Baat ek raat ki - 16 in Hindi Detective stories by Aashu Patel books and stories PDF | बात एक रात की - 16

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बात एक रात की - 16

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 16 )

‘हमने ये फिल्म बनाने का खयाल छोड़ दिया है। तुम्हें साइनिंग अमाउंट वापस करनी होगी।‘

अमन कपूर ने मयूरी से कहा।

मयूरी स्तब्ध रह गई। एग्रीमेंट साइन करते वक्‍त वह इतने उत्साह में थी कि उसने एग्रीमेंट पढ़ा तक नहीं था। बाद में भी पूरा एग्रीमेंट ध्यान से नहीं पढ़ा। निश्चित ही ये एग्रीमेंट अमन कपूर और दिलनवाझ के फेवर में बना हुआ था। इसमें क्लोझ रखा था कि- किन हालात में एग्रीमेंट रद किया जा सकता है। अमन कपूर ने मयूरी को ताकीद किया कि- जब तक आधिकारिक रूप से एनाउंसमेंट नहीं हो जाता है तब तक तुम्हारी ओर से ये वात बाहर नहीं जानी चाहिए।

अमन कपूर के शब्दों से मयूरी को सदमा लगा और उसमें से बाहर आये इस से पहले अमन ने कहा, ’वन मोर थिंग। अब दिलनवाझ से कोंटेक्ट नहीं करना। वह तुम्हारे साथ बात नहीं करना चाहता।‘

अमन ने जब उसे दिलनवाझ की हीरोइन के रूप में साइन किया था तब मयूरी की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसके संघर्ष का अकल्प्य अंत आ गया था। उसे लगा था कि अब थोडे ही समय में हिरोइन के रुप में एस्टाब्लिश हो जायेगी। दिलनवाझ ने पहली ही मुलाकात में उसके साथ सेक्स्युअल रिलेशन की शुरुआत की तब वह थोड़ी दुविधा और असमंजस में पड़ी थी, लेकिन बाद में उसने दिलनवाझ से सेक्स्युअल रिलेशन का स्वीकार कर लिया था। इतना बडा ब्रेक वह हाथ से जाने देना नहीं चाहती थी। दूसरी ओर दिलनवाझ जिस तरह से उससे पेश आ रहा था उससे वह विशफुल थिंकिंग करने लगी थी कि दिलनवाझ उससे प्रेम करने लगा है!

लेकिन एक से डेढ़ महीने के बाद अचानक ही दिलनवाझ ने उसे छोड़ दिया था! वह कॉल रिसिव नहीं करता था और मेसेज का रिप्लाय भी नहीं करता था इसलिए उसे लगा था कि शायद उस पर हमला हुआ ये वजह होगी लेकिन अभी अमन कपूर ने साफ शब्दों में कह दिया था कि हमने फिल्म बनाने का विचार छोड़ दिया है और तुम्हें साइनिंग अमाउंट वापस देनी पड़ेगी। साथ में उसने मयूरी को ये भी ताकीद की थी कि अब फिर दिलनवाझ का कोंटेक्ट करने की कोशिश नहीं करना। मयूरी के सपनों का महल अमन के शब्दों से चकनाचूर हो गया था।

अमन कपूर का कॉल डिस्कनेक्ट होने के बाद मयूरी काफी समय तक मूर्ति की तरह बैठी रही। उसे ये भी ध्यान नहीं था कि कॉल पूरा हो जाने के बाद भी उसने फोन कान पर ही रखा था।

...............

'मेहरा, मैंने सोचा तो मुझे लगा कि नई हीरोइन लेकर वापस फिल्म शूट करेंगे तो तेरा काफी नुकसान हो जाएगा। रोशनी को ही कंटिन्यु रख के फिल्म पूरी कर लेते हैं। अगले महीने एक शेड्यूल के लिए डेट्स एडजस्ट करता हूँ।'

दिलनवाझ आकाश महेरा को फोन पर कह रहा था। उसे ये शब्द बोलने में बहुत तकलीफ हो रही थी।

‘थेंक्यु वेरी मच। आई एम ओब्लाइझड्।‘ महेरा ने कृत्रिमता से कहा।

‘अरे भाई है तू मेरा।‘ दिलनवाझ ने कहा।

दिलनवाझ महेरा के सामने होता तो देख पाता कि उसके ये शब्दों से महेरा के चेहरे पर व्यंग्यात्मक मुस्कान तैर रही थी।

‘सो नाइस ओफ यु!’ महेरा ने आवाज में मिठाश लाने का प्रयास करते हुए कहा लेकिन उसका मन कडवाहट से भरा हुआ था। ‘भाइ है तू मेरा’ ऐसे फोकट शब्द बोलने वाले दिलनवाझ की वजह से उसके छोटे भाई आनंद ने सुसाइड की कोशिश की थी|

‘भाई नहीं, दुश्मन है तू मेरा, हरामखोर!’ दिलनवाझ का कॉल पूरा होने के बाद महेरा ने भडास निकाली।

...............

‘पाटणकर, मेरे पैसे जल्दी वापस लौटा दे। मुझे स्टुडियो खड़ा करना है, इसमें इन्वेस्टमेंट की जरुरत पड़ेगी।‘ दिलनवाझ ने और एक बार पाटणकर से पैसे माँगे।

‘मेरी कोशिश चालू ही है। मैं एक नये पार्टनर को लेने का प्रयास कर रहा हूँ तेरा हिस्सा वह खरीद लेगा। गिव मी सम टाइम प्लीझ।‘ पाटनकर ने फिर से एक बार विनंती की।

………………

‘दीदी, आई लॉस्ट ध फिल्म। आई एम फीलिंग वेरी लो।‘

मयूरी रोते-रोते अपनी बड़ी बहन से कह रही थी।

‘क्यों क्या हुआ?’ मोहिनी को धक्का लगा।

‘वो तो पता नहीं, लेकिन अमन कपूर ने मुझे अभी ही फोन पर इंफोर्म किया। दिलनवाझ का कोंटेक्ट नहीं हो रहा था इसलिए मैंने डेस्परेट होकर अमन कपूर को कॉल किया था तब उसने कहा कि डॉन्ट डिस्टर्ब दिलनवाझ और फिर तुरंत ही कह दिया कि हमने ये फिल्म बनाने का विचार छोड़ दिया है। तुम्हें साइनिंग अमाउंट वापस देनी पड़ेगी।‘

‘धेट्स शोकिंग। आई केन अंडरस्टेंड योर फिलिंग्स, लेकिन ऐसा मान ले कि ये फिल्म तुम्हें मिली ही नहीं थी।‘

‘दीदी, मुझे ये फिल्म न मिली होती तो कोई एतराझ नहीं था, लेकिन ये फिल्म पर मैंने कई आशाएँ रखी थी। मेरी करियर टेक ओफ हो जाती।‘

‘यह एक सपना था ऐसा मानकर मन से डिलीट कर दे और फिर से कोशिश शुरु कर दे। तुमने डेढ़ महिना गंवाया न। अब मान ले कि इतना समय तुमने ब्रेक लिया था। तुमने समय के अलावा कुछ नहीं गंवाया।‘ मोहिनी ने उसे दिलासा देने की कोशिश की।

मोहिनी के इन शब्दों से मयूरी और डाउन हो गई। उसने अभी ये कहा नहीं था कि दिलनवाझ के साथ फिल्म की लालच में उसने दिलनवाझ को अपने बदन का उपयोग करने दिया था। दिलनवाझ के साथ उसके सेक्स्युअल रिलेशन की बात वह मोहिनी को नहीं कर पाई थी। उसे दूसरा सदमा ये लगा था कि दिलनवाझ ने उसके साथ प्यार का नाटक किया था। वह शुरुआत में दुविधा में थी कि दिलनवाझ वास्तव में उसे प्यार करता होगा या नहीं लेकिन दिलनवाझ जिस तरह उसे मेसेजिस करता था और जिस तरह बर्ताव करता था इससे उसे लगने लगा था कि वह उसे सच्चा प्यार करने लगा था।

‘दीदी, आई हेव लॉस्ट एवरीथिंग।‘ मयूरी के शब्दों में भयंकर हताशा थी।

‘कूल डाउन, मयु। कुछ दिन यहाँ आ जाओ और फिर फ्रेश माइन्ड के साथ पुन: शुरुआत करना।‘

‘ नहीं दीदी, मेरा मन कहीं नहीं लग रहा।‘

‘ओके, मैं आ जाती हूँ वहाँ कुछ दिनों के लिए।‘

‘नहीं दीदी, आई विल मेनेज। मयूरी ने कहा, लेकिन उसकी आवाज एकदम नर्वस थी।

..............

‘मुझे पूरी जिंदगी ये इंतजार में बितानी है कि एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर मुझे बिग बजेट की हिन्दी फिल्म में हिरोइन के रुप में ब्रेक दिलायेंगे?’ मढ आइलेन्ड की एक फाइवस्टार हॉटल के रुम में चांदनी शर्मा पाटणकर को ताना मार रही थी।

‘मैंने तुम्हें कहा न कि मुझे थोड़ा समय दे।‘ पाटणकर ने कहा। बाहर सभी जगह अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने वाला पाटणकर अपनी प्रेमिका के सामने जिस तरह से बर्ताव करता था ये कोई देखे तो उसे आश्चर्य ही होगा कि यह एनकाउंटर स्पेश्यलिस्ट प्रशांत पाटणकर ही है !’

‘दो साल से यही सुनती आई हूँ कि मुझे थोड़ा समय दे। मैं श्योर तुम्हें बड़ा ब्रेक दिलाउंगा और कोई तुम्हें ब्रेक नहीं देगा तो मैं ही तुम्हारे लिए फिल्म प्रोड्युस करुंगा! ऐसे में मेरी उम्र इतनी बढ़ जायेगी कि मुझे हिरोइन नहीं, हिरोइन की मम्मी के रोल ऑफर होने लगेगे!’ चांदनी ने आक्रोश व्यक्त किया।

‘तुम समझो। अभी तो मेरे बहुत पैसे फाइवस्टार हॉटल के प्रोजेक्ट में लगे हैं, वरना मैंने अभी तक तुम्हारे लिए फिल्म प्रोड्युस कर ली होती।‘ पाटणकर ने उसे समझाने की कोशिश की।

‘लेकिन आपने मुझे कहा था कि तुम्हें ब्रेक दिलाने के लिए दिलनवाझ को रिकवेस्ट करुंगा। इसमें पैसे की जरुरत कहाँ है?’

‘मैंने तुम्हें कहा था न कि अभी दिलनवाझ के साथ मेरा कोई इश्यु चल रहा है इसलिए मैं कुछ वक्त तक उसे कह नहीं सकता.....’

ये शब्द बोलते समय पाटणकर के मन मे एक विचार कौंध उठा। उसने कहा’, ओके, मैं तुम्हें दो-चार दिन में दिलनवाझ से मिलवाता हूँ, लेकिन....।‘

वह थोड़ी देर तक चांदनी को समझाता रहा।

...............

‘मेरे एक फ्रेंड की साली है। हिन्दी थियेटर करती है। कई फिल्म में साइड रोल्स भी किये हैं। ब्रिलियन्ट एक्ट्रेस है और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी ब्युटी है। एक बार मिलने को भेज दूं? सी इफ यु केन गिव हिम ब्रेक। हिरोइन बनने के लिए कुछ भी कर सकती है।‘

दिलनवाझ पर हमले के कुछ दिनों के बाद एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर दिलनवाझ को कह रहा था। उसने अंतिम वाक्य पर जोर दिया था।

‘ठीक है, देखता हूँ। कल उसे मिल लूंगा। कल रात को 9 बजे ‘प्लेटिनम प्लाझा’ में भेज देना।‘ दिलनवाझ ने कहा।

सैयद मलिक ने दिलनवाझ पर फायरिंग करवाया था इसके बाद वह शाम को जल्दी घर चला जाता था, लेकिन फिर उसका ‘प्लेटिनम प्लाझा’ में आना-जाना शुरु हो गया था।

--------------

‘आई लव यु, स्वीटी। आई विल मेक यु सक्सेसफुल हिरोइन। प्रोमिस।‘

दिलनवाझ एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर की ‘फ्रेंड की साली‘ चांदनी शर्मा को कह रहा था। सेक्स्युअल रिलेशन की पलों के बाद वे दोनों ‘प्लेटिनम प्लाझा’ हॉटल के स्वीट के बैड पर नग्न अवस्था में पड़े थे।

‘थेंक्यु,सर।‘

‘नो ‘सर’ ! कॉल मी दिलनवाझ, स्वीटी।‘

चांदनी मधुर मुस्कुराईं।

इसके कुछ क्षण के बाद दिलनवाझ थर-थर कांप रहा था !

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