रात काफी हो चुकी थी ट्रेन अभी अभी प्लेटफार्म में आकर रुकी थी और मैं अपनी बर्थ पर आकर बैठ गया ,मेरी लोवर बर्थ थी । मेरे सामने की मिडिल बर्थ पर एक लड़की बैठी थी,वो अब तक जाग रही थी और नीचे की बाकी सभी बर्थ पर लोग खर्राटे मार रहे थे ।
वो जाग रही थी और लगातार मुझे घूर रही थी । मैं अपने सोने की तैयारी कर रहा था पर बार बार मेरी नजर उस पर पड़ जाती, वो बेहद खूबसूरत थी और जब वो मुझे देख रही थी तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था कि कोई मुझे बड़े चाव से देख रहा है । मैं उसे देख कर मुस्कुरा दिया, वह भी मुझे देख कर मुस्कुरा दी ।
मैंने उसे पूछा आप कहाँ जा रही हैं,, उसने बताया कि वो चेन्नई से आ रही थी और उसे जमशेदपुर जाना था । उसने मेरे बारे में पूछा मैंने उसे अपनी मंजिल कहाँ है यह बताई ।
लेकिन मेरे मन मे जिज्ञासा हुई कि वो इतनी रात क्यों जाग रही थी । मैंने उससे आखिर पूछ ही लिया
आप इतनी रात तक जाग रही हैं ,,,,
उसने कहा,, दरअसल मैं एक नॉवेल पढ़ रही थी ये नॉवेल इतनी रोचक है कि मुझे नींद ही नही आई और लगा कि इसे पढ़ते ही जाऊँ लेकिन पढते पढ़ते मैंने जब आपको इस ट्रेन में अपनी बर्थ पर देखा तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना नही रहा क्योकि इस नॉवेल में जिस नायक के चेहरे मोहरे का वर्णन किया गया है वह हूबहू आपकी तरह है । मैं यही सोच कर हैरान थी कि बिल्कुल उसी तरह के नयन नक्श वाला ये पात्र मेरे एकदम सामने था । आप अन्यथा नही लेंगे ।
मैंने कहा कि ये तो वाकई मेरे लिए भी सरप्राइज है कि मुझ जैसा कोई आपकी कहानी में है ,,,,
उसने कहा कि,, इस कहानी का नायक प्रेम की ऐसी मूर्ति था जो अपनी प्रेयसी को जी जान से चाहता है लेकिन बदकिस्मती ऐसी कि उसकी प्रेयसी एक लाईलाज रोग से ग्रस्त है । वो केवल दवा के भरोसे चल रही है और चंद दिनों की सांसे बाकी हैं लेकिन उसका प्रियतम उसे बेहद प्यार करता है और सारा दिन उसके पास ही रहता है । जबकि वो एक बेहद खूबसूरत और काबिल था जिसके लिए और भी लड़कियां पलक पावड़े बिछाकर उसके प्रणय का स्वप्न देख रही हैं ये बात वो भी जानता है लेकिन उसका प्यार ही उसका सबकुछ है ।
वो अपनी माशूका के लिए जहाँ भी ईलाज के रास्ते मिल रहे थे उन्हें आजमा रहा था लेकिन उसकी सेहत दिन पर दिन गिर रही है,,,
कहानी बहुत रोचक मोड़ पर आ गई है कि आखिर उसके प्यार की ताकत जीतती है या मौत,,,
लेकिन उस हीरो जैसा ही आपको देख कर मुझे लगा कि आप क्या उस तरह के हो सकते हैं,,,क्या जीवन की सच्चाई कहानी से मेल खाती है ,,,?
मैंने कहा ,,अभी आप कहानी पढ़ कर मुझे देखकर कल्पना लोक में हैं लेकिन उसकी सच्चाई तो इस थोड़े से सफर से प्रमाणित नही हो सकती । न मैं आपको जानता हूँ न आप मुझे जानती हैं ,,,बस अभी देखा है ,,आप भी बहुत सुंदर हैं और मैं आपके चेहरे से अपनी नजरें नही हटा पा रहा ,,,,
ट्रेन बहुत तेज भाग रही थी मानो उसे अपनी मंजिल पर पहुँचने की हमसे ज्यादा बेताबी थी ।
मैने पूछा ,,और कौन कौन है आपके साथ
उसने बताया कि उसका एक भाई साथ मे है जो आगे की बर्थ में सो रहा है ।
बीच मे एक स्टेशन आया ट्रेन रुक गई थी उससे बातचीत के मजे लेता मैं भी नीद से दूर था और मुझे अब चाय की तलब महसूस हो रही थी । मैंने चाय की दो प्याली ले ली और उसे भी एक प्याली दी।उसने धन्यवाद के साथ वो प्याली ले ली । हमारी बातचीत बहुत रोचक हो गई थी इस खूबसूरत हसीना की मुझमें दिलचस्पी देख मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही थी और मैं उससे अलग होकर एक भी पल गंवाना नही चाह रहा था ।
बातों ही बातों में नाम,पता और मोबाइल नम्बर हमने एक दूसरे का ले लिया था । उसका नाम शशि था शशि पाणिग्रही और जमशेदपुर में उसके पिता टाटा में सर्विस करते थे ।
सफर पूरा हो रहा था और हमारे प्यार के हसीं सपनो का सफर शुरू हो रहा था । ट्रेन के साथ साथ हमारी मंजिल तो आ रही थी पर उस अंजान मंजिल को पाने के लिए हम एक नए रास्ते पर निकलने की सोच रहे थे ।
उसका प्यार मैं बन गया था सिर्फ इसलिए कि उसके प्रिय नॉवेल का हीरो मेरी तरह था ।
मेरा प्यार इसलिए था कि मैंने उस जैसा खूबसूरत आज तक नही देखा था । मुझे लगने लगा था कि मेरे सपनों की रानी वही थी ।
सफर खत्म हुआ हम अलग हो गए मैं आगे निकल गया वो पीछे रह गई उसका स्टेशन पीछे था और मेरा आगे ।
पर उसका शहर मेरे लिए अब अनजाना नही रहा ।
मैं अपने शहर में अपने काम धाम में मशगूल हो गया लेकिन हमारी फोन पर और वाट्सप पर बातें होती थीं लेकिन इतनी सारी बातों के बाद भी हम इतने ज्यादा पर्सनल नही हो पाए थे । हमारी अंतरंग बातें बहुत ज्यादा नहीं हुई थी कहीं न कहीं इस आकस्मिक मुलाकात का संकोच बाकि था ।
लेकिन मेरी बेताबी बढ़ती जा रही थी और उसकी भी तड़फ उसकी बातों से लगता था।
हम मिलने को बेकरार थे पर शहरों के फासले हमारे बीच दीवार थे । मैं कभी भी उससे नही मिल सकता था । यदि उससे मिलना था तो कम से कम 6 घन्टे का सफर और दो दिन लगने ही थे ।
लेकिन ऐसा कोई दिन नही था जब उसने मुझे याद नही किया वो उस नावेल का जिक्र बार बार करती और उसके नायक की तुलना मुझसे।
वो बार बार मुझसे कहती आपको देखकर लगता है कि आप ही मेरे सच्चे आशिक है और आप मेरी खातिर कुछ भी कर सकते है उस नॉवेल के हीरो की तरह । इसलिए आपको भुलाना मेरे लिए इस जीवन मे मुमकिन नही,,,,
(आगे अभी कहानी बाकी है,,,,इंतजार करिए,,)