Island of the vampire's - 3 in Hindi Fiction Stories by pratibha singh books and stories PDF | आइलैंड ऑफ द् वैम्पायर्स - भाग- 3

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आइलैंड ऑफ द् वैम्पायर्स - भाग- 3

इसाबेल के आँख खोलते ही उसकी नजर उस लड़के पर पड़ती है जो उसे गुफा में लेकर आया था

"तुम कौन हो और मै कहा हूँ" इसाबेल हैरानी से इधर उधर देख रही थी

"रिलैक्स , डिअर तुम ठीक हो अब " जोर्गा इसाबेल की तरफ दौड़ा

"हां पर हम कहा है"

"हम तूफान में फस गये थे जिससे हम इस आइलैंड पर आ गए थे इस वक़्त हम उसी आइलैंड की एक गुफा में है" जोर्गा ने बात पूरी की

"और ये..." इसाबेल ने अब उस नये आदमी की तरफ इशारा किया

"ये इसी आइलैंड पर रहने वाले है इन्होंने ही तुम्हारी जान बचाई है ,, आईएम सॉरी इस सबमे आपका नाम तक नही पूछ पाया " जोर्गा हाथ बढाते हुए बोला

"माइसेल्फ नील , केविन ओ नील "वो हाथ मिलाते हुए बोला "यू कैन काल में केविन"

"ओह्ह शुक्रिया मेरी जान बचाने के लिए " इसाबेल अपना सिर सहलाते हुए बोली

"क्या आप हमें इस आइलैंड से निकलने का कोई तरीका बता सकते है हमारी नाव तूफ़ान में फस कर टूट गयी" जोर्गा बोला

"यहां से निकलने का कोई तरीका नही है तुम्हारी नाव टूट चुकी है और मेरे पास कोई नाव नही है " केविन अपने उसी ठंडे लहजे में बोला

"तो आप लोग कभी इस आइलैंड से बाहर नही जाते" इसाबेल हैरानी से बोली

"नही हमे बाहर की दुनिया से कोई मतलब नही है " केविन उखड़ता सा बोला

उसका बर्ताव सबको बड़ा अजीब लगा

"तो क्या हमारे यहां से बाहर जाने का अब कोई रास्ता नही " लिंडा और जोर्गा आँखे फाड़ते हुए बोले

"शायद नही "

उसकी ये बाते सुन सब हैरान परेशान थे

"यार कोई तो तरीका होगा अगर नाव नही है तो हम बना सकते है कोशिस तो कर ही सकते है " स्टार्क ने पूछा

"हम्म कर के देख लो कोशिश शायद कामयाब हो जाओ " फिर वो इसाबेल की तरफ मुखातिब हुआ और बोला "अब आप ठीक है मैं चलता हूँ"

वो बाहर जाने के लिए मुड़ा और कुछ दूर जाकर वापिस पलट कर बोला

"वेसे इस अँधेरी और बरसाती रात में अब आप सब क्या करेंगे "

उन सबके पास कोई जवाब ना था सब के चेहरे पर बेबसी और लाचारी थी जो अँधेरे में नही दिखी

"हमारे पास तो कुछ भी नही है " ये आवाज इसाबेल की थी

"चलिये मेरे साथ चलिये "

और सब बिना सवाल किये चुपचाप उसके साथ चल पड़े

काफी देर जंगल में वो लोग चलते रहे , बारिश होने के बाद सारा जंगल भीगा और शांत पड़ा था पेड़ो से टपकती पानी की बुँदे जंगल में आवाज घोल रही थी

काफी देर चलने के बाद केविन रुक गया और उन सबसे रुकने को बोल खुद आगे चला गया

"मुझे ये लड़का कुछ ठीक नही लग रहा " जोर्गा शंकित सा बोला

"ओह कम ऑन उसने हमारी मदद की है हमे उसपे शक नही करना चाहिए " इसाबेल बोली

"हम्म मगर उसकी हरकते और बाते कुछ अजीब है "

"हां क्योकि वो इस जंगल का रहने वाला है जर्मनी का नही इसाबेल ने जोर्गा को चिढ़ाया"

तभी वो वापिस आ गया और सबको साथ चलने के लिए बोला

थोड़ा आगे चलने पर एक महलनुमा आकृति दिखाई दी जो अँधेरे में सिर्फ एक बड़े पहाड़ की तरह लग रही थी

केविन सबको उसी के अंदर ले गया सब हैरान थे की इस जंगल में ये महल कैसे

महल के मुख्य द्वार बंद थे जिन्हें केविन ने धक्का देकर खोला और वो चरमराते हुए खुल गए
अंदर महल में रौशनी थी जगह जगह मशाले जल रही थी पर महल शांत दिखाई दे रहा था कोई दुसरा आदमी ना था इन लोगो के अलावा

बाहर से तो महल सिर्फ एक खण्डहर मालूम हो रहा था पर अंदर से वो सजा सवरा था
केविन उन सबको महल के गलियारे से होते हुए एक कमरे में ले गया ये कमरा भी ठीक हालत में था और उसमें एक साधारण सा बिस्तर सा लगा हुआ था उसने जोर्गा और स्टार्क को वहां रुकने के का इशारा किया

और फिर लिंडा और इसाबेल को अलग कमरे में ले गया
और एक साधारण से कमरे में लिंडा को रहने के लिए बोला
फिर आखिरी में वो इसाबेल को एक अलग कमरे में ले गया ये कमरा बाकि कमरों की अपेक्षा काफी शानदार था और इसमें काफी अच्छा बिस्तर भी लगा हुआ
उसने इसाबेल को उसमे रुकने के लिए बोला

"मगर मैं इसमें क्यों मै अपनी दोस्त के साथ रह सकती हूं "

"आप मेहमान है हमारी और फिर आप बीमार है आपको आराम की जरूरत है आप यहां रहिये"

"मगर मैं अपनी दोस्त के साथ ज्यादा सही रहूगी "

"आप हमारी मेहमान बनके आयी है मैं आपको कोई तकलीफ कैसे होने दे सकता हूँ आप यही रहिये "
उसने ये बात अपने घुटनो पर बैठ एक हाथ से इसाबेल का हाथ पकड़ अपने माथे से लगा कर बोली और एक झटके में उठ कर चला गया

इसाबेल भौचक्की से देखती रह गयी