Hawa Hawaii - 1 in Hindi Short Stories by S Sinha books and stories PDF | हवा हवाई - भाग 1

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हवा हवाई - भाग 1

कहानी - हवा हवाई - भाग 1

फ्रांस की राजधानी पेरिस के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चार्ल्स द गॉल पर उस दिन मनोज बोर्डिंग का इंतजार कर रहा था . सुबह 10. 35 की फ्लाइट थी , सिक्यूरिटी के बाद अभी भी फ्लाइट में करीब 45 मिनट बाकी थे . तभी एनाउंसमेंट हुआ “ तकनीकी खराबी के चलते एयर फ्रांस की उड़ान संख्या AF 226 अपने निश्चित समय से दो घंटे विलम्ब से उड़ान भरेगी . यात्रियों की असुविधा के लिए हमें खेद है . “


एनाउंसमेंट सुन कर मनोज सोचने लगा कि अब ढाई घंटे और बोर होना है . उसने अपना लैप टॉप निकाला और एक मूवी देखने लगा . कुछ ही देर के बाद एक लड़की आकर बगल की सीट पर बैठी और खुद से बोलने लगी “ क्या बोरियत है , पहले से पता होता तो दो घंटे बाद ही एयरपोर्ट आती . . “


मनोज “ इन्हें कहाँ पता था कि उड़ान के पहले तकनीकी खराबी होने वाली है . “


मनोज और वह लड़की दोनों एक साथ हंस पड़े . मनोज ने अपना परिचय देते हुए कहा “ मैं मनोज सिन्हा हूँ , होटल मैनेजमेंट करने के बाद इंडिया से ट्रेनिंग के लिए आया था . “


“ मैं एमी हूँ , फ्रेंच हूँ और मैं भी कुछ दिनों के लिए आपके देश जा रही हूँ . “ लड़की ने जवाब दिया


मनोज ने फ्रांस आने से पहले कुछ फ्रेंच सीख लिया था , एमी भी अंग्रेजी जानती थी और हिंदी के कुछ शब्द बखूबी बोल लेती थी . मनोज कभी टूटी फूटी फ्रेंच भाषा में बात कर उसे इंप्रेस करने की कोशिश कर रहा था . एमी ने कहा “ आप फ्रेंच में कम्फर्टेबल नहीं हैं तो कोई बात नहीं है , आप इंग्लिश बोल सकते हैं . मैं इंग्लिश जानती हूँ - लिखना , पढ़ना और बोलना भी . “


मनोज कुछ झेंप गया . वैसे आपकी जानकारी के लिए , इंडिया में भी एक फ्रेंच स्टाइल जगह है - पुडुचेरी ”


“ जानती हूँ , पुडुचेरी को फ्रेंच लोग इंडियन कोट दाज्यु या इंडियन रिवियेरा भी कहते हैं . “

उसके बाद कुछ देर दोनों में इधर उधर की बातें हुईं . एमी अपना केबिन लगेज मनोज के पास छोड़ कर कैफेटेरिया गयी . बोर्डिंग के अनाउंसमेंट के बाद वह लौट कर आयी और जल्द ही अपना सामान ले कर बोर्डिंग गेट पर गयी .एमी का बिजनेस क्लास का टिकट था इसलिए उसकी बोर्डिंग पहले हुई .मनोज इकॉनमी क्लास की बारी का इंतजार कर रहा था .


इसके करीब तीन सप्ताह बाद दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल के रिसेप्शन डेस्क पर मनोज की ड्यूटी थी . वह गेस्ट रजिस्टर और फाइल देखने में व्यस्त था , तभी उसने एक महिला की आवाज सुनी जिसने डेस्क पर तैनात दूसरे स्टाफ से कहा “ एक्सक्यूज़ मी , मैंने आपके यहाँ रूम बुक किया है .”


स्टाफ के नाम पूछने पर “ एमी लॉरेंट बताया .”


एमी का नाम सुनते ही मनोज ने चौंक कर सर उठाया और मुस्कुराते हुए कहा “ हाय एमी . व्हाट ए सरप्राइज . मेरे होटल में आपका स्वागत है . शायद पेरिस एयरपोर्ट पर हुई मुलाक़ात आपको अभी भी याद होगी .”


“ ओ , यस पर नाम ठीक से याद नहीं आ रहा मिस्टर . . . . .”


“ मनोज “


“ आप से दुबारा मिल कर ख़ुशी हुई . वैसे ये होटल आपका है , आपने कहा था मेरे होटल में आपका . . . .? “ एमी ने मुस्कुरा कर कहा


“ नहीं , आई मीन . . . .मैं यहाँ असिस्टेंट मैनेजर हूँ . आप तो मेरी हर बात का गलत मतलब निकाल लेती हैं .अब आपसे सँभल कर बात करनी होगी . “


“ नो आप फ्रैंकली अपनी बात कह सकते हैं .आप यूँ समझें मुझे बाल की खाल निकालने की बुरी आदत है . “

एमी ने एक फॉर्म भरा और रजिस्टर में साईंन किया . दूसरे स्टाफ ने उसे रूम की चाभी दी और एमी लिफ्ट की ओर चल पड़ी . मनोज ने कहा “ आई विल फौलो यू विथ वेलकम किट .”


कुछ देर बाद मनोज ने एमी के रूम की बेल बजाई तो आवाज आयी “ कम इन .“


मनोज अंदर आते के साथ सहम कर लौटने लगा तब एमी बोली “ इट्स ओके , कम इन .”


एमी ड्रेस चेंज कर शॉर्ट्स और स्लीवलेस टॉप में थी . मनोज ने एक बास्केट टेबल पर रख कर कहा “ योर वेलकम किट मैम . आपके लिए स्पेशल शैंपेन है इस किट में . कहिये तो बना दूँ .”


“ नो थैंक्स , तुम चाहो तो शैम्पेन ले जा सकते हो . मैंने ड्रिंक करना छोड़ दिया है .”


“ पर क्यों ? “


“ तुम्हारे हर सवाल का जवाब देना गेस्ट के लिए जरूरी नहीं है . मुझे अब थोड़ा आराम करना है , मुझे अकेला छोड़ दो .”


“ ओके , बुफे डिनर विल बी रेडी एट 7 pm , साथ ही आज स्पेशल ऑर्केस्ट्रा प्रोग्राम भी है .”


मनोज अपना सा मुंह ले कर निकल गया .वह मूड बना कर आया था कि शायद जान पहचान होने के कारण एमी कुछ देर बात करे . शाम को डाइनिंग रूम में मनोज ने एमी का विशेष ख्याल रखा था जिसके लिए एमी ने उसे थैंक्स दिया . गाना बजाना चल रहा था , एमी को मिस्टर इंडिया का “ हवा हवाई . . . .” गाने के साथ डांस अच्छा लगा .


सुबह में नाश्ते के बाद एमी दिल्ली घूमने निकल पड़ी . होटल को पहले से ही उसने कार बुक करने के लिए बोल रखा था .


अगले दिन भी एमी कार से जाने वाली थी पर रात में मनोज का फोन आया “ सॉरी मैम , कल सुबह टैक्सी नहीं मिल पायेगी . पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ टैक्सी यूनियन ने अचानक 2 दिनों की हड़ताल की घोषणा की है .”


“ ओके , कल की कल देखेंगे .”


अगले दिन सुबह नाश्ता कर एमी जल्द ही तैयार हो होटल से निकल पड़ी . रिसेप्शन पर मनोज था , उसे देख कर उसने कहा भी आज आप घूमने नहीं जा पाएंगी .एमी ने पूछा “ टैक्सी के अतिरिक्त और क्या सवारी मिल सकती है ? “

“ बस या ऑटोरिक्शा . पर वह आपके लायक नहीं होगा .”


“ क्यों ? “


“ बिजनेस क्लास में फ्लाई करने वाली के लिए वह सोचना भी मुश्किल है .”


“ तुम्हारे यहाँ कहावत है न - जरूरत पड़ने पर गधे को भी बाप बनाना पड़ता है .” बोल कर एमी बहार रोड पर खड़ी होकर सवारी का इंतजार करने लगी .सभी बसें ओवरलोडेड आ रहीं थीं और ऑटो भी खाली नहीं मिल रहा था .


बहुत देर बाद एक खाली ऑटो देख कर उसने हाथ से इशारा कर रोका और “ लाल किला ले चलो .”


लाल किला घूमने के बाद उसे बहुत मुश्किल से एक ऑटो खाली मिला जिस पर एक साथ तीन लोग दौड़ पड़े . ऑटो वाले ने कहा “ मैडम ने सबसे पहले रुकने का इशारा किया था इसलिए पहला हक़ इनका है “ फिर एमी से अंग्रेजी में बोला “ बैठिये मैडम , कहाँ जाना है . “


एमी ने होटल छोड़ने को कहा . ड्राइवर उसे होटल ड्राप कर पैसे ले कर चला गया . जब वह लिफ्ट के लिए वेट कर रही थी , उसे ख्याल आया कि उसका बैग ऑटो में ही रह गया . उसने रिसेप्शन डेस्क पर जा कर अपनी परेशानी बतायी तब वहां के स्टाफ ने कहा “ मैडम , आपका बटुआ तो आपके हाथ में है . “


“ यह छोटा पर्स तो मैं अक्सर हाथ में ही रखती हूँ ताकि छोटे मोटे खर्च के लिए बार बार बैग न खोलना पड़े . बैग में मेरा पासपोर्ट एयर टिकट , काफी पैसे थे , हीरे के जेवर थे , इंडियन रुपीज के अलावे काफी इयूरोज थे . “


“ आपने ऑटो का नंबर नोट किया है या याद है . “


“ नहीं , पर वह शरीफ आदमी लगता था . “


“ किसी के चेहरे पार थोड़े लिखा होता है कि वह बदमाश है . खैर आप चाहें तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज करा सकती हैं . अगर वह वाकई शरीफ होगा तो उसे खुद आ कर बैग लौटाना चाहिए . आप अपने रूम में जाएँ , मैं बॉस से बात करता हूँ पुलिस रिपोर्ट के बारे में . “


करीब एक घंटे बाद एमी के डोर पर नॉक हुआ तो उसने देखा कि वही ऑटो ड्राइवर एक स्टाफ के साथ उसका बैग लिए खड़ा था . वह बोली “ अंदर आ जाओ . “ उसे बैठने के लिए बोल कर होटल बॉय से ड्राइवर के लिए कुछ स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक भेजने को कहा .


ऑटो वाले ने कहा “ थैंक्स मैम , अभी मैं जल्दी में हूँ . फादर को खाना खिलाना है , आप अपना बैग चेक कर लें . “


“ अब मुझे चेक करने की जरूरत नहीं है , तुम थोड़ी देर रुक सकते तो ठीक था . “


“ नो मैम , थैंक्स . पिताजी वेट कर रहे होंगे . “ बोल कर वह जाने के लिए उठा


एमी बोली “ ठीक है , अभी नहीं रोकूंगी , कल सुबह 9 बजे आ जाना . मुझे दिन भर के लिए ऑटो चाहिए .


रात को रिसेप्शन ने फोन कर एमी को कहा “ टैक्सी वालों ने हड़ताल वापस ले ली है . कल के लिए कार बुक कर दूँ “


“ नो , मैंने इंतजाम कर लिया है . “


दूसरे दिन सुबह एमी 9 बजे के पहले ही रोड पर खड़ी ऑटो का वेट कर रही थी . पांच मिनट के अंदर ही ऑटो आया उसने अंग्रेजी में पूछा “ मैम , आज कहाँ जाना है आपको ? “


“ कहीं नहीं .”


ऑटो वाला आश्चर्य से उसका मुंह देखने लगा तो वह बोला “ मुझे बस टाइम पास करना है , कहीं भी ले चलो मगर किसी ऑफ बीट जगह जहाँ ज्यादा भीड़भाड़ न हो . “


“ दिल्ली में ऐसी कोई जगह नहीं मिलेगी मैम .”


“ इसीलिए तो मैंने तुम पर छोड़ दिया है , जहाँ चाहे ले चलो दिन भर के लिए .”


ऑटोचालक ने गैस टैंक फुल करा कर कहा “ तो अब चलते हैं मगर दूर जाना होगा , ऑटो आपके लिए कम्फर्टेबल नहीं रहेगा .”


“ तुम उसकी चिंता न करो जयकुमार , तुम्हारा नाम जय कुमार ही है न ? “ ड्राइवर के ड्रेस पर उसका नाम देख एमी ने कहा


“ जी , शार्ट में लोग मुझे जय या कुमार कहते हैं . “


“ मैं तुम्हें जय पुकारूंगी . जहाँ टेस्टी खाना मिले वहां रोकना , कुछ पेट पूजा करनी होगी . “


“ अगर आप किसी स्टार होटल की जगह ढाबे में खाना चाहें तो आज मैं आपको दिल्ली से बाहर सोनीपत के पास मुर्थल ले चलता हूँ .”


“ यस , नो प्रॉब्लम . “

रास्ते में कुछ मिनट के लिए एक दो जगह रुक कर जय ने उन जगहों के बारे में बताया . करीब एक घंटे के बाद एक पुराने मशहूर ढाबे पर रुक कर जय बोला “ यहाँ बहुत अच्छा खाना मिलेगा . जाईये ,आप केबिन के अंदर बैठ कर आराम से खा सकती हैं . “


“ चलो तुम भी साथ चलो . “


“ मैं ? “


“ हाँ तुम , और यहां मैं किस से बात कर रही हूँ . चलो जल्दी करो . “


जय ने ढाबे के मालिक से बात की फिर एक केबिन के सामने रुक कर कहा “ आप अंदर बैठें , मैं सामने की टेबल पर बाहर बैठ जाता हूँ . “


“ चुपचाप मेरे साथ बैठ कर खाओ . “


दोनों केबिन में बैठे . तुरंत वेटर आर्डर लेने आया तब एमी ने कहा “ जय , मुझे यहाँ का आइडिया नहीं है . तुम अपनी पसंद से दोनों के लिए आर्डर दे दो . “ फिर वेटर से कहा “ कोई जल्दी नहीं है , कुछ देर रुक कर लाना . “

जय बोला “ वीकेंड में यहाँ बहुत देर इंतजार करने पर बैठने को मिलता है , आज भी लगभग फुल है इस केबिन को छोड़ कर . “


एमी ने बैग से सैनिटाइजर निकाल कर हाथ साफ़ कर जय की ओर सैनिटाइजर बढ़ा दिया तो वह बोला “ थैंक यू मैम . “


“ तुम बहुत अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हो . तुम्हारी बात और बिहेवियर से तुम पढ़े लिखे लगते हो . मैंने तुम्हारे जैसा ड्राइवर यहाँ नहीं देखा है . “


“ थैंक्स मैम , मैंने ग्रेजुएशन किया है और प्राइवेटली पी जी भी कर रहा हूँ . “


“ मेरा अनुमान ठीक था . मैं फ्रेंच हूँ , मेरे देश और सभी पश्चिमी देशों में किसी भी काम को छोटा बड़ा नहीं कहते हैं . पर सुना और पढ़ा है कि ऐसा यहाँ नहीं समझा जाता है . अमेरिका और यूरोप में काफी पढ़े लिखे लोग भी उबेर टैक्सी चलाते हैं . “


“ थैंक्स मैम . “


“ हर बात में मैम कहना मुझे अच्छा नहीं लगता है . तुम्हें नौकरी नहीं चाहिए थी या मिली नहीं . “


तब तक वेटर खाना रख गया . दोनों ने खाना शुरू किया , एमी बोली “ तुमने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया . “

“ यहाँ नौकरी कौन नहीं चाहता . करीब 30 साल नौकरी करो फिर बाकी जीवन ग्रैच्चुयटी , प्रॉविडेंट फंड और पेंशन पर मौज करो . “


“ फिर ? “


“ यहाँ एक चपरासी के पोस्ट के लिए हजारों कैंडिडेट्स होते हैं और वे भी एम ए तक पढ़े लिखे . मैंने भी ग्रेजुएशन के बाद कुछ साल इसी में बर्बाद किया , मेरे पास न कोई पैरवीकार था न ही रिश्वत के लिए पैसे. अब इस उम्र में नौकरी के काबिल भी नहीं रहा . “


“ और तुम्हारा बाकी परिवार . यहाँ तो लोग अक्सर परिवार के साथ मिलजुल कर रहते हैं . “


“ मेरे परिवार के नाम पर मेरे एक रोगी पिता हैं , बस . मेरा पहला कर्तव्य है पिताजी की सेवा करना . शादी नहीं हुई क्योंकि कोई लड़की आजकल ससुराल में ज्यादा दिन रहना पसंद नहीं करती है , रोगी ससुर की सेवा तो दूर की बात है . “


“ तुमसे मिल कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई , यकीन करो .”


जय की आखें नम देख कर वह बोली “ सॉरी , मैंने तुम्हें हर्ट किया है . “


तब तक दोनों ने खाना खत्म किया और एमी ने वेटर को बिल लाने को कहा और बोली “ बहुत अच्छा खाना था , कुछ ज्यादा ही खा लिया . हम कुछ देर यहाँ बैठ सकते हैं ? कोई कस्टमर आया तो केबिन खाली कर दूंगी . “


कुछ देर बाद दोनों दिल्ली लौट रहे थे .

क्रमशः - भाग 2

कहानी पूर्णतः काल्पनिक है .

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