मुंबई की बारिश। यार इस बारिश में तो यहां मुंबई में रहना मुश्किल कर दिया। ओह नो !!तुझे भी अभी टूटना था अपनी चप्पल की ओर देखते हुए ,अफसोस करती हुई पूजा ने कहा। एक कंधे पर बैग और दूसरे हाथ से अपनी दुपट्टे से बारिश से बचती हुई पूजा अब तो छाता लेना ही पड़ेगा। पूजा एक एडवरटाइजमेंट कंपनी में जॉब करती हैं मध्यम वर्गीय परिवार के लड़की छोटे शहर से आई और निजी कंपनी में उसने जॉब ज्वाइन कर ली। अंदाजा नहीं था कि मुंबई में इस तरह की बारिश होती है बे मौसम कभी भी और वह भी झावेरी बाजार और कालबादेवी की तंग गलियां। कहां फस गई यार इस जॉब में पता नहीं है बारिश कब कम होगी पास में छोटी सी टपरी जहां पर चाचा चाय बना रहे थे पूजा उसमें अपने आप को थोड़ा अंदर करते हुए खड़ी थी ।
चाचा ने उसको देखते हुए कहा बिटिया थोड़ा अंदर आ जाओ आज के बारिश तो कुछ ज्यादा ही तेज है।
हां चाचा लग तो ऐसे ही रहा है और यहा की गलियां इतनी सकरी है कि पूरा पानी भर रहा है निकल कर जाओगी तो कैसे ?
वही तो समझ नहीं आ रहा चाचा।
अरे बिटिया यह तो यहां हर बारिश का काम है यहां तो यह हर बारिश में ऐसे ही होता है लगता है मुंबई में बाहर से आई हो तुम?
हां चाचा बाहर से ही आई हूं नौकरी की तलाश में मुंबई आ गई और मुंबई नौकरी वालों ने यहां कालबादेवी में भेज दिया है ।
ठीक है बेटियां पर जितनी जल्दी हो सके यहां से निकल जाना।
हां वही कोशिश कर रही हूं थोड़ी बारिश कम हो तो निकलती हुं यहां से।
वहां पर मौजूद यह टपरी लोगों के लिए एकमात्र सहारा थी चाय का और वहां कुछ लोग मौजूद थे , आसपास के लोग कुछ बड़ी विचित्र निगाहों से पूजा को देख रहे थे, पूजा थोड़ी सकपका रही थी इन निगाहों से अभी तक उसका ताल्लुक नहीं हुआ था मन में डर भी था और काली घटाएं और ज्यादा घिर के आ रही थी, एक मन तो हुआ की भिगती हुई चली जाए फिर अपने आप को रोक लिया पानी की बूंदे अगर शरीर पर पड़ गई तो कपड़े भीग जाएंगे और भीगी हुई लड़की को इस एरिया में जिन नजरों से होकर गुजरना पड़ेगा वह आसान नहीं था पूजा के लिए इस तरह से निकलना। थोड़ी देर खड़ी रही चाय पीने का मन था लेकिन आसपास के लोगों की निगाहों को देखो अपने आप को थोड़ा संकोच कर एक कोने में सिमट के खडी रख रही थी।
आंखों से ऊपर आसमान को देखती हुई अपने एक हाथ से अपने दुपट्टे को अपने ऊपर उड़ती हुई भगवान से बस एक ही विनती कर रही थी बस यह बारिश बंद हो जाए।
वैसे बारिश पूजा को पसंद बहुत थी लेकिन अभी जिस परिस्थिति में वह थी वहां वह बारिश उसके लिए समस्या बन रही थी रास्ते पर बढ़ता पानी है टपरी के अंदर भी आने लगा था पूजा ने फिर अपने पांव की तरफ देखा तो उसे फिर एक बार गुस्सा आया सैंडल भी टूट गई है यार कैसे जाऊंगी।
इस तरह से परेशान और हैरान पूजा को कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी टपरी से तीन चार दुकान आगे ही कोई मालिक अपने नौकर पर कुछ गुस्सा कर रहा था उसका गुस्सा इतना तेज था कि उसने चाय की ग्लास को बाहर रोड पर पानी पर फेंक दिया, चाय पानी में मिल गई है और कांच के टुकड़े टूट कर वहीं पानी में पड़े रह गए। मालिक की डांट कि आवाज तो तेज आ रही थी पर सुनाई नहीं दे रहा था स्पष्ट। पूजा का ध्यान उस तरफ गया, लेकिन फिर उसने अनसुनी कर के वापस से अपनी निगाहों से पानी को उपर आसमान को देखते हुए बोली प्लीज़ बारिश बंद हो जा आज।
इस तरह से परेशान पूजा भगवान को याद कर कह रही थी कि प्लीज उसकी मदद करें किसी भी तरह या तो बारिश बंद हो जाए या कम हो जाए, ताकि वह यहां से निकल सके सामने जो व्यक्ति अपने नौकर पर गुस्सा कर रहा था उसकी निगाह यकायक पूजा पर पड़ी देखते उसने नजर भर उसे देखी रहा था वह इधर बारिश थोड़ी कम हुई तो पूजा ने सोचा कि अब निकल जाना चाहिए निकलने के लिए उसने जैसे तैसे अपनी चप्पल को पांव में फंसाते हुए थोड़ी चली पर चप्पल ने जवाब दे दिया कि मैं नहीं चल पाऊंगी। पूजा अपने बैग में कुछ टटोलने लगी बड़ी मुश्किल से पिन मिली उसने जैसे तैसे उससे अपनी चप्पल को सहारा दिया और निकल पड़ी दुकान के मालिक की निगाहों से थोड़ी सहानुभूति वाली निगाहों से देख रहा था । बारिश के कारण पूजा स्पष्ट दिख नहीं रही थी बारिश हो रही थी ऊपर से पूजा ने अपना चेहरा अपनी दुपट्टे से छुपा कर भी रखा था चलने के लिए पूजा ने आगे कदम बढ़ाया ही था कितनी निकल गई जैसे तैसे पूजा
अपने अंगूठे में पांव को को पकड़कर चप्पल को घिसते हुएधीरे धीरे चल रही थी जैसे ही पूजा कदम आगे बढ़ाया ही और जोर से चीख पड़ी पास में थोड़े लोगों की निगाहें उस पर पड़ी तभी वहां का एक दादाभाई उसके पास आकर बोला क्या हो गया मैडम। पूजा की निगाहें अपने पैरों की तरह ही थी,की तरफ ध्यान नहीं देते हुए कहा पता नहीं शायद कुछ,,,,,,,,,,अपने पैर की तरफ देखते हुए पूजा का दिमाग पूरा खराब हो गया पैर में से खून निकल रहा था और कांच के टुकड़े उसके पैर में फंसे हुए थे पूजा ने बहुत ही गुस्से से उस मालिक की दुकान की ओर देखा तो मालिक को किसी का फोन आ गया तो अपने फोन में बिजी हो गया था उसने जैसे ही पूजा की तरफ निगाह डाली उसका खून से भरा पैर उसकी निगाह में चुभ गया, इधर दादा भाई उसको बोल रहा है आप यहां क्या कर रही हैं मैं इस एरिया का भाई हूं पूजा ने उसकी तरफ निगाह उठाते हुए देखा शरीर से पूर हट्टा कट्टा नौजवान देख रहा था वह हाइट 6 फीट होगी पूजा की हाइट एवरेज ५केआसपास थी इसके सामने पूजा बहुत ही छोटी बच्ची की तरह दिख रही थी आवाज में पूरा रोश रूद्र वाला उसके चेहरा पर तेज एकदम साउथ इंडियन मूवी के हिरो की की तरह दिख रहा था पूजा अपने सिर को ऊपर करते हुए कहा माफ करना भाई साहब लेकिन काम के सिलसिले में आई थी यहां पता नहीं था कि इस तरह से फस जाऊंगी,पूजा को दादा भाई से बात करते हुए देख दुकान का मालिक थोड़ा घबरा जाता है कि कहीं यह पूजा को डांटे नहीं क्योंकि वह मालिक भी बचपन से उन्हीं गलियों में रहा है और बहुत अच्छे से जानता है वहां के दादा भाई का गुस्सा हड़बड़ाहट में अपना फोन काटता है और पूजा के पास आकर खड़ा हो जाता है इधर पूजा अपने पैरों की तरफ देखती हो और थोड़ी सी दर्द से कराह रही है और दादा भाई को जवाब दे रही होती है ।
अरे तो यह बारिश के टाइम में नहीं आना चाहिए ना भाई साहब ने पूजा को थोड़ा डांटते हुए कहा और यह एरिया और यहां के तंग गलियां क्या तुम्हें अंदाजा नहीं है कि बारिश में यहां पर क्या हाल होता है और वह भी तुम एक लड़की हो क्यों आई थी यहां क्या काम था तुम्हारा कौन सी कंपनी में तुम जॉब करती हो एक साथ उसके ऊपर इतने सवालों दाग दिए थे भाई साहब ने ।कहने को भाई दादा भाई जरूर था उस एरिया का लेकिन औरतों के लिए उसके मन में एक सुरक्षा वाला भाव हमेशा रहता था पूजा से उसके दो से तीन बार देखा जरूर था पर कभी उससे बात नहीं हो पाई क्योंकि उनसे कभी पूजा को कोई काम ही नहीं पड़ा और वैसे भी ऐसे लोगों से पूजा थोड़ा दूरी बनाए रखी थी पूजा ने उसके लिए अपने दिमाग में गुंडे वाली फीलिंग लेकर आ गई थी यह एरिया का गुंडा है कहने को जरूर भाई था लेकिन ऐसे भाइयों को एक गुंडे की पदवी ही दी जाती है।
एडवर्टाइजमेंट कंपनी में जॉब करती हुं तो उसी के डिजाइन के लिए मुझे इस एरिया में आना रहता है थोड़ा।आज भी उसी सिलसिले में आई थी अब पूजा की यह बात सुनकर भूमिक को अपनी पर शर्म आने लगती है। पूजा अपनी निगाहों को थोड़ा ऊपर करते हुए वह भूमिक की तरफ भी देखती है अब पूजा का चेहरा पूरा भूमिक के सामने रहता है पूजा जिसकी एवरेज हाइट 5 फीट के लगभग रंग दूध सा श्वेत वर्ण उसका बाल जोकि मुंबई के हिसाब से बिल्कुल भी नहीं थे लगता है पार्लर के कैची ने कभी इन बालों को छूआ ही नहीं हाफ वालों पर एक छोटा सा क्लेचर हल्के से घुंघराले बाल और वह भी उसका क्लेचर जो कि अब बारिश और इस तरह से मौसम में सिर के ऊपर से कब वह नीचे खसक गया पता ही नहीं चला उसे बेबस बिखरे हुए बाल उसकी व्यथा बहुत अच्छे से बयां कर रहे थे बस पार्लर की जो एक चीज चेहरे पर समझ में आ रही थी वह थी भौवो का व्यवस्थित रूप से बना हुआ रहना भरी-भरी भहुएं जिससे उसका चेहरा खिल रहा था पूजा के चेहरे पर दोनों आईब्रो के बीच में एक छोटी काली सी बिंदी पूजा के चेहरे को सवार रही थी इसके अलावा और किसी भी तरह का दिखावटी सौंदर्य से तो कोई तालुकात नहीं था पूजा के चेहरे होठं जो कि अपनी स्वयं की लालिमा लिए था किसी दिखाओ वाली फैशनेबल लिपस्टिक की जरूरत नहीं थी पूजा होंठो के लिए अपने आप में ही हो हल्की से गुलाबी रंग उड़े होंठ लगता था जैसे हल्का गुलाब का रंग भगवान ने इसी के लिए बनाया है जहां लोगों को लिप लाइनर से होठो को सजाना रहता था व्यवस्थित तरीके से वहां पूजा को भगवान ने अपने आप हीं सही बनावट से उकेरा था और अपने इस बनावट के ऊपर भगवान ने खुद हीं नजर ना लग जाए जैसा एक काला तिल दे दिया था जो पूजा की खूबसूरती में चार चांद लगा था। भूमिक जो कि पूजा को भी देखे जा रहा था उसे पूजा की बातें सुनाई नहीं दे रही थी जैसे उधर पूजा दादा भाई को जवाब दे रही थी कि जब मैं आई थी तब तो मौसम ऐसा नहीं था बारिश का लेकिन यहां के तो पूरा मौसम ही बदल गया।
मैडम यह मुंबई है यह मौसम को भी पता नहीं होता है कि बारिश कब होने वाली है अब जितनी जल्दी हो सके इस एरिया से निकली या बाहर इतनी बातें दोनों के बीच में हो जाता है वह देखकर घबरा जाता है क्योंकि उसे अपनी गलती कि ग्लानी जरूर होती है क्योंकि जो पूजा के पैर में कांच के टुकड़े लगे थे वह कांच के टुकड़े वही थे जो मालिक ने चाय का गिलास फेंका था मालिक को आते देख भाई ने गुस्से में बोला क्या भूमिक बहुत बड़ा आदमी बन गया यार तू तो क्या रोड पर अपने घर का कचरा फेंकेगा दादा भाई उस एरिया का दादा जरूर था और बचपन से वही रहता था वह उस एरिया के बच्चें बच्चे तक को जानता था,पूजा उसकी बात से थोड़ा डर गई थी अब यहां पर फिर से लड़ाई झगड़े और यह सब ना हो जाए उसने दादा भाई को बोला नहीं नहीं मैं ठीक हूं मैं चली जाऊंगी और वैसे भी बड़े लोगों का तो काम ही है ना अपने घर का कचरा रोड पर फेंकने का दुकान के मालिक की तरफ बहुत ही गुस्से से देखा था पूजा ने मिस्टर भूमिक थोड़ा सा और ज्यादा शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे उसने कहा मुझे माफ कर दीजिए मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था अपने घर का कचरा बाहर, थोड़ा गुस्से में था तो गुस्सा चाय के गिलास से निकल गया।
आप बड़े लोग तो कहीं भी गुस्सा निकाल सकते हैं ना पूजा में फिर उसे एके-47 चलाते हुए जवाब दिया ।
आप मेरे साथ आइए प्लीज थोड़ी देर आप मेरे यहां बैठ सकती हैं दादा ने उसकी तरफ देखा और कहां मैडम आप इस एरिया में आती हूं ठीक है लेकिन यहां आने वाली हर लड़की की सुरक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है इस एरिया का दादा भाई जरूर हूं लेकिन गलत कामों के लिए दादा भाई हूं इसलिए आप आइंदा मुझे अपनी चायकी टपरी पर खड़े होतेमतदिख जाना अपने कंपनी का बताओ।बताता हूं मैं उनको कि लड़कियों को इस तरह से भेजना और फिर उनकी सेफ्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं लेना अच्छे से खबर लूंगा तुम्हारी कंपनी की पूजा डर गई थी पूजा ने कहा कंपनी की कि कोई गलती नहीं है गलती होती है फोन नहीं उठाते। दादा भाई ने कहा यहां पर कौन से कस्टमर्स के पास में तुम्हारी मीटिंग थी किस का एडवर्टाइजमेंट कर रहा हूं तेरा बताओ उसका मैं कोई अच्छी तरीके से एडवर्टाइज कर देता हूं पूजा ने कहा वो बात को टालते हुए जवाब दे रही थी कोई बात नहीं मैं उनसे बाद में ले लूंगी पुजा अब खड़े होते नहीं बन रहा था पांव से खून भी निकल रहा था और दर्द भी बहुत हो रहा था उसने कहा चलो ठीक है काम करो अभी भूमि के यहां पर बैठो तुम भरोसा कर सकती हो इस पर भूमिक ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा मैं आए चुकी पूजा थोड़े गुस्से में थी लेकिन अभी बैठने के लिए उसे कोई जगह जरूर चाहिए थी उसने कहा नो थैंक्स और वह धीरे-धीरे अपने पैर को फंसाते हुए भूमि के शॉप पर चली गई वहां बैठते उसने पास में रखे स्टूल पर अपने आप को सहारा देते हुए बेटा पीछे से दादा भाई दादा भाई ने पूरे रोड पर जोर से हुंकार भरते हुए चिल्लाया क्या आज क्या इंदा अगर किसी ने अपने दुकान का कचरा रोड पर फेंका तो उसकी दुकान में इस एरिया से बाहर फेंक दूंगा पपीते भूमि की दुकान के अंदर आ गए पूजा अपना पास में रखे स्टूल पर अपने आप को संभालते हुए बैठ गई मोहित ने उसे कहा पंधरा सकती हो उसने कहा नो थैंक्स पूजा ने कहा नो थैंक्स मैं पूरी भीगी हुई हूं खामखा आप की ऑफिस गंदा हो जाएगा आप प्लीज मुझे 10 दिन दे दीजिए ब्लड थोड़ा निकल रहा है ज्यादा तुम इतने जल्दी से अपना ऑफिस का डांस दिन उसके पैरों के नीचे रख दिया पूजा ने देखा भाव बहुत ज्यादा हो गया थापास में एक डॉक्टर है मैं उसे लेकर आता हूं पूजा ने कहा नहीं नहीं आप रहने दो खामखा परेशान मत होइए दादा महीने का खामखा परेशान होने वाली बात नहीं है लेकिन आज के अंदर तुम मुझे इस एरिया में बारिश के टाइम पर देख मत जाना पूजा ने अपना सिर्फ सिर्फ हमें हिलाते हुए उसे जवाब दिया क्योंकि उसको देख कर ही थोड़ा डर रही थी इतने में भूमिक ने पूजा को कहा कि क्या मैं अपने हाथ के इशारे से करते हुए कहा कि मैं निकाल दूं आपके पैरों से कांच के टुकड़े पूजा ने उसको सिर्फ हाथ के इशारे से कहा कि नहीं रहने दीजिए मैं खुद ही कर लूंगी पूजा धीरे से अपने हाथ से पैर मैं फसी टुकड़े को देख रही थी उसे धीरे-धीरे उसे निकालना चाहा लेकिन पूजा को दर्द अब बहुत ज्यादा हो रहा था और ब्लड भी बहुत निकल रहा था पूरा पैर खून से लथपथ था दादा भाई जो कि डॉक्टर को बुलाने चले गए थे धीरे-धीरे पूजा ने अपने पैर के टुकड़े निकाले और अपने बैग में अपने इनकी को ढूंढते हुए परेशान हो रही थी उसके बैग में हैंग की खाई नहींअब वो क्या करते अपने हाथ से ही अपने पैर को दबाने लगी तो उसे और कुछ अंदर चुकता हुआ लगा मुझे समझ रही कि शायद इसमें और कांच के छोटे टुकड़े रह गए हैं और उसी से या दर्द हो रहा है भूमि को उसको इस तरह से दर्द से परेशान और रोते हुए देख रहा था क्योंकि पूजा की आंखों में आंसू बहने लगे थे रोमिंग में फिर उससे कहा कि मुझे सच में माफ कर दीजिए मुझे नहीं पता था कि मेरा गुस्सा किसी को इतनी तकलीफ भी दे सकता है लेकिन वजह से थीम कि मैं अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाया अब आप बड़े लोगों का क्या कहना अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाएवैसे भी आप तो मालिक हो अपने नौकर को तो कैसे भी तरीके से चिल्ला सकते हो पूजा ने उसको देखा था कि वह अपने नौकर पर कितने गंदे तरीके से चिल्ला रहा था बिल्कुल सही कहा आपने लेकिन अगर नौकरी गलती करेंऔर वह भी इस तरह की गलती जो कभी माफ करने लायक ना हो हमारे जैसे मालिकों को गुस्सा आ जाता है मैडम। अच्छा नैनो कार के लिए मुझे शिकायत मिली थी कि वह किसी लड़की को छोड़ कर आया है और ऐसे लोगों को मैं अपने घर में नौकरी पर रखो और उसे कुछ भी ना बोलूं तो यह तो और ज्यादा गलत होगा इसलिए मैंने उसे नौकरी से निकाल दिया और आज का गुस्सा उसी बात को लेकर किया था मैंने पूजा के आंखों में अब थोड़ी सी आदर भावना उसके लिए आ गई थी दुनिया में ऐसे भी इंसान को भी मुंबई जैसे शहर में है कि जहां लड़कियों को पांव के नीचे रखा जाता है वहां कोई उनकी इज्जत के लिए अपने नौकरों से भी लड़ाई कर लेता है वरना मुंबई में काम की कमी नहीं है लेकिन काम करने वालों को मिलना भी बहुत मुश्किल है।
दादा भाई वापस आए बोले डॉक्टर तो अवेलेबल नहीं है और बारिश के कारण मेडिकल शॉप जो यहां पर एक है उसमें पानी घुस गया है तो शॉप पूरी बंद पड़ी है। इतने में घूम इतने अपना जेब से अपना रुमाल निकाल देना कि आप इसे बांध सकते हैंमाफ करना आज मेरी शॉप पर भी फास्ट है बॉक्स नहीं हैपूजा ने उसे मना करा कि नहीं नहीं थैंक यू सो मच इतने में दादा भाई ने उसके हाथ से भूमि कहां से रुमाल लिया और कहां की ले ले और बांध लो इससेअरब सैलरी मिले तो सबसे पहले अपने चप्पल ले लेना वह भी थोड़ी रफ एंड टफ वाली बारिश के मौसम में इस तरह की फैंसी चप्पल नहीं चलती है मैडम। पूजा ने कहा हां हां इस बार ले लूंगी थोड़ा उदासी बालेश्वर में ही अभी अभी आई थी इस जॉब में तो सामान उसके पास पुराना उसके छोटे शहर से लेकर आई थी उसी में गुजारा कर रही थी मुंबई की पहली बारिश ने उसका छाता तोड़ दिया था और दूसरी बारिश ने उसकी चप्पल तब क्या करतेअभी तक तो सैलरी भी नहीं मिली थी कि वह अपने लिए कुछ खर्च कर सके घर से जो पैसे आई थी उसको उन्होंने बचा कर रखे थे घर खर्च के लिएपूजा अपने मन में यह बातें सोच रही थी उसके उदासी भरा स्वर जो था कि हां इस बार ले लूंगीभूमि को थोड़ा सा समझ में आ गया था कि मध्यम वालों की लड़की है अभी-अभी आई होगी तो इस तरह से पैसे करती है इसनेबचा के रखे होंगे क्योंकि फिजूलखर्ची की लत इसे अभी नहीं लगी होगी मुंबई के पूजा की पर्सनालिटी को यही बता रही थी।
पूजा ने भूमि का रुमाल लेते हुए अपने पैरों पर धीरे से उस से बांध लिया था कि खून का आना थोड़ा बंद हो जाए अब बारिश की बहुत हल्की फुहार आ रही थी उसने कहा धन्यवाद आपका हमने आपने अपने आप बैठने दिया अब हम चलते हैं तभी दादा भाई ने कहा कि रुको मैं छोड़ देता हूं तुम्हें पूजा को उसके साथ जाने में थोड़ा हिचक हो रही थी उसने मना कर दे कि नहीं नहीं मैं चली जाऊंगी लौट कर लूंगी यहीं से ऑटो कर लूंगी क्योंकि उसके मन की व्यथा को दादाभाई भी समझ चुका था उसने कहा ठीक है मैं ऑटो को बुलवा देता हूं की गलियां इतनी सक्रिय थी कि वहां पर आओ तो मिलना भी थोड़ा मुश्किल ही था और वह बारिश के मौसम में मुंबई में ऑटो मिलना भगवान के बराबर होता है ऑटो वाला तो मिला नहीं। दादा भाई ने उसको फोर्स लिए कहा कि मैं आपको छोड़ देता हूं स्टेशन तक चलिए आप पूजा के पास दूसरा कोई ऑप्शन था नहीं पांव में चोट लगी थी चप्पल भी टूटी थी पूरी भीगी हुई भी थी करती क्या ना करती जाने के लिए हां बोल दिया ना भाई ना उसको रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया और वह अपने काम से निकलना मुझे अपने मन में सोच रही थी कि मुंबई के लोग इतने भी ख खडूस नहीं है जितना वह समझती थी यहां के लोगों को।
पूजा जैसे तैसे अपने घर पहुंची और इधर भूमि के सामने उसका चेहरा आंखों के सामने बार बार आ रहा था वह भीगी भागी लड़की वह मासूम से दर्द से परेशान लड़की का चेहरा उसे बेचैन कर रहा था।
पैर में दर्द और चोट के कारण पूजा ऑफिस नहीं जा पा रही थी एक हफ्ता हो गया था पूजा को ऑफिस जाए इधर पूजा के बॉस उसे डिजाइनिंग के लिए कॉल कर रहे थे। तभी पूजा ने पास उसके बॉस का फोन आया अब पूजा को लग गया क्या बॉस उसकी बहुत अच्छे से खबर लेने वाला है एक हफ्ता होने आया था पूजा ऑफिस नहीं गई थीलेकिन बॉस ने फोन लगाते ही पूजा को कहा क्या बात है मिस पूजा कांग्रेचुलेशन डॉन योर टारगेट नॉट मंथली 1 ईयर पूजा को समझ में आएगी यह क्या हुआ मैंने तो अभी तक एक भी डिजाइन कंप्लीट नहीं किए एक की भी नहीं की है यह मुझे अली और मंथली की बातें कैसे कर रहा है मैंने अभी तक अरे मैडम आपने जो काम किया है उसके लिए तो आपसे कंपनी के डायरेक्टर मिलना चाह रहे हैं सर आप मुझे ताना मार रहे हैं अरे ताना क्यों मारूंगा और नहीं तो क्या सर मैंने हवन भी कभी अभी कुछ डिजाइन कंप्लीट नहीं की है आप मुझे बोल रहे हो कि मैं नहीं अर्ली अचीवमेंट कर लिया है उसके लिए मुझे डायरेक्टर मिलना चाह रहा है सर मेरी तबीयत ठीक नहीं है इस कारण मैं ऑफिस नहीं आ पा रही हूं आप प्लीज इस तरह से बोल कर बताना तो मत मारिए मुझे पता है मेरी नौकरी पर तलवार लटक रही है बहुत जोर से जोर से हंसता है अरे देवी मैया देवी शंका देवी तूने सच में अपना टारगेट कंप्लीट कर लिया है पूजा को अभी भी कुछ समझ नहीं आया था उसके बॉस ने उसे पूरा क्लियर किया क्यों उसका वर्क उसको किसी उसके किसी क्लाइंट को बहुत पसंद आया और उसने पूरा 1 ईयर का प्लान सब्सक्राइब किया और डिजाइनिंग के लिए उसने पूजा को पॉइंट किया है खुशी के मारे चिल्ला उठाओ सर थैंक यू सो मच मैं जितनी जल्दी हो सके ठीक हो कर ऑफिस आते हैं बॉस ने कहा हां हां ठीक है यू टेक केयर योरसेल्फ फर्स्ट ओके सर थैंक यू सो मच पूजा को यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा कौन सा देवता गया जिसने मेरे पर मेहरबानी कर दी।दो-तीन दिन बाद पूजा ठीक हो क्या ऑफिस ज्वाइन करने चली गई थी लेकर पांव में थोड़ी सी दर्द था लेकिन अब वह मैंने हो जा रहा था चुकी वीकली मानसून फेस्टिवल चल रहा था ऑफिस में जिसका एक्यूमेन इस बार की ट्रॉफी पूजा को मिली थी मुझे बहुत खुश थी उस चीज को लेकर और उसे अभी तक समझ में नहीं आया था कि ऐसा कौन सा प्लान था उसने फिर अपने बॉस को जाकर हो क्लाइम्स की सारी डिटेल ली पूजा ने उसकी लाइन का नाम सुनते ही गुस्से से आगबबूला हो गई सर मईस्क लाइन फिर आगे कुछ बोलते ही हो रुक गई तभी उसके बॉस ने बोला कि क्या हुआ एक लाइन तेरा नहीं है तो बोल दे मैं अपने इस में डलवा लेता हूं मार्केटिंग एडवर्टाइजमेंट में सबसे पहले दूसरों का जितना काम हो हथियाने का वह काम पहले होता है पूजा ने अपने ना को बुलाते हो गुस्से में कहा सर यह वही है जिसके कारण मेरे पैर में इतनी बड़ी चोट आई और भी के लिए घर में बैठ गई थी बॉस ने हंसते हुए का वेरी गुड तू ऐसे ही अपने पैर तोड़ दी रे और अपना काम सुपर डुपर करती जा।
चुकी पूजा तब बहुत काफी हेल्पफुल और गुड नाइट और कथा कहने को जरूर उसका सरनेम चालकर था और पूजा ने उसको नाम चालाक बुद्धि दे दिया था।टीम लीडर जरूर था लेकिन अपनी टीम को बहुत अच्छे से हैंडल करना उसे आता था और पूजा ने उससे बहुत कुछ चीजें सीखी टीम बिल्डिंग कैसे की जाती टीम लीडर इन कैसे की जाती है मार्केटिंग की कई छोटी से बड़ी चीजें एडवर्टाइजमेंट की हर छोटी से छोटी चीजें पैनी निगाहों से किस तरह से चीजें देखी जाती है सारी चीजें उसे अपने टीम लीडर से मिली थी कहने को इसमें बड़े थे लेकिन पूजा के लिए वह एक दोस्त की तरह हो गए थे मुंबई में किस तरह से रहना क्या-क्या सेफ्टी रखना यह सब चाल की जी ने उसे एक बिटिया की तरह ही बताया था मुंबई में आने का पहले जो पूजा के मन में डर था कि यहां लोग सिर्फ अपने फायदे की बातें करते हैं वहां अभी तक पूजा से ऐसे लोगों का सामना नहीं हुआ था।
पूजा को आज फिर उनसे मिलने जाना था इसमें डिजाइनिंग के सिलसिले में जाने फिर उसे फोन लगाया उसका मोबाइल बंद आ रहा था तू जाने का सर क्या वह कुछ दूसरा नंबर दे क्योंकि उनका वाला नंबर बंद है जब से मेरे पांव में चोट लगी है। उसके बॉस ने उसको दूसरा नंबर दिया पूजा के पासक्योंकि इस नंबर से पूजा के पास फोन जरूर आ रहे थे लेकिन अननोन नंबर देकर पूजा ने कभी उस फोन पर नंबर से बात नहीं की पूजा को थोड़ा लगा कि अरे इस लाइन में तो मुझे काफी टाइम से कांटेक्ट कर रहा था लेकिन मैंने उसका फोन नहीं उठाया और पता नहीं बात भी करेगा कि नहीं मुझे फोन लगाया घर से बोला कि मिस्टर पूजा बात कर रही हूं आपकी डिजाइनिंग चाहिए था क्या आप आज अवेलेबल हैं।
घर से बहुत ही सज्जनता वाला जवाब मिला हां मिस पूजा आप आज आ जाइए मैं अवेलेबल हूं पूजा ने कहा ठीक है सर अपार्टमेंट का टाइम फिक्स कर पूजा वहां से चली गई पूजा का जो ऑफिस अंधेरी था और उसे जाना था चर्चगेट कालबादेवी अप्रॉक्स वन और का टाइम लगता है वहां तक जाने में पूजा निकल गई थी वहां से अभी से 1 घंटे बाद की मीटिंग फिक्स हुई थी तो अपने टीम लीडर को बोला कि सर मैं निकल रही हूं और मुझे इतने बजे का अपॉइंटमेंट के बाद में फिर जितना भी टाइम लगेगा मैं आपको बता दूंगी ।
उसकी टीम लीडर ने बोला कि तुम जा सकते हो वरना मैं जा रहा हूं घर ही तो चली जाऊंगा साथ में चल तू क्या तुम्हारे पूजा ने कहा नहीं सर मैं मैनेज कर लूंगी और वैसे भी उसने इतना बड़ा ऑर्डर जरूर दिया इतना बड़ा पैकेज जरूर लिया है लेकिन मेरा पांव तोड़वा कर तो उसे यह हिसाब भी तो पूरा करना है आप रहोगे तो वह हिसाब नहीं कर पाऊंगी उससे उजाला थोड़ा गुस्से में ही बोला था फिर चालके ने कहा कि ठीक है देखो वह क्लाइंट है और उससे इस तरह से बात नहीं करना है तुम्हें माना कि तुम्हारे साथ ही चोट लगी जो कि गलत था लेकिन मजबूरी उस दिन वह फोन नहीं उठा पाया जो भी प्रॉब्लम को समझना फिर अपनी भड़ास उस पर निकालना पूजा ने कहा ठीक है सर निकल गई मरीन लाइन के स्टेशन पर पहुंच कर ही उसने फोन लगाया कि सर मैं मरीन लाइन पहुंच चुकी हूं क्या आप मुझे अपना एक्जेक्टली लोकेशन बता सकते हैं कि मुझे कहां आना है उसने कहा उधर से आवाज आई और जवाब मिला कि आप मरीन लाइन के वहां से कालबादेवी स्टेशन जो आते हैं वहां पर बीच में गीता भवन रेस्टोरेंट है आप वहीं पर वेट कीजिए मैडम मैं आपको वहीं मिलूंगा और बारिश का मौसम कब कहां क्या हो जाता है वह भी नहीं सकता। बादल फिर से गिर आए थे पूजा ने फिर सिर पकड़ लिया हे भगवान यह फिर से आ गई आज पता नहीं तेरे से मेरी क्या दुश्मनी है ऊपर आसमान की तरफ देखते हुए बोल रही थी जब भी मैं यहां आती हूं तू पहले आ जाती है ऊपर बारिश के मौसम से बात करते हुए पूजा बोल रही थी थोड़ा आगे बढ़ी तो पूजा को गीत अनरेस्टोरेंट देखो जा कभी-कभी पूजा लंच ले लिया करते थे कलश पूजा को लंच लेना नहीं था उसने पास में ही एक गीता प्रेस की छोटी सी शॉप देखें या फिजहां पर धार्मिक उपन्यास और कहीं ज्ञानवर्धक किताबें थी पूजा होनी को थोड़ा सा देख रही थी इतने में इतने में वापस उसके फोन पर कॉल आया वह सीख लाइन का था उसने बोला हां सर बोले मिस पूजा मैं पहुंच गया हूं आप कहां पर है पूजा ने कहा हां आप कहां पर है पूजा ने कहा हां सर मैं आप आ गई हूं पूजा ने गीता भवन के सामने भूमि था मुझे उसके पास गया और उससे पूछो आप यहां थोड़ा काम था रहा था कि मैं वही क्लाइंट हूं जिससे यह मिलने आईं हैं।बड़ी मत करके उसने बोला कि आप मिस पूजा जाने उसकी तरफ थोड़ी आश्चर्य की निगाहों से देखते हुए कहा जी हां लेकिन आपको मेरा नाम कैसे पता सर जी वह मिस्टर देसाई से जिसका आपका अपॉइंटमेंट है वह मैं ही हूं आप पूजा का गुस्सा थोड़ा सातवें आसमान पर पहुंचा और गुस्से में वह कुछ बोलने वाली थी लेकिन अगली बार फिर चुप हो गई उसने बोला सिर्फ इतना ही बोला कि बहुत बढ़िया सर मतलब आप ही है जिसने 1 ईयर का मेरा टारगेट कंप्लीट किया है क्या मैं इसे यह समझो मेरी छोटे मरहम पट्टी नहीं कर पाए तो आपने यह 1 ईयर का पैकेज बुक करके मेरे परेशान किया है नहीं मिस पूजा आपको कोई एहसान नहीं किया है और प्लीज ऑफिस एहसान का नाम मत दीजिए और समय भी मैं वह पैकेज पूरा करने वाला था जिस तरह से आपने मुझे डिस्क्राइब किया था फोन पर हमारी बात हुई थी मैंने आपको बोला था कि मुझे अभी चाहिए लेकिन मैं देखना चाह रहा था उस दिन मैं आपसे मिलने आया था लेकिन आप मुझे मिली नहीं मैंने आपको कई बार कॉल किया लेकिन आपने कॉल रिसीव नहीं कियाहां क्योंकि मेरे पास आपका यह वाला नंबर नहीं था और जो नंबर था वह आपका नंबर स्विच ऑफ आ रहा था इसलिए मैं आपका कॉल रिसीव नहीं कर पाई। जी बिल्कुल क्योंकि उस समय जो नौकर वाली बात मैंने आपको बताई थी मेरे साथ वह हो रहा था और मैं उसी में लगा हुआ था इसलिए मैंने उस दिन आपको कॉल रिसीव नहीं किया उसके बाद उस चाय के गिलास पर जिस तरह से गुस्सा निकला मोबाइल पर भी मेरा गुस्सा निकल चुका था और मेरा वह नंबर और मोबाइल टूट गए थे मेरा यह वाला नंबर और मोबाइल दूसरा था जो नंबर मैंने आपको नहीं दिया था मुझे उसी दिन एहसास हो गया था कि मेरी जिससे मीटिंग है वह लड़की आप ही है लेकिन उस दिन आपको कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था क्योंकि आपकी जो परिस्थिति हुई थी वह मेरे कारण ही हुई थी लेकिन यह एडवर्टाइज बुक करना उस बात से बिल्कुल भी लेट नहीं करता या फिर मैंने आपके कोई नया सहानुभूति दिखाइए एक बिजनेसमैन फायदा होगा वही करूंगा ।
पूजा को बहुत गुस्सा आ रहा था उसके बाद तो उसे लेकिन उसने कुछ भी एक नहीं किया सिर्फ इतना ही कहा कि ठीक है क्या हम डिजाइन के लिए मां के बात कर ले उसने बोला हां बिल्कुल ओके फिर मुझे आपके ऑफिस जाना पड़ेगा नहीं-नहीं बारिश का मौसम हो रहा था और फिर मैं नहीं चाहता कि वापस से तो मैं वही परेशानी हूं जो तुमने उस दिन जेली इसलिए मैंने तुम्हें यही रुकने को कहा था हम इसी रेस्टोरेंट में बैठकर डिजाइन डिस्कस कर सकते हैं यहां पर बहुत सी बिजनेस मीटिंग्स होती हैं तो चले पूजा और भूमिक वही है एक कॉर्नर की टेबल पर जाकर बैठ गए कि बारिश के मौसम था तो कोई ज्यादा रेस्टोरेंट में था अभी नहीं कस्टमर्स तो चलोगी बैठे थे पूजा ने उससे सारी डिटेल डिसकस कि पहले उसे अपने प्रोडक्ट के बारे में अच्छे से प्रेजेंटेशन दिया कि कैसे रहता है कैसे एडवर्टाइजमेंट आप कर सकते हो कहां-कहां पर आप अपने आप को भूल कर सकते हो करवाया थापूजा की मार्केटिंग स्किल्स उसे पहले ही अट्रैक्ट कर चुकी थी और अब वह लाइव पूजा से डिस्कस कर रहा था उसने अपना पूरा एडवर्टाइजमेंट का जो वर्क था वह पूजा को ही दे दिया था उसने कहा मैडम आप ही मेरे एडवर्टाइज को प्रमोट करें प्रमोशन करें जहां आपको लगता है जहां से प्रॉफिटेबिलिटी हो आप वहीं पर उसको प्रमोट करें डिजाइनिंग के लिए मैं आपको सारी डिटेल दे रहा हूं मैं अपने लैपटॉप से आपको ट्रांसफर कर देता हूं उसे सारी चीजों से कुछ सवाल करें आपके प्रोडक्ट डीटेल्स मुझे दे दीजिए उसके बाद में और रहती है आपकी मैन ऑडियंस कौन रहती है आपका मेन कंजूमर आप किस पर फोकस करते हैं सारी चीजें क्योंकि मार्केटिंग के कई बंधुओं से भूमिक मिल चुका था लेकिन इस तरह से एकत्रित करने वाली जो सवाल होते हैं और जो स्टडी सी होती है मार्केटिंग की वह पूजा से पहली बार देख रहा था उसे पूजा की यह सारी स्किल्स एडवर्टाइजमेंट की जो एक्सट्रैक्ट कर रही थी सारा डिस्कस वादनभूमिक ने कहा मिस पूजा आप मेरा यह कंप्लीट कीजिए इसको कैंसिल मुझे बता दीजिएगा हो सके तो 15:00 से दिन में इसे कंप्लीट हो सकता है तो कर देना डिजाइनिंग की बात कर रहा हूं मैं फिरकी उसके फिर इसको आप को प्रमोट भी करना रहेगा ना फेस्टिवल सीजन जा रहे हैं अभी तो अच्छा रिस्पांस मिल जाएगा फिर हमेंजी बिल्कुल मैं कोशिश करूंगी कि मैं जितनी जल्दी हो सके आपको डिजाइन फाइनल करके दे दो क्या मैं इतना बोल सकते हो कि आप एक दो बार हमारे ऑफिस मे विजिट कर ले डिजाइनिंग पॉपर्स के लिए ताकि हम आपको लाइव दिखा सके कि हम किस तरह से प्रमोट करते हैं फुल स्क्रीन ठीक है मैं आ जाऊंगा वहां पर मेरा ऑफिस है अंधेरी में भी लेकिन वहां मेरे फादर बैठते हैं मेरा वहां पर जाना बहुत कम ही होता है मैं यहां का ही प्रोडक्शन और देखता हूं पूजा का यह बात सुनकर और गुस्सा आने लगा अगर इनका वहां पर ऑफिस था तो यह मुझे वहां कमेंट भी दे सकते थे पूजा ने कहा सर एक बात बोलूं बुरा मत मानना हां हां बोलो ना मुंबई के लोगों के बारे में मैंने सुना था क्यों प्रैक्टिकल होते हैं लेकिन यह नहीं पता था कि आप जैसे इतने प्रैक्टिकल होते हैं कि वह दूसरों को इतनी तकलीफ दे सकते हैं वह मेक को यह बात सुनकर थोड़ा बुरा लगा लेकिन जो पूजा के साथ हुआ था उस दिन वह पूरा सीन भूमि के आंखों के सामने था उसने कहा कि प्रैक्टिकल तो होते हैं हम लोग लेकिन निर्दई नहीं होते हैं पूजा ने कहा वह तो मैंने देख लिया सर फिर वह मेक ने कहा मैं उस दिन के लिए तुमसे सच में हार्डली सॉरी कहता हूं मुझे नहीं इतना ध्यान था कि मैं तुम्हें इतनी तकलीफ दे दूंगा आप पूजा का गुस्सा बहुत ही ज्यादा बढ़ गया था और उसने बोल दिया अपने सर तकलीफ इतनी तकलीफ आप जानते हो कि वन वीक से मेरे साथ क्या हो रहा है मैं 1 हफ्ते अपने ऑफिस नहीं जा पाए अभी अभी मैंने ऑफिस ज्वाइन किया है मेरे पास भी छुट्टी ली भी नहीं है मेरी डेढ़ हफ्ते की सैलरी होगी और और उससे भी ज्यादा आप बोलो ना आपका कॉल रिसीव नहीं किया वन वीक से यहां से जाने के बाद में मेरे पैरों में पांच के कुछ टुकड़े रह गए थे जैसे तैसे मैं उस दिन घर पहुंचे दूसरे दिन पर सोच के फूल गया था पैर जमीन पर नहीं रख पा रही थी बारिश रुकने का नाम नहीं ले पा रही थी डॉक्टर के पास जा नहीं सकती थी पीला पड़ने लगा था रूममेट्स कोई नहीं सब बारिश के कारण कहीं ना कहीं फस चुकी थी और माशाअल्लाह आपके मुंबई की बिल्डिंगइतनी बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाते हो कि मरने वाला भी इंसान पहले सोचेगा की बिल्डिंग के नीचे जाऊं फिर मरो तो ज्यादा अच्छा है ना ऊपर अगर मर गया तो कोई देखने भी नहीं आएगा उस दिन तो मेरी यही हालत हो रही थी जैसे तैसे पांव की सिकाई की ऑटो बुक किया सातवें माले से नीचे आई हूं मैं बिना लिस्ट केडॉक्टर को दिखाया तो उसका पहला शब्द का काटना पड़ेगा सोचो जरा एक एडवर्टाइजमेंट के लिए अगर मुझे अपना पैर कटवाना पड़े क्या बीतेगी उस लड़की पर मैं डॉक्टर को बोला माफ करना सर लेकिन थोड़ा तो संभल कर बोलना पड़ेगा लगाना पड़ेगा 55 गया था पूरे पैर में ड्रेसिंग करवाई 4 दिन तक फीवर नहीं उतरा था मेरा और आज मैं तुम्हारे सामने यहां हूं जैसे तैसे मैंने ऑफिस ज्वाइन किया और आज आपके सामने बस इतनी सी ही वन वीक की कहानी थी मेरी आपने ईयर ली एडवर्टाइज जरूर बुक किया है सर लेकिन एक बहुत बड़ा सबक दे दिया अपने गांव में पूरी तरीके से गिर चुका था उसने कभी नहीं सोचा था कि वह उसका एक थोड़ा सा गुस्सा किसी के लिए इतनी तकलीफ बन सकता है उसने बोला मैं सच में तुमसे बहुत माफी मांगता हूं मैं इतना निर्दई नहीं हूं और मुझे अंदाजा भी नहीं था कि मैं किसी को इतनी तकलीफ दे दूंगा अनजाने में हो सके तो माफ कर देना पूजा ने कहा माफी वाली बात नहीं है सर हम छोटे शहरों के लोगों को यह सब चीजें इतनी जलने की आदत नहीं है ना शायद इसलिए मैंने आपको कुछ ज्यादा ही गुस्सा और बोल दिया लेकिन ठीक है अब क्या बोलूं ओके चलिए सर चलते हैं ओके मैडम थैंक यू।
दोनों बाहर निकलते हैं बारिश की हल्की फुहार चालू हो गई थी पूजा ने फिर बारिश को थोड़ी अजय निगाहों से देखा और मन में ही बोलोगी फिर आ गई और बोला यह फिर आ गई यार क्योंकि पूजा मैं अभी तक छात्रालिया नहीं था नया पूजा को फिर बारिश को देखते ही ध्यान आया और उसने अपने बैग से एक छाता निकाला उसने भूमि को दिया सर यह आपका अचीवमेंट आपका गिफ्ट ले मानसून फेस्टिवल चल रहा था तो जिन लोगों ने भी अभी यह बुक किया है उसको कंपनी की तरफ से यह गिफ्ट दिया जा रहा है आपके लिए देखने में काफी कॉस्टली और स्टैंडर्ड चाहता था। तुम इतने का वाओ सो ब्यूटीफुल उसने बोला है पूजा ने बोला फॉर यूजर थैंक यू सो मच पूजा उसके हाथ में छाता देते हुए बोली सर वैसे एक बात बोलूं हां बोलिए आपको नहीं लगता जिसे आपका प्रेसिडेंट्स भी इसी एरिया में है तो आप अपने फादर को इतनी दूर अंधेरी ऑफिस भेजते हैं और आप यहां रहते हैं मेरे हिसाब से आपको अंधेरी वाले ऑफिस में जाना चाहिए मैं भी आपके फादर किए आपसे ज्यादा है तो उनको इतना ट्रैवलिंग नहीं करना चाहिए भूमिक ने उसकी तरफ देखते हुए कहा वेरी गुड सजेशन एंड गुड मार्केटिंग स्ट्रेटजी अपनी बात को किस तरह से मंगवाना है वैसे यह मार्केटिंग वालों को आता है लेकिन तुम्हारा तरीका काफी दिलचस्प है।
पूजा के चेहरे पर थोड़ी मजाक किया हंसी थी और अपनी जुबान को उसके दांतों से दबाते हुए कहां ईससससससस।
भूमि के चेहरे पर भी हल्की सी मुस्कुराहट आ गई उसने कहा मैं कोशिश करूंगा क्या देरी ऑफिस में जाऊं जब तक कि तुम्हारी डिजाइन कंप्लीट नहीं हो जाती जाने का थैंक यू सो मच ओके हम चलते हैं बारिश काफी तेज हो गई थी ऐसे ही पूछा जाने के लिए पलटी भूमि चप्पल की तरफ देखा तो जोकि सिली हुई दिख रही थी और शायद यह सिलावट पूजा ने खुद नहीं अपने हाथों से की थी घर पर भूमि को समझ रहा था तुम ले जा सकती हो मुझे कल वापस दे और पूजा ने कहा नहीं सर यह कंपनी की तरफ से आप का अचीवमेंट है कहा जाए तो आप किधर हो और मैं नहीं ले सकती भूमिक ने कहा हां मेरे दर और को तुम अपने पास हमारा ग्रुप में रख सकती हूं जब नेक्स्ट टाइम मिलोगे तो मुझे वापस दे देना तो बोला नहीं सर थैंक यू सो मच क्योंकि बारिश हो गई और शायद आपको भी जाने की जरूरत है तो आप ही से ले जाइए ,भौमिक ने थोड़ी उसकी परिस्थिति को समझा और कहां पर काम करो ना मुझे अपने घर पर छोड़ दो देना पूजा ने कहा सर मेरी मार्केटिंग स्ट्रेटजी आपको दिलचस्प है लेकिन आपकी तो भैया वह है मैं आपको आपके खाते में आपके घर पर छोड़ो फिर आपका ही छाता लेकर मैं घर लोकल पहुंचे थैंक यू सो मच सर बट में जा सकते हैं बारिश ने अब अपना थोड़ा सा रूप बड़ा लिया था थोड़ी तेज बारिश होने लगी थी इतने बिना बहस किए कहा कि देखो बारिश होने वाली है और लोकल स्टेशन यहां से बहुत पास में है चलो मैं तुमको छोड़ देता हूं उसके बाद मैं चली जाऊं जाऊंगा बहस करने से कोई मतलब नहीं है क्योंकि इसके अलावा और कोई ऑप्शन नहीं है पूजा ने भी अब बिना कुछ कि उनकी बात मान ली थी दोनों एक ही छाते में लोकल की ओर रवाना हो गए लोकल स्टेशन पर पूजा को छोड़ते हुए भूमिक ने कहा कि तुम छाता लेकर जा सकती हो मैं एक बार फिर तो मैं कह रहा हूं कहां नहीं सर आपने यहां तक छोड़ा इसके लिए आप थैंक यू सो मच अब आप जाइए पूजा की लोकल आ गई थी पूजा दौड़ती हुई लोकल की तरफ बड़ी मम्मी को उसको वही खड़ा हुआ अपने छाते में देख रहा था और उसके मन में सिर्फ एक ही खयाल आ रहा था एक लड़की भीगी भागी सी।