ़ोटो थी उसमें सुमी की नज़र अचानक एक गुलाबी कलर के कवर पड़ी उसने बड़ी सावधानी और कुतूहल से कवर खोला, एक खूबसूरत lady की फ़ोटो थी उसमें और letter भी उसने काँपते हुए हाथों से letter खोला और पढ़ने लगी. Dear शकुंतला,
जब भी आपको देखता हूँ तो कुछ और देखने की चाहत नहीं रहती, आपकी हर अदा आपकी और खिंचती हे मुजे, कई बार बताना चाहा की आप ही वो पहेला सावन हो जिसमें में भीगना चाहता हूँ आप ही वो मेरा पहेला प्यार हो जिसे में पाना चाहता हूँ..
आपका प्यारा समीर
letter पढ़ते ही सुमी के पेरो तले ज़मीन खिसक गयी वो पूरी तरह पसीने से भीग गयी उसे यक़ीन नहीं हो रहा था की उसके समीर का कोई पहेला प्यार भी था, आज तक समीर ने कभी बताया ही नहीं था, एक हाथ में letter और दूसरे हाथ में शकुंतला की फ़ोटो बार बार देखती रही फिर धीरे से letter में फ़ोटो रख के वापस कवर में रख दिया समीर से बात करूँगी सोच कर उसने वही गद्दे के नीचे रख दिया.
दिल बेचेंन हो गया वो बाहर द्रोईंग रूम में आ गयी कुछ अच्छा नहीं लग रहा था,वो जल्दी से समीर से बात करना चाहती ,दो बार हाथ फ़ोन पर गया पर वापस ले लिया नहीं नहीं में रूबरू ही बात करूँगी सोचेते सोचते वो अतीत में चली गयी.
कोलेज की library में उसकी पहेली मुलाक़ात हुई थी समीर से,mythology एक book ढूँढने में मदद की थी, दूसरे दिन thanks कहने पर दोस्ती हुई फिर प्यार और फिर शादी , सुमी को लगा वो ही उसका पहेला प्यार हे उसे नहीं मालूम था की समीर के दिल में पहेले से ही कोई हे . धीरे धीरे ये बेचेनी कब ग़ुस्से में बदल गयी उसे पता ही नहीं चला अंधेरा हो गया वो ऐसे ही बेठे रही और अचानक दरवाज़ा खुलने की आवाज़ ने चोंका दिया, समीर आ गया था,
समीर - अरे अंधेरे में क्यू बेठी हो क्या हुआ तबियत तो ठीक हे??
सुमी- जी ठीक हे चाय पीएँगे ??
बोलकर वो बिना समीर का जवाब सुने किचन में चली गयी. समीर ने कुछ ध्यान नहीं दिया उसे लगा काम करके थक गायी होंगी और वो अपने रूम में चला गया थोड़ी देर में दोनो चाय पीने बरामदे में आ गए. समीर शाम का न्यूज़ पेपर पढ़ता रहाँ और सुमी उसे ग़ुस्से से देखती रही दो तीन बार उसने पूछना चाहा पर पूछ नहीं पायी, चाय खतम कर किचन में चली गयी रात यूँही वो समीर की हर बात का जवाब ग़ुस्से से दिया. समीर कुछ नहीं समज पाया सुबह ठीक हो जाएगा सोच कर सो गया पर सुमी की नींद तो शकुन्तला ने ले थी सो ही नहीं पायी.
अगली सुबह भी उसने समीर से रुखे रुखे ही बात की, तोलिया माँगने पर ग़ुस्सा, नास्ता करते वक्त ग़ुस्सा दिखती रही समीर कुछ भी नहीं समज पा रहा था, उसने उठकर अपने रोज़ के काम निपटा कर ऑफ़िस के लिए निकल ने लगा जाते वक्त रोज़ की तरह उसने सुमी को by बोला पर सुमी ने ठीक हे का जवाब दिया और काम में लग गयी.
समीर पूरा दिन सुमी के बारे में सोचता रहा क्या हुआ हे??सुमी को क्यू ऐसे रूठी रूठी सी हे?? शाम को ज़रूर बात करूँगा मन ही मन में ये सोच लिया,
शाम लोटते वक्त समीर की गाड़ी जब red signal पर रुकी तो एक छोटा सा बच्चा हाथों में फूलो गजरा लिए आ गया समीर ने सोचा गजरा ले जाता हूँ सुमी ख़ुश हो जाएँगी,
गजरा लिए जब समीर घर लोटा तो पहेले से ही दरवाज़ा खुला थोड़ा खुला हुआ था, अंदर आके उसने देखा की सुमी बरामदे में बुक पढ़ रही थी बिलकुल अस्तव्यसत सी लग रही थी उसने सुबह से बालों में कंगी ही नहीं की थी.उसने समीर की और ध्यान ही नहीं दिया.
समीर धीरे से सुमी के पीछे आया और गजरा निकाल कर उसके बालों में लगाया और बोला ज़रा सज संवरकर रहा करो ऐसे तुम बिलकुल काली माँ की तरह लगती हो और मुजे काली माँ से बहुत डर लगता हे, कहकर वो ज़ोर से हसने लगा.
अब सुमी का ग़ुस्सा फुट पडा और बोली अच्छा में काली माँ और शकुन्तला क्या माँ पार्वती लग रही थी ??समीर चोंका कोन शकुन्तला ?? किसकी बात कर रही हो??
सुमी ग़ुस्से से बेडरूम में गयी और गद्दे के नीचे से वो गुलाबी कवर लेकर आयी समिर के हाथ में रखकर बोली ये शकुन्तला. समीर ने कवर खोला देखते ही हंस पडा और बोला ये ??? ये तो मेरा पहेला प्यार हे,सुमी से अब नहीं रहा गया उसकी आँखे भर आयी, समीर तुरंत भाँप गया की ये ग़ुस्सा क्यू था उसने बड़े प्यार से सुमी को बेठाया और बोला हाँ ये मेरा पहेला प्यार था जो हर किसिको 10, 11 साल की उमर में होता किसिको अपनी मोम से, किसिको अपने friend से, किसिको अभिनेता या अभनेत्रि से होता हे या फिर किसिको अपनी teacher से होता हे, शकुन्तला मेरी math की टीचर थी जो मुजे बहुत प्यार करती थी मुजे अपने आगे पहेली बेंच पर बिठातीं थी और मेरे गालों को थपथपाती थी,मेरे बालों में उँगली फिराती थी उसके ये student वाले प्यार को में अपना पहेला प्यार समज बेठा था बस एक आकर्षण और कुछ नहीं, ये letter मेने लिखा तो सही पर कभी नहीं दे पाया .
समीर की बात सुनकर सुमी उसे देखती रह गयी फिर दोनो एक साथ ज़ोर से हंस पड़े....ओर मन मन में बोली इतनी बड़ी misunderstanding 😮😮🤣🤣