प्राइड एंड प्रिजुडिस
यह उपन्यास १८१३ में लिखा गया जो सबसे पहले इंगलेंड में छपा jane Austen उस जमाने कीमशहूर लेखिका थीं उनके लिखे उपन्यास। आज भी क्लासिक माने जा ते हैं
यह उपन्यास ऑस्टिन का सबसे ज़्यादा पढ़ा गया उपन्यास हैं
लेखिका अपने उपन्यासों शीर्षक नाम पात्रों के स्वभाव को ध्यान में रख कर रखती थी यह नामभी वैसा ही है
उपन्यास की शुरुआत बेनेट परिवार से होती है जो अपने नए पड़ोसी के आने के बारे में जानने कोउत्सुक थे यह नया पड़ोसी एक पैसेवाला घमंडी था जिसका। नाम बिंग्ले था श्रीमती बेनेट केकई बेटियाँ थी वो अपनी सबसे बड़ी बेटी शादी बिंगले से करने के लिए कुछ भी करने कोतैय्यार
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एक डांस पार्टी में बिंग्ले अपने साथ अपने एक युवा राइस मित्र डार्सी को भी ले गया डार्सी नेइस शाम को बेनेट परिवार की दूसरी बेटी एलिज़ाबेथ का जानबूझकर अपमान कर दिया
एलिज़ाबेथ डोर्सी के ख़िलाफ़ ग़ुस्से से भर गयी ओरपूर्व गृह ओर अपमान की ज्वाला से जलनेलगी
यहीं से कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं कहानी आगे बdhti है जो आगे जा कर एक सुखी हेप्पी ओरख़ुशहाल अंत की ओर हमें ले जाती है
इस रचना को पाठक आलोचक फ़िल्म वाले सिरीज़ बनाने वाले सब पसंद करते हैं
उपन्यास में सुंदर कोमेडी है जो हमें हंसाती है उपन्यास में प्यार घृणा घमंड गर्व पूर्वाग्रह सामाजिकऊँच नीच तत्कालीन योरोपीय संस्कृति लालच भय को इस तरह से गूँथा गया है की पाठक इसे पढ़ता ही चला जाता है
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८८ नेम्स लेखक। मेट रूफ़
साइबेर खेल जिसे वेडीयो गेम्ज़ के नाम से ज़्यादा जाना जाता है पर अमेरिकी लेखक मेट रूफ़ ने एकबेहतरीन उपन्यास ८८नेम्स लिखा है जिसे हारपर कोलिंस ने अमेरिका में अभी अभी छापा है
मेट रूफ़ समकालीन अमेरिकी उपन्यास जगत में एक बड़ा नाम है उनके लिखे लव क्राफ़्टकंट्री मिराज व फूल ऑन थे हिल उनकी प्रसिद्ध रचनायें है जिनको काफ़ी सराहा गया है
यह उपन्यास vedio गेम कम्पनी शेरपा इंक को लेकर लिखा गया है रचना
में कोरिया भारत अमेरिका का भी वर्णन है
रचना में ऑन लाइन गेम की चेमपियन शिप का भी वर्णन है
आभासी प्यार का त्रिकोण भी है
लेखक कहानी कहने की कला में सिद्धहस्त है
शेरपा इंक अपने स्टाफ़ को भारी वेतन देती है
साम्यवादी चीन का भी वर्णन है
उत्तरी कोरिया पर एक पूरा। चैप्टर है
पूंजीवाद किस तरह से दुनिया पर क़ब्ज़ा कर सकता है इसका एक आभासी चित्रण है आभासी दुनिया में रीसेट का बटन होता है मगर वास्तविक जीवन में यह सब नहि हो सकता इसे समजा जाना चाहिए
मार्क्स धर्म को अफ़ीम कहते थे ऑल्डुस हैक्ट इसे एक साहित्यिक ड्रग बताते है
पुस्तक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भी वर्णन है
यह नशा भंग की तरह है
हवा में उड़ाता है
हर चैप्टर के शुरू में
कुछ नोट है जो काफ़ी प्रभावशाली है
उपन्यास के अंत में ऑनलाइन games
की शब्दावली भी है जिसे पढ़कर किताब को समजा जा सकता है
एक नए विषय पर यह रचना खूब पढ़ी जाएगी
किताबमें ऑडीओ विज़ूअल मीडिया CNN व कई अन्य संस्थाओं का ज़िक्र है जो आज के समय
में विश्व को प्रभावित करती है
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यशवंत कोठारी८६ लक्ष्मी नगर ब्राह्मपुरी बाहर जयपुर
राजस्थान