Pani Pi Lunga(roza) in Hindi Moral Stories by Afzal Malla books and stories PDF | पानी पी लूंगा (रोज़ा)

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पानी पी लूंगा (रोज़ा)

में टैब १० साल का था २००५ में ओर रमज़ान महीना आ रहा था. तो सब लोग तैयारी कर रहे थे ओर में भी साथ में सबके खुशी से तैयारी में लगा था मेने कभी रोजा रखा तो नही था पर सब तैयारी करे तो में भी साथ में लग जाता सब खरीदी करने जाए कुछ खाने का समान लेने जाते तो में भी साथ में जाता ओर बस खरीदी करके घर वापस आ रहे थे तो मम्मी ने पूछा क्या तुम भी रोज़ा रखोगे इस बार मेने कुछ सोच नही था के क्या होता है कुछ नही तो मम्मी ने कहा वो मोइन भी रखता है रोज़ा तो तू भी रख सकता है मेने है कह दिया के है रखूंगा तो सब खुश हो गए अभी २ दिन थे रमज़ान में.

मेने अपनी कक्षा में मेरे दोस्त को बताया के में इस बार रोजा रखने वाला हु तो वो मेरी तरफ एक नजर से देखने लगा बोला पता भी हैं उसमे क्या करते है पूरा दिन भूखा रहना पड़ता है ओर तू भुक्खड़ जब देखो तब कुछ ना कुछ खाता रहता है, ओर खाना न हो तो पानी पीके बस पी करता रहता है ओर तू रोजा रखेंगा कहके हसने लगा , मेने कहा यार मेने तो सोचा ही नही था ये सब तो वो बोलता है कम से कम १५-१६ घंटे तक चलता है ये रोजा क्या इतने देर तक भूखा ओर प्यासा रह पायेगा मेने कहा नही तो अब क्या करु में मेने मम्मी को हा बोल दिया है अब मना करूँगा तो उन्हें बुरा लगेगा तो उसने कहा देख ले अपनी तरह से मेने तो बस बोल दिया.


तो में अब करु क्या पूरा दिन सोचता रहा फिर मेने कहा ऐसा हुआ के में रोजा नही रह पता तो मे चुपके से पानी पी लूंगा किसी को पता भी नही चलेगा ओर मेरा रोज़ भी हो जाएगा ओर मम्मी को अच्छा भी लगेगा ओर मोइन को में भी बोलूंगा मेने भी रोज़ रखा है तो बस क्या था पहले रोज़े के दिन सब कुछ बना गया तो मम्मी ने जगाया बेटा जाग जा सहरी का वक़्त हो गया तो में सहरी करने को उठा बहोत सारी वानगी बनाई थी मे देख रहा था उतने में मौसी ने बोला खाना हो उतना खा ले फिर सीधा इफ्तारी के वक़्त ही मिलेगा तुजे तो मेंने ये बात सुनके इतना कहा लिया के अब में हिल भी नही पा रहा था ओर आखिर में पानी भी तो पीना था अब मम्मी ने कहा सो जा सुबह स्कूल भी जाना है पर अब पेट इतना भरा हो तो कोई सो कैसे सकता है जैसे तेज़ करके नींद आई वही पे सुसु लग जाती इतना पानी पिया था के मुजे बार बार सुसु के लिये जाना पड़ता फिर सुबह हो गई.

में रोजा रखके जा रहा था स्कूल मम्मी ने कहा ज्यादा भागना मत वार्ना तुजे रोजा लगेगा ओर प्यास लगेगी तू पानी नही पीना आज तेरा रोज है याद है ना मेने कहा हा याद है , आप चिंता न करो पर मेने सोच लिया था प्यास लगी तो में पानी पी लूंगा किसी को पता भी नही चलेगा में स्कूल पहोचता हु ओर अपने दोस्त को बोलता हु भाई पहला रोजा रखा है उसने कहा देखते क्या रह पाओगे मेने कहा है क्यों नही अभी तो पहेली छोटी छुट्टी की घंटी बजी ओर फिर हमारे खाने की छुट्टी की बेल बाजी सब लोग अपने अपने टिफिन निकाल ने लगे पर आज मेरा रोजा था तो में कुछ नही लाया पर मेरे दोस्त मेरे पास आके खाने लगे ओर मुजे भी भूख लगी थी पर खा नई सकता ओर में खा लू तो दोस्तो के सामने बेज्जती हो जाए के मना किया फिरभी रखा ओर रह नापाया में वह से सुसु करने के बहाने बाहर गया परब पे खड़ा रहा सोचा थोड़ासा पानी पी लेता हु किसी को पता नही चलेगा उतने में मेरे दोस्त आ गए तो में बह से सीधा अपनी क्लास में गया.

अब तो सीधा छुट्टी के बाद घर पहोचता हु मुजे प्यास ओर भूख दोनों जोर से लगी थी पर कुछ नही कर आयात ओर अभी बजी ४ घंटे तक इंतजार करना था ओर में नही कर पा रहा था सोच मटके पास जेक पी लेता हु पानी किसी को पता नही चलेगा तो वह पे मम्मी ने ग्लास ही ले लिया था के कोई गलती से पानी न पीले तो अब कर क्या फिर मुह धोने गया तो वहा सोचा ये पानी।पिलाता हु थोड़ी सी प्यास बुझ जायेगी में अभि पानि अपने मुह में डाला पर अपनी हलक के निचे ना उतार पाया पता नही क्यों पर में पानी पी ही नही पाया ओर पानी बाहर निकाल दिया फिर में अनदर जाके सो गया फिर सीधा इफ्तारी के वक्तग जगा ओर मेने अपना पहला रोजा खत्म किया है सोचा था पानी पी लुंगा पर कुछ ना कर पाया पता नही क्यों.

उसके बाद मेंने काफी रोज़े रखे ओर हर रोजेमे ये सोचता के नही कर पाया तो में पानी पी लूंगा पर आज तक में कभी भी पानी नही पी सका पता नही क्यों पर कभी नही में आज भी सोचता हु के रोजा नही होगा तो में पानी पी लूंगा पर अब तो में आराम से शाम तक ये सब सहन कर लेता हु पर कभी पानि नही पी सकते वो ऊपर वाला इतनी शक्ति देता है के रोजा पूरा हो जाता हौ है थोड़ी तकलीफ होती है पर चलता है .