ek dulhan ki mout in Hindi Short Stories by निशा शर्मा books and stories PDF | एक दुल्हन की मौत...

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एक दुल्हन की मौत...

नैना को एक अंधेरी कोठरी में पलंग के ऊपर बिठाकर घर की सारी औरतें बाहर निकल गयीं। मई माह की गर्मी और उसपर बनारसी साड़ी, गहने, सबकुछ नैना को बहुत ही असुविधाजनक लग रहा था मगर न तो उसके माथे पर कोई शिकन थी और न ही उसके होठों पर कोई शिकायत।

अब भला शिकायत करती भी तो किससे ? जहाँ शिकायत कर सकती थी,वहाँ तक तो कभी की नहीं और उसकी ये चुप्पी आज उस शहर की पढ़ी लिखी नैना को एक गाँव में ले आयी जहाँ पर बिजली तक का कोई ठिकाना नहीं था।

पिता जी की मृत्यु के बाद नैना की माँ तो मानो गूंगी हो गयीं।सबकुछ नैना की भाभी के इशारे पर ही होने लगा और भईया तो पहले से ही काठ के उल्लू थे तो भला उनके हाथ में क्या था ?
दहेज के पैसे बचाने और भाभी जी की व्यक्तिगत भड़ास निकालने का सबसे बेहतरीन तरीका उन दोनों को यही लगा कि ब्याह दो गांव में और छुट्टी पाओ।

उस अंधेरी कोठरी में पलंग पर ही एक ओर लुढ़क कर कब सो गयी थकीहारी नैना उसे स्वयं भी पता नहीं चला। कुंडी की खट की आवाज से नैना एकदम से सचेत होकर उठ गयी। खुद में ही सिमटी सिकुड़ी जा रही थी नैना, वो एक अंजान सा डर और एक अलग सी खुशी महसूस कर रही थी। तभी एक अजीब सा स्पर्श उसे भीतर तक सिहरा गया वो कुछ भी सोच या समझ पाती उससे पहले ही एक झपट्टे के साथ उसका सबकुछ लुटता सा प्रतीत हुआ और एक चीख के साथ सबकुछ धीरे धीरे शान्त भी हो गया ।

राजन, ये तुमनें ठीक नहीं किया।

अरे भाभी क्यों हल्ला कर रही हो, अब तुम्हारा बिटवा तो कल पी पाकर पता नहीं रातभर कहाँ रहा और बहू बेचारी अकेली डरा रही थी तो मैंने सोचा कि चलो अपने चाचा ससुर होने का भी तो कुछ फरज निभा दू्ंं और बस मुंह दिखाई करके जरा आशीर्वाद दे दिया बस और क्या? वैसे भी मैंने सोचा कि ये ब्याह की भागदौड़ में तुम तो थक गयी होगी इसलिए तुम्हें परेशान करने के लिए तुम्हारे कमरे में नहीं आया बस अब और क्या कहूँ ?अब क्या इतनी सी बात के लिए कचहरी बिठाओगी भाभी ?

नैना कोठरी के अंदर से सारी बातें सुन रही थी और जीते जी मर भी रही थी। तभी उसकी सास अंदर कोठरी में प्रवेश करती है।

बहू जो भी हुआ उसे हमेशा के लिए भूल जाओ। इसमें तुम्हारी कोई गल्ती नहीं है इसलिए मैं भी भूल जाऊंगी और हाँ मेरे बेटे को ये बात कभी भी पता नहीं चलनी चाहिए क्योंकि मैं नहीं चाहती कि परिवार के लोगों के बीच खटास हो और तुम भी तो ये नहीं चाहोगी न कि लोग तुम्हें ताने दें, सारा दोष तुम्हें दे और ये कहें कि शहरी बहू के आते ही अच्छे खासे संयुक्त परिवार में फूट पड़ गयी ।
अब तुम जाओ और नहा धोकर तैयार हो जाओ,गाँव की औरतें नई दुल्हन की मुंहदिखाई करने आ रही होंगी ।

दुल्हन...दुल्हन की तो कल रात मौत हो गयी माँ जी,बेबस नैना बस इतना ही कह सकी और फिर सुबकती हुई बोझिल कदमों से गुसलखाने की ओर बढ़ गयी ।

निशा शर्मा...