Rahashyo se bhara Brahmand - 2 - 2 in Hindi Science-Fiction by Sohail K Saifi books and stories PDF | रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड - 2 - 2

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रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड - 2 - 2

रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड

अध्याय 2

खण्ड 2

साबू अपने ऑफिस पहुँच तो गया। लेकिन वो क्या करें उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था वो बहुत बोर हो गया था।

तभी साबू की नज़र अपने स्टाफ के दो कर्मचारियों पर पड़ी, जो किसी बात पर विवाद कर रहे थे। और साबू को अपना मनोरंजन दिख गया। उसके भीतर का लफंगा दानव जाग गया, और उन दोनों की खिंचाई के इरादे से उनको साबू ने क्लर्क के हाथों अपने केबिन में बुलवाया, जिसे सुन कर दोनों की हवा टाइट हो गई। उन्हें लगा उनके झगड़े से बॉस डिस्टर्ब हो गए,

और अब उनकी लगने वाली है।

लेकिन वो नहीं जानते थे आज सामान्य रूप से दिखने वाला जल्लाद एक नटखट बना बैठा है। और जब वो अंदर गए, तो उन दोनों ने अपने बॉस के हावभाव कुछ अलग ही देखे। साबू बड़ी ही उत्सुकता से बोला जो बहस वो बहार कर रहे। थे वो फिर से यहाँ दशा नंद की सभा में आरम्भ की जाए। साबू को उनकी बहस किस बात पर है। उससे कुछ लेना देना नहीं था। उसको तो बस उनकी चट पटी तू तू मैं मैं देख कर अपना मनोरंजन करना था।

उन दोनों में से एक बोला सर मेरा मानना है। अगर फ्रेंज वोन हरमैन नहीं होता तो जोसफ गोएबल्स कभी भी इतना बड़ा ताना शाह नहीं बनता। लेकिन ये महाशय है कि मानते नहीं,

कहते है हरमैन होता या नहीं होता, जोसफ गोएबल्स एक क्रूर तानाशाह ही रहता।

एक दम उनको रोकते हुए साबू बोला " देखो जिस तरह बिना मुद्दा जाने सांस बहुँ की नोक झोंक को देखने में मजा नहीं आता। जिस तरह बिना किसी नेता की पार्टी को जाने उसके भाषण में मजा नहीं आता, उस तरह जोसफ गोएबल्स कौन है। ये जाने बगैर मुझे तुम्हारी बहस में कैसे मजा आएगा। तो बताओ ये जोसफ है। कौन इसको सुन कर बेहद हैरानी के साथ वही पहला आदमी अपनी आंखों को फैला कर बोला " अरे सर वही वर्ल्ड वॉर 2 का सबसे बड़ा विलन,

साबू और भी अधिक ताज्जुब दिखाते हुए बोला " हिटलर से भी बड़ा।

अब साबू की इस बात पर दोनों जन एक दूसरे का मुंह ताकने लगे फिर उनमें से एक हिम्मत करके बोला" सर ये हिटलर कौन है।

साबू बड़े ही उत्सुक भाव दर्शाते हुए बोला " अबे हिटलर को नहीं जानते, जाओ डूब मरो कही। बताओ हिटलर को नहीं जानते। अबे हिटलर वो था जिसने जर्मन फोर्स बना कर वर्ल्ड वॉर 2 का आरंभ किया। और इतना ही नहीं यहूदियों को जिंदा जहरीले गैस चैम्बर में डाल कर मरवा दिया। अबे... लोग काँपते थे उसके नाम से.. अपने समय यानी द्वितीय विश्व युद्ध का असली रावण था वो..

साबू की इन बातों को सुन अब वो दोनों विरोधी एक हो गए और साबू को इतिहास समझाने लगे, सर आप भूल रहे है। उसका नाम हिटलर नहीं जोसफ गोएबल्स था।

काफी देर तक साबू को वो इतिहास और इंटरनेट के माध्यम से जोसफ के बारे में समझाते रहे पर साबू मानने को तैयार ही नहीं था।

उसने एक वक्त के बाद दोनों को झुंझलाहट में फटकार लगा कर वापिस भेज दिया। और अब साबू को कुछ गड़बड़ी का एहसास सा होने लगा। जिस प्रकार एक बालक को कही फंस जाने के समय सबसे अधिक अपने माता पिता की याद आती है। ठीक उसी तरह किसी रहस्यमय जाल में फंसा हुआ पाने पर साबू को अपने माता पिता की याद आई। और उसने अपने मन को शांत करने के लिए अपने माता पिता के पास जाने की ठान ली और ड्राइवर को बुला कर। उससे बोला " मुझे मेरे माता पिता के पास जाना है। ड्राइवर आदेश का पालन करता है। और उसको अपने साथ ले जाता है।

ड्राइवर एक बाग के सामने गाड़ी को रोकता है। और नीचे उतर कर आगे आगे चलने लगता है। लेकिन वही साबू अपनी उलझनों में उलझा इधर उधर के नजारे से बेखबर बस अपने ड्राइवर के पीछे चलता रहता है। तभी एक जगह ड्राइवर रुक जाता है। और साबू आगे आ कर ड्राइवर से पूछने वाला होता है कि क्यों रुके के उसकी नज़र एक कब्र पर पड़ती है। जिस पर उसके माता का नाम लिखा होता है। साथ में मृत्यु का कारण 2006 में हुई रेल दुर्घटना लिखा था इतना ही नहीं एक के बाद एक उसका पूरा परिवार एक कतार से समाधि में लीन था। जिन सब की मौत का कारण एक ही था 2006 में हुई रेल दुर्घटना और उनके अतिरिक्त वहां सकड़ो लोगों की कब्र होती है। जिनकी रेल दुर्घटना में मृत्यु हुई थी ये सब उसके लिये कैसा रहा होगा इसका अंदाज़ा अपने पूरे परिवार को अचानक खो देने वाले के सिवा और कोई नहीं कर सकता।

साबू कैसा भी सही, पर अपने परिवार के प्रति एक सामान्य व्यक्ति की तरह अति भावुक था। और इस नज़ारे को देख कर वो फुट फुट कर रोने लगा। वो बेहद टूट गया और अपने घर वापस आ गया, पति की हालत देख कर पत्नी समझ गई। की वो किसी कारण से काफी दुखी है। वो अपने पति के असली दर्द से बेखबर उसके अनजान दुख को कम करने का प्रयास करती है। जिस पर भावुक हो चुका साबू अपनी पत्नी को रोते हुए सब कुछ बता देता है। मगर उसकी बातें सुन पत्नी को उसकी बातें बेतुकी लगती है। और उसको किसी मानसिक रोग का शिकार समझती है, लेकिन साबू लगातार उसको समझाने का प्रयास करता है। कि उसके हिसाब से वो 12 वर्ष आगे आ गया है। पर उसको समझ नहीं आ रहा कैसे जो माता पिता 12 वर्ष पहले जीवित थे वो 16 वर्ष पूर्व मर चुके है। और कैसे हिटलर जैसे तानाशाह का दुनिया से नामों निशान मिट चुका है। इन सब को सुन कर साबू की पत्नी और भी भड़क जाती है। और दोनों के बीच झगड़ा तक हो गया,

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