Hawa Hawaii Part 2 in Hindi Short Stories by S Sinha books and stories PDF | हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग )

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हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग )

कहानी - हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग )

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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे फ्रेंच एक्ट्रेस का पर्स एक ईमानदार ऑटो चालक ने उस लौटा दिया था , अब आगे की कहानी पढ़ें .....

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जय उसे हुमायूँ का मकबरा ले गया और बोला “ यहाँ भीड़ नहीं मिलेगी और यह यूनेस्को का वर्ल्ड हेरिटेज भी है . आप कुछ देर यहाँ के लॉन में रिलैक्स कर सकती हैं . “


“ सही कहा है , कुछ देर यहाँ बैठते हैं . “ जय को खड़ा देख कर बोली “ आओ , तुम भी यहीं बैठो . “


“ आप बहुत धनी लगती हैं . आज टैक्सी स्ट्राइक भी नहीं है तब आप मेरे ऑटोरिक्शा में क्यों घूम रही हैं ? “


“ तुम्हें पता है कि एंजिला जोली और ब्रैड पिट जैसे हॉलीवुड के टॉप स्टार्स ने भी पुणे में ऑटो की सवारी की थी . “

“ मैं पहली बार उनका नाम सुन रहा हूँ . वैसे भी मुझे सिनेमा में कोई दिलचस्पी नहीं है . कभी कभी घर पर टीवी में देख लेता हूँ . “


“ क्यों कुछ एंटरटेनमेंट नहीं चाहिए तुम्हें ? “


“ पहले पेट भरने के लिए पैसा कमाना जरूरी है फिर पापा की सेवा और उसी से मेरा मनोरंजन होता है . वैसे भी फिल्मों में हकीकत कहाँ दिखाते हैं , सब नकली और झूठ होता है . ये सब अमीरों के चोंचले हैं . “


“ तुम क्या समझते हो , अमीर होने से ख़ुशी या मन की शांति मिल जाती है ? नहीं ऐसा नहीं होता है . “


“ कम से कम अमीरों को पेट की भूख और बीमारी में पैसे की कमी तो नहीं खलती है . “


“ तुम्हें पता है , पेट और तन की भूख से ज्यादा बुरी है मन की भूख . वे तरसते हैं जीवन भर कि कोई मन से उन्हें प्यार करे , उनके पैसे से प्यार करने वाले या दिखावटी प्यार करने वाले चमचे तो बहुत मिलते हैं . “


“ आपकी बातें मेरी समझ से बाहर हैं . “


“ चलो अब वापस होटल ड्राप कर दो . “


जय ने एमी को होटल ड्राप किया , एमी ने उसे दो हजार का एक नोट देते हुए कहा “ कल फिर उसी समय आ जाना . “


“ ये बहुत ज्यादा हैं , इतने पर मेरा हक़ नहीं है . “


“ ये बहुत कम हैं तुम्हारे जैसे इंसान के लिए , अब जाओ और अपने फादर का ध्यान रखो . “


जब एमी होटल में गयी मनोज ने उसे देख कर कहा “ मैम , डाइनिंग रूम बंद होने वाला है , आप जल्दी डिनर ले लें . या कहें तो रूम में भिजवा दूँ . “

“ नो थैंक्स , मैं खा कर आयी हूँ . “


शाम को एमी अपने होटल से निकल कर निकट के मॉल में गयी और जब लौटी तो उसके दोनों हाथों में शॉपिंग बैग्स भरे थे . उसने रिसेप्शन को तीन ब्रेकफास्ट पैक कर रूम में 8 सुबह बजे तक देने का आर्डर दिया . सुबह ब्रेकफास्ट बैग और शॉपिंग बैग ले वह कर रोड पर खड़ी थी . दो मिनट के बाद जय आया तो वह बैठ कर बोली “ चलो . “


“ आज कहाँ चलें ? “


“ अपने घर . “


“ क्या ? मेरे घर ? “

“ हाँ , ठीक सुना है तुमने . अब चलो भी . “


“ पर क्यों ? “


“ मैं तुमसे बहुत नाराज हूँ और तुम्हारे पापा से शिकायत करनी है . “


“ पर मैंने ऐसा क्या किया है ? “


“ अब चलोगे या मैं दूसरे ऑटो में चली जाऊं तुम्हारे घर . “


“ आपको पता मालूम हो तब तो आप जाएँगी . “


“ जिस दिन मेरा बैग तुम्हारे ऑटो में छूटा था होटल वालों ने कहा था कि अगर रजिस्ट्रेशन नंबर मालूम होता तो तुम्हारा पूरा पता ठिकाना ऑनलाइन मिल जाता . अब मैं भी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से तुम्हारा पता देख कर तुम्हारे घर जा सकती हूँ . अब चलते हो या मैं दूसरा ऑटो . . . . . “


“ चलता हूँ , पर वह जगह आप जैसे लोगों के जाने लायक नहीं है . “


“ बड़े बड़े स्टार्स और सेलिब्रिटीज की कहानी ऐसी जगहों से शुरू होती है , शायद वहां जाने से मैं भी एक दिन वैसी बन जाऊं . “


“ चलिए , पर आप ऐसा मजाक मेरे साथ क्यों कर रही हैं ? “


करीब आधा घंटा बाद पुरानी दिल्ली की एक तंग गली में एक छोटे से मकान के सामने ऑटो रुका . अंदर से टीवी की आवाज आ रही थी जय ने ही अपनी चाभी से इंटरलॉक खोला . एमी ने देखा कि बेड पर लेटे हुए एक बुजुर्ग टीवी देख रहे थे . जय ने एमी से कहा ये मेरे पापा हैं , फिर उसने कहा “ पापा , यह वही एमी है पापा . “

एमी ने उन्हें नमस्ते किया तो वे बोले “ सदा सौभाग्यवती रहो . “


एमी ने जय की ओर देख कर कहा “ मैं हिंदी नाम मात्र ही जानती हूँ , पापा के कहने का क्या मतलब हुआ ? “


“ मे लॉन्ग लिव योर हस्बैंड “ बोल कर जय हंसने लगा


एमी ने भी हँसते हुए पूछा “ पर इन्हें अंदर से बंद क्यों कर रखा है ? “


“ इनका एक पैर एक्सीडेंट की वजह से काटना पड़ा था . वैसाखी के सहारे चल लेते हैं . इन्हें बार बार दरवाजा खोलने बंद करने के लिए उठना न पड़े इसीलिए मैं एक चाभी अपने पास रखता हूँ . एक फोन और दूसरी चाभी इमरजेंसी के लिए इनके पास होती है . “


एमी ने देखा दो कमरे का एक फ्लैट था छोटा पर साफ़ सुथरा . उसने टेबल पर सारे बैग्स रख कर कहा “ तुम्हारा किचेन किधर है ? कॉफ़ी या चाय कुछ तो मिल सकती है यहाँ ? “


“ हाँ , चाय मिल सकती है , मैं बना लाता हूँ . पर आप यहाँ चाय पियेंगी ? “


“ चाय भी पिऊँगी और नाश्ता भी करुँगी . “


“ नाश्ता ? अभी तो रेडी नहीं है . पर आप सचमुच खाएंगी तो वह भी बन जाएगा . “


“ नहीं , मैं साथ लायी हूँ . “ और उसने तीनों ब्रेकफास्ट पैकेट निकाल कर रखे .

जय ने कहा “ पापा ने अभी अभी नाश्ता किया है . वे बाद में खा लेंगे . वैसे मैं भी नाश्ता कर के ही घर से निकला था . “

एमी और जय नाश्ता कर रहे थे तभी एक 13 - 14 साल की लड़की ने आ कर एमी को नमस्ते कर जय से पूछा “ भैया , आप इतनी जल्दी आ गए ? “

“ यह एमी है . अब तुम चार कप चाय जल्दी बनाओ . तुम भी पी लेना . “

“ मुझे कोई जल्दी नहीं है , तुम भी कुछ खा लो फिर चाय बनाना . “

एमी और जय दोनों ने उसे सैंडविच आदि कुछ खाने को दिए . जय बोला “ यह लक्ष्मी है , मेरी मुंह बोली बहन . इसके माता पिता दिहाड़ी मजदूर हैं . ये मेरे घर की साफ़ सफाई और पापा का कुछ केयर भी कर लेती है . “

चाय पीते हुए एमी ने देखा कि कमरे के चारो दीवारों पर शीशे में फ्रेम किया बड़े बड़े अक्षरों में एक एक स्लोगन लिखा था -

वसुधैव कुटुंबकम , बहुजन हिताय बहुजन सुखाय , अतिथि देवो भव और गीता का उपदेश - कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन , मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगो स्त्वकर्मणि

पापा और जय ने मिल कर एक एक कर सभी के अर्थ एमी को समझाया तो वह भावुक हो उठी और सोचने लगी कितनी सादगी है इनके रहन सहन में और कितने ऊंचे विचार हैं भारतीयों के . फिर उसने अपने शॉपिंग बैग्स खोल कर जय और पापा को गिफ्ट दिए जिनमें कुछ कपड़े भी थे . लक्ष्मी को देख कर बोली “ मुझे तुम्हारे बारे में पता नहीं था , तुम्हारा गिफ्ट कल भेज दूंगी . “


एमी ने जय से पूछा “ तुम लोग यहीं के रहने वाले हो ? “

“ नहीं , मेरी माँ केरल के धनी ब्राह्मण परिवार से थी और पापा यू पी की पिछड़ी जाती से . पापा का उन दिनों केरल में पोस्टिंग था . दोनों नजदीक हुए और लव मैरेज हुआ . मायके वालों ने माँ से सारे रिश्ते तोड़ दिए . बाद में हमलोग दिल्ली आये और यहीं सैटल कर गए . कुछ साल पहले माँ की मौत हो गयी . “


“ तुम्हारे ननिहाल वाले इतने अमीर थे तो उन्होंने तुम लोगों की कभी मदद नहीं की ? “


“ किया था माँ के निधन पर इस शर्त पर कि जो कुछ भी वे देंगे मेरे नाम होगा और पापा का कभी भी इस पर कोई हक़ नहीं होगा . इसे पापा और मैंने दोनों ने ठुकरा दिया . “


“ इसका मतलब गैरजातीय लव मैरेज की सजा तुमलोगों को मिल रही है . अगर तुमने कभी गैरजातीय या विधर्मी से शादी किया तब तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा ? “


“ न मुझे न इसे कोई परेशानी होगी पर इसका ख़ामियाज़ा इसके आने वाली संतान को भुगतना होगा . “ पापा ने कहा


“ ओ , समझ गयी . वैसे मुझे भी केरल से बहुत लगाव है , मैं दस दिनों तक वहां रह कर आयी हूँ . मैं हर साल इसी समय इंडिया में 3 - 4 सप्ताह के लिए आती हूँ . वहां का आयुर्वेदिक मसाज लेती हूँ तब काफी दिनों तक मन शांत रहता है . वे लोग मसाज के साथ कुछ मेडिटेशन और योग भी कराते हैं . ठीक है , अब चलें कुछ घूम आएं . “


पापा को नमस्ते कह एमी जय के साथ निकल घूमने निकल पड़ी . कुछ देर घूमने के बाद वह होटल लौट आयी . उसने फिर जय को एक हजार रूपये दिए . जय उसे लेने में शर्मिंदगी महसूस कर रहा था . वह बोला “ रोज रोज मुझे इतने पैसे लेने में शर्म आ रही है . “


“ और मुझे इससे कम देने में शर्म आ रही है . “


एमी के आगे उसकी एक न चली और उसे रूपये लेने पड़े . वह बोली “ कल फिर उसी टाइम पर आ जाना . “

. कल सुबह तुम सीधे मेरे कमरे में आ जाना . मैं रिसेप्शन पर बोल दूंगी कोई नहीं रोकेगा . “


जय के जाने के बाद उसने रिसेप्शन पर फोन कर कहा “ कल सुबह चेक आउट करुँगी . सुबह के लिए दो ब्रेकफास्ट रूम में भेज देना फाइनल बिल के साथ . “


दूसरे दिन सुबह जब जय ने एमी का डोर नॉक किया तो आवाज़ आयी “ कम इन . “


वह धीरे से दरवाज़ा खोल कर सहमते हुए अंदर गया . एमी को उसने वहां नहीं देखा पर फ्रॉस्टेड ग्लास के चेंज रूम से आवाज़ आयी “ जय , बैठो . मैं 2 मिनट में आयी . जब वह निकली तो जय एक बार फिर उसे देखने लगा . वह सुनहरे रंग के स्लीवलेस लॉन्ग फ्रॉक में थी और होंठों पर सुर्ख लाल लिपस्टिक . उसे लगा कि सामने श्रीदेवी सज धज कर बिजली गिराने आयी है .


“ ऐसे क्या देख रहे हो ? “


“ सच कहने का साहस करूँ ? “


“ बिना झिझक तुम कह सकते हो . “

“ मुझे लगा आप बॉलीवुड की श्रीदेवी की तरह आप हवा हवाई बन कर बिजली गिराने आयी हैं . “

“ तुमने तो कहा था कि फ़िल्में नहीं देखते . पर ठीक कहा है . होटल में पहले दिन ही मैंने डाइनिंग हॉल में यह गाना सुना और इस गाने पर डांस भी देखा . डांसर का ड्रेस मुझे बहुत अच्छा लगा . बहुत खोजने के बाद यही मिला है, साड़ी तो मैं पहन नहीं सकती हूँ . एक बात मैं भी कहूं ? “

“ श्योर . “


“ बिजली तो मैं तुम पर गिराना चाहती थी पर मुझे लगा तुम बहुत भोले हो कहीं जल न जाओ . तुम्हारे यहाँ जाति धर्म का काफी भेद भाव है , मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता पर मुझे तुम्हारा भविष्य अनिश्चित सा लगा . इसलिए मैं पीछे हट गयी . “ बोल कर उसके बहुत करीब आ गयी और उसके बाल सहलाते हुए माथे पर किस कर कहा “ चलो आखिरी बार साथ नाश्ता करते हैं . मेरी दो बजे की फ्लाइट है . सामान कुछ ख़ास नहीं है , अपने ऑटो से एयरपोर्ट तक छोड़ दो . “

एमी और जय दोनों नाश्ता कर चलने के लिए तैयार थे तभी एमी बोली “ पर एक प्रॉब्लम है , मेरा कैश समाप्त हो गया है तुम अपना बैंक डिटेल्स दे दो पैसे मैं बाद में ट्रांसफर कर दूंगी . “


“ आप शर्मिंदा कर रही हैं . आपने मुझे जरूरत से ज्यादा पैसे पहले ही दे रखा है . आपको अब और पैसे नहीं देने हैं . “


“ नहीं , तब मुझे एटीएम जा कर रुपया निकालना होगा . एटीएम पास ही में है , कुछ समय लगेगा . तब तक तुम यहीं बैठो , मैं आती हूँ . “


“ नहीं , आपको कहीं नहीं जाना है . “


एमी ने एक छोटी सी पॉकेट डायरी बढ़ा कर कहा “ तब चुप चाप अपना बैंक डिटेल्स , पता और फोन नंबर इस पर लिख दो . “

जय ने वैसा किया . फिर एमी ने एक पैकेट जय को दिया जिसमें उसकी मुंहबोली बहन का गिफ्ट था . करीब एक घंटे बाद वे एयरपोर्ट पहुंचे . एयरपोर्ट गेट पर जय से गले लग कर नम आँखों से विदा होते बोली “ टेक केयर ऑफ़ योर सेल्फ एंड पापा . मैं पैसे जाते के साथ भेज दूंगी , थोड़ा कम ज्यादा हो तो स्वीकार कर लेना . “

एमी हाथ हिलाते हुए हवा हवाई हो गयी .


जब तक जय घर पहुँचता उसके अकाउंट में पांच हजार यूरो जमा हो चुके थे . साथ में एक मेसेज भी था “ मेरी तरफ से एक छोटा सा तोहफा समझ लेना . मेरा असली नाम एमी लॉरेंट्स ही है पर मुझे इस नाम से विरले ही कोई जानता है . फ्रांस में भी गिने चुने लोग इस नाम से मुझे जानते होंगे. मैं एक फ्रेंच एक्ट्रेस हूँ , मेरा स्क्रीन नेम फेब्रोनि आर्नेट है और इसी नाम से जानी जाती हूँ . इंडिया में बॉलीवुड और हॉलीवुड एक्टर्स को लोग पहचानते हैं इसलिए उनके पीछे भीड़ लग जाती है . फ्रेंच एक्टर्स को विरले ही यहाँ कोई जानता है , यहाँ तक कि मिडिया वाले भी .अगले साल फिर आने पर जरूर मिलूंगी , खैर तब तक के लिए बाई बाई - योर हवा हवाई . “

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यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है