Shameless Families in Hindi Comedy stories by paresh barai books and stories PDF | खानदानी बेशर्म

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खानदानी बेशर्म

विमला : अजी आप तो मोहल्ले में नज़र ही नहीं आती, आज कल कहाँ ओखली में मुह घुसेड कर बैठी रहती हैं | कुए के मेंढक की तरह घर में घुसे बैठे नहीं रहना चाहिए | लोगों से मिला झुला कीजिये | वरना एक दिन दिमाग सटक जाएगा |

कमला : घर के काम काज भी तो होने हैं नां ! अब तुम ठहरी कामचोर कलमुही, चुगलीखोर, मैं तेरी तरह घर घर जा कर नैनमटक्का तो नहीं कर सकती ना !

विमला : वह सब छोड़ो, यह बताओ, तुम्हारा नशेडी गर्दुल्ला बेटा कहाँ है | आज कल दीखता नहीं ? जेल में है या किसी भिखारन भंगारन को ले कर भाग गया ?

कमला : तुम्हारा जी दूसरों के बेटों और और पतियों पर ही क्यूँ अटका है ?

विमला : अरे गुस्सा मत हो, मैं तो एक रिश्ता बताने आई थी, तेरा निठल्ला बेटा शादी कर लेगा तो उसके बाप के बाप को भी काम पर लगना होगा | इस लिए कहती हूँ, उस चिड़ीमार की औलाद की शादी करा दे |

कमला : हम तो करा दें लेकिन, कोई लड़की देने को तो तैयार होना चाहिए ना ! तूं बता किसके करम फुड्वाने की पेशकश लाई है ?

विमला : मेरे पति के दोस्त की बेटी है, दिखती भी अच्छी है और कामचोर भी नहीं है | तूं तो बुढापे में बैठ कर राज करेगी राज... अगर यह रिश्ता लपक लिया तो ! नंबर है मेरे पास उनका, तूं कहे तो उसकी माँ को फोन लगाऊ...!

कमला : लगा फोन, और बोल उसे, की बेटी को घर पर रख कर बुड्ढी ना करना हो तो रिश्ता ले कर आ जाए !

विमला और सविता फ़ोन पर

विमला : हेल्लो... ए जी पिंकी की मम्मी से बात करनी है...

पिंकी : ए माँ.... किसी बुड्ढी का फोन है... बात कर...

सविता : जय गदा मुष्टिक, कहिए क्या बात है...?

विमला : कौनसी गदा, किसकी मुष्टिक ?

सविता : वह सब छोड़ीए, आप बताइए क्या बात थी...

विमला : ये बताना था की, अपनी मुहफट बेटी को बीदा कब करोगे, कोई सस्ता टिकाऊ अधेड़ भांड देख कर हड़का दो, वरना ये एक दिन सब्ज़ी वाले यां दूध वाले के साथ भाग निकलेगी |

सविता : अरी असभ्य किसम की बहन, शादी तो करा दें लेकिन, धमाकेदार रिश्ता तो मिलना चाहिए ना...!

विमला : मेरी पड़ोस में कमला रहती है | उसका बेटा यहाँ वहां मुह मारता फिरता है | लड़की का जुगाड़ नहीं हुआ है | तुम मौका लपक लो |

सविता : अरी नहीं... अब इस उम्र में... मैं भाग कर दूसरी शादी नहीं करुँगी |

विमला : अरे अक्कल की इमरान खान... में तेरी नहीं, तेरी बेटी की बात कर रही हूँ...

सविता : तो ठीक है... इस रविवार को उनके घर, चाय नाश्ता ठुसने आ जाते हैं... लड़का पसंद आया तो बेटी ब्याह देंगे | अब फोन रखो बिल बढ़ रहा है |

विमला : अक्कल की अंधी चुड़ैल... फोन हमने लगाया है | तेरा बिल तम्बोरे में से बढेगा ? खैर... रविवार को नाहा धो कर आ जाना उनके घर | रखती हूँ |

सविता : क्या ?

विमला : “गदा”..... अरे भई फोन रखती हूँ... और क्या... रखूं |

विमला और कमला की बात

कमला : क्या हुआ... चुड़ैल मानी ?

विमला : मान तो गई है, रविवार को पूरी पलटन ले कर तेरे घर भी आएगी | लेकिन दिमाग से पूरी पैदल है | उस हिसाब से उसकी बेटी भी एडी होगी | तुझे चलेगा ना ?

कमला : एक बार घर तो आने दे... सब ठीक कर लेंगे | वो सब थकेले हैं तो हम कौनसे ब्रिटिश राजघराने से हैं |

रिश्ते की बात – सविता परिवार के साथ कमला के घर पर

कमला : आइये आइये... घर ढूँढने में दिक्कत तो नहीं हुई ना ?

सविता : जी नहीं... जय माँ "जोंटी रोड्स" वाली...

कमला : अब ये क्रिकेटर जोंटी बीछ में क्यूँ लाया ? हम तो शादी के रिश्ते के लिए मिले हैं ना ?

सविता : वह सब छोड़ीए... आप का बेटा कहाँ है... दिखाए नहीं दे रहा...? संडास गया है या सो रहा है ?

कमला : विदेश गया है... वहां की गली के कुत्तों के साथ कबड्डी खेलेगा... फिर वहां डोनाल्ड ट्रंप की बेटी को छेड़ेगा और फिर पाकिस्तान में इमरान खान को टपली मारते हुए भारत लौटेगा | बेटे की छोड़ो... बेटी की कहो...

सविता : ये रही... मेरी बेटी... देखिये... किसी हिरोइन से कम नहीं है... चुम्मा ले कर होठ जला सकती है... इतनी हॉट है | आप बस रिश्ते के लिए हाँ कर दीजिये, वर्ना आप का बेटा कुरते फाड़ता हुआ कुवारा मरेगा |

लड़के के पापा की एंट्री

मदन : सुनती हो... ज़रा गरम पानी कर देना... नहाना है |

सविता : अरे विमला जी, आप के पति 12 बजे दिन में नहाते हैं ? बड़े अघोरी किस्म का परिवार है आप का तो !

विमला : मेरे नहाते तो हैं... अपने देखो... लगता है किसी जंगल से निकल कर आए हैं | कान के किनारे और नाक के अंदर से काले-सफ़ेद बाल निकल आए हैं |

गोपाल : बहनजी ऐसा नहीं है... मैं सुंदर हूँ... और स्वच्छ भी हूँ |

पिंकी : माँ इनको बोलो नाश्ता लगाए यां अपना बेटा दिखाए... वर्ना हम चलते हैं अपने घर |

विमला : बड़ी भुक्कड़ बेटी पाल रखी है आपने... इसे घर पर खाना नहीं देते क्या ?

सविता : एक बार रिश्ता जोड़ लो... आप को... दिन में तारे ना दिखा दे तो... मैं अपना नाम “सविता” से शूर्पनखा कर लुंगी |

पप्पू : माँ यह लोग कौन है... भीख मांगने आए हैं की चंदा लूटने आये हैं...?

विमला : अबे... हिडिम्बा के बच्चे... ज़बान संभाल... ये लोग तेरे रिश्ते के लिए आए हैं, ये है पिंकी, उसके साथ उनकी मम्मी सविता और पापा गोपाल जी |

पप्पू : अच्छा... “ओके” तो मुझे रिश्ता मंज़ूर है |

पिंकी : अबे ओ लोकल ट्रेन के बरबाद भिखारी... मेरी राय तो पूछ...!

पप्पू : नैन-नक्श चाइना के शी जिनपिंग जैसे, कमर तुम्हारी फैले जा रही, पगली बंदरिया तुमहरी तो शादी हो जाए वही बहुंत है | हाँ बोलो यां निकालो चाय नाश्ते के पैसे... मेरी अम्मा नें यहाँ लंगर नहीं खोल रखा...!

सविता : बेटा आप का बड़ा संस्कारी है ! इनके पिता को श्रेय जाता है यां... आप के के मोहल्ले के टपोरीयों को ?

विमला : वोह सब पुरानी बातें याद मत दिलाओ, दिल और पिछवाडा दुखता है | लड़का पसंद है तो शगुन सुलगाओ | और निकलो.. मुझे बरतन भी कूटने हैं कल रात के |

सविता : रिक्शा का खर्चा कर के आए हैं तो रिश्ता ठोक कर ही जाएंगे | हमारी और से ये रिश्ता पक्का...

विमला : दहेज में क्या देगी...?

सविता : बकरी की लेंडी, बासी चावल, फफूंद लगा अचार और बासी उड़द की चटनी... और कुछ दहेज़ में चाइए ?

विमला : पता था... तिल में से तेल नहीं निकलेगा | चलो रिश्ता पक्का |

सविता : बात बात में यह तो पूछना भूल ही गए की, आप का बेटा कमाता कितना है ?

विमला : आप की बेटी खाना कैसा पकाती है... उसके मजनू कितने हैं | घर संभाल पाएगी यां नहीं ? हमने कुछ पुछा ? बहनजी भरोसा रखिए आप की बेटी को भूखी नहीं मारेंगे | ए पप्पू का बाप भी कभी कमाने नहीं गया फिर भी 25 साल से टिकी हुई हूँ ना इनके घर में ?

सविता : मतलब बाप कमाई वाले कामचोरों से रिश्ता जुड़ा है | कोई नहीं, चलिए सगाई पर मिलते हैं | जय माँ पुतिन वाली |

विमला : अब इसमें रशिया वाला पुतिन बिछ में क्यूँ घुसाया है ?

सविता : वो सब छोड़ीए... हम चलते हैं | अगर छुट्टे पैसे हों तो दीजिएगा, फिर से रिक्शा में घर जाने का मन है | हमारा पैसा ख़त्म हो गया है |

पप्पू : माँ... इसे पैसा देदो... वर्ना ये,,, जय माँ... इसकी माँ... उसकी माँ,,, कर के हमारी माँ की आँख करती रहेगी |

विमला : ठीक है... ये लो 500 रुपये... दहेज़ लेने निकली थी... खुद समधन से लुट रही हूँ | चाय नाश्ता और फिर रोकड़ा...

सविता : अच्छा तो अब चलते हैं नमस्ते... जय माँ जोपडपट्टी वाली...

विमला : पप्पू डंडा... ला, ये तेरी भविष्य की सांस मेरे हाथ के मार खाए बिना नहीं जाएगी |

सविता : बेटा पिंकी... गोपाल जी (पति) भागो.... भागो... बुड्ढी पागल हो रही है.... हाहाहा

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