shorr - 3 in Hindi Fiction Stories by अर्चना यादव books and stories PDF | शोर... एक प्रेमकहानी - 3

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शोर... एक प्रेमकहानी - 3

पुलिस ने बचाव किया तेज़ का लेकिन उनकी बातों से लग रहा था की कितनी फ़िक्र है. कोई सवाल ना उठे और तेज बच भी जाय. नरेन्द्र कम नहीं था वो भी जिद पर अड़ गया नहीं मैं रिपोर्ट तो लिखवा के ही जाऊंगा. लेकिन वहाँ से धक्के मार कर भगा दिया गया. दुःख तो हुआ लेकिन हार नहीं मानना है निश्चय किया.
पुलिस वाले भी कम नहीं थे. खाते थे तो इमानदार भी थे हाँ सरकार के प्रति इमानदारी कहाँ मायने रखती है. नरेन्द्र के जाते ही तेज़ के पास खबर पहुंच गयी और साथ ही सलाह भी दे दी गयी की वो चुप नहीं बैठेगा इसलिए कुछ ऐसा करो की उल्टा वही फंस जाय. तेज़ गुस्से से आग बबूला हो गया.
अब क्या करूं मम्मी के सामने कैसे जाऊँ थक गया सोचते सोचते की ऐसा क्या करूं की मम्मी के दर्द का बदला ले सकूं उससे. नरेन्द्र शाम को वापस घर आया. जब बाइक रोकी तो फिर नजर खिड़की पर गयी तो श्यामली हट गयी जिससे पर्दा हिलने लगा. फिर वो अंदर चला गया. ये सब तेज़ दूर से ही देख रहा था उसे आइडिया मिल गया की क्या करना है.
हमारे देश में कानून भी बड़ा मिसयूज होता है. अच्छे के लिए बनाया गया कानून तोड़ मरोड़ कर कहीं भी लागू किया जा सकता है. इवेंट था इसलिए नरेन्द्र सुबह दस बजे ही तैयार हो कर निकलने वाला है तभी एक पुलिस की जीप रूकती है. सब लोग देखने लगते हैं कोई खिड़की से कोई दरवाजे से कोई बाहर निकल कर. श्यामली भी खिड़की से देखती है तो पुलिस और नरेन्द्र में कुछ बहस हो रही थी और मोहल्ले के लोग भी जमा हो गये हैं. फिर पुलिस नरेन्द्र को जबरदस्ती जीप में बैठाने लगता है तो श्यामली भी दौड़ कर नीचे आती है. तब देखती है की तेज़ और माँ पहले से ही हैं वहाँ पर. और तेज ने नरेन्द्र के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई है की नरेन्द्र श्यामली की शादी नहीं होने दे रहा है. जहाँ भी रिश्ता तय होता है जाकर चुगली कर देता है की श्यामली का अफेयर चल रहा है. इसलिए उसकी शादी कट जा रही है.
श्यामली शॉक हो जाती है ये तो सरासर झूठ है. उसने माँ को कहा तो वो चुप करवा के वापस घर लेकर आ गयी ये कहते हुए- बाहर क्यों निकली रंग और काला हो जायेगा.
लेकिन माँ ये तो झूठ है ना.
हाँ तो वो भी तो गया था झूठी रिपोर्ट लिखवाने की तेज़ ने उसकी माँ का एक्सीडेंट कर दिया इतना ही नहीं उसे मारा भी.
क्या ... कब ...?
अरे हो गया कुछ दिन
लेकिन ये सच भी तो हो सकता है भाई ने शराब पी रखी होगी किया होगा कुछ नई बात तो नहीं.
तो तुम्हें भी लगता है वो झूठ बोल रहा है
माँ भाई तो...
पानी लाओ एक गिलास...
हैं की कुछ भी कर देते हैं और...
पानी माँगा मैंने वो सुनाई नहीं दिया.
ला रही हूँ. श्यामली पानी लेने चली जाती है.
थाने में नरेन्द्र को जेल में बंद करने के बजाय उसे समझाते हैं. की देखो हम तुम्हारे ही शुभ चिंतक हैं नये नये कवि बने हो यूट्यूब चैनल है जो अच्छा चल रहा है अगर फंस गये तो सब बर्बाद हो जायेगा इसलिए तेज़ से सुलह कर लो जो मन में खटास है उसे मिटा कर पड़ोसी की तरह रहो एक दुसरे के घरों में ताक झाँक करना बंद कर दो. मैंने कुछ नहीं किया मैं कितनी बार कहूँ मैंने तो उसे देखा भी नहीं है की वो है कैसी.... उसकी शादी काटना तो बहुत दूर की बात है. देखो तुम जानते होगे की ऐसे मामलों में हमारा जोर नहीं चलेगा बहुत लम्बा चले जाओगे. इसलिए मेरी बात मानो और सुलह कर लो....