Baat ek raat ki - 33 in Hindi Detective stories by Aashu Patel books and stories PDF | बात एक रात की - 33

Featured Books
Categories
Share

बात एक रात की - 33

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

प्रकरण - 33

‘मैं हॉल में दाखिल हुई तब दरवाजे के पास ही मुझे दिलनवाझ की नई गर्लफ्रेंड प्रिया प्रधान सामने मिली थी। वह हॉल से बाहर आ रही थी।‘ हीना ने बताया।

‘आपने यह बात स्टेटमेंट दर्ज करवाते वक्त क्यों नहीं बताई? सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार ने पूछा।

‘उस वक्त मेरा माइंड ब्लेंक था।‘ हीना ने कहा।

‘प्रिया प्रधान और आप हॉल के दरवाजे के पास मिले तब आपको देखकर उसके चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया आई थी?’

‘हम दोनों की नजरें मिली तब वह मेरे सामने देखकर मुस्कुराई थी।‘

‘कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम खुद को निर्दोष साबित करने के लिए प्रिया की ओर हमारा ध्यान डाइवर्ट कर रही हो? प्रिया और दिलनवाझ के जिस तरह के रिलेशन्स थे उससे तुम्हारे मन में उसके प्रति पूर्वग्रह होना स्वाभाविक है।‘

‘मैं जो सच है वही बता रही हूँ।‘

‘लेकिन सान्योगिक सबूत तुम्हारे खिलाफ जा रहे हैं।‘

‘मैं फिर से कह रही हूँ कि दिलनवाझ का खून करने का विचार मुझे कई बार आया था, लेकिन मैंने उसका मर्डर नहीं किया।‘

................

‘दिलनवाझ की पत्‍‌नी हीना ने कहा है कि वह यॉट के हॉल में प्रवेश कर रही थी तभी हॉल के दरवाजे के पास तुम दोनों मिली थी। तब तुमने हीना को क्यों नहीं बताया कि दिलनवाझ गैलरी में से गायब है?’

इनामदार ने प्रिया प्रधान से पूछा।

‘मैं उस वक्त अंदर गई थी ये सिर्फ संयोग था, लेकिन तब मैं गैलरी में नहीं रेस्ट रुम में गई थी और वहाँ से वापस लौट आई थी।‘ प्रिया ने कहा।

‘आप जिसे संयोग बता रही है उसे हम सान्योगिक सबूत मानते हैं !‘

‘लेकिन दिलनवाझ तो मुझे हिरोइन के रुप में फिल्म में ब्रेक देना चाहता था। उसका मर्डर कर के मैं अपना ही नुकसान क्यों करूँ?’ प्रिया ने दलील की।

...............

‘सर, शंका के दायरे में शामिल व्यक्तियों के पास दिलनवाझ के मर्डर की कोई-न-कोई वजह थी। लेकिन किसी के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिल रहा।‘

सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार को बता रहे थे। इनामदार ने कई मर्डर केस सोल्व किया था, लेकिन ये केस उसके लिए सिरदर्द साबित हो रहा था।

......................

‘क्या कर रहे हो आप लोग?’

चीफ मिनिस्टर किसनराव पाटिल पुलिस कमिशनर को फोन पर पूछ रहे थे। उसकी आवाज में सख्ती थी।

‘सर, जांच चल ही रही है, शॉर्ट टाइम में मर्डरर को पकड़ लेंगे।‘

‘प्राइम मिनिस्टर का मुझ पर दबाव है। ये एक फिल्म स्टार के मर्डर की ही बात नहीं है, ही वोझ अ मेम्बर ऑफ पार्लामेन्ट, समझ रहे हैं न आप?’

‘यस सर। थोड़ा समय दीजिए, प्लीझ। हम जल्द केस को सुलझा लेंगे।‘

‘मुझे वायदे नहीं, परिणाम दीजिए। मीडिया भी हाथ धोकर पीछे पड़ा हुआ है। जल्द से जल्द केस सोल्व करों अन्यथा मुझे ये केस सीबीआई को सौंपना पड़ेगा।‘ चीफ मिनिस्टर पाटिल ने अल्टिमेटम दे दिया।

..................

‘गिव मी रिझल्ट। सी.एम. का मुझ पर भारी प्रेसर है।‘

पुलिस कमिशनर पटनायक ने जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार से कहा।

‘वी आर कमिंग क्लोझर, सर। गिव मी सम मोर टाइम, प्लीझ।‘

‘क्या डेवलपमेंट है केस में?’ दिलनवाझ की वाइफ हीना की पूछताछ की?’

‘यस, उसने कहा कि मैंने गुस्से में दिलनवाझ को मारने की धमकी दी थी, लेकिन मैंने उसका मर्डर नहीं किया। वह दिलनवाझ की नई गर्लफ्रेंड प्रिया प्रधान की ओर ऊँगली उठा रही है। वह कहती है कि दिलनवाझ को देर हो गई थी इसलिए मैं यॉट के हॉल में गई थी तब प्रिया हॉल में से बाहर आ रही थी।‘

‘उससे पूछताछ की इनामदार ने?’

‘यस, हालांकि उसने कहा कि दिलनवाझ तो मुझे हिरोइन के रुप में ब्रेक देने वाला था। मैं उसे मारकर नुकसान क्यों करुंगी?’ अमोल कुमार ने बताया कि, ‘हीना के पास दिलनवाझ का मर्डर करने की वजह थी, लेकिन प्रिया के मामले में ऐसा कोई मोटिव प्रतीत नहीं होता।‘

‘हीना का पोलीग्राफी टेस्ट करवाए। पटनायक ने कहा। फिर उसने पूछा, ’दिलनवाझ की घड़ी में किसी का बाल फंसा हुआ था। उसका डीएनए रिपोर्ट आ गया?’

‘उसका रिपोर्ट आने में शायद दो – तीन दिन लगेंगे। डेप्युटी कमिशनर ने फोरेंसिक लेब के डिरेक्टर को कॉल कर के हो सके उतनी जल्दी रिपोर्ट देने की विनंती की है।‘

..................

‘सर, मोबाइल फोन का रिकार्ड आ गया है....’

सब इंस्पेक्टर पराग जाधव ने सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार को जानकारी दी। इनामदार ने उसे किसी व्यक्ति की मोबाइल रिकार्ड निकलवाने का निर्देश किया था।

जाधव ने जैसे ही बात पूरी की इनामदार के चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर आये।

‘ओह नो !’ उसके मुँह से उदगार निकल पड़ा !

******