cricketer bitiya in Hindi Short Stories by Udita Mishra books and stories PDF | क्रिकेटर बिटिया

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क्रिकेटर बिटिया

क्रिकेटर बिटिया

आज दीप्ति अपने आप को डीसपी की वर्दी में देख कर बहुत खुश थी। उसका बरसों का सपना जो साकार हो गया था। उसे बचपन से ही पुलिस की वर्दी देख कर बहुत अच्छा लगता था। और दीप्ति पुलिस की वर्दी देख कर हर बार यह सोचती कि वह भी एक पुलिस अफसर बनेगी

बचपन में अपने दोनों भाइयों को क्रिकेट खेलते देखती तो बोलती कि मैं भी क्रिकेट खेल लूंगी इस पर बड़ा भाई उसे डांटता और मजाक उड़ाता कि

"लड़की होकर क्रिकेट खेलेगी तू जा छुपा छुपाई खेल, खो खो खेल, पांचे खेल, क्रिकेट खेलना तेरे बस की बात नहीं" । वह इस पर चिढ़ गई और छोटे भाई राजू के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया। राजू उसे इस लालच में क्रिकेट खिलाता था कि दीप्ति दीदी बोलिंग करेगी तो उसे बैटिंग करने को मिलेगा । धीरे धीरे दीप्ति राजू के दोस्तों के साथ भी क्रिकेट खेलने लगी और बालिंग करने में उसने खूब मेहनत की और तेज गेंदबाज बन रही थी।

राजू के दोस्त दीदी की बॉलिंग देखकर दंग थे वो उसे रावलपिंडी एक्सप्रेस और लेडी शोएब अख्तर कह कर बुलाते ।

इसी बीच उसकी तारीफ सुनकर बड़े भाई अज्जू ने उसे बॉलिंग करवाने के लिए बुलाया। दीप्ति की बॉलिंग देखकर अज्जू के दोस्त भी दंग थे । उसने पहली ही बाल पर अज्जू की गिल्लियां बिखेर दीं। और ऐसा कई बार किया।धीरे-धीर दीप्ति की चर्चा पूरे स्कूल में भी होने लगी यह बात स्कूल के खेल टीचर वर्मा जी को पता चली उन्होंने दीप्ति का खेल देखा दीप्ति की बॉलिंग देखकर वह भी चकित रह गए उन्होंने उसका नाम जिला स्त्री क्रिकेट एसोसिएशन में भेज दिया। उसने सब जगह बहुत अच्छा खेला और वहां से आगे बढ़ पढ़कर संभाग, प्रदेश और नेशनल फिर इंटरनेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप में भाग लिया और चैम्पियनशिप जीतने में उसे फायनल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब मिला जिसके कारण अपना नाम रोशन किया, देश का नाम रोशन किया। माता पिता दोनों भाई उसकी यह उपलब्धि देख कर बहुत खुश थे उसकी मां ने बोला

"बेटियों को रास्ता दिखाने की जरूरत नहीं होती वह अपना रास्ता खुद चुन लेती हैं।"

दीप्ति के इस प्रदर्शन पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने उसे डीसपी की पदवी प्रदान की और इस इस तरह उसका बचपन का पुलिस की वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ। खेल के शौक ने उसके मन की इच्छा पूरी की ।

इस तरह दीप्ति ने सिद्ध किया कि बेटियां किसी से कम नहीं होती।

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