Defense of Rakhi - Rakshabandhan in Hindi Moral Stories by Ankit Chaudhary શિવ books and stories PDF | राखी की हिफाजत - रक्षाबंधन

Featured Books
Categories
Share

राखी की हिफाजत - रक्षाबंधन



राखी की हिफाजत - रक्षाबंधन



शुभ है दिन , शुभ है यह घड़िया,
लो आज फिर एक बार आ गया
भाई – बहन के प्यार का उत्सव ।
रक्षाबंधन की ढेरों बधाइयां ।
~~~~~ अंकित चौधरी ~~~~

Whatsapp - 9624265491


जहां तक में जनता हूं तबतक सभी लोग जानते है कि राखी का त्योहार क्यों मनाया जाता है । अब तक हमने यही पढ़ा है कि बहन अपने भाई के बाये हाथ पर राखी पहनती है और उसके बदले में भाई अपनी बहन की हिफाज़त करता है । पर आज तक आपने यह नहीं सुना होगा कि एक बहन कि पहनाई हुई राखी की हिफाज़त करने के लिए भाई ने सारी हदें पार कर ली !

यह बात एक २१ साल के लड़के की है , जिसका नाम था राज ! जो बचपन से लेकर अब तक मस्तीखोर ही था । पर इसकी एक बात हम सबको इससे प्यार करने के लिए मजबूर जरूर करेंगी । राज बहुत ही समझदार था और उसके साथ उसकी बड़ी बहन अवनी का लाडला था । अवनी हर बार राज को अपने पिताजी कि डाट से बचाती थी ।

कुछ दिन बाद राखी का त्योहार आने वाला था । अवनी राखी के त्योहार की तैयारियों में लगी हुई थी । वह एक बड़े से पत्थर पर बैठकर कुछ कर रही थी । राज पीछे से गया और उसे भाऊँ करके अवनी को डरा दिया । पहले तो अवनी ने डरने कि एक्टिंग की क्यों की वह नहीं चाहती थी कि उसका छोटा भाई इस बात से उदास हो जाए । राज ने कुछ देर बाद पूछा “ दीदी आप क्या कर रही हो ?” पर अवनी छिपाने लगती है । राज के बहुत बार पूछने के बाद वह दिखा देती है कि वह उसके लिए राखी बना रही थी । राज राखी देखकर बहुत खुश हो जाता है ।

फिर राखी का त्योहार आ जाता है । तब अवनी राज को हाथ आगे करने के लिए बोलती है और देखती है कि राज के हाथ पर तो पिछले साल की राखी अब तक है । उसकी आंखों से पानी निकल ने वाला ही था कि राज ने उसे पोंछ क्युकी वह नहीं चाहता था कि उसकी बहन की आंख से कभी पानी आए। बहन के पूछने पर राज ने बताया कि “ दीदी आप मेरी रक्षा करने के लिए मुझे राखी पहनती हो और उसके बदले में मुझे आपकी हिफाज़त करनी है वह मुझे याद रहे इस लिए में हर बार राखी पर आप मुझे जैसी राखी पहनती हो वैसी में बाजार से और राखी खरीद लेता हूं । ताकि मुझे याद रहे की मुझे आपकी रक्षा करनी है “ अपने छोटे भाई की यह बात सुनकर अवनी की आंखो में खुशी के आंसू आ जाते ह।

अवनी फिर उसके प्यारे से भाई को तिलक लगाकर राखी पहनाती है । फिर उसके भाई को लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद देती है । राज बहुत खुश होकर अपनी प्यारी बहना को बहुत प्यारा तोहफा देकर उसकी खुशियां बढ़ा देता है ।

कुछ देर बाद राज को बाहर किसी काम के लिए निकालना है और वह वक़्त से निकाल जाता है। पर रास्ते में कुछ लोग उसपर हमला कर लेते है । इस बार अवनी ने राज को सोने के तारो से बनाई हुई राखी पहनाई थी । इसी लिए यह हमला चोरों ने किया था । ताकि वह इस राखी को चुरा सके। पर राज इतनी आसानी से राखी नहीं ले जाने देगा क्यू की वह अपनी बहना की दी हुई हर चीज को संभालकर रखता है । चोरों ने बहुत कोशिश की पर राज ने राखी नहीं दी। राज आगे और चोर पीछे और राखी को बचाने के लिए राज रास्ते से नदी में कूद गया ।

दो दिन बाद राज कि लाश मिली तो उसके हाथ में अभी भी राखी थी । यह देखकर सब लोग आज भी उस राखी वाले दिन याद करते है । एक भाई ने खुद कि हिफाज़त की जगह अपनी बहना की राखी को चुना । ऐसे भाई को में सलाम करता हूं।