Adhuri Kahani - 8 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | अधूरी कहानी - 8

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अधूरी कहानी - 8

सना और जय रेस्टोरेंट में पहुंचते हैं । सना अभी भी जय से गुस्सा थी । जिस तरह जय ने गाड़ी में बरताव किया वह सना की सोच से बहार था। वह चुपचाप बैठे हुए खिड़की मै से लोगो को देख रही थी । सभी अपनी दुनिया में काफी व्यस्त हैं किसी के पास भी समय नहीं है कि आसपास क्या हो था है यह देखे। सना बस सोच ही रही थी कि जय उसे कहता है।

जय: सना तुम्हे और कुछ ऑर्डर करना है?
सना: ( सोच में से बहार आते हुए ) जी??? आपने मुझसे कुछ कहा??
जय: ( सना की ओर देखते हुए ) मैंने कहा तुम्हे और कुछ ऑर्डर करना है ?
सना: नो..नो सर आपने जो ऑर्डर किया है उतना काफी है ।
( यह कहते हुए वह फिर से खिड़की में से बहार का नज़ारा देखने लगती हैं ।)
जय: ओके...
सना: हम्म!!!
सना का सारा ध्यान खिड़की के बहार है। यह देखकर जय इरीटेट हो जाता है और वह भी खिड़की के बहार देखता है कि वह क्या देख रही थी। तो उसे तो कुछ भी नहीं दिखता। बस लोगो की चहलपहल है । गाडियां इधर उधर जा रही है । दूर कुछ लोग बैठे हैं । तभी जय सना से कहता है ।
जय: सना...
सना: जी सर!
जय: ( अपने सिर पर हाथ फेरते हुए ) सो... सॉरी.....
सना: ( जय की ओर देखते हुए ) किस लिए ?
जय: वो... वो... मैंने कार में जो भी बदतमीजी की उस लिए । मुझे उस तरह तुमसे बात नहीं करनी चाहिए थी । पर मै गुस्से में था और न जाने क्या उल्टी सीधी बाते कह दी तुमसे ।
सना: ( जय की ओर ही देख रही थी । वह जानती थी कि की ने सॉरी क्यों बोला था । लेकिन वह जय के मुंह से उसकी गलती सुनना चाहती थी । पर जय इतना शर्मिंदा हैं इस बात पे ये बात वो नहीं जानती थी । ) ( मुस्कुराते हुए ) इट्स ओके सर । गलती इंसान से ही होती हैं ।
जय: ( चौंकते हुए ) बस !! तुमने मुझे माफ़ कर दिया । इतनी जल्दी!!!
सना: क्यों ये अच्छी बात नहीं है?
जय: नहीं!! नहीं!! मतलब हां अच्छी बात है कि तुमने मुझे माफ़ कर दिया पर क्यों?
सना: (मुस्कुराते हुए) तो क्या चाहते हैं आप?? मै आपको माफ ना करू?..
जय: अरे!! नहीं नहीं!! मेरा वो मतलब नहीं था । मैंने इतनी बदतमीजी की ओर तुम मुझे ऐसे ही माफ कर रही हो । आई मीन अगर तुम्हे मुझे थप्पड़ मारना चाहती हो तो मार सकती हो । क्योंकि में डिजर्व करता हूं अपनी हरकत के लिए ।
सना: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहा.... सीरियसली सर...आप चाहते की मै आपको थप्पड़ मारू?
जय: ( सना की ओर आश्चर्य में देखते हुए ) नहीं में नहीं चाहता कि तुम थप्पड़ मारो लेकिन अगर तुम चाहती हो तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है ।
सना: ( जय को परेशान करते हुए ) अच्छा तो आप चाहते है कि में आपको यानी की मेरे बॉस को थप्पड़ मारू? ताकी आप फिर मुझे जॉब से निकाल दे ।
जय: व्हाट!!! नो.. मेरा वो मतलब नहीं था । और अगर तुम चाहो तो मुझे अभी इसी वक़्त थप्पड़ मार सकती हो । आई स्वेर इससे तुम्हारी जॉब को कुछ नहीं हो सकता ।
सना: पक्का!! क्योंकि यहां बहुत सारे लोग बैठे हैं । ( आसपास देखते हुए )
जय: ( आसपास देखते हुए ) बिल्कुल जो गलती मैंने की वो ऐसे ही माफी के लायक भी नहीं है । हां इतने सारे लोगों के बीच शर्म कि बात होगी मेरे लिए पर फिर भी तुम मार सकती हो मुझे थप्पड़ ।
सना: ( जय की ओर देखते हुए सोचती है कि कहीं वो पागल तो नहीं हो गया है ) सर!! मै सिर्फ मज़ाक कर रही थी । वैसे भी में बदला लेने में विश्वास नहीं रखती । अगर इंसान को उसकी गलती का अहसास हो गया है और वह शर्मिंदा है । इतना काफी है किसी को भी माफ करने के लिए ।
जय: ( सना की ओर देखते हुए) तुम.... ( तभी वेटर खाना लेकर आता है । ) ...
सना: जाने दे सर उस बात को और खाना खाए देखिए कितना लज़ीज़ दिख रहा है और ताज्जुब की बात यह है कि आपने सारी डीशस मेरी पसंदीदा ही मंगाई है । तो समझ लीजिए आपने कुछ किया ही नहीं ।
जय: ( सना की ओर देखते हुए सोचता है कि क्या यह लड़की पागल हो गई है जो इतनी आसानी से जय को माफ कर रही है । लेकिन जब खाने को देखकर सना की आंखो में एक खुशी झलक रही थी तो जय के चहेरे पे भी ना चाहते हुए मुस्कुराहट आ जाती है ) ठीक है ।
जय और सना ऐसे ही चुपचाप खाना खा रहे थे । सना तो मानो अपनी ही दुनिया में खोई हुई थी । वह तो भूल ही गई थी कि उसका बॉस भी यहां उसके साथ खाना खा रहा है । जय खाना खाने के बजाए सना को ही देखे जा रहा था । वह बिल्कुल बच्चो की तरह खाना खा रहीं थीं। मानो जैसे उसने पूरी दुनिया जीत ली हो। तभी सना जय की ओर देखती है । तो जय उसकी ओर देख रहा था यह देखकर वह जय से खाना खाते हुए पुछ ही लेती हैं ।
सना: क्या?? मेरे चहेरे पे कुछ लगा है क्या??
जय: ( खुद को संभालते हुए ) नहीं वो ... दरअसल मै किसी लड़की को पहली बार ऐसे खाना खाते हुए देख रहा हूं । (हंसते हुए) हिहिहीही..
सना: ( एक आइब्रो को ऊपर करते हुए ) किसी लड़की को ऐसे खाना खाते हुए देख रहे हो मतलब..
जय: मेरी बातो का गलत मतलब नहीं था । वो क्या है ज्यादातर लड़कियां जिन्हें में जानता हूं वह सिर्फ लॉ केलेरी फूड और सलाड ही ऑर्डर करती है । और यहां तुम देखो बिना किसी चीज की परवाह किए ... पर मुझे अच्छा लगा कि तुम खुद को बनावटी नहीं दिखा रही ।
सना: सर सिम्पल सी बात है एक ही तो लाईफ मिली है यार!! और वो भी पता नहीं कब चली जाए। मै क्यों खुद को ही परेशान करू इन झूठे झुमलो में पड़कर। रही बात उन लड़कियों की तो को आपको इंप्रेस करना चाहती थी । तो उनका एसा करना भी जायज है । लेकिन में क्या करू आपको इंप्रेस!!
जय: ( सना की ओर आइब्रो ऊपर करते हुए) क्यों करू इंप्रेस से क्या मतलब है तुम्हारा।
सना: सॉरी सर गलत मतलब नहीं था मेरा। आई मीन फॉर गॉड सेक आप बॉस है मेरे।
जय: ( मुस्कुराते हुए) और अगर में तुम्हारा बॉस ना होता तो?.
सना: ( सना जय की ओर आश्चर्य में देखती हैं तो जय के चहेरे पे शैतानी मुस्कुराहट थी ) जी..!!
जय: ( मुस्कुराते हुए) यू हयरड मी... डोंट यू?
सना: आई थिंग आई वांट टू गो वॉशरूम ... एक्स्क्युजमी ।
जय: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहा... ( चिल्लाते हुए ) कब तक भगोगी इन सवालों से ? पर फिर भी इंतजार रहेगा मुझे तुम्हारे जवाब का ।

सना वॉशरूम में जाते हुए अपना चहेरा पानी से साफ करते हुए वह खुद को आइने में देखती हैं । उसके दिमाग में जय की बाते घूम रही थी । क्या वह पागल हो गया है वह मन में ऐसा सोच रही थी । वह जानती थी कि जय उसके साथ मज़ाक कर रहा है । वह खुद को कहती हैं । वह सिर्फ एक मज़ाक था सना ओर कुछ भी नहीं इतना मत सोचो । यह कहते हुए वह वॉशरूम से बाहर आती हैं तो जय उसका गेट पे इंतजार कर रहा था । वह खुद को नॉर्मल करने की कोशिश कर रही थी । पर उसके दिमाग में जय की हंसी और उसके सवाल ही घूम रहे थे। जय को मुस्कुराते हुए देखकर तो वह और भी इरिटेट हो जाती हैं । गाड़ी में चुपचाप बैठ जाती हैं । ऑफिस पहुंचने तक ना ही जय कुछ बात करता है और सना तो अपनी ही सोच में डूबी हुई थी । जिस वजह से जय भी बेवजह मुस्कुरा रहा था ।