ishwartva ka ahankaar - 4 in Hindi Spiritual Stories by Mahesh Dewedy books and stories PDF | ईश्वरत्व का अहंकार - 4

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ईश्वरत्व का अहंकार - 4

ईश्वरत्व का अहंकार

भाग-4

फिर कुछ दिनों तक हैमिल्टन को एक आरामदेह निवास में अकेले छोड़ दिया गया। एक दिन पुनः अलेक के कमरे में विशेष स्पीकर से क्वाट्रोची का स्वर गूंजा,

“अलेक! हैमिल्टन के सफल अपहरण से मैं तुम्हें बधाई देता हूं। मैं देख रहा था कि तुम इस बीच मनोविश्लेषण विषय का ध्यानपर्वूक अध्ययन करते रहे हो। दूसरे के मन की बात जानने और उसके विचारों को अपने मन के अनुसार मोड़ देने का अभ्यास तुम प्रशिक्षण के समय से ही करते रहे हो। इसलिये आज तुम्हें एक महत्वपूर्ण कार्य सौंपा जा रहा है। तुम्हे हैमिल्टन के निवास की चाभी मिल जावेगी और वहां आने-जाने की पूरी छूट रहेगी। तुम्हें उनको मेरा जीन-प्रत्यारोपण करने एवं मेरे क्लोन्स बनाने के लिये तैयार करना होगा।“

बिना किसी प्रश्न अथवा प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा किये स्वर समाप्त हो गया। कुछ समय पश्चात अलेक को हैमिल्टन के आवास तक पहुंचने का मार्ग बता दिया गया और उसकी चाभी दे दी गई। फिर एक सुबह अलेक मुस्कराते हुए हैमिल्टन के कमरे में घुसा और आदर से उन्हें गुडमार्निंग किया। हैमिल्टन सभी नवागंतुकों से सशंकित रहने लगे थे, उन्होने तटस्थता के भाव से उसकी गुड-मार्निंग का उत्तर दिया। अलेक ने हैमिल्टन का कुशल क्षेम पूछा और उनकी आवश्यकताओं के विषय में सहानुभूतिमिश्रित स्वर में पूछताछ की। काफी-मेकर में हैमिल्टन के पसंद की काफ़ी बनाई और फिर एक प्याला काफ़ी उन्हें थमाकर अपने लिये भी एक प्याला उंडे़ली और उनके साथ काफ़ी पीने बैठ गया। जब हैमिल्टन काफ़ी की पहली चुस्की ले चुके, तो अलेक ने अपनी जेब से एक फोटो निकालकर उन्हें दिया । इसमें हैमिल्टन की पत्नी व दोनो बच्चे अपने मकान के लान में खड़े एक क्रीपर को देख रहे थे। हैमिल्टन हसरतभरी निगाहों से उन्हें देखने लगे तो अलेक आत्मीयता से बोला, “आपकी पत्नी व बच्चे स्वस्थ एवं सकुशल हैं।“

“तुम कौन हो? तुम्हें यह फोटोग्राफ कहां से मिला?” हैमिल्टन ने उत्सुकतावश पूछा।

“मैं अलेक हॅू - क्चाट्रोची कम्पनी के चंगुल मे फंसा एक वैज्ञानिक शोधकर्ता। मैं और मेरी माँ रोम के एक रेस्ट्रां में काम करते थे। वह मुझे पास के एक स्कूल में पढ़ाती भी थीं। मैं स्कूल में सदैव प्रथम रहता था। एक दिन एक व्यक्ति अनेक प्रलोभन देकर मुझको मेरी माँ से अलग एक अज्ञात स्थान पर ले आया, जहां मुझे वैज्ञानिक प्रशिक्षण दिया जाने लगा। फिर मुझे मेरी माँ से कभी मिलने नहीं दिया गया। कल सुबह पार्क में टहलते समय एक अज्ञात व्यक्ति ने आकर मुझे यह फोटोग्राफ़ दिया और कहा कि मिस्टर हैमिल्टन को बता देना कि उनका परिवार सकुशल है। मेरे पूछने पर उसने मुझे अपने विषय में कुछ नहीं बताया, पर यह अवश्य बतलाया कि मेरी माँ गायब हो गई हैं। मेरी माँ ने मुझे ढॅूढने के लिए पुलिस अधिकारियों से सहायता मांगी थी और उनके द्वारा पूछताछ की जा रही थी कि तभी एक दिन रेस्ट्रां से बाजार जाते समय मेरी माँ गायब हो गयी थीं। तब से उनका कोई पता नहीं चला है।“

यह कहते हुए ऐसा लगा जैसे अलेक का गला भर आया हो और वह अपनी आँखों की कोर से आंसू पोंछने लगा। हैमिल्टन कोमल हृदय के व्यक्ति थे- सहानुभूतिपूर्वक बोले,

“कौन हो सकता है तुम्हारी माँ को अचानक गायब करने वाला। ईश्वर उनकी रक्षा करे।“

अलेक ने भेद भरे स्वर में कहा, “मैं सब समझता हूँ कौन हो सकता है। एक दिन देखूंगा।“ उसकी भावभंगिमा में आरोप क्वाट्रोची कम्पनी पर इंगित था। हैमिल्टन के हृदय में अलेक के प्रति सहानुभूति एवं आत्मीयता ने जन्म ले लिया क्योंकि उन्हें वह भी क्वाट्रोची की सत्ता से त्रसित लगा; परंतु अलेक मन ही मन मुस्करा रहा था कि उसने हैमिल्टन के अपहरण की योजना के कार्यान्वन के दौरान जो फ़ोटो लिया था, उसका बड़ा लाभप्रद उपयोग किया है।

फिर दूसरे दिन अलेक जब हैमिल्टन से मिलने गया तो हैमिल्टन के शोधकार्य से सम्बन्धित पुस्तकें, समाचार पत्र एवं पत्रिकायें उनके पढ़ने हेतु ले गया। वह धीरे-धीरे उनसे क्वाट्रोची के अमानवीय कारमानों की बातें कर एवं उनसे स्वयं छुटकारा पाने की फ़िराक में होने की बात कहकर उनका विश्वास जीतने में सफल हो गया। वह प्रतिदिन किसी नवीन वैज्ञानिक विषय की पुस्तक पढ़कर जाता एवं हैमिल्टन से देर तक उस विषय पर वार्ता करता। इससे हैमिल्टन पर उसने अपनी विद्वत्ता का प्रभाव भी बना लिया। ज्यों-ज्यों दिन बीत रहे थे हैमिल्टन का स्वास्थ्य गिर रहा था और उनकी अलेक पर निर्भरता बढ़ती जा रही थी। उन्हें धीरे-धीरे यह भी लगने लगा था कि वह क्वाट्रोची के जाल से छूट नहीं पायेगें और न छूट पाने की दशा में उनका जेनेटिक इंजीनियरिंग का सारा ज्ञान विनष्ट हो जायेगा। ऐसे ही गिरे मनोबल की स्थिति में उन्हें लगने लगा कि यदि वह अलेक को अपने द्वारा आविष्कृत जीन-प्रत्यारोपण एवं क्लोंनिंग की विधियां बता दे, तो वह उन्हें सुरक्षित रखकर मानवता के हित में उनका उपयोग कराने का प्रयत्न करेगा। एक दिन हैमिल्टन ने स्वयं अलेक से कहा,

“अलेक! यदि मैं तुम्हें जीन-प्रत्यारोपण एवं क्लोनिंग की विधि लिखकर बता दूँ, तो तुम उन्हें क्वाट्रोची कम्पनी से बचाकर किसी योग्य वैज्ञानिक तक पहुँचा सकोगे?“

अलेक तो इस घड़ी की प्रतीक्षा में ही था; बोला, ‘‘मैं इतना विश्वास अवश्य दिला सकता हूँ कि या तो मैं उन सूत्रों को किसी योग्य वैज्ञानिक के पास पहुँचा दूंगा और यदि न पहुँचा सका तो मैं क्वाट्रोची कम्पनी में किसी के हाथ पड़ने से पहले नष्ट कर दूँगा। मैं उन्हें किसी ऐसे राक्षस के हाथ नहीं लगने दूँगा।“

दूसरे दिन हैमिल्टन ने समस्त सूत्र व प्रक्रियायें विस्तार से लिखकर व एक लिफाफे में बन्द कर अलेक को दे दीं। अलेक उन्हें प्राप्त करने के बाद ‘गुड बाई’ कह कर बाहर आ गया। उस दिन के बाद अलेक की हैमिल्टन से कभी मुलाकात नहीं हुई और कोई नहीं जानता कि हैमिल्टन का क्या हुआ।

अलेक ने हैमिल्टन द्वारा दिये गये लेख की एक फोटो कापी कर चुपचाप अपने पास रख ली और मूल लेख पर रासायनिक सूत्रों में बड़ी सावधानी से सी (कार्बन) के स्थान पर ओ (आक्सीजन) बना दिया। फिर क्वाट्रोची को सूचना भिजवा दी कि उसने हैमिल्टन से वांछित जानकारी प्राप्त कर ली है। उसी दिन विशेष स्पीकर से अलेक के लिये संदेश सुनाई दिया, “अलेक! तुम बहुत होशियार हो। तुम्हारी सफलता से मैं बहुत प्रसन्न हूँ। तुम आज रात्रि दस बजे मेरे समक्ष सम्बन्धित लेख के साथ उपस्थित होओगे। तुम्हें मेरे पास लाने हेतु एक व्यक्ति पहुँचेगा।“

अलेक उल्लास, उत्कंठा, चिन्ता एवं भय के मिश्रित भावों से रात के दस बजने की प्रतीक्षा करता रहा। ठीक साढ़े नौ बजे एक कठोर चेहरे वाला व्यक्ति उसके पास आया। उसने अपने चेहरे पर बिना कोई भाव लाये कहा,

“अलेक, तैयार हो?’’ अलेक के हां कहने और कुर्सी से उठने पर उस व्यक्ति ने कहा,

‘‘तुम्हे यह मास्क पहनना होगा।“ और उसने अलेक को मास्क पहना दी जो उसके चेहरे से ऐसे चिपक गई जैसे जोंक चिपक जाती है। इस मास्क में देखने हेतु कोई सुविधा नहीं थी और अलेक पूर्णतः अंधा सा हो गया। उस व्यक्ति ने अलेक की तलाशी विस्तार से ली और संतुष्ट होने पर उसे उंगली पकड़कर ले चला। अलेक पूरा प्रयत्न करने पर भी यह न समझ सका कि उसे कौन कौन सी दिशा में घुमाया गया है और किस बार कितनी ऊंचाई तक लिफ्ट पर बिठाया गया है। लगभग 25 मिनट के बाद एक कमरे में उस व्यक्ति ने अलेक की मास्क खोल दी और कहा,

‘‘तुम सामने के दरवाजे़ को खोलकर अन्दर जा सकते हो, परन्तु वहां बिना अनुमति के कुछ बोलोगे नहीं ।“

अलेक के कमरे के अन्दर घुसते ही दरवाज़ा बन्द हो गया। कमरे की छत में लगी छोटी-छोटी बल्बों से हल्का नीला प्रकाश बिखर रहा था जिससे कमरे की भव्यता का भान हो रहा था। सामने लम्बी मेज़ के ऊपर लगे अनेक संयत्र तिलिस्मी लग रहे थे। तभी अचानक अलेक को मेज़ के पीछे उन संयत्रों के बीच क्वाट्रोची का चेहरा उभरता नज़र आया और उसकी गम्भीर आवाज़ सुनाई दी।

“अलेक, तुम्हारे सामने जो हाथ आ रहा है उसमें कागज़ रख दो।“

इसके साथ ही एक हाथ जैसा रोबाट आगे बढ़ा और अलेक के सामने आकर रूक गया। अलेक ने हैमिल्टन द्वारा दिया कागज़ उसमें रख दिया। फिर वह हाथ वापस चला गया। क्वाट्रोची ने ध्यान से वह कागज़ देखा और फिर उसके चेहरे पर मुस्कराहट दौड़ गई। उसने प्रसन्न होकर अलेक से कहा,

“अलेक, तुमने क्वाट्रोची महान के लिये बहुत बडा़ काम किया है। मैं तुम्हारी बुद्धिमता, साहस, और स्वामिभक्ति से अत्यन्त प्रसन्न हूं और तुम्हे क्वाट्रोची कम्पनी के गुप्तचरों के प्रमुख के पद पर नियुक्त करता हूँ। यह पद पिछले प्रमुख के अचानक लापता हो जाने के कारण एक माह से रिक्त है। बाहर निकलते ही तुम्हें तुम्हारा नया निवास एवं कार्यालय बता दिया जायेगा। अब तुम अपने अभी तक के निवास एवं कार्यालय वापस नहीं जाओगे। तुम्हारा सामान तुम्होरे पास पहुंच जायेगा। भविष्य में तुम एक सेक्राफोन के माध्यम से मुझसे बात कर सकोगे और आवश्कतानुसार मुझसे मिल भी सकोगे। तुम्हें जब किसी पुरुष, महिला अथवा धन की आवश्यकता हो, तुम्हारी इच्छा ज्ञात होते ही उपलब्ध करा दी जायेगी।“

अलेक के लिए यह अप्रत्याशित था । उसका रोम-रोम पुलकित हो उठा और उसके गले से बस एक शब्द फूटा, “थैंक्स“। तभी क्वाट्रोची सामने से अदृश्य हो गया। अलेक जब कमरे से बाहर निकला तो उसके स्वागत हेतु गुप्तचर संस्था के उच्चाधिकारी एवं उसकी सुरक्षा हेतु दो बाडी-गार्डस भी खडे़ थे। उन्होंने अलेक को सम्मान के साथ सैल्यूट किया। अलेक को एक गुप्त मार्ग से उसके भव्य आफिस में पहुँचाया गया जहां उसने संस्था के विषय में जानकारी प्राप्त की। कार्यालय में लगे अनेक गुप्त संयत्रों को देख सुनकर अलेक आश्चर्यचकित हो गया। रात्रि में जब उसे उसके आवास में पहुँचाया गया, तो उसने पाया कि वह भी वैसे ही संयंत्रों से भरा पड़ा था। अलेक ने देखा कि उसका सामान पिछले घर से लाकर यहां लगाया जा चुका था।

अलेक शीघ्र ही जान गया कि यह संस्था क्वाट्रोची कम्पनी की सबसे गुप्त परन्तु सबसे शक्तिशाली संस्था है। इसी के द्वारा अनेक अवांछित कर्मी गायब कराये जाते है- किसी व्यक्ति का अपहरण या हत्या करा देना इस संस्था का बांये हाथ का खेल है। इस संस्था द्वारा दी गई सूचना को क्वाट्रोची सबसे अधिक महत्व देता है। इस सबके अतिरिक्त अलेक को यहां पर एक व्यक्ति को देखकर विशेष प्रसन्नता हुई- वह थी सोफ़िया जो यहां उसकी पर्सनल सेक्रेटरी थी। सोफ़िया अब न केवल चतुर एवं कुशाग्रबुद्धि हो गई थी वरन् अद्वितीय सुन्दरी भी बन गई थी। उसी दिन अलेक ने सोफ़िया को डिनर पर आमंत्रित कर लिया और वह सहर्ष सहमत हो गई। “हाउ वंडरफुल!“ रात्रि 8 बजे सोफ़िया ने जैसे ही अलेक के डांस हाल में प्रवेश किया, अनायास उसके मुंह से निकल गया। अलेक ने कैंडिल लाइट डिनर का प्रबन्ध किया था और केवल सोफ़िया को आमंत्रित किया था। नीली गुम्बदनुमा छत में लगी धीमी झिलमिलाती लाइट्स में वृत्ताकार डांस हाल ऐसे लग रहा था कि सम्पूर्ण पृथ्वी एवं आकाश को समेटकर वहां उपस्थित कर दिया गया हो। डांस हाल के एक ओर बार थी जिसमें दुनिया की श्रेष्ठतम मदिरायें उपलब्ध थीं। अलेक सोफ़िया की कमर में हाथ डालकर उसे बार तक ले गया और सोफ़िया से उसकी पसंद पूछकर उसके लिये जिन एण्ड टानिक का पेग तैयार किया तथा अपने लिये स्काच व्हिस्की का। ज्यों-ज्यों दोनो अपनी-अपनी मदिरा सिप करने लगे, त्यों-त्यों उनका सुरूर बढ़ता गया और समा रंगीन होता गया। अलेक ने सोफ़िया का एक हाथ पकड़कर उसे उठाया और डांस फ्लोर पर ले आया। डांस की गति के साथ दोनों एक-दूसरे की निगाहों की गहराइयों में उतरते गये और उनके बदन एक दूसरे से सटते गये। जब उनके बदन की ऊष्मा का आवेश असह्य होने लगा, तो अलेक सोफ़िया को अपनी बांहो में उठाकर बेडरूम में ले आया और धीरे से लिटाकर उसे निर्वस्त्र करने लगा। सोफ़िया रोमांचित होकर उच्छवसित होती रही । बीते दिनों की यादों मे खोकर दो बदन एक हो-होकर सुख के चरमोत्कर्ष को प्राप्त करते रहे। सोफ़िया ने अलेक के तन व मन दोनो को तृप्त कर दिया।

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