Jo Ghar Funke Apna - 33 in Hindi Comedy stories by Arunendra Nath Verma books and stories PDF | जो घर फूंके अपना - 33 - अब आयेगा असली मज़ा!

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जो घर फूंके अपना - 33 - अब आयेगा असली मज़ा!

जो घर फूंके अपना

33

अब आयेगा असली मज़ा!

लिफ्ट के अंदर एकदम करीब चिपकी हुई नादिया की परफ्यूम कपूर को मदहोश करती रही. यदि एवरेस्ट की चोटी तक भी उस लिफ्ट में चढ़ते ही जाना होता तब भी कपूर भगवान् से यही मनाता जाता कि एवरेस्ट को थोड़ी और ऊंचाई बख्शे. आठवीं मंजिल पर पहुंचकर जब लिफ्ट रुकी, वे बाहर निकले और नादिया ने अपना सिल्वर फॉक्स के फर वाला कोट उतार कर रेस्तौरेंट के बाहर परिचारिका को पकडाया तो कपूर उसे देखता ही रह गया. उसे लगा जैसे सूर्य की पहली किरण के स्पर्श से कमल के फूल ने हौले-हौले अपनी पंखुड़ियां खोल दी हों. विक्टर ने हलके से गला साफ़ करके इशारा किया तो उसे अपने जामा मस्जिद से खरीदे हुए ओवरकोट को उतारकर परिचारिका को देने का ध्यान आया. मीशा ने मुस्करा कर कपूर से कुछ पूछा जिसका विक्टर ने तर्जुमा किया “सुन्दर है न आपकी साथी?’’ कपूर ने जोर से हामी भरी तो विक्टर ने उत्साहपूर्वक कहा ‘’फिर तो हम आज शैम्पेन पियेंगे, वोदका नहीं‘’ कपूर बोला “ऑफकोर्स जी, वोदका शोद्का को मारो गोली“ विक्टर से वह अंग्रेज़ी में बात कर रहा था पर विक्टर को कपूरिया अंग्रेज़ी के उस छोटे से वाक्य में भी दो शब्द नहीं समझ आये – ऑफकोर्स के बाद ‘जी’ और वोदका के बाद ‘शोद्का’ पर वह अपनी शंका का समाधान कर सके इसके पहले ही नाद्या ने चर्च की घंटी जैसी सुरीली आवाज़ में कहा “या लूब्ल्यू चम्पास्कॉय इ सिकरे’’ कपूर रूस में आठ दस दिन बिता कर इतनी रूसी तो सीख ही चुका था कि उसका आशय समझ जाए. वैसे भी इस वाक्य में तीनो ही काम के शब्द थे चम्पोस्कोय अर्थात शैम्पेन, इकरा अर्थात केवियार और या लूब्ल्यू अर्थात मुझे मुहब्बत है. उसका दिल तड़प कर रह गया, काश वह कपूर होने के बजाय शैम्पेन की बोतल या कैवियार की प्लेट होता! यद्यपि मछली के अंडे से बनी केवियार से उसे दो कारणों से घृणा थी. एक तो वह उसे बंगालियों के काम की चीज़ मानता था ऊपर से वह एक बहुत महंगी डिश थी. पर नाद्या की आवाज़ में वो जादू था कि शायद ज़हर भी अमृत लगता. सरफरोशी की तमन्ना लिए हुए वह नाद्या के साथ साथ अन्दर आया जहां एक खाली टेबल तक पहुंचानेवाली सुन्दर परिचारिका पर उसने नज़र भी नहीं डाली. विक्टर और मीशा अपने आप में मगन रहे. शायद कपूर को पूरी तरह नाद्या के रहमोकरम पर छोड़ देने के इरादे से! नाद्या को अंग्रेज़ी नहीं आती थी और कपूर को रशियन. पर “कौन कहता है मोहब्बत की जुबां होती है?”. कपूर ने शुरूआत में ही शैम्पेन का आर्डर दिया तो विक्टर ने कहा उसे बाद के लिए रहने दो, अभी तो वोदका ही लेते हैं. फिर वोदका आई. लम्बे लम्बे नाज़ुक डंडियों वाले ग्लासों में वोदका के साथ पीने के लिए गुलाबी “ चेज़र“ आया, जिसे नीट वोदका के हर घूँट के बाद पीने के रूसी रिवाज़ से कपूर परिचित हो चुका था. इसके साथ स्नैक्स के रूप में विक्टर की पहल पर कई सारी डिशें आई. बीफ से परहेज़ रखने वाला कपूर केवल ‘चीज़’ टूंगता रहा. विक्टर और मीशा प्लेटों की सफाई करते रहे और नाद्या केवल केवियार के गोल गोल काले दानों को नफासत के साथ चुगती रही. उसकी लम्बी गोरी सुराहीदार गर्दन को देखकर कपूर सोचता रहा कि श्वेत हंस काला मोती चुगते हुए इससे अधिक सुन्दर थोड़ी लगता होगा. तभी पियानो, बांसुरी. वायलिन और सैक्साफोन के संगीत के बीच से उभरकर क्रूनर की आवाज़ हाल में होती बातचीत के ऊपर छा गयी. तालवाद्यों की गमकगूंजने लगी, जिनके साथ हाल में बैठे हुए लोग पैरों से ड्रम की बीट पर ताल मिलाने लगे. फिर उनमे थिरकन आई और कई सारे जोड़े नृत्य करने के लिए अपनी अपनी टेबुलों से उठ कर लकड़ी के चिकने डांसफ्लोर पर आ गए.

विक्टर ने खड़े होकर मीशा को फ्लोर पर चलने का आवाहन करते हुए अपना हाथ बढाया, कपूर की ओर मुस्कराकर अपनी एक आँख दबाई और वे दोनों हाथों में हाथ डाल कर नृत्य करने के लिए चल दिए. कपूर ने नाद्या की तरफ हसरत भरी नज़रों से देखा तो उसने मुस्कराकर केवियार की खाली प्लेट की तरफ इशारा करके और मंगवाने का संकेत दिया. कपूर ने तुरंत आर्डर दिया और अपने लिए और वोदका मंगाई. नाद्या का ग्लास अभी लगभग भरा हुआ था. इसके बाद आधे घंटे तक कपूर कुढ़ता हुआ आलिंगनबद्ध विक्टर और मीशा को डांस फ्लोर पर फॉक्सट्रॉट,चा चा चा और वाल्टज की धुनों पर एक दूसरे में खोये हुए,थिरकते हुए, देखता रहा. कपूर के तन मन में आग सी सुलगनी शुरू हो गयी थी. उधर नाद्या थी कि पूरी तन्मयता से केवियार खाने में जुटी हुई थी. पहले जिस नफासत से उसने चुगना शुरू किया था अब वह गायब हो गयी थी और नृत्य के बढ़ते हुए टेम्पो के साथ उसका केवियार पर आक्रमण और तीव्र हो गया था. कपूर का मन कर रहा था कि उसके सामने से प्लेट खींच कर पटक दे. केवियार ही मेनू में सबसे महंगी डिश थी उसका ये ख्याल तब गलत सिद्ध हुआ जब नाद्या की अगली फरमाइश पर उसे ग्रीन-सलाद मंगाना पड़ा. मेनू कार्ड में उसका दाम देखकर कपूर का नशा उखड़ने लगा. जनवरी के महीने की श्वेत हिमाच्छादित मिन्स्क की धरती पर आयातित ग्रीन सलाद इतनी महंगी थी तो आश्चर्य क्या. पर आगे कुआँ पीछे खाई थी. न तो वह नाद्या की प्लेट फर्श पर पटक कर उसका हाथ पकड़ कर घसीटते हुए उसे डांस फ्लोर पर ले जा सकता था, न उसका वोदका का ग्लास उसके हलक के अन्दर उलट सकता था. अतः दांत पीसते हुए वह एक के बाद एक वोदका के तीन बड़े पेग चढ़ा गया. शाम को रोमांटिक मूड बनाने की तय्यारी में जो स्कॉच उसने मेरे कमरे में ले थी उसके साथ वोदका का संगम धीरे धीरे पेट से ऊपर चढ़ते हुए दिलो दिमाग पर काबू करने लगा.

तभी अचानक बैंड ने विश्राम का एलान किया. विक्टर और मीशा नृत्य और रोमांस की घनघोर बौछार में सराबोर होकर वापस टेबुल पर आ गए और बड़ी मासूमियत से पूछा कि कपूर डांस फ्लोर पर क्यूं नहीं आया. उत्तर नादया ने रूसी में दिया जिसका तर्जुमा करके विक्टर ने बताया कि उसे ये पुरानी धीमी गति वाले नृत्य नहीं पसंद थे. वह ट्विस्ट और शेक जैसे तेज़ गति की धुनों की प्रतीक्षा में थी जो विश्राम के बाद बैंड पर बजेंगे. कपूर को चैन आया. विश्वास हुआ कि नाद्या उसके साथ न्याय करने में देर करेगी पर अंधेर नहीं. विक्टर ने सुझाव दिया कि तबतक खाना समाप्त कर लिया जाए. सुझाव देकर वह तो चुप बैठ गया पर अब कमान मीशा ने अपने हाथों में ले ली. वेटर को बुलाकर उसने लंबा चौड़ा आर्डर दिया. ज़ाहिर था कि इस व्यायाम शिक्षिका की भूख इतनी देर तक थिरकने के बाद मज़े में खुल गयी थी. नाद्या ने सुझाव दिया कि शैम्पेन की बोतल खोलने का समय आ गया था. कपूर ने वह भी मंगाई.

ड्रिंक्स और खाने के लम्बे चौड़े आर्डर को सुनकर कपूर का नशा हिरन हो जाना चाहिए था पर हुआ इसके ठीक उल्टा. उसने भी दबा कर चीज़ और सलाद से अपना पेट भरा और तह जमाने के लिए शैम्पेन के घूँट पर घूँट लेता रहा. हमने आश्चर्य से पूछा कि अपनी जेब की ह्त्या और अपनी आत्महत्या करने के जैसा ये विचार उसे क्यूँ आया तो सिरदर्द के सताए अपने माथे को दोनों हाथों से दबाते हुए उसने बताया कि बचपन में उसके स्कूल के बाहर रेढी पर कुल्फी बेचने वाले से उसने ये पाठ सीखा था. एक ट्रक से टक्कर लगने के बाद उसकी रेढी उलट गयी थी और मटकी फूट जाने से कुल्फी के सारे त्रिशंकु सड़क पर बिखर गए थे. ऐसे में जब सड़क के लोगों और बच्चों ने कुल्फी लूट कर खाना शुरू किया तो वह स्वयं भी इस शुभ कार्य में लग गया था. बाद में स्पष्टीकरण में बताया था कि इतने सारे लोगों को वह अकेला रोक तो पाता नहीं पर कुल्फी के सांचों को सबसे ज्यादा तेज़ी से वही खोल सकता था. बचा नहीं पाया पर खाई तो सबसे जियादा ! कपूर ने इस तर्क से प्रभावित होकर इस पाठ को गाँठ बाँध लिया था. परिणामस्वरूप शैम्पेन युद्ध में उसने सबको परास्त किया. उसके बाद जब नाद्या के साथ ट्विस्ट और रोक- एन- रोल नृत्य करने के इरादे से वह डांस फ्लोर पर पहुंचा तो उसे लगा कि पहले से ही फर्श रोल कर रहा था और वह स्वयं रॉक कर रहा था. फिर इसका गम कि फोक्स्त्रोत और वाल्टज जैसे नृत्यों में नाद्या को बाहों में लेने की बजाय अब उससे एक हाथ की दूरी पर खडा होकर ट्विस्ट करना था. शायद इसी लिए नाड्या ने धीमी चाल वाले संगीत पर पहले उसके साथ डांस नहीं किया था. इस लाचारगी के गुस्से और स्कोच, वोडका और शैम्पेन के सम्मिलित प्रभाव से अगले पांच मिनटों में डांस करते हुए उसने नाद्या की हाई हील सैंडल से सुशोभित पैरों की उँगलियों को छः सात बार अपने चमकाए हुए जूतों से रौंदा. अंत में नाद्या ने बिना अपनी जादुई मुस्कान बिखेरे पूछा क्या वो आराम करना चाहेगा तो उसे लगा कि इस ‘आग की दरिया में डूब कर जाने ‘ से तो अच्छा होगा कि किसी तिनके का सहारा लेकर बाहर आ जाए. वे दोनों वापस आये तो विक्टर और मीशा ने ताली बजा कर उनका स्वागत किया. इसके बाद की घटनाओं के बारे में कपूर की याददाश्त कुछ धुंधली सी थी. इतना ज़रूर याद था कि टैक्सी में बैठते ही वह गहरी निद्रा में लींन हो गया था. कमरे में विक्टर ने पहुंचाया ये बात हमने उसे बतायी और टैक्सी के पैसे विक्टर ने दिए होंगे ये उसने सुझाया. मज़े की बात ये कि इस क़दर मदहोश रहने के बावजूद उसे कुछ धुंधला धुंधला सा याद आ रहा था कि जब वह टैक्सी में आँखें बंद किये पडा था तो नाड्या ने विक्टर को एकाध बार ‘ब्रात्या’ कह कर संबोधित किया था पर विक्टर ने श श श ध्वनि करके उसे चुप करा दिया था. मुझसे उसने पूछा कि रशियन में क्या यह भी ‘नेज्न्येये वेलेये’ जैसा ही कोई वाहियात शब्द है जो विक्टर उसे बोलने से मना कर रहा था? मैंने बताया कि ‘मात ‘के बाद रूसी भाषा में ‘ओतेत्स’ ( पिता) का नंबर आता है जिसे वैसे तो पापा कहते हैं पर “ब्रात्या” कम प्रचलित शब्द है जो पिता पर बहुत प्यार आने पर बच्चे बोल देते हैं !!!

क्रमशः ----------