Iqbaal - 3 in Hindi Fiction Stories by Afzal Malla books and stories PDF | इक़बाल - भाग ३

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इक़बाल - भाग ३

अब इक़बाल घर की ओर निकलता है बहोत खुश है क्योकि सब ऐसे बल्लेबाज को आउट किया जिसको कभी कोई आउट नही कर पाया ओर वो घर जाके सबको ये बताने लगा,जो बच्चा बचपन में सबसे सरारती था जिससे सब परेशान थे आज सब उसकी वाह-वाही कर रहे थे, ओर आस पास के सभी गांव में इक़बाल की बोल बाला होने लगी थी ओर इक़बाल यहा से अपनी मेहनत ओर दुगनी कर देता है अब उसे बस गाव में नही बाहर भी खेलना था वो सोचता है की अपनी खुद की एक टीम बनाये ओर बाहर खेलने जाए दुसरे लोगो के साथ बस ये सोचता है ओर सो जाता है..


फिर एक नई सुबह के साथ इक़बाल जब प्रैक्टिस करने को जाता है तो वही पे उसे एक बुजुर्ग मिलते है, इक़बाल बेटा क्या कर रहे हो, आज कल तुम्हारी प्रसंसा बहोत सुनने को मिली है , अच्छा कर रहे हो बस अपना ध्यान रखना ओर जो तुम्हें पाना है बस उसपे नजर हटे ना ध्यान रखना, इकबाल ये सब सुन रहा है ध्यान से ओर ओर गहरी सोच में दुब जाता है के क्या कहना चाहते है वो, केहते है की ओर अगर कुछ मिल जाए तो उनकी कदर भी करना आज जो तुजे नाम मिला है उसको कभी खोने ना देना बस इक़बाल उनको हा कहता है ओर वह पे नजिक कुए में पानी पीने जाता है, ओर वहा अपना हाथ,मुह धो रहा है ओर एल लड़की उसे पानी दे रही है अभी इक़बाल पानी पी कर निकलता है उतने में उसे एक लड़की सामने दिखती है, बहोत ही खूबसूरत ओर नाजुक कली की तरह उसकी कत्थई सी आंखे, लंबे बाल ओर एक दम रूपसुन्दरी मानो परी आ गई इकबाल उसे देखता ही रह गया, वो बाजू में से निकल जाती है वो इक़बाल की तरफ देखती भी नही इक़बाल को लगता है ये कोन है वो तो उसके खयालो में खो जाता है के इतनी खूबसूरत लड़की हमरे गांव में, कोन है ये लड़की?, कहा रहती है?, उसका नाम क्या है उसके मन में के सवाल आते है ओर घर की ओर जाता है, बीच में उसे अपना दोस्त मिलता है वो उसके साथ बाजार में जाता है कुछ खरीदने, पर इकबाल का मन उस लड़की में लगा था वो अभी भी उसी के बारे में सोच रहा था।

वो अपने दोस्त को पूछता है यार तुजे पता है के हमारे गांव में कोई नाइ लड़की आई हो या तूने देखा हो ? वो मना करता है के नई मेने तो किसी को नई देखा क्यों क्या हुआ बहोत सुंदर है क्या पुछके हसने लगता है, इक़बाल कुछ नई बोलता ओर उसके साथ चलता है ।

इक़बाल जिसे देख कर उसके बारे में सोच रहा था उसका नाम हीना था ओर वो अपने मामा के घर आई थी पढ़ाई करने के लिए, ओर वो बहोत खुबसूरत ओर मेहनती लड़की थी उनको पढ़ने का सोख था तो उसके मामा ने उसको आगे पढाने का फैसला किया क्योकि उसके गांव में अच्ची शिक्षा नही मिल रही थी ओर उसके पापा के पास पैसे नही थे के उसे बाहर भेज सके, तो उसके मामा ने कहा में पढ़ाऊंगा ओर उसके मामा भी एक शिक्षक थे, वो उसी गांव में पढाते थे उनका नाम रसूल मास्तर से वो अपने गांव में मसूर थे, बहोत ही शख्त ओर गरम मिजाज के है, स्कूल में सभी बच्चे डरते है उनसे ओर वो इन्शान अच्छे है पर थोड़े गरम मिजाज के क्योकि वो चाहते के बच्चे कुछ अच्छा शिखे बस वैसे है वो रसूल मास्टर प्रख्यात थे ओर उनका काम वाकई अच्छा था।