Episode 2
राठौड़ क्राइम सिन पर ही है और गहन विचार में डुबा है। वो बारबार यही सोच रहा है कि घटना घटी कैसे होगी। एक बंध घर मे दो व्यक्ति, एक की मौत या तो हत्या होती है और दूसरे पे जान लेवा हमला मतलब तीसरा कोई व्यक्ति भी होगा ही, होना ही चाहिए क्यों कि तीसरा व्हिस्की से भरा ग्लास भी मिला है। और राठौड़ सोचते सोचते अपने आप से ही बोल रहा है और अपने विचारों को वर्चुअल इमेजिनेशन में कन्वर्ट अपने मन मे करना शुरू करता है जो वो अपने सामने विज़्यूलाइज़ करता है जिस से वो गूम कड़ी उसे मिले।
राठौड़:( अपने विचारों को विज़्यूलाइज़ करता है जिसे वो आने सामने enect होते देखता है और अपने आप से स्वागत ही बात करता है), सुमित और प्रदीप एक दूसरे से बात कर रहे थे (जो बोल रहा है उसका एनेक्टमेंट होता है वह जाता है) प्रदीप को call आता है, उसने कॉल पर बात की, फोन रख के वो वापस सुमित के पास आता है,बात करता है कि वही अचानक उसे chest pain होता है, छाती से खून निकलता जी and he onthe spot died. (प्रदीप की वर्चयुल बॉडी के पास जाकर) कैसे? किसी ने गोली मारी? अगर हां तो कहा से? (वो आजी बाजू देखता है, बालकनी की और देखता है फिर ज़रा सोचता है) नही ,अगर प्रदीप ये three seater सोफे पे होता तो शायद गन शॉट का चांस था और वो भी पीठ पे। लेकिन छेद सिर्फ आगे की और है। और बुलेट शेल भी तो नही मिला। नो.. गन शॉट तो नही है। (तब वो सुमित के वर्चयुल इमेज कि तरफ देखता है जो प्रदीप की और आते हुए जुका है ये सोच कर) तो क्या सुमित?? लेकिन कैसे?
( तब तक दोनों की वर्चयुल इमेज अपने ओरिजिनल पोज़िशन में आ चूकी है)
(अब राठौड़ जो सोच सोचेगा और उसको अपने आप से डिसकस करेगा वो हु बहु बर्च्यूल एनेक्टमेंट उसके सामने होगा)
राठौड़: दोनों अपनी बातें डिसकस कर रहे थें, वही पे प्रदीप को कॉल आता है, उसकी बात खत्म होने तक सुमित वेट करता है, तब तक सुमित धीरे से अपने पेंट के पीछे के हिस्से से गईं निकाल के ready रहता है , और प्रदीप जैसे ही मुडा की fraction of seconds में एक फायर bhoom... प्रदीप सीधा अपने सिंगल सोफे पे जा कर गिरता है, उसी वक्त कीचन से तीसरी व्यक्ति चीते की तेजी से आता है और एक भारी भरखम rod से सुमित की नज़र पड़े इस से पहले ही सुमित के सिर पर जोर से वार करता है, दर्द के मारे सुमित चीला उठता है और कुछ ही सेकंड्स में वो अपने three seater सोफे पे बेहोश होकर गिर जाता है। और सुमित की गन और अपना rod ले कर के सीधा बाहर चला जाता है।
राठौड़(अपने आप से स्वगत) : तो तीसरा व्यक्ति आय कहा से, और कोई आने जाने का रास्ता भी नही है, (फिर से वो बालकनी की और जाता है और बालकनी और उसके ऊपर निचे देखता है, बालकनी की बाजू में पानी की लाइन को और रेलिंग्स को ध्यान से देखता है कोई भी किस्म का जूते का निशान या ऐसी कोई चीज़ उसके ध्यान में नही आती जिस से ये कह सके कि बालकनी से वो आया और गया होगा, के सोच कर) तो ये तीसरा आया और गया कहा से , अगर किचन में छुपा था तो इन दो नो को पता कैसे नही चला ? (ज़रा सोच के) अगर इन दो नो को जानता था और साथ मे ही आया होगा तो प्रदीप को ठोका क्यों, और सुमित पे हमला क्यों किया? और अगर फायर हुआ होगा तो बुलेट शेल भी नही है, प्लस पडोशी ओ को , देसाई को आवाज क्यों नही आई और ये मान के चलू की तीसरा इन दोनों के साथ ही था तो किसीने इस तीसरे को क्यों नही देखा, क्यों अनजान है।
(यह सब सोच विचार कर रहा है तब फिर से दो नो की वर्चयुल इमेज अपनी ओरोजिनल जगह पर आ चुकी है और उअक़ीबताराग देख कर...) और क्या हुआ हो सकता है?
(जैसे कुछ याद आया हो और वो सोचता है और वही उसके सामने वर्चयुल एनेक्टमेंट होता है) ... छाती के अलावा मुह से भी खून निकल रहा था प्रदीप के.. तो शायद ये हो सकता है कि... ( again enectment)
दोनों अपने डील के बारे में डिसकस करे थे तब ही प्रदिप को कॉल आया, फोन पर करने के लिए वो खड़ा हो के थोड़ा गया और उसी वक्त सुमित ने प्रदीप के ड्रिंक में कुछ मिला दिया और शांति से बैठ करके अपना ड्रिंक लेते रहा, बात खत्म कर के प्रदीप आया और ड्रिंक लिया ,फिर कुछ देर और बात हुई और तभी ज़हेर ने अपना काम किया और प्रदीप तड़पने लगा और मुह से खून निकला और वो गया। ये देख कर के सुमिट शैतानी मुसकुराहट के साथ देलबता रहता है वही उसे आयात चल ने से पहैले कीचन से एक तीसरी व्यक्ति आके सुमित ले हमला करती है और अपने पेंट के पिछले हिस्से से 8 इंच लंबा नोकीदार ख़ंजर निकाल के प्रदीप की छाती में घोप देता हैं और उसे क्लॉक और एंटी क्लॉक वाइज़ घुमा देता है ,इस से प्रदीप थोड़ा हल्का सा तड़पता है और बची कुची जान निकल जाती है। ख़ंजर अपने पेंट के पीछे हिस्से में डाल कर बाहर की तरफ जाता है, और तार को स्टॉपर से बांध कर के दरवाजा बंद कर के बाहर से खिंच लेता है। (एनेक्टमेंट खत्म).( ये सोच कर... ) अगर ऐसा हुआ है तो प्रदीप कि बॉडी blueish क्यों नबी हुई, और कोई भी पार्ट पे poisoning का निशान भी नही है, और बो तीसरा है कोंन, क्यों मरेगा इन दोनों को?? Poisoning भी नही लग रहा? और क्या हो सकता है?
(राठौड़ जो सोचेगा वह एनेक्टमेंट होगा)
दोनों की बाते चल रही थी तब ही प्रदीप का कोल आता है, वो बात कर ने के लिए उठा ता है और उठते वक्त वो किचन की और देख कर वह खड़े तीसरे व्यक्ति को आंखों से इशारा करता है उस वक्त सुमित ड्रिंक लेते मेगेज़ीन पढ़ रहा होता है, की तुरंत ही तीसरी व्यक्ति आके सुमित पर हमला करती है , वो लड़खड़ा के प्रदिप की और गिर त है तो प्रदीप धका मार के उसे सोफे पे धकेल देता है, की वही प्रदीप की जानकारी के बाहर ही अचानक से प्रदीप पे वह तीसरा ब्यक्ति ख़ंजर आए वार करता है और प्रदीप वही सिंगल सोफे पे गिर जाता है और मर जाता है। फिर तीसरा व्यक्ति वही टेक्निक के साथ बाहर निकल जाता है और दरवाज़ा बैंड कर देता है।
(एनेक्टमेंट खत्म.. ये सोच कर) इस सब का एक ही मतलब है कि तीसरा व्यक्ति आज 100% मौजूद था और दोनों को जानता था और इस से पहले वो यह वे आ भी चुका होगा , और क्यों कि वो इन दोनों के साथ ही आया होगा तो किसि और ने नही तो इस बिल्डिग के cctv में तो आया ही होगा... yes.. cctv उस मेसे ही हमारे केस का तीसरा बन्दा मिलेगा. बेटा किसी की नजरों से निकल लो पर केमेरा में तो आहि जाओगे। बस केमेरा चल रहे हो।
(राठौड़ सोलंकी को कोल कर के हॉस्पिटल से आते वक्त cctv रिकॉर्ड निकाल ने को कहता है और कॉल कट करता है और वही पे राठौड़ का कोल बजता है, राठौड़ कोल उठाता है.. सामने दीक्षित थे)
राठौड़: yes डॉ दीक्षित. आप ही का वैट हो रहा है. ये प्रदीप की मौत ने उलजा रखा है। समज में ही नही आ रहा कि हत्या है या एक्सीडेंटल डेथ।
(सामने से कुछ बाते होती है .. वो सुन कर).. अच्छा ठीक है। आप पहोच ही रहे है ना. ओके. जल्दी आइये।
(थोड़ा सा ठेर के... अपने कपाल पे हाथ रगड़ते हुए) दिखने में आसान लग रहे केस ही जयादा उलजा देते है लेकिन उसी में तो मज़ा है।
इस केस का हर पहलू सुमित से शुरू होक सुमित पे ही खत्म होता है। अब इस केस की पहेली कड़ी डॉ दीक्षित से ही खुलेगी।। (मुस्कुरुता है ) मजा आएगा. THE GAME BEGINES NOW.