Baat ek raat ki - 28 in Hindi Detective stories by Aashu Patel books and stories PDF | बात एक रात की - 28

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

Categories
Share

बात एक रात की - 28

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 28 )

एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट पाटणकर पर जो मिसकॉल आये थे वे थियेटर एक्ट्रेस चांदनी शर्मा के थे| पाटणकर ने जॉइंट कमिशनर की ऑफिस से बाहर निकलकर चांदनी को कॉल लगाया तब चांदनी ने उसे सीधी धमकी दे डाली: ‘पुलिस मेरे पीछे पड गई है| इनामदार ने मुझे गिरफ्तार करने की धमकी दी है| मैंने तुम्हारे भरोसे जोखिम उठाया था| अब मुझे इसमें से बाहर निकालो, नहीं तो मैं कह दूँगी कि ये सब करने के लिए मुझे पाटणकर ने कहा था| मुझे मोहरा बनाकर वह दिलनवाझ से 250 करोड़ रुपये का लेनदेन का विवाद निपटाना चाहता था| उसने ही मेरा परिचय दिलनवाझ से करवाया था और उसके साथ सेक्स्युअल रिलेशन रखने को भी कहा था|‘

पाटणकर स्तब्ध रह गया था| उसने मन में तो चांदनी को एक गाली दी, लेकिन उसकी जुबान पर अलग ही शब्द आयें, ‘डार्लिंग, मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा| तुम एक ही बात पर डटे रहना कि दिलनवाझ ने मेरा सेक्सप्लोइटेशन किया था और फिर मुझे भटकने के लिए छोड़ दिया था इसलिए मैं फस्ट्रेट हो गई थी और मैंने उस पर रेप केस करने का तय किया था......’

पाटणकर देर तक उसे समझाता रहा, लेकिन चांदनी खिन्न थी| उसने कॉल डिसकनेक्ट करते पहले पाटणकर को फिर से अल्टिमेटम दे दिया: ‘ मुझे कुछ भी हुआ तो मैं पुलिस को सब कुछ सच- सच बता दूँगी |‘

..................

मैं आप से कितनी बार कह चुकी हूँ कि दिलनवाझ ने सब के सामने मेरा अपमान किया इसलिए मुझे गुस्सा आ गया था और मैंने पिस्तौल निकालकर उस पर तान दी थी, लेकिन यह क्षणिक आवेश था| इसके बाद मैं शांत हो गई थी| मैंने उसका मर्डर नहीं किया| मर्डर की धमकी की ही बात है तो तपन त्रिपाठी ने भी ऐसी धमकी दी थी| मेरा झगडा हुआ तब बीच बचाव करने आए अमन कपूर का भी दिलनवाझ ने अपमान किया था| वह अमन के तपन त्रिपाठी के साथ फिझिकल रिलेशन्स के बारे में बेहूदी बातें कर रहा था| इस वजह से अमन और तपन त्रिपाठी का भी दिलनवाझ के साथ बड़ा झगड़ा हुआ था| तभी तपन त्रिपाठी ने दिलनवाझ को धमकी दी थी कि मैं तुम्हें समन्दर में फेंक दूंगा |’

हिरोइन शैली सागर सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार को कह रही थी|

…………………….

‘हा, दिलनवाझजी के साथ मेरा झगड़ा हुआ था| उन्होंने अमन और मेरे बारे में बेहूदी कमेंट्स की थी इसलिए मैं आपा खो बैठा था|‘

एक्टर तपन त्रिपाठी सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार को कह रहा था| वह एकदम नर्वस प्रतीत हो रहा था|

‘तुमने सब की मौजूदगी में उसे मार डालने की धमकी दी थी ऐसा कई लोगों का कहना है....’इनामदार ने उसके सामने तीक्ष्ण नजर से देखते हुए कहा|

‘ये सच है कि मैं दिलनवाझजी पर बहुत गुस्सा हो गया था और मेरे मुँह से ऐसे शब्द निकल गये थे कि मैं तुम्हें समुद्र में फेंक दूंगा...’ तपन त्रिपाठी की आवाज कांपने लगी थी|

‘और थोड़ी देर बाद तुम रेस्ट रुम की ओर गये तब गैलरी में मोबाइल फोन पर बात कर रहे दिलनवाझ को देखकर धमकी को अमल में ला दिया|‘ उसकी बात बीच में काटते हुए इनामदार ने कहा|

‘नो, नो | हमारा झगड़ा हुआ उसके कुछ समय के बाद ही दिलनवाझ ने मुझसे और मैंने उससे माफी माँग ली थी| बात वहीं खत्म हो गई थी| दिलनवाझजी गैलरी में गये उसके बाद मैं हॉल में गया ही नहीं| आप दूसरे गेस्ट के साथ क्रोस चेक कर सकते हो...’

डेढ़ घन्टे तक तपन त्रिपाठी की सघन पूछताछ के बाद इनामदार ने उसे जाने की इजाजत दे दी और अंत में ताकीद भी कर दी कि पुलिस की इजाजत के बिना बम्बई से बाहर मत जाना|

...................

‘हरामखोर दिलनवाझ ने मेरे साथ विश्वासघात किया है, साला...छोडूँगा नहीं|‘ बोलने वाले की आवाज से लग रहा था कि वह शराब के नशे में हैं|

पुलिस कमिशनर पटनायक वाइरल हुई एक ओडियो क्लिप सुन रहे थे|

‘चाहे जैसा भी हो दोस्त है वह आपका|’ दूसरी व्यक्ति ने कहा|

‘दोस्त है नहीं, था| उसने मेरे साथ विश्वासघात किया तब से वह मेरा एक नम्बर का दुश्मन हो गया है| ये व्यक्ति किसी का भी दोस्त नहीं हो सकता| उसने मेरी दोस्ती ही देखी है, अब मैं उसे बताऊंगा कि दुश्मनी किसे कहते हैं |’

‘लेकिन उसकी पहुंच अब तो प्राइम मिनिस्टर तक हो गई है|‘

‘इस देश में प्राइम मिनिस्टर का भी मर्डर हुआ है | इसकी..... तो हेसियत क्या है |’

‘कूल डाउन| अभी तुम गुस्से में हो...’

इसके बाद जो नाम बोला गया यह सुनकर पटनायक को मानो बिजली का करंट लग गया हो|

******