बरसात की रात थी, पूरे गांव को मानो खामोशी ने अपने आगोश में लिया हुआ था !! बारिश की बूंदों की आवाज़ तो मानो ऐसे आ रही थी जैसी किसी लड़की के पांव के पायल की छम छम …….इसी आवाज़ को चीरती हुई एक और आवाज़ पूरे घर में गूंज रही थी, " ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार" रात के तकरीबन १० बज चुके थे.
ट्विंकल ट्विंकल आवाज़ ने मानो घर के कोनों में अपनी जगह बना ली थी..ये आवाज़ थी ६ साल की रानी की, जिसने घर के सबसे आखरी और छोटे जगह में अपने गुड़िया के लिए घर बना रखा था. घर में सबसे छोटी और अकेली लड़की होने के वजह से रानी हमेशा अपने गुड़िया के साथ ही खेलती थी, ना कोई दोस्त था, ना ही हमदर्द जिस से वो बाते कर सके, उसके लिए उसकी गुड़िया ही उसकी सबकुछ थी।। पिछले कई दिनों से रानी की तबीयत भी खराब रहती थी ।। हसते हसते ना जाने एकदम क्या हो जाता रानी रोने लगती, रोते रोते फिर अचानक हसने लगती।। सबने सोचा बच्ची है, मस्ती कर रही होगी किसीने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।। घर में शादी थी, माहौल खुशी और उत्साह का था।।
खाना खाकर सब बाते करने बैठ गए..घर में बहोत चहल पहल हो रही थी, रानी के चाचा की शादी जो थी।।
"रानी बेटा, ओ रानी बेटा, कहा हो? जल्दी बाहर आओ"
"हां पापा बस आ रही" रानी भागकर अपने पापा के गोदी में जाकर बैठ गई..
रिश्तेदार में जितने भी बच्चे से सब रानी को चिड़ाते थे और वो चुपचाप सुनकर अपनी गुड़िया उठाकर भाग जाती। करती भी क्या? किसे कहती?… बस भाग जाती और आपने अकेलेपन में गुड़िया को अपना साथी बना लेती.
सबने सोचा चलो सालो बाद पूरा घर साथ में आया है तो क्यों ना नाचने गाने का प्रोग्राम रखा जाए, पूरा घर मानो खुशी में इतना पागल था कि आने वाली भयंकर और कभी ना भूलने वाले अनुभव से बिल्कुल अपरिचित था।। सबने अपनी अपनी कोल्ड ड्रिंक की ग्लास उठायी और नीचे हॉल में जाने लगे,
"रानी बेटा कहा गई? चलो हम नीचे जा रहे है", रानी ..बेटा रानी।।
नहीं मां मुझे नहीं आना, आप जाओ..
नहीं नहीं अकेली क्या करोगी यहां? चलो जल्दी..
अपने छोटे छोटे प्यारे पैरों से धीरे धीरे एक स्टेप छोड़कर एक रानी नीचे उतरने लगी तभी…
"ब से गाओ"… चाचा ने काहा
… क्या ब से? दादी गाने लगी, " बाहारो फूल बरसाओ" ।।। की तभी सबने रोका क्या दादी, ये नहीं अच्छा डांस वाला गाना गाओ ना…फिर पीछे से आवाज़ आयी "बेबी को बेस पसंद है"….और सब नाचने लग गए.. राम राम ये क्या गाना है. भला ऐसा कौनसा गाना होता है।।. कहते हुए दादी ने रानी की ओर देखा ..वो अब भी अपने गुड़िया के साथ खेल रही थी .. जबकी सारे बच्चे डांस कर रहे थे।।
दादी ने कहा " ओ रे चिमनी क्या हुआ तुझे नहीं नाचना सब के साथ?
रानी ने गुस्से भरे नजर से दादी को देखा और कुछ जवाब दिए बिना ही अपने गुड़िया के बाल जमाने लग गई...
की तभी दादी ने कहा " क्यों री कामचोर जवाब नहीं देवत है, मुंह में दही जमा ली का?"
... रानी ने इस बार दादी के पास जाकर उनकी उंगली ज़ोर से दबा दी, दादी को ऐसे देख रही थी मानो कोई शेरनी अपने शिकार को देख रही हो और अलग ही आवाज़ में आंखो में जैसे तापते हुए सूरज का गोला चला गया हो ।।ज़ोर से चिल्लाकर बोली।।।देख लूंगी तुझे बुढ़िया, पुराना हिसाब बाकी है।।।....