देवेन जब भी आगरा आता इसी होटल में ठहरता था।इसलिए होटल का स्टाफ उसे जानता था।
"आज इस समय पेपर की। क्या ज़रूरत पड़ गई?"रीता उसे पेेेपर देते हुए बोली।
"कौन कौन सी पिकचर चल रही है?"देेेवेन पिक्चर के नाम देखने लगा।जोश पिक्चर पर आकर उसकी नजर ठहर गई।देवेन ने अखबार वापस कर दिया।
"कौनसी पिक्चर देखने जा रहेे हो?"रीता ने पूछा था।
"जोश,"देवेन बोला,"तुम भी चलो।"
" मैं कैसे चल सकती हूँ।मैं ड्यूटी पर हूँ।नही तो आपके साथ चलती।"
ओके।अगली बार।"
देवेन होटल से बाहर आकर ऑटो में बैठ गया। ऑटो एम जी रोड़ पर गया।
हर रंग,हर वर्ग के लोग आ जा रहे थे।जगह जगह रुकता ऑटो शाह टाकीज पर आ गया था।देवेन ऑटो वाले को पैसा देकर अंदर आया।टिकट खिड़की के सामने लम्बी कतार थी।इतनी भीड़ में टिकट लेना उसके बुते की बात नही थी।वह वापस लौटने की सोचने लगा।तभी एक विचार मन में आया।लौटने से पहले उसने उस विचार को आज़माना चाहा।
टिकट खिड़की के सामने लेडीज और जेंट्स लाइन अलग अलग थी।उसने लेडीज लाइन पर नज़र डाली।देवेन की नज़र एक लड़की पर जाकर ठहर गई।
लम्बे कद की सुंदर लड़की थी।देखने मे वह सभ्य लग रही थी।देवेन उसके पास जाकर बोला,"क्या आप एक टिकट मेरे लिए भी ले लेंगी?"
उस लड़की ने पहले देवेन को ऊपर से नीचे तक देखा था।फिर उसने देवेन के हाथ से पैसे ले लिए।
देवेन एक तरफ खड़ा होकर उसकाइंतज़ार करने लगा।
हॉल के बाहर काफी भीड़ थी।इतनी भीड़ के बावजूद लोगो के आने का क्रम जारी था।
देवेन कई साल से आगरा आ रहा था।लेकिन पिक्चर देखने पहली बार आया था।वह एक तरफ खड़ा था।तभी एक भिखारन उसके सामने हाथ फैलाकर गिड़गिड़ाने लगी।तभी वह लड़की उसके पास आकर बोली,"लीजिए आपका टिकट।"
"थैंक्यू,"टिकट हाथ मे लेते हुए रंजन बोला,"इतनी भीड़ मे मैं टिकट नही ले पाता।"
देवेन को उस लड़की से बात करता देखकर उस भिखारन की भाषा बदल गई थी।पहले वह खुदा के नाम पर भीख मांग रही थी।अब हाथ फैलाकर बोली,"रुपया दो रूपया दे दे।तेरी जोड़ी सलामत रहे।बीबी तेरा सुहाग सलामत रहे।अपने सुहाग के नाम पर दे दे।"
भिखारिन की बात सुनकर वह लड़की सिहर गई।वह लड़की सोचने लगी।न जान,न पहचान और उस भिखारिन ने उस युवक के साथ उसका रिश्ता जोड़ दिया था।
भिखारिन की बात सुनकर देवेन को भी बुरा लगा था।वह लड़की मन मे क्या सोच रही होगी।यह विचार मन मे आते ही वह भिखारिन पर बरस पड़ा।"
"तुम लोगो को सिर्फ मांगने से मतलब।मन मे जो आये बोलना--------
"इन लोगों से कहना,मतलब अपना मूड खराब करना।चलिए अंदर चलते हैं।"
देवेन उस लड़की के साथ अंदर हॉल मे आ गया था।उनकी सीटे पास पास थी।वे ठीक तरह से अपनी सीट पर बैठ भी नही पाए थे,की पिक्चर शुरू हो गई थी।पर्दे पर पिक्चर शुरू होते ही हॉल की लाइट बुझ गई थी।पिक्चर शुरू होने के बावजूद लोगों के आने का सिलसिला जारी था।गेट कीपर टॉर्च जलाकर लोगो को सीट पर बैठाने मे मदद कर रहा था।
पिक्चर मे रोमांस, एक्शन, ड्रामा,कॉमेडी सब कुछ था।मधुर संगीत और अच्छे गाने।
इंटरवेल में देवेन उस लड़की से बोला,"बाहर चलते हैं।"
वह लड़की देवेन के साथ बाहर आ गई।
"लीजिए।"देवेन ने दो ठंडे की बॉटल ली थी।
"