Baat ek raat ki - 29 in Hindi Detective stories by Aashu Patel books and stories PDF | बात एक रात की - 29

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बात एक रात की - 29

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 29 )

‘कूल डाउन| तुम अभी गुस्से में हो इश्तियाक |’

ऑडियो क्लिप में एम.एल.ए. इश्तियाक अहमद का नाम सुनकर पुलिस कमिशनर पटनायक को झटका लगा|

इश्तियाक अहमद ने शराब के नशे में एक मित्र के साथ फोन पर की गई बातें अब ऑडियो क्लिप के रुप में वाइरल हो गई थी|

...................

‘इस ऑडियो क्लिप में मेरी आवाज नहीं है| मेरे विरोधियों ने मुझे फसाने के लिए यह षडयंत्र किया है| दिलनवाझ खान के साथ मेरी सालों पुरानी दोस्ती थी| हम दोनों भाइयों की तरह थे| इलेक्शन के वक्त मैंने उसके लिए रात-दिन दौड़ धूप की थी| हमारे सम्बन्ध खराब हुए होते तो दिलनवाझ मुझे क्यों अपनी पार्टी में आमंत्रित करता?’

इश्तियाक अहमद एक टीवी चेनल पर स्पष्टता कर रहा था|

......................

‘ये ऑडियो क्लिप मेरे किसी विरोधी ने तैयार की है| ऐसी मूर्खता कोई राजनैतिक व्यक्ति नहीं कर सकता और दिलनवाझ के साथ तो मेरी दोस्ती थी....’ इश्तियाक जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार से कह रहा था|

‘ये बात टीवी चेनल पर कहो तो चलेगा, हमारे सामने नहीं | इस ऑडियो में आपकी ही आवाज है यह कन्फर्म हो गया है| हमारे पास फोरेंसिक सायंस लेबोरेटरी का रिपोर्ट आ गया है|‘ अमोल कुमार ने कहा|

‘सर, पार्टी ने जिस दिन दिलनवाझ को नोर्थ-सेन्ट्रल बम्बई लोकसभा की टिकट देने का एलान किया था उसी रात एक फ्रेंड के साथ बात करते हुए गुस्से में ये सब बोल गया था|‘ अमोल कुमार के साथ थोड़ी दलील करने के बाद इश्तियाक ने स्वीकार कर लिया लेकिन तुरंत ही कहा, ‘उसके बारे में ये सब बोला था लेकिन मैंने दिलनवाझ का मर्डर नहीं किया|‘

....................

‘इस ऑडियो में इश्तियाक अहमद की आवाज है ये तो कन्फर्म हो गया है, और इश्तियाक ने भी इस बात का स्वीकार कर लिया है| लेकिन वह कहता है कि मैंने दिलनवाझ का मर्डर नहीं किया| हालांकि पाटणकर और उस रात यॉट पर मौजूद अन्य कई आमंत्रितों ने बयान दिया है कि दिलनवाझ गैलरी में था इस दौरान उन्हों ने इश्तियाक को यॉट के हॉल में जाते देखा था |

जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार कमिशनर पटनायक को कह रहे थे|

.....................

‘तुम्हारा दिलनवाझ के साथ पार्टी के दौरान झगड़ा हुआ था....’

सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार ने अपनी बात बीच में छोड़कर अमन कपूर की आँखों में आँखे डालकर नजर को स्थिर किया|

‘झगड़ा हमारा नहीं हुआ था| दिलनवाझ और शैली सागर का हुआ था| मैं बीच बचाव करने लगा तो वह मुझ पर गुस्सा होकर उल्टा सीधा बोलने लगा इसलिए मैं थोड़ा हर्ट हुआ था|‘ अमन ने खुलासा किया|

‘आपने दिलनवाझ को कहा था कि मैं सब कुछ सहन कर लूंगा लेकिन तपन के साथ मेरे सम्बन्ध के बारे में कमेन्ट बरदाश्त नहीं कर सकता|‘

‘हा, मैंने ऐसा कहा था लेकिन दिलनवाझ का मर्डर करने की बात तो मैं किसी भी हालत में सोच नहीं सकता| पार्टनर और क्लोझ फ्रेंड था वह मेरा| उसकी मौत से मुझे जितना नुकसान हुआ है उतना किसी और को नहीं हुआ होगा|’ अमन भावुक हो गया|

‘तपन ने दिलनवाझ को धमकी दी थी कि मैं तुम्हें समुद्र में फेंक दूंगा तब आप ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की थी|‘

उस समय मैं भी क्रोध में था इसलिए तपन त्रिपाठी के शब्दों पर ध्यान नहीं दे सका, लेकिन आप ऐसा विचार भी कैसे कर सकते हो कि तपन या मैंने दिलनवाझ का मर्डर किया है?’ अमन की आवाज में आश्चर्य और हताशा के भाव थे|

‘यॉट पर जितने आमंत्रित थे उन सबको संदिग्ध मानना पड़ेगा|‘ इनामदार ने कहा|

‘वन सेकेंड, सर| दिलनवाझ मोबाइल पर बात करते- करते गैलरी में गया तो पीछे उसकी वाइफ हीना चेक करने गई थी कि इतनी देर क्यों हुई? तब तक मैं हीना के साथ बातें ही कर रहा था| आप हीना और यॉट पर मौजूद रहे लोगों से पूछ सकते हैं|

कुछ सेकेंड के पोझ के बाद इनामदार ने उसे पूछा, ‘तुम्हें किसी पर शंका है?’

दिलनवाझ का मर्डर हुआ है ये बात सामने आने के बाद अमन को लगातार ये सवाल सता रहा था कि आखिर दिलनवाझ का मर्डर कौन कर सकता है?

अमन थोड़ी देर सोचता रहा फिर उसने कहा, ‘मेरा नाम कहीं न आये तो मैं एक बात कहूं|‘

इनामदार ने एक पल सोचा फिर सधे हुए शब्दों में कहा, ‘आपको तकलीफ नहीं होने दूंगा| बोलो|‘

‘दिलनवाझ ने....’ अमन कहने लगा|

उसके शब्दों को सुनकर इनामदार का चेहरा तंग हो गया|

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