woh aasman se aati thi - 2 in Hindi Horror Stories by Adil Uddin books and stories PDF | वो आसमान से आती थी - 2

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वो आसमान से आती थी - 2

पिछले भाग में आप सबने देखा की,कबीर रात के अंधेरे में एक अजनबी लड़की के पीछे जाता है और उस लड़की को वह एक खाई में गिरते देखता है अचानक वह लड़की उसके सामने ज़िंदा खड़ी होती है जिसके कारण कबीर का संतुलन बिगड़ जाता है और कबीर भी खाई में गिर जाता है और होश आने पर उसी लड़की के साथ अपने आप को किसी अनजान जंगल मे पाता है,आगे क्या हुआ पढ़ते हैं-


"क्या कहा तुमने तुम आसमान से आती हो"आश्चर्य के भाव दिखाते हुए कबीर ने कहा।

"हाँ, आसमान से आती हूँ" पत्थर की मूर्ति की तरह उत्तर दिया उस लड़की ने।

कबीर के मन में उस लड़की के उल्टे-सीधे उत्तर सुनकर एक भय की सिरहन सी होने लगी थी उसके समझ में कुछ नही आ रहा था,की हो क्या रहा है फिर भी उसने एक सवाल दबी सी आवाज़ पूछ ही लिया।

"और हम इस वक़्त हैं कहाँ?"

"आसमान और ज़मीन के बीच में"उस लड़की ने उत्तर दिया।

ये जवाब सुनकर कबीर और उलझ गया "ज़मीन और आसमान के बीच? इस जगह का कोई नाम तो होगा?"

लड़की ने तपाक से उसकी तरफ देखा और कबीर भय से कांप उठा "सपनों की दुनिया इस जगह का नाम नही है ,ये सपनों की दुनिया है"।

इतना सुनकर कबीर ज़रा सोच में ही डूबा था और सोचते हुए उसने अपनी निगाह उस लड़की की तरफ उठाई और चारों ओर सन्नाटा ही सन्नाटा लड़की गायब हो चुकी थी जंगल में अब वह अकेला था।

वह सकपकाते हुए उठा और इधर-उधर भागना शुरू किया,अचानक ही उसका ध्यान अपनी हाथ की घड़ी की ओर गया,उसमें दिशा सूचक था,उसने कलाई उठा कर अपने घर की दिशा ढूंढने के उद्देश्य से दिशा सूचक देखना चाहा लेकिन ये क्या दिशा दिखाने वाली सुईं तो निरतंर चारों तरफ घूमे जा रही है।

अब जाए तो किधर जाए फिर उसने समय देखना चाहा, लेकिन ये घड़ी में समय बताने वाले अंक और सुइयाँ तो गायब थीं,फिर कबीर को एक मनोवैज्ञानिक की बात याद आयी कि हमारे सपने में हमे कभी समय नही दिखता।

इसका मतलब वो लड़की सही कह रही थी,मैं वाकई सपनें में हूँ और मैं जब तक इस दुनिया से नही निकल पाऊंगा जब तक मैं असल जिंदगी में जाग न जाऊं "उठ जा कबीर उठ जा कितना सोयेगे, वरना ज़िन्दगी भर यहीं रह जायेगा"।

कबीर ने उस लड़की को ढूंढने के बारे में सोचा शायद वही लड़की उसे वहाँ से निकाल सके?

वह उस लड़की को ढूंढने इधर-उधर जंगल मे भटकने लगा,अजीब बात ये थी कि इतने पेड़ होने के बाद भी वहाँ एक पत्ता भी नही हिल रहा था और किसी तरह का शोर या आवाज़ भी नही थी।

भटकते हुए कबीर एक झील तक पहुँच गया सफेद कोहरे के बीच धुंधली सी झील और उसका ठहरा हुआ पानी डरावना और खूबसूरती का एक अजब मिश्रण था,अचानक उसे एक गीत सुनाई दिया

"बरसों से प्यासे लबों की तृष्णा कौन भुजायेगा,मेरे हमसफ़र तू मेरे लिये कब आएगा"।

गीत के ये बोल अपने आप ही कबीर को अपनी ओर खीचनें लगे कबीर जैसे सब भूल गया था,वो सिर्फ उस गीत की आवाज़ का पीछा कर रहा था,अचानक उसे झील में वही लड़की निर्वस्त्र नहाती हुई मिली और गीत गाए जा रही थी।

वो लड़की गीत गाते हुए कबीर के पास निर्वस्त्र ही पहुँच गयी,कबीर की आँखें पथरा सी गईं थीं,लड़की ने उसका हाथ थामा और उसे एक झोपड़ी के अंदर ले गई जहाँ सिर्फ मन्द सी लालटेन की रोशनी थी।

और उस लड़की ने कबीर को चूमना शुरू किया और कबीर भी उत्तेजित हो उठा,वो भी उसे चूमने लगा और उस लड़की ने कबीर को भी निर्वस्त्र कर दिया और दोनों एक दूसरे के आलिंगन में आ गए।

इतनी खूबसूरत लड़की ऐसा शीशे सा चमकता बदन
शायद ही धरती पर कोई ऐसी रूप-काया वाली मनमोहनी हो,कबीर उसके आलिंगन में इतना सुख प्राप्त कर रहा था,जैसे कोई अप्सरा नाज़ुक सी टूट कर उसकी बाहों में आ गिरी हो।

फिर वह दोनों सो गए अचानक कबीर ने आँखें खोली उसका ध्यान लड़की पर गया कांच की तरह निर्वस्त्र नाज़ुक बिखरी हुई सी लड़की सो रही थी उसे छोड़ कर जाने का मन भी नही कर रहा था उसका,लेकिन इस सपने की दुनिया मे रहना भी नही चाहता था।

और विचित्र सवाल कबीर को घेरे हुए थे,वह लड़की भी अब जाग उठी थी,उसने कबीर के हाथ पकड़े और उन्हें चूमने लगी।

"जाना चाहते हो मुझे छोड़कर"उस लड़की ने प्रेम से भरी आवाज़ में कबीर से कहा"।

"नही,मैं जाना नही चाहता लेकिन मैं तुम्हें और इस विचित्र दुनिया को भी नही जानता और मुझे अपनी असल दुनिया में कुछ काम भी निपटाने हैं और तुम्हारी इन नरम बाहों छोड़ना भी नही चाहता क्या करूँ मैं?" कबीर ने दुखी होते हुए कहा।

"जाओ अभी तुम चले जाओ कल हम फिर मिलेंगें जिस तरह आज मिलें हैं मैं कल रात फिर आसमान से आऊँगी तुम्हारे लिए।"लड़की ने काफी निराश होते हुए कहा।

और अचानक ही कबीर की आँख खुली और घबराकर वह अपने बिस्तर से उठा और उसने खिड़की पर देखा सूरज की मन्द रोशनी उसके कमरे के अंदर आ रही थी वह काफी असमंजस में था कि ये सब क्या था?

आगे क्या हुआ इसके लिये हम अगले अंक का इंतिज़ार करेंगें।

कहानी जारी रहेगी......