Maa se Masi in Hindi Poems by Minal Vegad books and stories PDF | माँ सी मासी।

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माँ सी मासी।

तु जब आया इस जहाँ मे तब,
ए सुनके खुशी के आसुुं आए थे उनके।
तेरे पास आने के लिए बड़ी उतावली हुुई थी,
तेरी एक जलक के लिए व्याकुल हुई थी।

जब देखा पहली बार तुझे,
भूल गए पलकें झुुुका ना वो।
देख के चांद सा चहेरा तेरा,
चांदनी उसके चहरे पे छायी थी।

तेरी एक मुस्कुराहट के लिए तुझे,
गोदमें लिए रातभर जागी थी वो।
तुझसे दूर जाने के खयाल से ही,
मुंह लटका के रो पडी थी वो।

तुझसे दुर होते हुए भी,
तेरे ही खयालों में रेहती थी वो।
तुझसे मिलने के लिए,
नए नए बहाने ढूंढा करती थी वो।

तुझे सुलाने के लिए,
बेसुरी लोरी गाया करती थी वो।
तेरा मासूम चहेरा सोता देख,
अपलक बैठी रेहती थी वो ।

तु रात को ना रोए इस लिए,
पूरी रात जागा करती थी वो।
सुबह पहले तेरा चेहरा देख के,
दिन शुरू करती थी वो।

गोद में तुझे उठाके,
सारे घर में घुमा करती थी वो।
तुझे अपने पास रखने के लिए,
घर में सबसे लडा करती थी वो।

तेरी हर मुस्कान पे,
वारी वारी हो जाती थी वो।
तेरी दो आखों में हमेशा,
डुबे रहेना चाहती थी वो।

तुझे यूँ लेके बाहों में,
झुम उठती थी वो।
तु हमेशा मुस्कुराता रहे,
यही दुआ करती थी वो।

तुझे बड़ा हो के बताने के लिए,
बातों की यादी तैयार करती थी वो।
तेरी नन्ही उंगली पकड के,
यूही तेरा साथ देने की बात करती थी वो।

जब तु रोता तो,
तुझे हसाने के सारे प्रयास करती थी वो।
जब कभी तु होता बीमार,
तेरे सारे र्दद महेसूस करती थी वो।

तु चलता होगा उसका हाथ पकड़ के,
तेरे पास बेठ के सपने देखा करती थी वो।
कब तु लेगा उसका नाम अपने मुंह से,
यही ही इंतजार कीया करती थी वो।

जब तु मुस्कुराता अपने चार दांत दिखा के,
कीसी की नजर ना लगे यही दुआ करती थी वो।
तेरे हर एक अरमान पूरा करने की,
भगवान से प्रार्थना करती थी वो।

तुझे जब देखा डग भरते,
तेरे साथ कदम मिला ना चाहती थी वो।
तुझे यूँ गिरते देख,
मन ही मन बेचेन होती थी वो।

तेरे मूहँ से सभी के नाम सुनके,
अपना नाम सुनने के लिए तड़प उठती थी वो।
कभी सोचती तुझे डांटने के बारे में,
पर तुझे देख के सब भूल जाती थी वो।

जब तुमने खाना खाया था उसके हाथ से,
भरपेट खुशीयां मिली थी उसे।
अपने नन्हें कान को,
हरदम माखन खीला ना चाहती वो।

तेरी काली घेली भाषा सुनके,
तेरे पर पिघल जाती थी वो।
उसकी हर एक झलक कैद करके,
उसका बालपन सम्भाल के रखना चाहती थी वो।
सुनके तेरे मुंह से अपना नाम,
जन्नत सी खुशी पाई थी वो।
हरबार तेरे मुंह से,
अपना नाम बुलवाया करती वो।

तेरे साथ बच्चा बनके,
पूरे घर में दौड़ा करती थी वो।
जब तु दौड़ा दौड़ा जाता था उसके पास,
पकड़ के तुझे यूँ हवा में घूमाती थी वो।

अपने लाडकवाये को,
नऐ नऐ नाम से पुकारा करती थी वो।
देख के उसकी बदमाशीया,
चेहरे पे मुस्कान लाती थी वो।

तेरी हर एक राह में तुझे खुशी मिले,
हरदम प्रार्थना करती हैं वो।
तुझपे हमेशा जान लूटाने वाली,
"माँ" के बाद तेरी 'मासी ' है वो।

तेरे नाम में ही छूपा है तेरा अर्थ जियान,
जो रहे हरदम खुश और दिल के पास।

Thank you so much!!
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