इन दिनों जब से प्रयोग लिखना शुरू किया है मुझे भी बड़ी ख़ुशी मिल रही है। एसा लगता है कुछ है जो मुझे आप से जोड़ रहा कहानी लिखी है पहले भी लेकिन इसमें अपने अनुभव बया करने का अवसर इक अलग ऊर्जा दे रहा है। इस भाग में हम पांचवे प्रयोग की बात करेंगे , अगर अपने इस से पहले के का नहीं पड़ा है तो एक बार जरूर पड़े।
इस प्रयोग में जब भी आप रात को सोते है तो आने वाले कल को भूल कर वैसे तो कहा जाता है, की सोने से पहले जो दिन में घटित हुआ उसे भूलना है उसे आप तभी भूल पाओगे जब आप उसे कल से जोड़ कर नहीं सोचोगे। कहने में तो आसान है लेकिन ये प्रयोग मुश्किल होगा इस तरह , करने से ही आपको शान्ती और सुकून भरी नींद मिलेगी, जिस आपका शरीर भी स्वास्थ रहेगा और दिमाग भी।
ये प्रयोग यहां पर ख़तम नहीं होना, जैसे आप सुबह उठे पहले प्रयोग करते हुए निर्धारित कर ले की आपको पूरे दिन में क्या क्या करना सिर्फ सोचना ही नहीं उसको लेकर अपनी जीवन की राह पर चल दे। अगर अपने पहले ये प्रयोग किए होंगे ये प्रयोग आपके जीवन को बदल देंगे।
यह पर किसी ईस्ट, देवता की पूजा नहीं बताई है मैंने सिर्फ वही बताया है जो आप भी बहुत बार , बहुत लोगो से सुने होंगे। कुछ महान हस्तियों के मोटिवेशन आप देखते सुनते तो है लेकिन उसे मान नहीं पाते आप खो जाते हैं अपनी दुनिया में। प्रयोग
बस इन प्रयोगों के बाद हम अपने मूल शब्द जिसकी व्याख्या करने का अब सही अवसर है, एक बात ये भी सुनिश्चित करनी होगी कि मै कोई महान आत्मा नहीं हू आपके जैसी ही हू।
छठवे प्रयोग_
इस प्रयोग में हम गहरी स्वास लेना सीखेंगे,
Deep breathing
इक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन इसे हम ध्यान से करेंगे जब भी सुबह उठे उसके बाद ही गहरी सांस ले इस से हमर शरीर
मुझमें कुछ भी अलग नहीं है, अगर आप को भी मेरे बातो में शान्ती की खुशबू आती है तो अपको भी ये खुशबू महसूस करनी चाहिए।
मेडिटेशन के बारे में मैंने पहले भाग में भी बात की है, पहले आपको मै यह बता दू की मै कोई साधू या महत्मा की कहीं हुई बातो को नहीं बताउंगी बल्कि जो अपने साथ करती ,जो मैंने अनुभव किया है मेडीटेशन को उसे आपको भी करना चाहती हू।
मेडिटेशन के लाभ भी पड़ लेते क्यो मन मस्तिष्क को समझाने की भी अवसकता पड़ती है
मन अशांत रहने पर उसके निष्क्रिय पड़े हुए भागों को उपयोग में लाने योग्य बनाता है।
अनुभव की क्षमता को सूक्ष्म करने की एक प्रक्रिया है मेडिटेशन।
यदि आपको भूलने की आदत है तो मेडिटेशन आपके लिए बहुत उपयोगी है।
गुस्सैल प्रवृत्ति के लोगों का मन शांत करने में कारगर है भावातीत मेडीटेशन।
निर्णय न ले पाने वाले भी इसे अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं।
हृदयरोग की रोकथाम के लिए उत्तम औषधि के समान है।
मन की चंचलता को नियंत्रित करता है।
दीर्घायु बनाने में इसकी अहम उपयोगिता है।
शांति, सामर्थ्य, संतोष, शांति, विद्वत्ता और सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है भावातीत ध्यान।
चाहें तो मेडिटेशन के समय कुछ फूल आस-पास रखें, कोई सुगंधित वस्तु का छिड़काव कर दें, अगरबत्ती जला दें।
कोई जरूरी नहीं अगर आपको अच्छा लगे तो कर सकते है।
पहले हम रात के मेडिटेशन के बारे में बात करेंगे,
जब आप सोने जाए पूरी तरह से लेटे हो, कुछ समय के लिए चुप हो जाए (सिर्फ बाहर से नहीं अंदर से भी जितने भी प्रपंच तुम्हरे भीतर चल रहे उनको बाहर कर दे) खुद एक दम एक जिस तरह आपको आराम दायक लगे उस तरह लेटे और खुद ढीला कर दे , अब महसूस करे अपने एक एक अंग को और पाएंगे कहीं कुछ नहीं है, जब एसा हो तो अपनी संसो को महसूस करे जो स्वास तुम्हारे भीतर जा रही है उसको देखे कहा जा रही है,
इस तरह से करते हुए ही सो जाए।
रात पर पहले भी काई कविताएं भी लिखी है।
"वीरानी राते कटती नहीं,
ये बात तुम भी,
समझती नहीं।।
किसको सुनाए अपनी दिल की बात,
जब मेरी धड़कन मेरी सुनती नहीं"।
रात पर चलती है अपनी ,क्यो की जो प्रयोग अपने किए है उसमे आपको रात में ही मेडिटेशन करने में सुविधा लगेगी।
इक पुरानी कहव्य कहीं गई है बिना मरे स्वर्ग भी नसीब नहीं होता उसके लिए भी मरना पड़ता है इस लिए मेडिटेशन के लिए भी जब तक आप प्रयोग अच्छे से नहीं करेंगे तब तक आप से मेडिटेशन कर पाना आसान नहीं होगा, पूरे चित से अगर करेंगे तो आपको जरूर अच्छा लगेगा अपने क्या महसूस किया ये जरूर बताएं।।
आगे भी कुछ खोज के बाद हम मेडिटेशन पर और कुछ रोचक तथ्य जानेंगे।।
धन्यवाद