adhure khwab in Hindi Short Stories by Bindu books and stories PDF | अधूरे ख्वाब

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अधूरे ख्वाब

आज पहली बार हिंदी में एक कहानी लिखने का प्रयास कर रही हूं पता नहीं मैं अच्छा लिख पाऊंगी या नहीं वैसे तो मैं हिंदी में कई विचार छोटी-छोटी कविताएं लिखती रहती हूं और कई दिन से मैं सोच रही थी कि एक हिंदी में कहानी भी लिखुं मैं आशा रखती हूं के आप सभी को मेरी ये छोटी सी कहानी सभी को पसंद आएगी)
सुहाना नाम जितना सुंदर दिखने में भी वैसे ही खूबसूरत
और स्वभाव में भी बहुत दयालु और हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहने वाली एवं सकारात्मक विचार शैली रखने वाली एक लड़की घर परिवार में चार बहनों में से वह सबसे छोटी और उससे भी छोटा एक भाई
सुहाना के पापा एक शिक्षक थे और मां एक सामान्य गृहिणी
सुहाना के पापा चाहते थे के उनके सभी बच्चे खूब पढ़े लिखे और अपने दम पर कुछ बने घर में सभी लोग शांत प्रकृति के और पढ़ाई लिखाई में भी होशियार....
बड़ी तीन बहनों की शादी के बाद सुहाना के पिता चाहते थे कि सुहाना भी अच्छे से पढ़े लिखे और जो चाहे वह बने सुहाना की मां को सभी बच्चों में से सुहाना से ज्यादा लगाव था और सुहाना के लिए वे सदैव चिंतित रहते थे की अच्छे से घर आने में ब्याह करके उसे भी स्थाई कर दिया जाए
सुहाना की तीन बहनों में से बड़ी बहन को छोड़कर दोनों मजली बहने नौकरी करती थी और सुहाना भी चाहती थी कि वह भी कुछ करें लेकिन वह अन्य व्यवसाय और नौकरी में जुड़ने से बेहतर अपने पापा की तरह एक शिक्षक ही बनना चाहती थी इसीलिए सुहाना ने अपने ग्रेजुएशन के बाद टीचिंग कोर्स में जॉइंट होने का सोचा ताकि वह भी एक अच्छी शिक्षक बन सके b.ed में बहुत ही अच्छे परिणाम प्राप्त करने के बाद गुरुजनों और पिता के आदेश के अनुसार बीएड के ऊपर की पदवी m.ed ज्वाइन किया सुहाना के पिता चाहते थे कि सुहाना जो चाहे पढ़े और कई डिग्रियां प्राप्त करें m.ed के दौरान सुहाना ने कई जगहों पर रिज्यूम भी दे दिया ताकि वह पढ़ाई के साथ साथ अपना खर्च खुद उठा सके और इसी दौरान उसे एक अच्छी सी स्कूल में जोब भी मिल गई
सुहाना की मां चाहती थी कि अब सुहाना के लिए कोई अच्छा सा घर परिवार और लड़का मिल जाए तो उसके भी हाथ पीले कर दे और अपनी जवाबदारी से मुक्त हो जाए लेकिन सुहाना के पिता चाहते थे कि सुहाना की पढ़ाई में कोई अड़चन ना आए इसीलिए उसे पहले पढ़ लेना चाहिए
अक्सर जब हम अपने प्लान बनाते हैं तो ज्यादातर हमारे प्लान अन सक्सेस होते हैं क्योंकि कुछ प्लान ईश्वर पहले से ही बना चुका होता है और सुहाना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ
सुहाना के मामा और मौसी ओने बाहर घूमने का प्लान बनाया था और वह चाहते थे कि सुहाना और उसकी मां भी उसके साथ जाए और प्लान इस तरह से बना था की छुट्टियों के दौरान ही सब लोग घूमने जाएंगे लेकिन यूनिवर्सिटी में कुछ कारणवश छुट्टियों में कटौती आई और एग्जाम की तारीख बदल दी इसी कारण सुहाना घूमने नहीं जा सकेगी इसका उसे अफसोस था पर उसने अपने पिता से कहा कि मां कभी घूमने नहीं जाती प्लीज आप उन्हें मामा और मौसी के साथ घूमने जाने की अनुमति दे और सुहाना के पिता ने भी हामी भरी और सभी के आग्रह से सुहाना की मां अपने भाई और बहन के साथ धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए निकल पड़े
जब वह यात्रा कर रहे थे उसी दौरान जब वो लोग किसी धार्मिक स्थल पर पहुंचे तो वहां पर आतंकी हमला हुआ और उसी आतंकी हमले के दौरान सुहाना की मां का वहीं पर देहांत हो गया
यह बात जब सुहाना के पिता और सुहाना को पता चली तो मानो उन पर तो पहाड़ टूट पड़ा घर में सभी लोग अंसमझ में थे कि यह कैसे हो गया
सुहाना की मां जो चाहती थी कि सुहाना भी दुल्हन बने वह एक सपना ही रह गया क्योंकि सुहाना की मां के देहांत के बाद सुहाना के पिता को हार्ट अटैक आ गया और छोटे भाई की पढ़ाई भी अभी अधूरी थी इसी दौरान सुहाना को भी सभी जवाबदारी ओ को संभाल लेना पड़ा बस इतनी सी है यह कहानी .....🙏 जय श्री कृष्णा 🙏