Hope is hell - 6 in Hindi Thriller by kuldeep vaghela books and stories PDF | होप इस हेल - 6

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होप इस हेल - 6

होप इज हेल
एपिसोड ६
रिकेप
राधिका अपने सैर्सीस से ये बात पता कर लेती है कि डॉक्टर मेनन इतनी रातको लेब में गए थे।। जुली विहान को कॉल करके वेक्सीन लेने के लिए लेब में बुलाती है। लेकिन इससे पेहले डॉक्टर मेनन वहां पर आ जाती है। और उसे वो चोरी करते हुए देख लेती है। जूली उन्हें गोली मारने ही वाली थी तभी एक आदमी जूली को गोली मारकर डॉक्टर मेननको बचा लेता है। डॉक्टर मेनन वायरस की वेक्सीन उस व्यक्ति को दे देती है। वो तुरंत ही उसे लेकर चला जाता है। लेकिन को दोनों इस बात से अनजान थे कि उन्हें ये सब करते हुए विहानने देख लिया है।
अब आगे...
राधिका इंफॉर्मेशन मिलते ही लेब की ओर अपनी गाड़ी भगा देती है। उसे वहां तक पोंहचते-पोंहोचते 11:30 हो चुके थे। वो लेबके मेईन गेटके पास पोंहची ही थी कि उसे एक बेंज़ कार और स्कूटी पार्किंग में खड़ी हुई दिखाई दी। वो समझ गई कि डॉक्टर मेनन वहां पर पहले से ही आ चुकी थी। उसने स्कूटीको बिल्कुल ही इग्नोर कर दिया। लेकिन जैसे ही वो अपनी गाड़ी अंदर लेने जा रही थी उसे कुछ कदमों की आहट सुनाई दी। उसने अपनी गाड़ी ठीक उसी वॉल के कंपाउंड पर पार कर दी जहां पर एक हार्लेडेविडसन पड़ी हुई थी। उसे देखकर राधिकाको ये शक ज़रूर हुआ की इतनी रात गए एसी बाइक यहां पर क्या कर रही है।
वो धीरे-धीरे मेइन एंट्रेंस की ओर बढ़ रही थी। तभी उसे लगा कि लेब से कोई बाहर आ रहा है। वो तुरंत ही पार्किंग में स्कूटीके पीछे कवर लेकर छुप गई। उसने देखा कि एक आदमी डॉक्टर मेनन को कंधे पर उठाकर लेब से बाहर आ रहा था। उसने उस आदमी को शायद तो कहीं देखा था इसलिए उसे यह तो यकीन हो गया की ये कोई क्रिमिनल है। वो वहीं पर बैठकर सब कुछ देखने लगी की वो आदमी आखिर क्या करना चाह रहा था। उसे इस वक्त यहां पर उसे रोकना सही नहीं लगा। वो चाहती थी की वो इस पूरे सर्कलके एंड तक पहुंचे। और इसके लिए उसे अभी शांत रहकर सब कुछ देखना ही सही लगा।
विहान बेहोश डॉक्टर मेनन को कंधे पर उठाकर लेब से बाहर ला रहा था। उसे बाहर डॉक्टर मेनन की बैंज़ कार दिखाई दी। उसे लगा कि यही बेस्ट ऑप्शन है इस लड़की को यहां से ले जाने का। उसने बिना देर कीए डॉक्टर मेनन की जेब से उस कार की चाबी ढूंढ निकाली। और तुरंत ही डॉक्टर मेनन को पीछे की सीट पर लेटा दिया। वो बड़ी जल्दी जल्दी सब कुछ कर रहा था। उसने कार स्टार्ट की और बिना हेड लाइट चालू किए वहां से निकल गया।
राधिका उसे ये सब कुछ करते देख रही थी। जब विहानने डॉक्टर मेनन को गाड़ी में लिटाया तब उसे एक आईडिया आया। उसने तुरंत ही अपने बैग से एक छोटा सा सर्कल जेसा डिवाइस निकालकर अपने हाथ में ले लिया। वो बस विहान के कार स्टार्ट करने का वेट कर रही थी। जैसे ही विहान कार स्टार्ट करके बाहर जाने लगा, उसने पानी में उछलती हुई किसी मछली की तरह वो डिवाइस उस कार की तरफ फेंक दिया। जो सीधा उस कार के बेक साइड की हेडलाइट के नीचे जाकर चिपक गया। राधिकाने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और उस कार का नंबर नोट कर लिया।
***
रात के 12:30 बज चुके थे। अब तक तो डॉक्टर मेनन के किडनैप और जूलीके मर्डरकी न्यूझ पूरे इनर सर्कल में फैल चुकी थी। पर सब इसीलिए चुप थे क्योंकि अगर ये बात बाहर आ जाती तो पब्लिकमें पैनिक हो सकता था। सभी लोगोंने मीडिया से ये बात अच्छी तरह से कवर करके रखी हुई थी।
होम मिनिस्टर राणे इस वक्त बहोत ही गुस्से में थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस समय डॉक्टर मेनन के किडनैप का क्या मतलब हो सकता है। हालाकी उन्हे शक तो ज़रूर था कि इसके पीछे हो ना हो उनका रिसर्च ही ज़िम्मेदार है। क्योंकि वो डॉक्टर मेनन को बहोत अच्छी तरेह से जानते थे। और उन्हें ये भी पता था कि वो जल्द ही कुछ बड़ा कारनामा करने वाली थी। इसी लिए उन्हें ये डर था कि कहीं ये बात गलत लोगों तक पहुंच गई तो उनकी खुशी के साथ साथ देश पर भी बहुत ही बड़ा खतरा आ जाता। इसीलिए वो इस वक्त उस इंसान को बुलाने की सोच रहे थे जो इस सिचुएशन को हैंडल कर सके।
उन्होंने अपने पीए को कहा : आई वोंट अबीर खान इन हाफ एन आर।
पिए ये सुनकर काफी घबरा गया। उसने कन्फर्म करने के लिए पूछा : सर, क्या आप श्योर हो? आप उसे बुलाने की बात कर रहे हो जिस पर ऑलरेडी ह्यूमन राइट्स कमीशन की इंक्वायरी चल रही है। जो फिलहाल सस्पेंडेड है। जिसकी वजेह से पूरा डिपार्टमेंट बदनाम है। जो ना तो रूल्स मानता है और ना अपने सिवाय किसी और की। और आप उस अबीर खान को बुलाने की बात कर रहे हो।
ये सब बातें तो सब जानते हैं। लेकिन बहोत कम ऐसे लोग हैं जो ये जानते हैं की ही इज वन ऑफ द बेस्ट। वो काम अपने तरीके से करता है लेकिन काम हंड्रेड परसेंट करता है। चाहे वो कितना भी अल्लड़ और इनडिसिप्लिन हो, लेकिन वो हर केस को सॉल्व कर लेता है। हंड्रेड परसेंट ट्रेकरिकोर्ड ऐसे ही नहीं मिलता। तो ज़्यादा टाइम वेस्ट मत करो अभी बुलाओ उसे। " राणे अपनी बात बोल तो गए, पर अंदर से उन्हे भी डर था की कहीं सांप के गले में छछूंदर जेसी हालत ना हो।
***
टीवी पे बाटला हाउस फिल्म चल रही थी। फिल्म મે पुलिसके कुछ अनएक्सपेक्टेड सीन देखकर वो आदमी भद्दी भद्दी गालियां निकाल रहा था। वो खुद से ही केह रहा था : " अगर फ्री हैंड हमें ही मिल जाता तो आज जो हालत है वो ना होती। ये घटिया नेतालोग हम जैसे मुजरिम को हथकड़ी पेहनाते है वैसे हम पर पावर की हथकड़ी रखते हैं। और फिर बोलते हैं कि काम करो।" तभी उसका फोन बजा और नाम देखकर वो बोला : " नाम लिया और शैतान हाज़ीर। उसने फोन उठाया और सामने से आवाज़ आई : मंत्रीजी आपको फौरन बुला रहे हैं। आप जितना जल्दी हो सके आ जाइए।
फोन काट गया। वो फिर से टीवी देखने लगा जेसे कुछ हुआ ही नहीं। उस के चेहरे पे कोई शिकन नहीं थी। अपने दिल के जैसा ही उसका चेहरा कोरा कागज़ सा था। ना कोई भाव बा कोई रंज। वैसे भी उसकी ज़िन्दगी में एक ही फीलिंग थी - गुस्सा।
***
लेब से निकलती हुई बेंज़ कार मुंबई की सड़कों पर बहोत ही हाई स्पीड से दौड़ रही थी। वो बिना रुके किसी की परवाह किए बिना मुंबईसे बाहर निकलने वाले रास्तों को पार करे जा रहा था। उसकी कार सभी रास्ते चीरते हुए सीधा लोनावला जाकर एक फार्महाउस के पास रुकी। वो भी एकदम एंड पर जहां पर ये एरिया खत्म होता था। कार फार्महाउस में एंटर् हुई। उसने कार पार्क करके डॉक्टर मेनन को बाहर निकाला। वो धीरे-धीरे एक आउटहाउसमें उन्हें ले गया। वहां पर उन्हें लेटा दिया।
डॉक्टर मेनन को उस आऊटहाउस में छोड़कर विहान तुरंत ही उसी फार्महाउस में एक दूसरे कमरे में चला गया। वो वहीं बैठ कर आगे की प्लानिंग सोच रहा था। अपना सारा आर्सेनल, बियर वगैरह सब उसने अच्छे से अरेंज करके रखा हुआ था। विहान अपना फोन निकालकर आगे की प्लानिंग के पॉइंट्स उसमें नोट करने लगा। ये सब करते करते उसे कब नींद आ गई उसे खुद भी पता नहीं चला।
***
रात के 1:30 बजने आए थे और अब तक पी,ए, के कई कोल्स आ चुके थे। पर अबीर ने एक भी रिसीव नहीं किया। तब फिर से फोन गूंजा, पर इस बार राणे का नाम फ्लेश हुआ। अबीर ने फोन उठाया और कहा : विल बी धेर इन 30 मिनट्स।
" तो अब तक क्या कर रहा था ? : राणे ने गाली बस निकाली ही थी कि अबीर बोला : " इतने तेवर अगर पहले दिखाते तो में वहां होता। खुद तो कुर्सी से चिपके रहते हो और ऊपर से ये नखरे। कभी चलाई है एक गोली भी ? "
" अरे तू तो नाराज़ हो गया । तू बस आ जा, बाकी में देख लूंगा । " राणे ने अपनी नेतागिरी वाली भाषा में कवर किया। पर वो खुद भी जानता था की अभी इसे मौके और भी आएंगे।
उसने फोन कट करके तुरंत ही अपनी चाबी निकाली और इनोवा कार लेकर मंत्री के घर की ओर चल दिया। वो सोच रहा था कि आखिर एक सस्पेंडेड ऑफिसर को इतनी रात गए बुलानेका क्या मतलब है। और वो भी उसे जो पेहले से ही इतना बदनाम है कि और एक कारनामा और वो पुलिससे क्रिमिनलकी लिस्टमें आ जाएगा। फिर भी मंत्रीजी उसे याद कर रहे हैं मतलब कोई ऐसी सिचुएशन होगी जो दूसरों से हैंडल नहीं हो सकती। या तो फिर कानून के अंदर रेहकर वो काम नहीं हो सकता। और हमेशा की तरह फिर एक बार बलि का बकरा उसे ही बनाया जाएगा। लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। उसे तो बस यही चाहिए कि उसे किसी को मारने-पीटने मिले, कोई क्रिमिनल उसके हाथों से अपने आपको पनिश करवाएं और सबसे ज़्यादा उसे खुद को ये सेटिस्फेक्शन मिले की उसने एक और क्रिमिनल को जस्टिस दिया। तो बस यही बातें सोचते-सोचते वो मंत्रीजी के घर पर पहुंच गया। घर का सिक्योरीटी गार्ड उसे देखकर चौक गया। वो भी जानता था, इस आदमी के आने का मतलब था कि कुछ दिनों में उसे मंत्रीजी के घर के बाहर विरोध करने वाली भीड़ को कंट्रोल करना होगा। क्योंकि ये आदमी काम ही ऐसे ऐसे करता था।
***
राधिका उस कार को जाते हुए देखती रही। पर उसे कोई फिक्र नहीं की क्योंकि वो जानती थी कि वो कभी भी उस तक पहुंच सकती है। लेकिन उसे ये अंदाज़ा हो गया था कि अब इस खेल में उसे बहोत सावधानीसे आगे बढ़ना होगा। वो अपनी गाड़ी में बैठी और वापस से अपने फ्लैट की ओर चल दी।
अपने फ्लैट में घुसते ही उसने पेहला काम अपने सारे टारगेट्स को फिर से रिवाइज़ करने का किया। अब तक 12:00 बज चुके थे। वो जानती थी कि अब तक तो ये खबर फेल चुकी होगी। उसे पता था की ये सिर्फ इनर सर्कल तक ही रहेगी। क्योंकि अगर ये बाहर आ गई तो सब का नुकसान था। उसने अपने सोर्सेसको फोन लगाया और पता किया कीउसका हर टारगेट इस वक्त क्या कर रहा है।
आर्यन शर्मा इस वक्त तो इनएक्टिव था। उसकी कोई ऐसी हरकत थी नहीं कि राधिकाको उस पर कोई ज़्यादा शक हो। लेकिन वो जानती थी की ये आदमी कभी भी कुछ भी कर सकता है। सावंत तो अभी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ था। और पिछले कुछ दिनों से को डॉक्टर मेनन पर नज़र तो रख रहा था, लेकिन ऐसा उसका कोई खास प्लान था नहीं। अब बचा सिर्फ एक, या कहें कि दो राणे और वो कॉन्ट्रैक्ट किलर । राधिकाको अब इन दोनों में से ही पसंद करना था। उसे ये लगता था, हो ना हो इस सिचुएशनमें l दोनों ही इंवॉल्व है। पर अभी ये कांड किसने किया इसके लिए तो वो भी श्योर नहीं थी। लेकिन उसे श्योरिटी देने के लिए एक कॉल आया।
" होम मिनिस्टरने अबीर खान को इमरजेंसी में बुलवाया है। " इतना केहकर फोन कट हो गया। राधिका समझ गई। अबीर खान आया है मतलब तबाही भी आएगी। उसके साथ एक केस में काम करके राधिका उससे काफी इंप्रेस हुई थी। लेकिन उसे ये अच्छी तरेेह पता था , अगर ये आदमी इस सिचुएशनमें इंवॉल्व है मतलब बहोत बड़ा इशू होने वाला है।
उसने अपने सभी सोर्सिज़को मैसेज किया कि सब हाई लेवल पर एक्टिव हो जाए, पल-पल की उसको खबर मिलती रहे।
***
होम मिनिस्टरकी बातें सुनकर अबीर इतना तो समझ गया था की वो इसके लिए परफेक्ट बंदा है। लेकिन अब उसे जितना जल्दी हो सके डॉक्टर को ढूंढना था। उसने जल्दी से हुकुम देने शुरू कर दिए : मुझे सीसीटीवी नहीं चाहिए। मुझे सिर्फ दो आदमी ऐसे दो जो मेरे लिए हर ऑर्डर फॉलो कर सके, बिना किसी सवाल के। 1 असोल्टर जो वक्त आने पर मुझे काम आ सके। एक ऐसा आदमी जो मुझे मुंबई के किसी भी एरिया में बिना गूगल मैप की हेल्प के पहुंचा सके। और हां सबसे इंपॉर्टेंट, मेरी फेवरेट गन जो आपने ली थी। वो वापस दे दो। अपनी वाली का मज़ा ही कुछ और है।
राणे जानता था की अभी उसके पास कोई और चारा नहीं है। ये मिशन सीक्रेट होना था इसीलिए उसने अबीर खान को चुना था। अगर डिपार्टमेंटके किसी ऑफिसरको बुलाता तो ये खबर पक्का लिख हो जाती। अबीर पर उसे पूरा भरोसा था। वो चाहे कितना भी अनकंट्रोल्ड और सनकी हो, पर ईमानदारी उसके खूनमें थी। इसीलिए उसने बिना कोई सवाल था हिचक के उसके सारे ऑर्डर्स मंज़ूर कर दिए।
अबीर अपने कंट्रोल रूममें गया और वहां बैठे एक बंदे को कंप्यूटर की तरफ इशारा करके बोलने लगा : जल्दी से डॉक्टरका आधार डेटा, उनके फिंगरप्रिंट और रेटिनाका डेटा मेरे पास लाओ। चाहे तो युआइडिएआइ की साइट हैक करो, म्युनिसिपल सर्वर में से भी मिल जाएगा। अगले 5 मिनट में मुझे चाहिए।" पास में बैठे एक आदमीको उसने इशारा किया : "तुम उस चेयर पर जाकर बैठो, और एक पेपर-पेन लेकर डॉक्टर मेननके किडनेप होने से अब तक लेबके आसपास जितने भी बाइक या गाड़ियां पड़ी मिली थी या निकली है सब की लिस्ट बनाओ। सबके नंबर चेक करो। ट्रेस करो। आई वांट एवरी व्हीकल टू बी ट्रेस्ड। और याद रहे सीसीटीवीको बिल्कुल हाथ मत लगाना। या तो वो कैमरा बंद होगा या फिर इरेस्ड। किडनेपर इतना बेवकूफ तो नहीं होगा की लेब में से उनको उठा ले जाए और सीसीटीवी भूल जाए। तो अपना टाइम वेस्ट बिल्कुल मत करना।
अबीर राणे को बता रहा था: किडनेपर इतना बेवकूफ नहीं होगा कि वो डॉक्टरको कुछ नुकसान पहुंचा सके। क्योंकि अगर उसे पहुंचाना होता तो वो जूली की तरह उनको भी मार ही देता। पर उसने नहीं किया। तो हमारे पास थोड़ा वक्त तो है। जूली की बॉडी से जो बुलेट मिली है वो अभी तक कि किसी भी गन से मैच नहीं कर रही। ये थोड़ी चिंताकी बात है। या तो ये किसी इंटरनेशनल आदमी का काम है जो बहोत चालाक है कि वो ऐसे न्यूली अपग्रेडेड हथियार इस्तेमाल कर रहा है। या तो फिर ये कोई जीनियस लेवल का काम है। जो गन की बुलेट अपने तरीके से डिज़ाइन करना जानता है, मतलब वो हथियारों की नेक्स्ट लेवल समझ रखता है। दोनों ही हालत में हमारा पाला बड़ी मुसीबत से पड़ने वाला है।
अब तक कोई रेन्सम के लिए कॉल नहींआया। रात के 3:00 बजने को आए हैं। और हम डॉक्टरकी लोकेशन के नज़दीक पहोंचने ही वाले हैं। गाड़ियों की मूवमेंट और डॉक्टर के फिंगर प्रिंट के आधार पर हमें इतना तो पता चल चुका है कि वो लोनावला में है। लेकिन उसके बाद की इंफॉर्मेशन अभी भी हमें नहीं मिली। एक जगह जाकर गाड़ी और फिंगरप्रिंट की पोजीशन दोनों ही रुक गई थी। और वो वहां से अब तक हीले नहीं।
" तुम खुद एक टीम लेकर जाओ। उन्हें सही सलामत ले आना। ज़िंदा, और याद रखना उनकी कीमत तुमसे ज़्यादा है।" राणे ने गंभीरतापूर्वक अबीर को समझाते हुए कहा। " इस बार कोई ऐसी गलती मत कर देना कि बाद में मुझे कवर करने आना पड़े। "
***
इधर अबीर अपने तरीके से डॉक्टर को ढूंढने में लगा था। उधर राधिका भी डॉक्टरके करीब पहोंच रही थी। लेकिन इनके अलावा एक और इंसान था जो इसी मेहनत में लगा था। अपने लैपटॉप पर बैठा हुआ बस जीटीए खेल रहा था। अपनी घड़ी में देख रहा था । जो 3:30 बजे का वक्त बता रही थी। उसे लगा कि अब समय हो गया है। उसने अपना लैपटॉप बंद किया और अपनी बाइक निकालकर लैपटॉप और कुछ ज़रूरी सामान लेकर अपने घर से निकल गया। बीच लॉक डाउन , सुबह के इंतज़ार की रात में मुंबई से बाहर लोनावला की तरफ।