Pray engle in Hindi Motivational Stories by तेज साहू books and stories PDF | प्रिय एंजल

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प्रिय एंजल

प्रिय एंजल,

खाने- पीने की खूब शौकीन हो, तुम सुबह उठने के बाद से रात सोने के पहले तक कुछ न कुछ खाते रहना बहुत पसंद है, तुमको

शाम को "टिल्लू के गुपचुप सेंटर" में जाकर मज़े से गोपगप्पे खाते अपनी सहेलियों के साथ गप्पे लड़ाना भी गज़ब का भाता है, तुमको

एक दिन तुम और मिन्नू मज़े से गोपगप्पे खा रही थी,तभी एक खलनायक सा लड़का मिट्टीतेल में चलने वाले फटफटी चलाते हुए, गुपचुप सेंटर की तरफ ही आया.

मिन्नू से ठीक चार कदम दूर में लड़का ब्रेक मारकर,गाड़ी रोका एकदम चुलबुल पांडे वाली एंट्री रही होगी, लेकिन तुमने उसे शक्ति कपूर समझा क्योंकि वो मिन्नू को नापाक नज़रों से एकटक घूर रहा था.

तुम मिन्नू से पूछी भी जानती हो इसे! कौन है ये ? लेकिन मिन्नू को भी ज्यादा कुछ पता नही था,इसी लिए मिन्नू भी सीर हिलाकर ना में जवाब दिया.

लेकिन तुमको पता था,जरूर दाल में कुछ काला है और अब तुमने भी मिन्नू को घूर के देखा और फिर मिन्नू सब सच बता दी, तुमको

असल मे मिन्नू की भी कोई गलती नहीं थी, लड़का ही इसे ताड़ा करता था, जब मिन्नू एक दिन अपने भाई मिल्लू के साथ बाजार गई थी, एक पाव मशरूम ख़रीदने

क्योंकि मशरूम का दाम ही चार सौ रुपये किलों था,खैर

उसी दिन ये फटफटी वाला लड़का मिन्नू को टकटकी लगाये देख रहा था, इस ताड़न प्रक्रिया पर मिल्लू का ध्यान गया और मिल्लू लड़के को सुना दिया.

क्यों तेरे घर मे कोई माँ-बहन नही है जो घूर रहा है इधर कब से,वो लड़का हवस की नज़र से बोला, हैं न सब बस एक कि कमी है. एकदम फिल्मी डायलॉग की तरह.

मिल्लू को ग़ुस्सा आया हाथ मे चार सौ रुपये किलो वाले एक पाव मशरूम छोटी थैली में था इसी लिए रुक गया, नहीं तो...

बस फिर मिन्नू,मिल्लू को कहा चल भाई किसी के भी मुह लगना ठीक नहीं, चल चल आंटी इंतज़ार कर रही होगी.

उसी दिन से फटफटी वाला लड़का मिन्नू पर नज़रे रखता हैं, जहाँ भी जाये गूगल मैप में जीपीएस सा ढूंढ ही लेता है.

एंजल आज तुमको सब पता चला कि आखिर में चक्कर क्या है, अब क्या था तुमतो एकदम वीरांगना सी हो बस हाथ से गुपचुप का दोना डस्टबिन में डाली, दोना फेक भी सकती थी, तुम

लेकिन स्वच्छ भारत का इरादा भी तुममे औरों से अधिक है, अब तीन कदम आगे बढ़ी तुम क्योंकि फटफटी और लड़का मिन्नू से ठीक चार कदम में था अब क्या था एकदम का फासला और तुम्हारा कबड्डी में स्वर्ण पदक का अनुभव.

जब तुम लड़के के पास गई,और बोली समस्या क्या है ? भाई.

तब लड़का एकदम से घबरा गया, शायद इससे पहले कभी किसी लड़की ने इस लड़के से पलटवार नही किया था, इसी लिए भी लड़का एकदम से आवक् रह गया.

तुम बताती हो कि जब नौवीं क्लास में थी उस समय कबड्डी में अपनी कमजोर टीम को अपनी दमदार प्रदर्शन के बदौलत स्वर्ण पदक दिलाई थी,

फ़ौलादी आवाज़, मधुर स्वर में जब कबड्डी-कबड्डी कहती थी, तुम
प्रतिद्वंदी बस तुमको देखते रह जाते थे, क्योंकि एक गज़ब का आकर्षण था तुम्हारी आवाज़ में एक और कारण था तुम्हारी आवाज़ में सात सुर की छटा भी कबड्डी की आलाप में सुनाई देती थी,

क्योंकि तुम्हारी प्रतिद्वंदी टीम संगीत महाविद्यालय से थी लेकिन खेल भी वहां सेहत के लिए अनिवार्य था इसी लिए खेल रही थी, तुमको इसका भरपूर फायदा मिला और सबको पटखनी देकर अपनी टीम को विजेता बनाई थी,तुम

मुझे गर्व की अनुभूति हुआ था कि तुमने अपनी टीम को अपने बदौलत जीत दिलाई थी,

इसका फायदा तुमको अभी हुआ जब लड़के के सामने जाकर बोली, देख भाई कबड्डी में स्वर्ण पदक है, हम

जा छूट देती हूं,जो बद्तमीजी करनी है कर,छड़ेगा क्या मिन्नू को जा छेड़...

बस तुमने अपनी हिम्मत ही दिखाया था कि लड़का शर्म से पानी-पानी हो गया
और बोला दीदी आज के बाद कसम मेरी फटफटी की अब किसी को छड़ने की हिम्मत भी नहीं बची है,

आजतक कोई पलटकर जवाब नहीं दिया था ना इसी लिए खुद को होशियार समझता आया था, लेकिन अब से नही,

तुम जैसे लड़की हर जगह हुई छेड़छाड़ कभी नही होगा...लड़का बोलता जा रहा था,

तुमने कहा देख भाई सब लकड़ी एक जैसी नही होती,न सब लड़के एक जैसे होते है, कम के चक्कर मे बाकी बदनाम होते है, सुना है न "एक मछली तालाब को खराब कर देता है" ठीक ऐसे ही बस तुम ठीक रह ज़माना अपना देख लेगा, सुधार खुद से करों,

बस तुम इतना ही कही थी कि वो लड़का वहाँ से चला गया, और मैं हो गया तेरा दीवाना

फिर गोलगप्पे खाने के बाद,भैया पापड़ी खिलाओ न कहकर तुमने यह सिद्ध कर दिया कि गोलगप्पे खाने के बाद,पापड़ी खाना जैसे राष्ट्रीय अधिकार मानती हो,तुम

एंजल तेरी याद में इलू...😘

- प्रियएंजल -३
2018