Huf Print - 7 in Hindi Moral Stories by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | हूफ प्रिंट - 7

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हूफ प्रिंट - 7

हूफ प्रिंट

Chapter 7

अपने ऑफिस के केबिन में बैठा आकाशदीप मानस के साथ आगे क्या करना है इसके बारे में विचार कर रहा था। वह जानता था कि आगली सुनवाई में संजना मानस से इस बारे में सवाल करेंगी कि उसकी मिलिंद से क्या बात हुई थी। उसने उसे वहाँ मिलने के लिए क्यों बुलाया था ?

मानस ने कहा,

"तुमने कहा था कि संजना जब इस बारे में सवाल करें तो सब सच बता देना। पर क्या ऐसा करने से केस कमज़ोर नहीं पड़ जाएगा ?"

"मानस हम झूठ के रास्ते पर चल कर सच तक नहीं पहुँच सकते हैं। झूठ हमारे ही रास्ते का रोड़ा बन जाएगा। मैंने पहले ही कहा था कि तुम्हारे खिलाफ हत्या का मोटिव साबित करना आसान होगा। पर सच बोल कर ही हम केस में आगे बढ़ पाएंगे।"

आकाशदीप अपनी कुर्सी से उठकर केबिन में इधर उधर चहलकदमी करने लगा। कुछ देर सोचने के बाद बोला,

"अब ज़रा सोंच कर बताओ कि वो कौन लोग हो सकते हैं जो तुमसे नाराज़ हो सकते हैं।"

मानस ने अपने दिमाग पर ज़ोर डाला। पर उसे कोई नाम समझ नहीं आया।

"ध्यान से सोंचो। बिज़नेस में या परिवार में कोई।"

"बिज़नेस में तो कोई नहीं लगता है। रही परिवार की बात तो पापा और मनीषा को छोड़कर कौन है।"

आकाशदीप ने गंभीरता के साथ कहा,

"मनीषा अरमान बिजलानी को डेट कर रही है। अरमान तुम्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं है। तुम्हारा अरमान से झगड़ा भी हुआ था। उस पार्टी में मैं भी था। तुमने कई बार मनीषा को समझाया था कि उसे छोड़ दे। लेकिन वो मानी नहीं।"

"ठीक है... पर इसका मिलिंद के कत्ल से क्या वास्ता ?"

"एक बात और मनीषा को यह लगता था कि तुम उसकी ज़िंदगी पर अपना नियंत्रण रखना चाहते हो जो उसे पसंद नहीं। यह बात उसने मोनिका के टॉक शो में कही भी थी।"

"यू नो मोनिका... वह अपने शो की टीआरपी के लिए ऐसी बातें जबरदस्ती लोगों के मुंह से निकलवाती है। फिर उन्हें हाईलाइट करती है।"

"मानस कोई किसी ‌से वह नहीं कहलवा सकता है जो उसके मन में ना हो।"

मानस उसकी बात पर विचार करने लगा। यह सही था कि मनीषा उसके बारे में वैसा ही सोंचती थी ‌जैसा उसने मोनिका के टॉक शो में कहा था। जब वह उसे किसी सही बात के लिए भी टोंकता तो वह यही कहती थी कि यह उसकी बेवजह दखलंदाजी है। वह उसकी ज़िंदगी को अपने हिसाब से चलाना चाहता है।

पर फिर भी वह इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहा था कि मनीषा ऐसा कुछ कर सकती है। उसने कहा,

"मनीषा मुझसे नाराज़ रहती है। पर वह मिलिंद को क्यों कुछ करेगी ?"

वह कुछ रुक कर बोला,

"आकाशदीप जैसे तुम्हें यकीन है कि मैंने कत्ल नहीं किया है वैसे ही मेरा भी दिल कहता है कि मनीषा मेरे विरुद्ध कुछ नहीं करेगी।"

"ठीक है मानस....पर अरमान तो कर सकता है।"

"हाँ वो मेरे विरुद्ध कुछ कर सकता है।"

"तो फिर हमारा पहला सस्पेक्ट अरमान है। हम उसकी जांच करेंगे। तुम सोंच कर बताओ कि क्या और कोई हो सकता है। कोई भी छोटी से छोटी बात जो तुम्हें याद आए।"

आकाशदीप अपनी सहायक नैना दुबे को कुछ हिदायतें दे रहा था। मानस उसके कहे अनुसार सोंचने लगा कि वह कौन हो सकता है जो उसे इस केस में फंसाना चाहता हो ?

नैना को कुछ बातें समझा कर वह मानस के पास आकर बोला,

"कुछ याद आया ?"

"एक बात याद आई। दिमागी परेशानी में मेरे दिमाग से उतर गई थी। बात मोनिका सान्याल से संबंधित है।"

"क्या बात है ?"

मानस ने इंगेजमेंट वाले दिन की वह घटना बताई....

पार्टी के बीच में मानस को वॉशरूम जाने की ज़रूरत महसूस हुई। वह ऊपर अपने कमरे में चला गया। जब वह वापस आ रहा था तो अपने कमरे के बाहर उसे मोनिका मिली। उसे देखकर मानस ने पूँछा,

"तुम यहाँ क्या कर रही हो ?"

"मुझे तुमसे बहुत ज़रूरी बात करनी है। अपने कमरे में चलो।"

"इस वक्त कौन सी बात करनी है ? जो भी कहना है यहीं कहो।"

"प्लीज़ मेरी बात मानो।"

मोनिका हाथ पकड़ कर मानस को उसके कमरे में ले गई। अंदर जाकर उसने मानस को अपनी बाहों में भींचते हुए कहा,

"तुमने मुझे बूढ़ी कहा था। ध्यान से महसूस करो मैं बूढ़ी नहीं हुई हूँ।"

मानस ने उसे परे ढकेल कर कहा,

"ये बकवास करने के लिए तुम मुझे कमरे में लाई थी।"

वह बाहर की तरफ जाने लगा। मोनिका ने हाथ पकड़ कर कहा,

"श्वेता के साथ शादी से पहले एक बार और मेरे हो जाओ। कल मेरे घर आ जाना।"

"तुम पागल हो गई हो। लीव मी।"

कह कर मानस ने अपना हाथ छुड़ाने का प्रयास किया। मोनिका ने उसे अपनी तरफ खींच कर कहा,

"मैं जानती हूँ कि तुम क्या क्या शौक रखते हो।"

मोनिका ने मानस को छोड़ दिया और कमरे से बाहर निकल गई।

सारी घटना सुनाने के बाद मानस बोला,

"मैंने तब उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। फिर ये समस्या खड़ी हो गई। पर मुझे लगता है कि कहीं मेरे शौक का ज़िक्र करते हुए वह मिलिंद की तरफ इशारा तो नहीं कर रही थी।"

"हो सकता है।"

मानस ने कुछ और याद करते हुए कहा,

"अब याद कर रहा हूँ तो एक और बात याद आई है। मैं भी मोनिका के टॉक शो में गया था। उस शो के दौरान उसने हंसते हुए कहा था कि उसकी इच्छा मुझसे शादी करने की है।"

आकाशदीप ने मोनिका को भी अपने सस्पेक्ट की लिस्ट में शामिल कर लिया।

नैना दुबे अरमान बिजलानी के पिछले कई दिनों की गतिविधियों के बारे ‌में पता कर रही थी। वह उसके पीए पवन बंसल के पास बैठी थी। उसने अपना परिचय रश्मी जैन नाम नाम की लेखिका के रूप में दिया था। उसका कहना था कि वह टीवी और बॉलीवुड के उन कलाकारों पर एक किताब लिख रही है, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर अपना स्थान बनाया है। वह अरमान के ऊपर भी एक चैप्टर लिखना चाहती है। इसलिए अरमान से मिलना चाहती है।

पवन ने उसे बताया कि अरमान बहुत व्यस्त है। आजकल अपनी बॉलीवुड डेब्यू फिल्म की शूटिंग के लिए बैंकाक जाने वाला है। उससे जल्दी मिल पाना संभव नहीं है।

नैना ने ऐसा जताया जैसे कि वह बहुत निराश हो। उसने पवन से कहा,

"क्या आप कुछ कर नहीं सकते हैं ? आप ही तो उनकी डेट्स मैनेज करते हैं।"

"तभी तो कह रहा हूँ कि जल्दी मिलना संभव नहीं है।"

नैना ने पवन की तारीफ करते हुए कहा,

"वैसे आपका काम बहुत मेहनत का है। अरमान इतना बिज़ी रहते हैं तो आपको भी फुर्सत नहीं मिल पाती होगी।"

"हाँ जल्दी छुट्टी नहीं मिल पाती है। पर अभी कुछ दिनों की छुट्टी ले चुका हूँ‌।"

"अरमान मान गए थे छुट्टी के लिए।"

"वो तो इसलिए कि अपने एक सिंगिंग रियालटी शो का फिनाले एपीसोड शूट होने के बाद अरमान ने भी पिछले महीने की बीस से चौबीस तारीख तक छुट्टी रखी थी। क्योंकी अरमान को मुंबई में एक ईवेंट की एंकरिंग करने के बाद लंबे शेड्यूल के लिए बैंकाक जाना है।"

नैना को एक अहम जानकारी मिल चुकी थी। बाइस तारीख को मिलिंद की हत्या की संभावना जताई जा रही थी। तेइस तारीख को मानस की इंगेजमेंट थी।

आकाशदीप एसपी नताशा पिंटो से मिला। उसने गुज़ारिश की कि वह बाइस तारीख को अरमान के मोबाइल की लोकेशन और उस दौरान उसके फ़ोन कॉल्स का ब्यौरा उपलब्ध कराने में सहायता करे। एसपी नताशा ने सहयोग का आश्वासन दिया।

सब इंस्पेक्टर नेहा गौतम ने अरमान की मोबाइल लोकेशन व कॉल डिटेल्स की रिपोर्ट दी। उसके कॉल डीटेल्स के अनुसार जिस रात मिलिंद की मानस से बात हुई थी उसी रात मानस को कॉल करने से पहले मिलिंद ने अरमान से बात की थी। बताए गए समय पर अरमान की मोबाइल लोकेशन कत्ल वाली जगह के पास थी। उसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया।

आकाशदीप के लिए यह एक महत्वपूर्ण जानकारी थी। उसने सब इंस्पेक्टर नेहा से कहा कि वह अरमान के बारे में कुछ और बातें पता करके बताए। वह चाहता था कि जब वह अरमान को जब कोर्ट में बुलाए तो उसके पास पुख्ता सबूत हों।

नेहा ने जो जानकारी लाकर दी उसने आकाशदीप को उत्साह से भर दिया।

कोर्ट द्वारा अरमान को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का समन जारी कर दिया गया।

आकाशदीप अगली सुनवाई की तैयारी करने लगा।

*****