kalyug ki paanchaali - 3 in Hindi Women Focused by Uday Veer books and stories PDF | कल्युग की पांचाली - 3 (अंतिम पार्ट)

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कल्युग की पांचाली - 3 (अंतिम पार्ट)

एक दिन ऊषा किसी काम में लगी होती है, और बच्ची जोर जोर से रो रही होती है, लेकिन कोई भी बच्ची को उठाकर गोद में नहीं लेता, जब बहुत देर हो जाती है तो ऊषा भागकर जाति है और देखती है कि मां बेटे पास मे ही बैठे हुए होते हैं, बच्ची रो रही होती है, लेकिन उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं होता, ऊषा अपनी बच्ची को गोद में उठाती है, और उन लोगों को कहर भरी नजरों से देखती है|


एक दिन छोटा लड़का किसी काम से बाहर जा रहा होता है, तभी उसे किसी की बात करने की आवाज सुनाई देती है, आवाज बाहर वाले कमरे से आ रही होती है, तो छोटा लड़का सुनने के लिए दीवार के साथ कान लगाकर खड़ा हो जाता है, और सुनने लगता है, अंदर से बड़े भाई और मां की आवाज आ रही होती है, मां कहती है कि हमें किसी भी तरह इस लड़की से पीछा छुड़ाना होगा, तो बड़ा लड़का कहता है, कि मां तुम चिंता मत करो, उसके हाथ में एक कटोरी में दूध होता है, वह कहता है, कि इस दूध में ऐसी दवाई मिलाई है, जिससे बच्ची बीमार हो जाएगी, और एक-दो दिन में मर जाएगी|

छोटा जो उन की बातें सुनता है, तो उसके पैरों तले जमीन निकल जाती है, वह भागता हुआ ऊषा के पास जाता है, और कहता है, कि अगर तुम्हें तुम्हारी बच्ची की जान बचानी है, तो अभी इस घर से चली जाओ, इस घर में तुम्हारी बच्ची को मारने की योजना बनाई जा रही है, ऊषा तुरंत बाहर जाने लगती है, कुछ पलों बाद मां के साथ बड़ा भाई आता है, और ऊषा को ना देखकर छोटे से पूछता है, तो छोटा कहता है कि मुझे नहीं मालूम|

तो वह छोटे को धक्का देकर बाहर की तरफ भागता है, उधर छोटा पुलिस को सूचना दे देता है, ऊषा जैसे ही गेट से बाहर निकलती है, तो वो लोग दूसरे दरवाजे से आकर उसको घेर लेते हैं, और कहते हैं, कि बच्ची हमें दे दे|

ऊषा बच्ची को कस के पकड़ लेती है, तो बड़ा लडका उसे छीनने के लिए आगे आता है, तो ऊषा गेट पर रखे गमले में रखा हुआ धारदार औजार उठा लेती है, और बड़े के ऊपर वार करती है, बड़ा पीछे हटने लगता है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है, औजार उसके हाथ को छूते हुए निकल जाता है, और बडा लडका अपना हाथ पकड़ कर चिल्लाने लगता है, तो ऊषा चिल्लाते हुए कहती है-

ऊष:- तुम लोगों ने मेरे ऊपर जुल्म किया, तो मैंने बर्दाश्त किया, लेकिन अगर मेरी बेटी को हाथ भी लगाया, तो एक-एक को चीर के रख दूंगी|

तभी सभी को पुलिस सायरन की आवाज सुनाई देती है, तो सभी चौंककर उधर देखने लगते हैं, गाड़ी घर के सामने आकर रूकती हैं, इंस्पैक्टर आकर पूछता है-

इंस्पैक्टर:- हमें फोन किसने किया?

तभी छोटा बाहर आता है, और कहता है

छोटा:- मैंने तुम्हें फोन किया, और सारी बात बताता है|

चारों भाई और ऊषा की सास छोटे और ऊषा को कहर भरी नजरों से देखते हैं, पुलिस उन लोगों को पकड़ कर ले जाती है, छोटा ऊषा से कहता है, कि अब तुम मुझसे भी आजाद हो, जहां जाना चाहती हो, जा सकती हो|

ऊषा वहां से चली जाती है और अपनी एक दोस्त की मदद से उसे एक संस्था में नौकरी मिल जाती है, और वहाँ से ऊषा अपने और अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ाती है|