The Author Payal Sakariya Follow Current Read Enter Password - 4 By Payal Sakariya Gujarati Fiction Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books સુધા મૂર્તિ (મનની વાત) માંથી ભારતભરની બધી જ ભાષાઓમાં સંસ્કૃતના એક બહુ જ वाज्यनु लाषांतर थ... નિતુ - પ્રકરણ 63 નિતુ : ૬૩ (આડંબર)નિતુની નજર સામે વિદ્યાની અશ્રુ ભરેલી આંખો... જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 09 - 10 શિક્ષકનું મહત્ત્વ: ભારતીય સંસ્કૃતિમાં શિક્ષકની ભૂમિકા - 09 ... પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 35 મમ્મી -પપ્પાસુરત :"આ કેવિન છે ને અમદાવાદ જઈને બદલાઈ ગયો હોય... ભાગવત રહસ્ય - 146 ભાગવત રહસ્ય-૧૪૬ અજામિલ નામનો એક બ્રાહ્મણ કાન્યકુબ્જ દેશમાં... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Payal Sakariya in Gujarati Fiction Stories Total Episodes : 20 Share Enter Password - 4 (1) 2.6k 5.5k { हमने देखा था एक चौका देने वाले समाचार आते हैं अब आगे .. ।} अगली सुबह चौँका देने वाले समाचार आते हैं। रिया के सर , सिन्हा सर की एक Accident में मौत हो जाती है। रिया बहुत उदास हो गई थी। इस केस की जांच करने की जिम्मेदारी intelligence officer Prakash को दी जाती है। रोहन अब अपने ओफिस जाता है। तभी उसे Prakash sir मिलते हैं। इन दोनों के बीच ज्यादा तर कोई भी केस को लेकर अनबन होती रहती है, लेकिन…….. ओफिस के बाद Enjoyment के time दोनों इतने साथ रहते हैं कि लगता ही नहीं इन दोनों में कभी अनबन होती होगी। आज वो केस की बात को लेकर रोहन को चिढ़ाएंगे। जैसे ही रोहन आता है सर अपना बोलना शुरू करते हैं… आईये जनाब बस थोड़ी देर हो गई आने में … आज तो बाज़ी हमने ले ली है। अरे अब क्या होगा..? कोई बात नहीं ये केस अब हम अकेले हीं सुलझा लेंगे। तभी रोहन कहता है – ऐसा नहीं हो सकता मैं अभी सर से बात करता हूं। रोहन आगे बढ़ता है , तभी प्रकाश सर कहते हैं , तुम उनके favourite हो इसका मतलब नहीं कि वो तुम्हारी हर बात मानेंगे। तभी वहां Amit sahelkar sir आते हैं। वह प्रकाश सर को कहते हैं केस की details उनके टेबल पर रख देना मैं आकर देख लुंगा ।और वहां से चले जाते हैं। तभी प्रकाश सर रोहन के सामने देखकर कहते हैं देखा..! उसी वक्त sahelkar sir पीछे मुड़कर कहते हैं – हं….. प्रकाश ये रोहन को अपने साथ लेकर जाना वो तुमसे बहुत कुछ सीखना चाहता है। लेकिन सर…… प्रकाश सर उनसे कुछ कहना चाहते हैं पर सर कुछ सुनते नहीं है और वो चले जाते हैं।रोहन ज्ञुठ मुठ एक्टींग करते हुए कहता है—अरे सर सुनिए तो सही.. लेकीन सर तो चले जाते हैं। अब रोहन उदास चेहरे से सर को कहता है सही कहा था आपने, सर मेरी बात नहीं सुनेंगे देखो नहीं सुनी । सर आप तो ज्ञानी है । प्रकाश सर मुंह बिगाड़ कर वहां से चले जाते हैं। वो सभी accident place पर जाते हैं और सब कुछ देखने के बाद प्रकाश सर कहते हैं यह एक Accident लगता है। रोहन कहता है no it’s a murder , तो सर कहते हैं अब बता भी दिजिए कैसे …? रोहन कहता है अगर ये एक Accident होता तो दुसरी … गाड़ी यहां पे साथ में खड़ी होती । तभी प्रकाश थोड़ा हंसकर कहते हैं…. आज कल लोगों को crime करने में डर नहीं लगता जितना पुलिस की मदद करने में लगता है। तो हो सकता है कि वो डर की वजह से भाग गया हों। आपकी यह बात एकदम सही है लेकिन …… अगर दो गाड़ियां टकराई हो तो दोनों को नुक्सान होता है लेकिन यहां पे एक ही गाड़ी के टुटने के निशान ऐसा तब ही होता है जब जब एक गाड़ी दुसरी गाड़ी को ठोकर मारें ! मिस्टर अपनी मनगट कहानियां मत बनाओ। प्रकाश अमित सर रिपोर्ट देने जाते हैं। वह अपने पोर्टेबल के रखते हैं, और कहना चाहते हैं यह एक एक्सीडेंट है लेकिन तभी वहां रोहन आ जाता है प्रकाश सर के बात काटकर कहता है यहां एक ...... वह अपने रिपोर्ट टेबल पर रखता है अमित सर दोनों रिपोर्ट उठाकर रीड करते हैं और रि रिपोर्ट टेबल पर रख कर अपना सर पकड़ लेते और दोनों से कहते हैं इस बार मुझे उम्मीद नहीं थी लेकिन आप नहीं सुधरेंगे । एक accident और दो रिपोर्ट ... प्रकाश सर के रिपोर्ट में यह एक Accident है लिखा था , और रोहन के रिपोर्ट में यह एक murder हैं । अमित सर inspector jay जो इनके साथ थे उनको बुलाते हैं। और उससे पुछते हैं कि तुम्हें क्या लगता है इस बारे में - सर प्रकाश सर की बात एकदम सही है यह सुनकर प्रकाश सर के चहरे पर मुस्कान आ जाती है, तभी जय अपनी बात आगे बढ़ाकर कहता है - लेकिन कुछ अंश तक हमें रोहन सर की बात भी माननी चाहिए ऐसा कुछ लग तो नहीं रहा पर फिर भी हमें रोहन सर की बात समझनी चाहिए । अमित सर अब जय को जाने के लिए कहते हैं। अमित सर रोहन को कहते हैं अगर तुम्हें यह एक murder लगता है so prove it in 24 hours. If u fail ... Then I will declare it an Accident. रोहन कहता है thanks sir . रोहन वहां से चला जाता है बाहर जाकर जय से कहता है - जय गाड़ी निकलो वह पुछता हैं सर ने further investigation के लिए permission दे दी ? रोहन कहता है हां लेकिन हमारे पास ज्यादा समय नहीं है so we have to do it quickly . दोनों गाड़ी में बैठते है, जय driving seat लेता है और रोहन उसके बाजु की सीट पर बैठ जाता है। जय रोहन से पुछता है सर आपने एक बात तो नहीं बताई ? रोहन कहता है तुमने पुछा ही कहा है! जय हंसते हुए कहता है आप सच में कमाल हो। रोहन कहता है पुछो- पुछो क्या जानना चाहते हो तुम? जय कहता है - सर आप तो छुट्टी पर थे , और केस भी प्रकाश सर को मिला था , तो आप इसमें कैसे .... I mean join हो गए ..? हमम.... Nice question ! वो तो मैंने अमित सर के साथ पहले से ही फोन पर बात की थी। मैंने उनसे यह कहा कि मैं प्रकाश सर के साथ रहना चाहता हूं ताकि मेरी practice अच्छी बन जाए । तो बस उन्होंने कहा ठीक है मैं सर से कह दूंगा कि तुम उनके साथ अपनी practice continue करना चाहते हो। जय कहता है - सर आप भी हर काम ऐसे करते जिसका सामने वाले को अंदाज भी नहीं होता । दोनों रास्ते पर जा रहे थे तभी अचानक से वह कहता है - जय गाड़ी रोको , जय गाड़ी को break लगाते हुए पुछता हैं क्या हुआ सर ? रोहन उसकी बात बिना सुने दरवाजा खोलकर बाहर निकलता है एक छोटा सा बच्चा खाने का टुकड़ा देखकर उसे उठाने आ रहा था और दुसरी और से एक गाड़ी आ रही थी traffic ज्यादा होने की वजह से वहां तक पहुंचने में देर लग जाती । दुसरी और लारी वाले खड़े थे रोहन उसमें से एक लारी ऐसे बीच में रखता है जिससे वहां पुरा traffic. जाम हो जाता है । सभी आवक होकर देखने लगते हैं। रोहन उस बच्चे को उठा लेता है , तभी उसकी मां वहां दौड़कर आती है और रोहन का धन्यवाद करते हुए हाथ जोड़कर कहती हैं आप का बहुत शुक्रिया। रोहन कहता है लगता है यह भुखा है इसे कुछ खाना खिला दीजिए वह रोने लगती है और कहती हैं हां सर , अपने बच्चों को लेकर वह चलने लगती है रोहन समझ जाता है उसके पास इस बच्चे को खाना खिलाने के पैसे नहीं हैं। वह उसे रोकते हुए कुछ पैसे हाथ में रखकर कहता है यह लो और इसका ख्याल रखना । जब यह सब हुआ तभी सिया वहां पर मौजूद थीं। वो रोहन को अच्छा इंसान समझती हैं। और वो वहां से जब निकल रही थी तभी रोहन उसे देखता हैं वो उसकी और आगे बढ़ता है - लेकिन traffic ज्यादा होने की वजह से रोहन सिया के पास पहुंच नहीं पाया और उतने में ही सिया ओटो में बैठकर चली जाती है । रोहन थोड़ा गुस्से होकर बाजु में खड़ी गाड़ी पर अपना हाथ मारता है। जय आकर पुछता है - क्या हुआ सर ..? रोहन कुछ भी नहीं कहते हुए गाड़ी में जाकर बैठ जाता है। जय गाड़ी चला रहा था । दोनों थोड़ी देर बाद accident हुआ था वहां पहुंचते हैं। ‹ Previous ChapterEnter PASSWORD - 3 › Next Chapter Enter Password - 5 Download Our App