Critics in Hindi Philosophy by Sonu Kasana books and stories PDF | आलोचक जात

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आलोचक जात

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्द अपने आप में एक विशाल समुंद्र है इसमें से जिसे जो चाहिए वह अपने सामर्थ्य एवं उपयोगिता के हिसाब से ले सकता है आपने निश्चित रूप से यह दोहा तो सुन ही रखा होगा निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छिवाय बिन साबुन पानी बिना सुंदर करें सुहाय
इस दोहे के शाब्दिक अर्थ से तो आप चिर परिचित होंगे ही लेकिन फिर भी मेरा कर्तव्य है की एक बार मैं आपको समझा दूं कि यहां पर यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि आपको अपने आलोचकों का विरोध ना करके उनसे कुछ सीखते हुए अपने आप को सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाना है क्योंकि वह आपकी गलतियां और कमियां गिना करके आपको उन्हें दूर करने के लिए प्रेरित करेंगे

आलोचक नाम के जो प्राणी होते हैं वै दिखाई तो देते आप और हम जैसे ही हैं परंतु उनकी कार्यशैली आम जनों से भिन्न होती है। यह अक्सर चीजोंं मेंं ,कार्यों में और अन्य जहांं भी मौका मिले नुक्स निकाल देतेे हैं जैसा कि मैंं पहले पहले ही बता चुका हूं की विद्वानों ने आलोचकों को अपने समीप रखनेे के लिए कहा है अतः मैं इनका धुर विरोधी नहीं क्योंकि यदा-कदा मैं भी इस विद्या का प्रयोग कर लिया करता हूं अब प्रश्न यह उठता है की आलोचकों की जो जात है वह अच्छी है अथवा बुरी जहां तक मेरा मानना है किसी भी जात को अच्छा या बुरा नहीं कहा जा सकता उस प्रत्येक जात में जिस तरह के लोगों का समावेश बहुलता के साथ होगा वह चाहत को उसी तरह का या औसतन उसी तरह का माना जाएगा लेकिन कुछ आलोचकों को आलोचना इसलिए करनी होती है क्योंकि उन्हें आलोचना करनी है यदि हम उदाहरण की बात करें तो उदाहरण के तौर पर विपक्षी दलों फिल्म समीक्षकों तथा देश के आलोचकों (जो की देश की आलोचना बेवजह करते रहते हैं जिन्होंने कभी शायद ही देश के लिए कुछ किया हो लेकिन बात-बात पर देश की आलोचना करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं) इत्यादि को ले सकते हैं।
कलर्स टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक बिग बॉस मैं प्रत्येक वर्ष 15 से 30 प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं तथा अपने अपने विवेका अनुसार अपने क्रियाकलापों को करते रहते हैं वहीं दूसरी ओर बाहर बैठे दर्शक सोशल साइटों पर तथा सामूहिक रूप से एक दूसरे से लड़ने मरने के लिए तैयार रहते हैं कोई किसी को सपोर्ट करता है तो दूसरा किसी अन्य को अंततः जीतता का कोई एक है अन्य सभी हार जाते हैं तथा उस विजेता के आलोचक जो विजेता घोषित किए जाने से पहले तक यह कहते दिखाई देते हैं कि यदि वह जीत गया तो मैं यह कर लूंगा वह कर दूंगा यथा अगले वर्ष बिग बॉस नहीं देखूंगा - वाले सबसे पहले नए सीजन में आकर बैठ जाते हैं और फिर शुरू हो जाता है आलोचना का खेल।
कुछ तो मात्र अपने आप को फेमस करने के लिए सबसे अच्छे एवं विजेता देखने वाले प्रतिभागी का विरोध करना या आलोचना करना शुरू कर देते हैं।
अमूमन यह दशा प्रत्येक व्यवसाय एवं कार्य में दर्शनीय है अतः मेरा यह आग्रह है कि केवल अपने फायदे या केवल आलोचना करने के लिए आलोचना न करें धन्यवाद।