hope is hell - 2 in Hindi Thriller by kuldeep vaghela books and stories PDF | होप इस हेल - 2

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होप इस हेल - 2

होप इस हेल
एपिसोड २
२१ मार्च , २०२०
मुंबई के एक रेस्टोरेंट में सेंटर टेबल पर रेड शिफॉन पेहने एक लड़की बैठी थी। बोझ लुकिंग गॉर्जियस, लग रहा था वो किसी का इंतज़ार कर रही थी। नीली आंखें और उसका वो चेहरा, जिसमें एक अलग ही चमक थी। शायद वो अपने एक्सप्रेशन छुपा रही थी, या तो छुपाने की कोशिश कर रही थी। तभी वहां पर एक लड़का एंटर हुआ। उसने इधर उधर देखा और फिर उस लड़की के सामने आकर बैठ गया।
"यू आर लेट।" उस लड़की बिना हावभाव के लड़केको देखे बिना ही बोल दिया।
" ओ गॉड, तुम भी जानती हो क्यों लेट हुआ। और वैसे भी जब तक बॉडी गायब ना हो जाए तब तक काम पूरा नहीं होता ना। "
" शाट आप, पब्लिक प्लेस में ऐसी बातें नहीं करते। पता है तुम बहुत ही प्रोफेशनल हो पर एक वक्त आएगा जब मैं साबित करूंगी कि मैं तुमसे अच्छी हूं। "
"इस बात पर तो पूरे रो में डिबेट हो सकती है। सब जानते हैं तुम बेस्ट हो और ये भी जानते हैं कि क्यों तुम्हे ऑपर्च्युनिटी नहीं मिलती।"
कुछ देर ऐसे ही बातें करके वो लड़का चला गया। लेकिन ज्यादा जाते उसने एक बात बोली: " बिल ज़रूर देखना।"
२ मिनट बाद वेटर आया। लड़की ने बिल देखा तो उसमें एक नोट लिखी हुई थी : रिपोर्ट हेड़ हेडक्वार्टर्स इमिडिएटली।
****"
२२ मार्च २०२०
डॉक्टर मेनन पिछले ४ दिनों से लगातार काम कर रही थी। इसी वजह से उनकी असिस्टेंट जुली के साथ ज़्यादा बॉन्डिंग हो गई थी। जूली भी काफी इंटेलिजेंट थी। लेकिन उस इंटेलिजेंन्सको अप्लाई करने में ज्यादातर मार खा जाती थीं।
"मैम, आप बोल रहे हो कि आपने इस वायरस की वैकसीन बना ली है। तो क्या आप समझाओगे कि आपने किया कैसे? जहां तक मुझे याद है शायद ही कोई होगा दुनिया में जिसने ये काम किया हो।" जूली ने हमेशा की तरह कुछ ना जानते हुए कुछ जानने का प्रयास किया। डॉक्टर मेनन अपनी उसी समाईल के साथ बोले : "तुम्हें पता है हैलोजन एलिमेंट ग्रुप क्या है ?"
"हां, ये वो ग्रुप है जीसके ज़्यादातर एलिमेंट डार्क है, क्योंकि इनका मिलना बहुत ही रेर है।"
"मैंने उसी ग्रुप में से एक एलिमेंट ढु॑ढा है। चलो मैं तुम्हें कुछ हिंट देती हूं । ये एलीफेंट इतना कम है कि अगर तुम पूरी पृथ्वी में से इसे निकालो तो तुम्हे 1 मिलीग्राम जितना ही मिलेगा। आज तक हम साइंटिस्ट इसे स्टडी भी नहीं कर पाए हैं। इन फेक्ट हम इसका रंग भी नहीं जानते। और सबसे इंपोटेंट, अगर तुम्हें अभी याद नहीं आ रहा तो बता दूं कि पीरियोडिक टेबल में इसका नंबर 85 है। "
इतना सुनते ही जूली की आंखें फटी की फटी रह गई। और वो धीरे से बोली : "एस्टेटीन ?"
"हां, यू आर राईट। पर मैंने प्योर एस्टिटीन नहीं लिया , उसी का एक आइसोटोप एसटीटी-211 यूज़ किया है। "
"पर ये तो बहोत ही रेर एलिमेंट है। आपको ये कैसे मिला?"
डॉक्टर मेननने अजीब तरीके से जूलीकी तरफ देखा और वो समझ गई कि उसे चुप हो जाना चाहिए। फिर वो बोली : "दुनिया को इस वक्त वैक्सीन से मतलब है। वो कहां से आई उसकी किसी को कोई चिंता नहीं।"
***
रो हेड़क्वार्टर
चीफ मि, बक्षी अपने एजेंटको वेलकम कर रहे थे : " तो होटल का बिल देखकर पेमेंट लेने आ ही गई ।"
"अब आपके जैसी अमीर पार्टी बुलाए तो कौन मना करेगा सर। आपकी बात तो माननी ही पड़ेगी ना!"
"हां हां, वैसे भी तुम मेरी हर बात जो मानती हो। लास्ट मिशन में भी मैंने तुमसे सिर्फ नज़र रखने को कहा था, इतना मुझे याद आ रहा है।"
"अगर सिर्फ नज़र रखने पर से देश सलामत होता तो हथियारोंकी ज़रूरत ही कहां थी सर। यू नो मुझे जो सही लगता है वो मैं करती हूं, और फिर मैं अपनी जिम्मेदारी भी उतनी ही शिद्दत से लेती हूं। किसी की तरह नहीं जो अपनी किए हुए गुनाहों की सज़ा किसी और को दे दे।" उसने चीफ की आंखों में आंखें मिलाई और जेसे द्रोपदी पांच पांडवसे भरी सभा में प्रश्न कर रही हो वैसे हाव-भाव उसके चेहरे पर साफ झलक गए।
"उसके लिए सज़ा लेने वाले का ईमानदार होना ज़रूरी होता है।" चीफने बिना कोई हाव-भाव के ठंडे मिजाज से जवाब दिया। " खैर तुम्हारे लिऐ एक नया मिशन है। और वैसे तो मैं ये तुम्हे नहीं देना चाहता था, लेकिन फिर सोचा कि शायद तुम पर्सनली इसमें इन्वॉल्व हो सकती हो। इसीलिए ये मिशन तुम्हें दिया जा रहा है।"
"हमारे सोर्सीस से हमें पता चला है कि जो वायरस हालही में एंटर हुआ है। उसकी वैक्सीनकी टेस्टिंग चल रही है और बहुत जल्द सफल भी हो जाएगी। और तुम्हें तो पता ही है की एक सिक्के की दो बाज़ू होती ही है। उसी तरह कुछ बुरे लोगों की भी वहां पर नज़र होगी ही। या यूं कहूं की है। तो बस तुम्हारा सिंपलसा मिशन है कि तुम्हें उस वैक्सीन को लाना है। जब तक कि वो सरकार के हाथोंमें ना आ जाए तब तक उसे सेफ रखना है। ये काम हम आर्मी और प्रोटेक्शन फोर्सको भी दे सकते थे। पर उससे हमने वैक्सीन इतनी जल्दी कैसे ढूंढ ली वो शक पैदा हो सकता था। इसीलिए ये बहोत ही सीक्रेटली करना है। और सबसे इंपोर्टेंट बात, जिस डॉक्टरने यह वैक्सीन बनाई है उसका नाम है डॉक्टर रिया मेनन। "
ये सुनकर उस लड़की की आंखों में गुस्सा भर आया। " अब आपने कहा है तो करना तो पड़ेगा। लेकिन मैं आपको ये प्रॉमिस नहीं कर सकती कि मैं ये काम कायदेके अंदर रेहकर करूंगी। "
ओ माय गॉड । राधिका मेनन ऐसा कोई प्रॉमिस करें या ना करें, सबको पता है कि को रॉ की रूल-ब्रेकर गर्ल है। तो मैं तुमसे ये उम्मीद रखता भी नहीं। पर हां इतनी उम्मीद ज़रूर रखता हूं कि तुम अपने जज़्बात पर काबू रखकर ये काम कर पाओगी। क्योंकि यहां पर तुम्हें कई ऐसी सिचुएशन मिलेंगी जहां तुम्हारे दिल और दिमागके बीच जंग ज़रूर होगी। "
वो लड़की बिना जवाब दिए वहांसे चली गई। और मिस्टर बक्षी उसे जाते देखकर मन में ही बोले: " मेरा दोस्त बहोत नसीब वाला था। "
***
दूर एक आदमी अपने कंप्यूटर स्क्रीनके सामने बैठा हुआ ये सोच रहा था कि क्या वो आदमी इंजेक्शन से मरा होगा या फांसी के फंदे से ? या तो उसने जो लास्ट में बम ब्लास्ट किया उसमें मरा। और वो खुद पर ही हंसने लगा कि कैसे उसने एक आदमी को मारने के लिए एक साथ तीन तरीके आजमाए। पर यही उसका स्टाइल था, और इसीलिए उसे हिटमैन का नाम भी मिला था। उसकी यही स्पेश्यालिटी थी कि को हर बार नए-नए तरीकों से अपने काम को अंजाम देता था। अब किलर वर्ल्ड में भी उसके चर्चे हाई रेटेड कॉन्ट्रैक्ट किलरकी तरह होने लगे थे। उसने यहीं तो चाहा था । उसने इसके लिए बहुत मेहनत भी की ही थी।
तभी उसके स्क्रीन पर एक फ्लैश हुआ। और वो हंसने लगा और बोला: " चलो अब दुनिया में से एक और को कम करनेका वक्त आ गया। चलो कुछ नया सोच कर ही इसे मारनेका तरीका ढूंढना पड़ेगा। और वो गूगल पर तो मिलेगा नहीं। कुछ प्लान करना पड़ेगा। "