साइबर क्राइम– भाग तीन
आर० के ० लाल
मैंने पूछा कि मुझे क्या करना पड़ेगा? वे बोलीं इसके लिए तुम्हें कंप्यूटर पर कुछ खास काम
करना पड़ेगा और कंपनी के लिए तमाम क्लाइंट बनाना पड़ेगा। सब कुछ मैं तुम्हें बता दूँगी । इसे गोपनीय
तरीके से ही तुम्हें करना होगा। सब कुछ इंटरनेट पर ही होगा इसलिए घबड़ाने की कोई बात नहीं है । उन्होंने
मुझे समझाया कि इस काम में कोई रिस्क नहीं लेना है इसलिए तुम्हें कुछ फर्जी प्रोफाइल बनाना होगा। उसके
लिए तुम फेसबुक से किसी न किसी की फोटो डाउनलोड करके उसी का एक नया प्रोफाइल बना सकते हो।
फिर उसके माध्यम से लोगों को फ्रेंडशिप की रिक्वेस्ट भेज कर अपना काम कर सकते हो, लड़कियों की
प्रोफाइल बनाना ज्यादा अच्छा होगा। मुझे बताया कि अक्सर ऐसा भी होता है कि किसी फ़ेसबुक अकाउंट में
लड़की की तस्वीर लगी होती है लेकिन वास्तव में वह अकाउंट किसी लड़के ने बनाया होता है। कई बार ऐसे
अकाउंट में अलग-अलग लड़कियों की तस्वीरें होती हैं। तस्वीरें आपत्तिज़नक तक हो सकती हैं।
इतने दिनों में मुझे एहसास हो गया था कि बड़े स्तर पर फेसबुक
अकाउंट की हैकिंग का काम मैडम खुद कर रही थी जिसमें अनुमति के बिना किसी के लैप टॉप से लॉग इन
करने वाले फ्रेंड्स तक के अकाउंट होते थे। वे स्पाइमिंग भी करती थी। लोग फेसबुक पर अपनी निजी
जानकारियाँ जैसे कहाँ रहते हैं, क्या काम करते हैं, कहाँ घूमते हैं आदि लिखते रहते हैं अथवा गूगल मैप फीचर
का इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं के सहारे मैडम अपना काम करती थीं ।
उन्होंने मुझे हिदायत दी कि किसी को शक न हो इसलिए
तुम्हारे साथ एक लड़की भी काम करेगी जो अपनी आवाज में चैटिंग कर सकती है। मैडम ने मुझसे कहा कि
तुम अपनी पसंद की लड़की ले सकते हो। उसकी तनख्वाह भी हमारी कंपनी देगी। अगर तुम्हारी कोई गर्ल
फ्रेंड होती तो कितना अच्छा होता। कोई बात नहीं, तुम ऑफिस की किसी मनपसंद लड़की को ले सकते हो।
वो तुम्हारा सब तरह का ख्याल भी रखेगी। इसकी जिम्मेदारी मेरी है। ग्राहकों से तुम उस लड़की से चैटिंग
करवाओगे और उनकी डेटिंग भी फिक्स कराओगे। कंपनी ने अपने कई फार्मूले बनाए हैं और उनके द्वारा
अच्छी सेवा देकर तुम अपने ग्राहकों से ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने का काम करोगे"। यह सब सुनकर मैं
बहुत खुश था। मन में लड्डू फूट रहे थे कि नौकरी भी और छोकरी भी। अपनी तो निकाल पड़ी है।
अगले दिन मैडम ने स्वयं ऑफर करते हुए कहा कि तुम मेरे
साथ ड्रिंक कर सकते हो। बोलो कौन सा ब्रांड पसंद है। मैं बोला- जो आप पिला दो। फिर वो बोली अब तुम
काम सीख चुके हो। आज से तुम्हें अपना काम शुरू करना है और पैसे बनाने हैं। मैंने उनसे पूछा, “यह बात
तो ठीक है लेकिन इतनी आसानी से पैसे कौन देगा”? उन्होंने कहा कि तुम्हारा सोचना सही है। सीधे कोई
पैसा नहीं देगा। तुम्हें अनेक प्रकार से काम करना होगा। उपयोगकर्ताओं की कमजोरियों का फायदा उठाना
होगा । मैं तुम्हें उपयोगकर्ताओं की चार प्रमुख कमियाँ बताती हूँ जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। पहला
– टेक्नोलोजी तो सबके हांथ में है मगर अवेयरनेस कम लोगों में है। दूसरा – लोग सुविधाभोगी मगर
लापरवाह होते हैं। तीसरा – लोग अपने लोभ का संवरण नहीं कर पाते हैं । चौथा – लोग जल्दी घबड़ा जाते
हैं।
एक और तरीका मेरे दिमाग में है कि तुम जिसकी फोटो से
प्रोफाइल बनाओ उनको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजो। तुम्हारे साथ वाली लड़की उसे बात करेगी और उसे पटाएगी।
कुछ दिनों बाद कहेगी कि वह किसी बड़ी मुसीबत में है और उसे पैसे की सख्त जरूरत है जो बाद में वह
वापस कर देगी। इस प्रकार हो सकता है की वह व्यक्ति आसानी से तुम्हारे बताए अकाउंट में पैसा ट्रांसफर
कर दें। अकाउंट नंबर कंपनी की तरफ से तुम्हें बताया जाएगा। पैसे आने के बाद तुम्हारा हिस्सा तुम्हें दे दिया
जाएगा। किसी को पता भी नहीं चलेगा कि यह काम तुमने किया है।
फेसबुक पर घोटाले के लिए एक व्यक्ति को आकर्षित करके
एक फर्जी लिंक पर क्लिक करवा कर उससे कहा जाता है कि आपने एक उपहार मुफ्त जीता है। उपहार का
दावा करने के लिए तुम उनसे आवश्यक डेटा ले लोगे। तुम्हें हर बार अलग-अलग तरीके से लोगों को फंसाने
की कोशिश करनी होगी। इसके लिए उन लोगों की सूची बनाओ जो गलतियां करने के आदी हों, जो डेफ़ाल्टर
हों, जैसे जिनका के वाई सी न पूरी हो , जिन्होंने टैक्स न दिया हो, जिनकी इन्शुरेंस पॉलिसी लैप्स हो गयी हो
अथवा जिनके उपर बैंक का कर्ज हो । तुम ऐसे लोगों को मैसेज भेज कर, फोन कॉल करके उनकी गलतियों
का एहसास कराओ और डराओ कि यदि वे तुम्हारी मदद नहीं लेंगे तो बहुत संकट में पड़ जाएँगे। वे तुम्हारी
चाल में आ जाएंगे तो तुम उनके अकाउंट के पासवर्ड आदि पूछ लोगे और तुरंत उसका इस्तेमाल कर लोगे।
तुम्हें पता होना चाहिए कि लोग ऐसा पासवर्ड रखते हैं जो उन्हें याद रहें , जैसे घर का पता, टेलीफोन ,
मोबाइल, कार का नंबर , डेट ऑफ बर्थ आदि। ये कमजोर पासवर्ड कहलाते हैं। तुम उन्हें आसानी से पता
कर लोगे। एक बार पासवर्ड का पता चल जाए तो बहुत तरीके से उसका इस्तेमाल कर सकते हो।
मैंने मैडम की बहुत तारीफ की," क्या दिमाग पाया है
आपने"? फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया । उन्होंने कहा, “इतना उत्साहित होने की जरूरत नहीं है, मुझे
तो तुम कभी भी पा सकते हो पहले तुम कुछ करके दिखाओ”। उस रात उन्होंने मुझे डिनर भी कराया। मैंने
दूसरे तरीके जानना चाहा तो उसने कहा पहले एक तरह से काम करने में माहिर हो जाओ, फिर आगे की
सोचना। उसने मुझे हिदायत भी दी कि तुम्हारे ऊपर पूरी निगरानी रखी जाएगी इसलिए कंपनी के साथ धोखा
मत करना।
हम बात कर ही रहे थे कि एक छोटा लड़का मैडम के कमरे
में आया। उसने इसी साल हाई स्कूल पास किया था। उसे लोगों के कंप्यूटर पर स्पैम ईमेल भेजने का काम
दिया गया था । वह साइबरफिशिंग का काम करता था, मतलब कि छोटे बच्चे भी मैडम के काम में शामिल थे
जिससे लोग उसके झांसे में आ जाए। उस लड़के ने एक क्लिप्पिंग दिखाई जिसमे लिखा था – “नमस्कार !
करोड़पति बनने का सबसे आसान तरीका कौन सा है? इसका जवाब सिर्फ कुछ क्लिक की दूरी पर है। आप
अपनी आजादी और पैसे के रातों-रात मजे ले सकते हैं बस सोचिए थोड़े पैसे खर्च करके आप इतनी बड़ी
लाटरी जीत सकते हैं। कभी भी हमारे बढ़िया लाटरी के लिए जीतना इतना आसान नहीं हुआ है”। आगे उस
क्लिपिंग में लाटरी जीतने का पूरा तरीका दिया गया था । मुझे पता चला कि वे बच्चों को साइबरबुलिंग द्वारा
बरगलाते हैं । हमें यह भी पता चला कि वहाँ पर कंप्यूटर में वायरस डालने वाले वेबसाइट के साथ ही
तरह-तरह की नकली ऐप्प बनाये जाते हैं जिस पर उपयोगकर्ता बिना किसी संदेह के अपना नाम, उम्र,
लोकेशन, पसंद- नापसंद, फोन नंबर, पता आदि उपलब्ध करा देते हैं और बिना सोचे समझे उन्हें प्रयोग करने
की परमिशन दे देते हैं। उन्होने मूझे स्टोकिंग द्वारा कुछ लोगों के प्रोफ़ाइल को लगातार वाच करने का भी
काम दिया।
ओएलएक्स जैसे एप्प में प्रविष्ट होकर अपराधी लोग लोगों
को ठगने का काम करते हैं। उस पर अक्सर कहते हैं कि वे विदेश जा रहे हैं और अपना सामान सस्ते में बेच
रहे हैं। विश्वास दिलाने के लिए किसी के घर का पूरा फोटो डालते हैं , एक फोन नंबर बताते हैं तथा बात भी
करते हैं। पूरे घर का सस्ते दाम लगाते हैं और फिर एक अकाउंट नंबर देकर उसमें एडवांस डालने के लिए
कहते हैं। लोग झांसे में आ जाते हैं और अकाउंट में पैसे डाल देते हैं। फिर उनका कांटेक्ट समाप्त हो जाता
है। कोई फोन करता रहे वे लापता हो जाते हैं।
क्रमशः