Baat ek raat ki - 24 in Hindi Detective stories by Aashu Patel books and stories PDF | बात एक रात की - 24

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बात एक रात की - 24

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 24 )

अमन कपूर ने दिलनवाझ को समझाने का प्रयास किया तो दिलनवाझ उस पर भड़क गया| उसने गुस्से से कहा, ‘साले तु तो ‘गे’ है, तुजे इस बीच में कहाँ से दिलचस्पी पैदा हो गई? तुजे तो तपन त्रिपाठी में दिलचस्पी है| साले को एक्टिंग का ‘ए’ नहीं आता लेकिन तेरे साथ सो-सो कर हीरो बन गया|

दिलनवाझ की आवाज लड़खड़ा रही थी|

‘दिलनवाझ....’ अमन चीख उठा|

उसी वक्त अमन का ‘गे’ पार्टनर तपन त्रिपाठी दिलनवाझ के पास पहुंचा| वह एकदम स्त्रैण था, लेकिन दिलनवाझ के शब्दों से वह आक्रोशित हो गया था| ‘आई विल किल यु’ कहते हुए दिलनवाझ पर हाथ उठा दिया| आकाश महेरा और अहेसान ने उसे पकड़ लिया और शांत करने की कोशिश करने लगे|

‘मैं तुम्हें समन्दर में फेंक दूंगा’, तपन आकाश महेरा और अहेसान की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए चीख उठा|

शैली सागर भी दिलनवाझ को गालियाँ दे रही थी| रोशनी रौतेला, एम.एल.ए.इश्तियाक अहमद, और एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर उसे शांत करने की कोशिश कर रहे थे|

दिलनवाझ की पत्‍‌नी हीना अत्यंत शर्मजनक स्थिति में पड गईं थी| ‘दिलनवाझ, डोन्ट स्पोइल ध पार्टी, प्लीझ|‘ उसने गिडगिडाते हुए कहा|

‘शट अप|’ दिलनवाझ हीना पर भड़का|

दिलनवाझ हीना को आगे कुछ कहने जा रहा था, लेकिन तभी अहेसान मलिक ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, ‘कूल डाउन|‘

और किसी ने दिलनवाझ को इस तरह कंधे पर हाथ रखकर कुछ कहने की कोशिश की होती तो दिलनवाझ ने उसका हाथ झडक दिया होता, लेकिन इतने नशे में भी दिलनवाझ को फिल्मसिटी के नजदिक दिंडोशी ट्राफिक सिग्नल पर हुई फायरिंग वाली घटना याद आ गई और वह शांत होने लगा|

अहेसान दिलनवाझ के साथ बात करते हुए उसे हॉल की तरफ ले गया| हीना दिलनवाझ के बुरे बर्ताव के लिए शैली, अमन और तपन की माफी माँगने लगी| उसकी हालत अत्यंत बिगड़ गई थी|

कुछ मिनटों के तमाशे के बाद मामला शांत हो गया था| शैली सागर, अमन और तपन त्रिपाठी का गुस्सा भी शांत हो गया था लेकिन उन्होंने जिद की कि यॉट गेट वे इन्डिया पर ले लो| हमें चले जाना है, लेकिन दूसरे महेमानों ने उन्हें समझाया था|

इस दौरान अहेसान मलिक से बातें करते- करते वोमिट सेंसेशन की वजह से दिलनवाझ रेस्ट रुम की ओर दौड़ा| वोमिट के बाद चेहरे पर पानी के छींटे मार कर वह बाहर आने के बाद थोड़ा शांत हुआ था| वह अमन से गले मिला और उसकी माफी मांगी थी| उसने शैली सागर और तपन त्रिपाठी को भी ‘सोरी’ कहा था|

इस तमाशे के दौरान एस्पायरिंग एक्ट्रेस प्रिया प्रधान और अन्य आमंत्रित महेमान मूक प्रेक्षक की तरह तमाशा देख रहे थे|

......................

‘तुमने दिलनवाझ को ऐसा क्या कहा कि वह शांत हो गया और सब से माफी माँगने लगा?’

रोशनी रौतेला उसके प्रेमी अहेसान से पूछ रही थी| उसे लगा था कि अहेसान ने शायद दिलनवाझ को धमकाया होगा |

‘अरे मैंने तो फ्रेंड की भांति उसे समझाया कि क्यों अपनी पार्टी खराब कर रहे हो? इनमें से कोई मीडिया तक बात पहुंचा देगा तो बेकार ही तुम्हारी बदनामी होगी|‘ अहेसान ने मुस्कान के साथ कहा|

रोशनी के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई| हालांकि उसके चेहरे के हावभाव साफ कह रहे थे कि उसे अहेसान की बात पर विश्वास नहीं हुआ|

वह आगे कुछ कहने जा रही थी, लेकिन तभी आकाश महेरा उसके पास आया|

‘थेंक्स अगेन‘ उसने अहेसान और रोशनी से कहा| वह दिलनवाझ से फिल्म की डेट्स दिलवाने के लिए दोनों के प्रति आभार व्यक्त कर रहा था| वह पहले भी कई बार रोशनी और अहेसान का आभार मान चुका था| फिल्म पूरी हुई इसका लाभ रोशनी को भी मिला था और दिलनवाझ से डेट्स दिलवाने के बदले में अहेसान ने फिल्म के प्रॉफिट में 50 प्रतिशत हिस्सा ले लिया था| लेकिन आकाश महेरा के पैसे और उसके भाई आनंद की करियर को उसने बचा लिया था|

‘वेलकम’ रोशनी और अहेसान ने एक साथ कहा|

‘आपकी और एक मदद की जरुरत है|‘ आकाश महेरा ने अहेसान की ओर देखते हुए कहा|

‘यस?’ अहेसान बोला|

एम.एल.ए. इश्तियाक अहमद और एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट पाटणकर के पास में खड़े दिलनवाझ की नजर बातें कर रहे आकाश महेरा, अहेसान और रोशनी पर पड़ी|

तभी दिलनवाझ की जेब में रखा मोबाइल फोन वाइब्रेट हुआ|

दिलनवाझ ने मोबाइल जेब से निकालकर नम्बर देखा और फोन काट दिया|

फिर से उसका मोबाइल फोन वाइब्रेट हुआ| इस बार मेसेज भी आया था और फिर तुरंत ही एक विडियो क्लिप आई|

दिलनवाझ ने मेसेज पढ़ा इसी के साथ ही उसका नशा उतर गया और विडियो क्लिप देखकर तो वह कांप उठा|

दिलनवाझ थोड़ी देर तक मोबाइल फोन की स्क्रीन के सामने देखता ही रहा|

उसकी पत्‍‌नी हीना ने दिलनवाझ के चेहरे के भाव पढ़कर दिलनवाझ को पूछा, ‘वोट हेपंड?’

दिलनवाझ ने उसकी ओर देखा लेकिन जवाब टाल दिया| हीना आगे कुछ पूछे इससे पहले उसने जिस नम्बर से मेसेज आया था उस नम्बर पर कॉल किया और हॉल की ओर चलने लगा| दिलनवाझ उसके सवाल का जवाब दिये बिना ही चला गया इसलिए हीना खिन्न हो गई| तभी अमन कपूर उसके पास आया ओर बातचीत शुरु की|

दिलनवाझ मोबाइल फोन कान पर लगाकर हॉल के छौर पर गैलरी में गया| गैलरी में जाकर वह यॉट के किनारे पर खड़ा रहकर समुद्र के सामने देखते-देखते मोबाइल पर बात कर रहा था| वह भयंकर अस्वस्थ हो गया था|

....................

‘शी इझ प्रिया प्रधान, हमारी नई फिल्म के लिए दिलनवाझ सर ने उसका नाम सजेस्ट किया है|‘

आकाश महेरा के नये-नये डिरेक्टर हुए भाई आनंद ने शैली सागर के साथ प्रिया का परिचय करवाते हुए कहा| आनंद की नई फिल्म के लिए प्रिया को साइन करने की सिफारिश दिलनवाझ ने आकाश और आनंद को की थी|

‘हाय प्रिया|‘ शैली ने प्रिया को गले मिलते हुए कहा|

‘हाय|‘ प्रिया ने जवाब दिया और कहा, ’आई एम वेरी बिग फेन ऑफ यु|‘

‘थेंकस,’ शैली ने कहा| दिलनवाझ के माफी माँगने के बाद वह शांत नजर आ रही थी, लेकिन उसका मूड अभी भी उखडा हुआ था|

तभी आकाश ने आनंद महेरा को बुलाया तो ‘एक्सक्युझ मी’ कहकर आनंद चल दिया|

‘सो दिलनवाझ विल लॉन्च यु नाउ|’ शैली ने व्यंग्यपूर्ण आवाझ में प्रिया को कहा|

प्रिया थोड़ी अस्वस्थ हो गई|

शैली ने प्रिया से कहा, ‘ही इझ ए बास्टर्ड बट ही केन मेक यु हिरोइन| नो वन डेर टु से हिम ‘नो’|’

क्या बोलना चाहिए ये समझ में नहीं आया तो प्रिया चूप ही रही|

‘कहाँ से आ रही है तु?’ शैली को उसकी दया आ रही थी इस लिए उसने दूसरी बात शुरु की|

‘जी, पूणे से|‘

‘नाइस सिटी|‘ शैली ने कहा|

शैली प्रिया के साथ बातें करती रही| इस दौरान प्रिया का ध्यान दो बार हॉल की ओर गया| शैली ने यह देखा तो वह बोल पड़ी कि, ‘ ये बास्टर्ड अभी किसी दूसरी लड़की को हिरोइन बनाने का प्रोमिस दे रहा होगा |’

ये शब्द बोलने के बाद शैली को लगा कि यह लड़की अभी नई -नई दिलनवाझ के करीब आई है इस लिए उसे दिलनवाझ के विरुध्ध कुछ सुनना अच्छा नहीं लगेगा| इस विचार से चेहरे पर बनावटी मुस्कान बिखेरते हुए कहा, ‘जस्ट किडिंग|’

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‘दिलनवाझ ने कई दुश्मन बना लिए थे| यह तो अहेसान ने शैली का पिस्तौल वाला हाथ लास्ट मोमेंट उपर उठा दिया वरना अभी दिलनवाझ की लाश यहाँ पड़ी होती|’ एम.एल.ए. इश्तियाक अहमदने एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर से कहा| उसकी आवाज में शराब के नशे की धमक स्पष्ट थी|

‘तो आपको फायदा हो गया होता|’ पाटणकर ने कहा| वह भी पाँच-छह पेग पी चुका था| उसे इश्तियाक अहमद के साथ सालों पुराना रिश्ता था और दोनों के बीच कभी कभी मजाक मस्ती भी होती रहती थी| हालांकि अभी पाटणकर की आवाज में व्यंग्य था |

‘क्या कहते हो? तुम्हें शराब चढ़ गई क्या?’ चौंकते हुए इश्तियाक ने कहा|

‘नशे में नहीं हूँ मैं | दिलनवाझ जिन्दा रहेगा तब तक तो सांसद बनने का और केन्द्र में मंत्री बनने का आपका सपना पूरा नहीं होगा| दिलनवाझ आज मारा गया होता तो आपका रास्ता साफ हो जाता| फिर नोर्थ- सेन्ट्रल बम्बई लोकसभा सीट का चुनाव होता और आपको टिकट मिल जाती |’ पाटणकर ने कहा|

‘दिलनवाझ दोस्त है मेरा| उसे टिकट दिलवाने के लिए मैंने भी पैरवी की थी|’ इश्तियाक ने कहा|

हालांकि इश्तियाक अहमद ये शब्द बोल रहा था तभी उसके दिमाग में एक घातक विचार भी कौंध रहा था|

..................

‘अरे, दिलनवाझ अब तक आया क्यों नहीं?’ हीना से बातचीत कर रहे अमन ने हॉल की ओर देखते हुए सवाल किया| सामान्य हालात में तो वह खुद ही दिलनवाझ के पास जाकर चेक कर आता, लेकिन कुछ समय पहले उसके साथ दिलनवाझ ने जैसा बर्ताव किया था उसकी कड़वाहट उसके मन से गई नहीं थी|

‘मैं देखती हूँ|’ हीना ने कहा|

हीना हॉल की गैलरी में देखने गई| अमन तपन से बातें करने लगा|

कुछ ही सेकेंड में हीना हॉल से बाहर दौड़ते हुए आई| उसने भयभीत स्वर में तेज आवाज लगाई|

अमन और तपन हीना की ओर दौड़ पड़े| अन्य लोगों का ध्यान हीना की ओर गया|

‘दिलनवाझ.....’ हीना ने रुंधे गले के साथ कहा| हीना की बात सुनकर सभी के मुँह खुले ही रह गये|

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