मेने कितनी बार कहा था की इन लड़कियों को अपने साथ ले मत बुला , पर तुझे तो लड़कियों के अलावा कुछ सूझता नहीं '' गुस्से में अजय ने विकास से कहा और गाडी के हॉर्न को जोर जोर से बजाने लगा।
''चिल मार यार , पता नहीं तू लड़कियों से इतना दूर क्यों भागता है ''-सबसे पीछे वाली सीट से सोनू बोला
तभी रिया और सीमा अपने फ्लैट से निचे आई और गाडी में बैठ गई।
रिया-''सॉरी दोस्तों वो थोड़ा लेट हो गए ''
अजय- अरे तुम दोनों इतनी जल्दी क्यों आ गई आप दोनों , आराम से आती। हम लोग तो यहाँ इंतज़ार करने के लिए ही बैठे है''
सोनू-''कोई बात नहीं यार , लड़किया इंतज़ार नहीं करवाएगी तो उनका फायदा क्या और तू अब गाडी चला वरना यही हम लोगो को रात हो जाएगी। वैसे भी शिमला आठ घंटे दूर है।
ये पांचो कॉलेज के दोस्त जो काफी समय से एक दूसरे से मिल नहीं पा रहे थे क्युकी कॉलेज के बाद सब अपनी अपनी लाइफ में बिजी हो गए। इसलिए इन सब ने ये प्लान बनाया और शिमला घूमने का सोचा। अजय और विकास इसलिए आगे बैठे थे क्युकी वो दोनों अच्छे से गाडी चलाना जानते थे और रिया और सिमा बीच वाली सीट में और सबसे पीछे वाली में सोनू आराम से लेटा हुआ था क्युकी वो थोड़ा आलसी है।
गाडी चलना शुरू हुई , विकास ने गाना लगा दिया और धीमी धीमी आवाज़ में गाना बजने लगा।
विकास बोला -और बताओ सब क्या चल रहा है आज कल ''
सोनू-''आराम और बस आराम '' उसने ऐसा इसलिए बोला क्युकी उसके पापा एक बड़े बिज़नेस मैन है और वो बस अपने पापा का पैसा उड़ाता है।
रिया -''मेरी और सीमा की तो जॉब लग गई है नोएडा में और दोनों एक साथ ही रहते है। तुम दोनों बताओ क्युकी सोनू तो पहले ही बता चूका अपने बारे में ''और सब हंस पड़े।
अजय-में भी दिल्ली में जॉब कर रहा हु , जॉब अच्छी है मेरी पर '' और ये कहते हुए रुक गया वो
रिया-''क्या पर ''
अजय -''घरवालों ने मेरी शादी फिक्स करा दी और मुझे अभी शादी नहीं करनी अभी उम्र ही क्या है मेरी
सीमा जो अब तक चुप थी वो बोली ''ओह्ह इसी वजह से तू इतना इर्रिटेट सा है''
अजय ने कोई जवाब नहीं दिया , तभी अचानक कुछ सोच कर अजय बोला -''अरे तेरे उस आशिक़ के क्या हाल जो तुझे दिलों जान से प्यार करता था सॉरी सॉरी सॉरी मेरा मतलब अब भी करता है क्युकी उसने कहा था की वो तुझे हमेशा चाहेगा।
सीमा गुस्से में -''पता नहीं कहा है वो उस अंकित की शक्ल देखे तो चार साल हो गए ,उसका कुछ पता नहीं कहा है वो ''
अजय -''क्या बात क्या बात , लड़की को अभी तक नाम भी याद है और देखो देखो अभी उसकी शक्ल देखने के लिए कैसे बेताब है। वैसे गलत बात है तुझे उसके प्यार की कदर करनी चाहिए''
सीमा-''देख तू न फालतू की बात कर ''
इस तरह बात करते करते रास्ता काटता जा रहा था सोनू तो पहले ही सो गया।
गाडी में अब शांति थी बस गाना चल रहा था , रहना तू पल पल दिल के पास , जुडी रहे रहे तुझसे हर आस , गाडी हाईवे पर हवा की रफ़्तार से बाते कर रही थी तभी अजय ने ज़ोर से ब्रेक मारे। सब के सब अचानक से होश में आये और ऐसा लगा की जैसा बम फटा हो
विकास - अबे पागल तो नहीं है तू क्या हुआ , ब्रेक क्यों मारे अचानक ''
अजय- मुझे ऐसा लगा की जैसा कोई सामने आ गया गाडी के ''
सोनू-''रात में सोया नहीं था क्या जो दिन में भी कोई ना कोई दिखाई दे रहा है। तू हट में चालता हु गाडी।
दोनों ने सीट बदली। अब विकास ने गाडी चलनी शुरू की। लगभग आधे बाद विकास ने नोटिस किया की एक गाडी उनकी गाडी को काफी देर से फॉलो कर रही है। विकास ने गाडी की स्पीड थोड़ी कम की ताकि वो गाडी आगे निकल जाये पर वो गाडी पीछे ही रही। तीन घंटे बीत चुके थे गाडी को चलते चलते तभी सीमा बोली की उस भूख लगी है। सोनू बोला - भूख तो मुझे भी लगी है कोई ढाबा दिखे तो रोक लियो विकास। थोड़ी दुरी पर एक ढाबा मिला विकास ने गाडी वही रोकी। सब गाडी से उतरे। तीनो लड़के तो कुर्सियों पर बैठ गए और दोनों लड़किया वाशरूम में चली गई। सीमा अंदर चली गई और रिया उसके इंतज़ार करने लगी। तभी सीमा जोर से चिल्लाई और दरवाज़ा खोल कर बाहर आई। आवाज़ सुन कर अजय और विकास भी आये। सीमा का डर की वजह से बुरा हाल था पता नहीं उसने ऐसा क्या देखा वहा।
रिया-'' क्या हुआ तुझे , चिल्लाई क्यों ''
सीमा -''वो , बाथरूम में देखो तुम सब क्या लिखा है ''
विकास अंदर गया तो बस देखता रह गया वहा पांचो लोगो का नाम लिखा हुआ था। सोनू,अजय,रिया,विकास,सीमा। सबके नाम लाल स्याही से कटे हुए थे। सब के सब हैरान हो गए की ये एक संजोग है या फिर ये किसी ने मजाक किया है , या फिर ये किसी की साजिश है।
अजय ने कहा-''छोड़ो खाना , यहाँ से जल्दी चलो ''
रिया-''पर कहा चले , शिमला या फिर घर ''
सोनू-''फिलहाल शिमला चलते है क्युकी आधे रास्ते तो हम लोग आ ही गए है''
खाना तो वैसे भी किसी ने खाया नहीं था तो सब गाडी में बैठे और शिमला की तरफ चल दिए। दोनों लड़किया तो बुरी तरह डरी हुई थी। लगभग दो घंटे बाद वो लोग हिमाचल के घने जंगलो में आ चुके थे। अजय अब गाडी भी धीरे ही चला रहा था तभी अचानक गाडी झटके खाने लगी जैसे की शायद पेट्रोल ख़त्म हो गया हो। अजय ने पेट्रोल की सुई पर नज़र डाली तो देखा की पेट्रोल सच में ख़त्म हो गया।
अजय-''ऐसा कैसे हो सकता है मेने इसकी टंकी फुल करवाई थी और ये बड़े आराम से वापिस भी आ जाती इतनी पेट्रोल आ जाता है इसमें ''
गाडी को धक्का मार का कर एक कोने में किया और बोनेट खोल के देखा तो इंजन काफी गर्म हो चूका था और ध्यान से देखने पर दिखा तो पेट्रोल का पाइप जो इंजन तक आता है वो कटा हुआ है।
सोनू-''ये पाइप कैसे कटा , विकास तूने गाडी लॉक नहीं करी थी क्या ''
विकास-''यार लॉक तो करी थी पर शीशा आधा खुला हुआ छोड़ दिया था मेने ''
अजय-''अबे तू पागल है , जितनी देर में हमारे साथ ढाबे में जो कुछ भी हुआ तब तक किसी ने गाड़ी में हाथ डाल कर बोनट खोला और ये सब कारनामा कर डाला। ये कोई साजिश है शायद हम लोगो को कोई मरना चाहता है।
सीमा -''तो अब क्या करे , मुझे तो बहुत डर लग रहा है''
अजय-''करना क्या है , कोई आस पास घर देखना होगा जहा से हम लोगो को मदद मिल सके। एक काम करते है में और सोनू थोड़ा आगे की तरफ जाते है क्या पता कोई मिल जाये ''
''वैसे इस घने जंगल में मदद मिलना मुश्किल सा है '' सोनू ने उदास मन से कहा
विकास -''तुम दोनों जाओ और में इन दोनों के साथ यही रुकता हु , अगर कुछ भी हो तुरंत काल करना।
ये सभी लोग जहा फसे हुए थे वहा दूर दूर तक कोई नहीं था और ना ही मोबाईल में नेटवर्क आ रहे थे।
अजय और सोनू किसी मदद की तलाश में चलते जा रहे थे। सोनू तभी बोला -रुक मुझे ज़रा हल्का होने दे ''
कहते हु सोनू थोड़ा जंगल के अंदर की तरफ चला गया। एक मिनट बिता , दो मिनट बिता पर सोनू नहीं आया। अजय सोनू सोनू की आवाज़ लगाते हुए उसी तरफ को चलता गया पर ये क्या वहा तो सोनू है ही नहीं बस उसका जूते पड़े हुए है। ये सब देख कर अजय बहुत जायदा डर गया। तभी पास की झाड़ियों से ऐसा लगा जैसे वहा से कोई भगा हो। अजय ने डर की वजह से दौड़ लगानी शुरू कर दी। अजय अब तेज़ी से दौड़ता जा रहा था। उसे ऐसा लग रहा था की जैसे कोई उसके पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ रहा हो। अजय को यह भी नहीं था पता की वो जिस तरफ दौड़ रहा था वो सही है या गलत तभी पेड़ से लटकी हुई सोनू की लाश दौड़ते दौड़ते अजय से टकराई। लाश खून से लथपथ थी। लाश से टकराते ही अजय गिर पड़ा। एक डंडा दूर से फिकता हु आया और अजय के पैर पर लगा। पैर लगभग टूट सा ही गया। अजय जोर से चिल्लाया और उसकी आवाज़ काफी दूर तक गुंजी। अजय की इस तरह की दर्द भरी आवाज़ रिया सीमा और विकास ने जब सुनी तो तीनो डर गए।
विकास-'' ये तो अजय की आवाज़ है ''
सीमा -''लगता है वो किसी मुसीबत में है , तू उसके पास जा और ले कर आ , हम दोनों यही है ''
विकास-''ठीक है में जाता हु और तुम दोनों गाडी के पास ही रहना और अगर कुछ भी दिक्कत हो तो गाडी के अंदर लॉक करके बैठ जाना''
विकास ने गाडी की डिग्गी से एक लोहे की रोड निकाली और अजय को ढूंढ़ने चल दिया और साथ ही उसने अजय को का नंबर भी लगाया पर उसका कोई फायदा नहीं हुआ। अजय की चिल्लाने की आवाज़ और तेज़ होती जा रही थी। उधर दोनों लड़कियों का भी डर की वजह से बुरा हाल हो रहा था। विकास ने जोर जोर से अजय को पुकारना शुरू किया। विकास की आवाज़ सुन अजय को थोड़ी राहत मिली और उसने भी विकास को बुलाया।
विकास आवाज़ का पीछा करते हुए जा रहा था। थोड़ी दूर पर उसे अजय जो की पेड़ का सहारा ले कर बैठा मिला।
विकास-''ये सब कैसे हुआ , और सोनू कहा है ''
अजय-''वो अब नहीं रहा इस दुनिया में , पता नहीं कोई हम लोगो की जान के पीछे पड़ा हुआ है''
विकास ने अजय को सहारा दे कर उठाने की कोशिश करी , विकास ने देखा की अजय का पैर बुरी तरह टूट चूका है और वो अब चलने की हालत में नहीं। विकास उठा और कुछ डंडे जैसी चीज़ ढूंढ़ने लगा ताकि अजय को सहारा मिले चलने में पर उसे ऐसा कुछ भी नहीं मिला। तभी अचानक से सामने से डरावनी शक्ल जो की जली हुई थी एक कुल्हाड़ी हाथ में लिए दोनों की तरफ मारने के लिए दौड़ा चला आ रहा था। विकास ने अजय को कंधे पर उठया और दौड़ना शुरू कर दिया। उस शख्श ने को;कुल्हाड़ी फेक के मारी जो की अजय की कमर पर लगी। कमर खून से लथपथ हो चुकी थी। विकास ने अजय को वही छोड़ा और भागना शुरू कर दिया और सीधा गाडी के पास जा कर रुका। गाडी की डिग्गी खोल कर उस में कुछ ऐसा ढूंढ़ने लगा जिससे वो खुद को और उन दोनों लड़कियों को बचा सके। विकास ने देखा की गाडी में एक केन रखी है। विकास को देख को कर दोनों लड़किया गाडी से बाहर आई। केन में पेट्रोल रखा हुआ था।
विकास (गुस्से में )-यहाँ ये पेट्रोल है और किसी ने बताया क्यों नहीं।
रिया-'' अजय की गाडी है उसे ही पता होगा ना इस बारे में ''
सीमा '' पर ये तो बताओ की अजय और सोनू कहा है ''
विकास '' वो दोनों नहीं रहे , उन दोनों को मार दिया किसी ने।
ये बात सुन कर दोनों लड़किया सदमे में आ गई। सीमा तो बेहोश ही हो गई।
विकास-'', रिया, इसके मुँह पर पानी डालो और होश में लाओ , और हा बोनेट खोल कर पेट्रोल वाला पाइप जोड़ने की कोशिश करना '' कहते हुए विकास ने एक डंडा लिया और अपनी शर्ट उतार कर पेट्रोल में भिगोई और एक मशाल बनाई। मशाल जाला कर वो अजय के पास गया , अजय अभी भी ज़िंदा था। विकास ने पीठ में घुसी हुई कुल्हाड़ी निकली और उस उठा कर चलने लगा।
विकास-'' अजय तू बस आंखे बंद मत करियो , तुझे कुछ नहीं होगा , तू मुझे ये बता की सोनू कहा है में उसे भी ले कर आता हु''
अजय (बहुत ही धीमी आवाज़ में )-'' जहा में मिला था वो वही उसी जगह से थोड़ा पीछे है , पर वो मर चूका है उसकी लाश पेड़ से उलटी लटकी हुई है''
विकास-''कोई नहीं में उसे ले कर आऊंगा फिर भी ''
तभी फिर से वही डरावनी शक्ल वाला , पता नहीं उसे इंसान कहे या जानवर , सामने आ गया। लेकिन इस बार विकास डरा नहीं क्युकी इस बार मशाल थी उसके हाथ में। आग की लपटे इस तरह निकल रही थी जिससे वो डरावना शख्स अब पास नहीं आ रहा था और कहीं दूर की झाड़ियों में छुप गया। विकास दौड़ कर अजय को गाडी के पास ले गया। तब तक सीमा को होश भी आ गया था और रिया ने पेट्रोल का पाइप भी जोड़ दिया था पर उसने पेट्रोल नहीं डाला था अभी तक गाडी में। अजय को लड़कियों के हवाले करके विकास सोनू की तलाश में निकल पड़ा। रिया ने केन का पेट्रोल गाडी में डालने के लिए केन उठाई। सीमा ने अजय को गाडी में बैठा की सोची तो देखा अब अजय मर चूका है। उसने रिया को ये बात बताई जिससे केन को वही रख कर वो अजय को देखने के लिए आई।
सीमा -''मुझे लगता है ये किसी की साजिश है , देखो जिस तरह वह ढाबे पर नंबर लिखे थे हम सब उसी के हिसाब से मर रहे है। देखो पहले सोनू मारा , और फिर अजय , और अब शायद तेरा ..... सुन मुझे बहुत डर लग रहा है हम यही साथ में रहेंगे।
रिया-''तू ठीक कह रही है हम यही रुकते है
उधर विकास सोनू की तलाश में भागे जा रहा था। थोड़ी देर उसे ऐसा लगा की जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो। विकास और तेज़ तेज़ से दौड़ रहा था , सूखे पत्तो पर कदमो पर आवाज़ पुरे जंगल में गूंज रही थी। विकास सोनू की पेड़ से उलटी लटकी लाश से टकराया जिससे अभी भी खून टप टप टपक रहा था। मशाल भी हाथ से छूट चुकी थी जिससे पास में पड़े सूखे पत्तो में आग लगनी शुरू हो गई। विकास ने सोनू की लाश पेड़ से उतारी, और लाश को गोद में उठा कर भागने लगा। एक डंडा जोर से किसी ने विकास के पैर पर मारा जिससे विकास बहुत जोर से चीखा। चीख रिया और सीमा दोनों ने साफ़ साफ़ सुनी। चीख सुन कर रिया के कहा में विकास को देखने जा रही हु , वो किसी मुसीबत में फस गया है। रिया आवाज़ की तरफ पागलो की तरह सड़क पर भाग रही थी। एक पतला सा लोहे का तार जो सड़क के एक कोने से दूसरे कोने तक दो पेड़ो से बंधा हुआ था। ये तार रिया को नहीं दिखा दौड़ते दौड़ते रिया के पैर उस तार में फसे और रिया का सर सीधा जमीन पर लगा और उसी जगह मर गई। सिमा जो की गाडी के पास इस बात से अनजान बैठी थी की रिया भी अब इस दुनिया में नहीं रही। विकास पैर में लगने की बावजूद दौड़ता रहा। वह अब गाडी से कुछ ही दुरी पर था और पास में ही रिया की लाश पड़ी थी। विकास ने सीमा को आवाज़ लगाई जोर से। सीमा विकास के पास जाने लगी तो दूर से ही देखा से ही देखा विकास लंगड़ाते हुए आ रहा और पास में रिया मरी हुई पड़ी थी। विकास के पीछे कोई था जिसने एक डंडा हाथ में ले रखा था। उसने डंडा ऊपर की तरफ उठया विकास को मारने के लिए , दूसरी तरफ से सीमा चिल्लाई -''विकास भाग वहा से , पीछे कोई है '' पर तब तक काफी देर हो चुकी थी। डंडा विकास के दूसरे पैर पर भी लगा और विकास अब गिर गया। विकास चिल्लाया-''भागो सीमा , यह हम सबको मार रहा है , गाडी ले कर जल्दी भागो ''
उस शख्स ने अब सिमा की तरफ देखा जिसकी आंखे बिलकुल सफ़ेद थी और सिमा की तरफ भागने लगा। वो अभी काफी दुरी पर था। सीमा अब हड़बड़ी में आ गई उसने देखा की जहा से पेट्रोल डालता है गाडी में वो खुला हुआ है , उसने केन उठाई और पेट्रोल डालना शुरू किया। जैसे जैसे पेट्रोल डालता जा रहा था वैसे वैसे वो शख्स करीब आता जा रहा था। सीमा ने जितना पेट्रोल भर सका उतना ही भरा और केन को उधर फेका और गाडी स्टार्ट करी पर गाडी बस सेल्फ ही ले रही थी , स्टार्ट नहीं हुई। चार पांच सेल्फ मरने के बाद गाडी स्टार्ट हुई
पर तब तक वो शख्स गाडी की खुली डिग्गी को पकड़ चूका था। सीमा ने एक्सेलेटर तेज़ी से दबाया और गाडी चलने लगी जिस वजह वो शख्स वही रह गया। सीमा को अब कुछ समझ नहीं आ रहा था क्युकी उसके सारे दोस्त मर उसकी आँखों के सामने मर चुके थे। सीमा बस गाडी चलाये जा रही थी पर उसे नहीं था पता की वो जाये कहाँ। सीमा अब उस पहाड़ी रास्ते से नीचे आ चुकी थी और अब प्लेन और सीधा रास्ता था जो श्याद शहर की तरफ जा रहा था। गाडी चलाते चालते सीमा का बैलेंस ख़राब हो गया और गाडी एक खम्बे में जा ठुकी। सीमा का सर स्टेरिंग में लगा और खून निकलने लगा। वो आधी बेहोश हो चुकी थी। जहां गाडी ठुकी थी वो सड़क सुनसान थी। आधा घंटा बीत चूका था पर वहा से कोई नहीं से गुज़ारा। थोड़ी देर बाद एक लड़का बाइक पर उस गाडी के पास आया और उसने गाडी के अंदर झांक कर देखा तो हैरान हो गया। हाथ से सीमा का सर उपर किया तो मन में बोला-''अरे ये तो सीमा है ''
उस लड़के ने गाडी का दरवाजा खोला और सीमा सीमा कहना लगा। ''सीमा उठो सीमा देखो में हु अंकित , ये सब कैसे हो गया '' इतना कहने पर कोई फायदा नहीं हो रहा था उसने गाडी में रखी पानी की बॉटल से पानी लेकर सीमा के मुँह पर डाला। अब सीमा को होश आया और वो अंकित को देख कर हैरान हो गई।
सीमा -'अंकित तू यहाँ क्या कर रहा ''
अंकित-''वो सब छोड़ , तू ये बता की तेरी ऐसी हालत कैसे हुयी ''
सीमा-''बहुत लम्बी कहानी है , कैसे बताऊ ''
अंकित-''सुन इस गाडी को लॉक करके मेरे साथ डॉक्टर के पास चल , बहुत खून निकल रहा है ''
सीमा-''पहले मुझे ये बता की तू यहाँ इस सुनसान इलाके में क्या कर रहा है ''
अंकित -''में तो अब यही रहता हु , जॉब भी यही है मेरी ''
सीमा-''मुझे पहले पुलिस के पास जाना है और पूरी घटना की जानकारी देनी है ''
अंकित-''हा दे दियो पर पहले मेरे साथ डॉक्टर के पास चल और फिर वही से मेरे घर चल ''
गाडी को लॉक करके अंकित पहले सीमा को डॉक्टर के पास ले गया। चोट पर ड्रेसिंग करवा कर अंकित उसे अपने घर ले गया। अंकित जहा रहता था वो बस छे सात घर ही थे। घर आने के बाद अंकित कॉफ़ी बनाने चला गया और सीमा को एक कुर्सी पर बैठा दिया अंकित कॉफी ले कर आया और पूछने लगा की अब बताये वो की कैसे हुआ ये सब। सीमा अब तक की हुई सारी बात अंकित को बता दी , की कैसे उसके सारे दोस्त अब इस दुनिया में नहीं रहे।
सीमा-''मुझे बाथरूम जाना है '' अंकित ने हाथ के इशारे से बाथरूम का रास्ता बता दिया। सीमा अंदर गई , बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद जब वो हाथ धोने के लिए वाश बेसिन की तरफ गई तो जैसे उसके पेरो के निचे से जमीन खिसक गई। शीशे में बिलकुल उसी तरह से नाम लिखे थे जैसे की उसे ढाबे में लिखे हुए देखे थे।
सीमा की हिम्मत अब बाथरूम से बाहर जाने की नहीं रही थी। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।
अंकित -अब तो तूने नाम देख ही लिए है , तो अब बाहर आ जा क्युकी तू ही बची है बस''
सीमा-'' तूने सबको क्यों मारा और तू क्यों मारना चाहता है ' ( रोते हुए )
अंकित-'' देख अगर तू बाहर नहीं आई तो में दरवाज़ा तोड़ दूंगा , क्युकी तुझे मरना तो वैसे भी है ''
सीमा को याद आया की उसने अभी आते वक़्त पुलिस स्टेशन दिखा था अगर वो दरवाजा खोल कर सीधा स्टेशन की तरफ भागे तो वो बच सकती है। इतना कुछ सीमा ने मन में सोचा ही था की अंकित ने एक जोर दार धक्का मारा जिससे दरवाज़ा टूट गया। सीमा के पास में पड़े बायफर से अंकित के सर पर मारा जिससे अंकित के हाथ की कुल्हाड़ी निचे गिर गई। सीमा अंकित को धक्का देते हुए बाथरूम से बाहर निकली। अंकित ने अपने आप को संभाला और बाहर आया। अब सीमा और अंकित दोनों एक दूसरे के आमने सामने थे बस बिच में बेड था
सीमा-आखिर तू क्यों मरना चाहता है मुझे और तूने उन लोगो को भी क्यों मारा ''
अंकित के सर पर तो मौत का भूत सवार था उसने कुल्हाड़ी सीमा की तरफ फेक कर मारी , सीमा ने झुक कर
अपने आप को बचाया। सीमा ने जल्दी से दरवाजे की तरफ कदम बढ़ाये और सीधा पुलिस स्टेशन की तरफ भागी। अंकित भी एक हाथ में कुल्हाड़ी लिए सीमा के पीछे पीछे दौड़ रहा था। स्टेशन के अंदर पहुंच कर सब सीमा और अंकित की तरफ देखने लगे। सीमा अब पुलिस वालो के पीछे खड़ी हुई थी
अंकित -'' मुझे इस लड़की को मारने दो '' अंकित यह बात पागलो की तरह बोल रहा था और उसके कदम सीमा की तरफ बढ़ते ही जा रहे थे ,उसे इस बात का बिलकुल खौफ नहीं थी की सामने पुलिस कड़ी है। जब जायदा ही पास आ गया तो एक पुलिस वाले ने अंकित के पैर पर गोली मारी जिससे अंकित वही गिर पड़ा। कांस्टेबल अंकित को उठा कर अंदर लाये और उसके हाथ रस्सी से बांध दिए।
पुलिस वाला -''ये आपको क्यों मारना चाहता है और आपका ऐसा हाल कैसे हुआ ''
सीमा -''सर ये एक लम्बी कहानी है '' और अब तक हुई सारी बाते पुलिस को बता दी।
अंकित के मुँह पर पानी डाला और उसे होश में लाया गया। पुलिस वाले ने दो झापड़ लगा कर पूछा -''हा भाई क्यों मरना चाहता है तू इसे ''
अंकित -'' में सीमा से बहुत प्यार करता हु। कॉलेज में जब पहली बार देखा था इसे तो इसे दिल दे बैठा था । पर सीमा तुझे याद है जब मेने तुझसे अपने दिल की बात कही थी तब तूने कितनी बुरी बेज़्ज़ती करके मुझे माना किया था और फिर बाद में तूने अपने सभी दोस्तों के आगे मेरी कितनी जायदा बेज़्ज़ती करी थी। में सीमा के लिए पागल था। में दिन पर दिन पागलो जैसी हरकते करने लगा था। दो साल तक मेरा इलाज चला ताकि में फिर से वही पुराना अंकित बन जाऊ , पर जब जब सीमा का ख्याल आता था में फिर से पागल हो जाता था। मेने उसी समय सोच लिया था की इस बात का बदला तुझसे और तेरे दोस्तों से ले कर रहूँगा। तब मुझे सोनू के एक दोस्त से पता चला तुम लोगो के इस प्लान के बारे में और में तो यही रहता हु इसलिए फिर मेने एक एक करके सबको मारने का प्लान बनाया ''
सीमा ( गुस्से में ) -''यू बास्टर्ड , में तुझे ज़िंदा नहीं छोडूंगी और उस दिन भी क्या में आज भी यही कहती हु की तू मेरे लायक बिलकुल नहीं है ''
पुलिस वाला -''कण्ट्रोल रखिये मैडम , अब इसका इलाज हम लोग करेंगे।
सीमा -मुझे अपने घर पर फ़ोन करना है '
पुलिस वाले ने सीमा को अपना फ़ोन दिया और सिमा ने अपने घर अपने घर पर हुई अब सारी बात बता दी ''
और इस तरह कहानी ख़त्म होती है