"साहब! आपके लिए मिनिस्टर साहब का फ़ोन है।" अपनी बहुत सी बड़ी सफेद सनमाईका से बनी हुई डेस्क जो अपने रूम के आर्किटेक्ट के बिल्कुल ही अनुरूप थी जहा पर आदित्यनाथ कुछ कागज़ों को पढ़ने में व्यस्त था कि तभी उसके पी.ए ने आकर उनको कहा।
"जय श्री राम! बोलिये, मिनिस्टर साहब! आपकी सेवा में भैयाजी तत्पर है"
फरहाद, रहीम और ज़फर के साथ हुए वाक़ये के बाद रामदास ने भैयाजी को अंडरग्राउंड कर दिया था, और उसे दीव की अपनी एक कंपनी जिसका नाम "महेक इंफ़्रा" था उसकी भागडौर सौंप दी थी। तब से लेकर आज तक भैयाजी आदित्यनाथ का नाम धारण किये हुवे एक शरीफ बिज़नेस मैन का चोगा पहने हुवे जिंदगी जिये जा रहा था।
"एक आदमी के बारे में पता करना है, उसकी सारी डिटेल्स में तुम्हे सेंड कर रहा हूँ।" इतना ही बोलते हुवे रामदास ने फोन कट कर दिया।
"शैलेश मज़मुदार, कलेक्टर आफिस के पास, पारसीवाड़ा, दीव 362520" अगले ही पल भैयाजी के फ़ोन पर डिटेल्स सामने थी।
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अगले दिन ठीक सुबह ८ बजे जय ओकले दंपति को लेने के लिये होटल मुग़ल क्वीन निकला, हालांकि उन्होंने तय किया था कि वे लोग ठीक ९ बजे निकलेंगे लेकिन, जय को कुछ ज़रूरी काम था इसी लिये वो थोड़ा जल्दी निकला था।
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"हेय अशोक! मेरा एक काम करेगा तू?" जय ने अशोक को फ़ोन पर पूछा जो जय की तरह ही एक गाइड था।"
"हां, बोल क्या करना था" अशोक ने पूछा।
"तुझे तो पता है न, आज कल एक शिकागो के एक कपल को आगरा घुमाने में व्यस्त हु तो टाइम ही नही मिल पाता, तू क्या एक कवर मेरे लिए कूरियर कर देगा?" जय ने पूछा।
"ठीक है, कहा पर मिलेगा?" अशोक ने हां बोलते हुवे पूछा।
"होटल मुग़ल क्वीन, सुबह ९:३० बजे" समय और जगह बताते हुवे जय ने कहा।
"ठीक है" अशोक ने फ़ोन काट दिया।
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ओकले दंपति ने होटल से कोई सवारी लेने के बदले चलते हुवे ताज देखने का फैसला किया जिससे वे होटल से ताजमहल तक का बाहरी बाजार भी अच्छे से देख सके। ठीक १० बजे वे जय के साथ निकले और पूर्वी टिकट द्वार की ओर चलने लगे जो उनके होटल से महज २० मिनट की दूरी पर था। कुछ ही वक़्त में वे ताज महल के पूर्वी गेट की पर पहुंच चुके थे, आखिरकार ओकले दंपति का ताज महल देखने का सपना सच हो गया था, खासकर अमांडा का, वो बेहद ही खुश आ रही थी।
जय ने ३ टिकट लिए जिसमे मोजोलियम का भी टिकट शामिल था। उस दिन भी रोज़ की तरह काफी चहल पहल थी। अमांडा ने शुरू से ही फ़ोटो खींचना शुरू कर दिया था, वो चाहती थी एक एक फोटो को सही तरीके से जोड़कर एक यादगार एल्बम बनाये जिससे वे उनकी ताजमहल की यात्रा को भविष्य में ताजा कर सके।
कुछ ही मिनट चलने पर वे "धी ग्रेट गेट" के सामने थे और ताज महल बिल्कुल उनके सामने था, जैसा अमांडा ने गूगल में देखा था, जैसा कितनी फिल्मो में या तो फिर डॉक्यूमेंट्री में यकीनन उससे ताजमहल बेहद ही बड़ा, और मन को हर लेने वाला था।
"आपको पता है मिस्टर ओकले, जहा हम खड़े है वो ताज महल का आगे का भाग नही है, दरअसल हम ताज महल के पीछे के भाग की ओर खड़े है। शाहजहाँ चाहते थे कि यमुना नदी के किनारे से आते हुवे लोग इस मोहब्बत की निशानी और दुनिया के सात अजूबो में से एक अजूबे को देखे, लेकिन ज़्यादातर लोग यह नही जानते है।"
जय द्वारा गाइड के तौर पर दी गयी पहली ही जानकारी ने अमांडा को प्रभावित कर दिया, इससे पहले अमांडा ने यह पहले कभी नही सुना था और न ही किसी डॉक्यूमेंट्री में देखा था, यकीनन रिव्यु पढ़कर गाइड चुनने का उनका ख्याल रंग लाया था।
अमांडा ने बिल्कुल जिस तरह से गीतों में फिल्मो में ताजमहल दिखाते है ठीक उसी तरह फ़ोटो खिंचे बस फर्क इतना था कि इन खिंचे गए फ़ोटो में काफी लोग भी थे जबकि नेट पर सिर्फ एयर सिर्फ बिना भीड़ के ताजमहल के फोटो मिलते है।
"आइये हम आगे चलते है, यह जो बाग-बगीचे जो आप देख रहे है वे ब्रिटिश शैली के है, जब १८५७ में भारतीय संग्राम हुवा उसके बाद ताजमहल को काफी कुछ सहन करना पड़ा था और फिर १९०७ में अंग्रेज़ अधिकारी जॉर्ज नाथियल कर्ज़न के नेतृत्वमें इसके संवारा गया और ताजमहल के बाग-बगीचों को भी उन्होंने ही ठीक कराया।" थोड़े ही आगे चलकर जय ने बाग-बगीचों के बारेमे जानकारी दी, अमांडा ने उस क्षण को कैमरे में कैद कर लिया और फिर वे आगे बढ़े गए।
"आपको पता है कि ताजमहल देखनेवाला सबसे पहला यात्री कौन था?" ताजमहल गार्डन पॉइंट से थोड़े आगे चलते ही जय ने अमांडा से पूछा।
"अम्म..! जॉन टर्नियर... समथिंग लाइक धेट" अमांडा ने याद करने की कोशिश करते हुवे कहा।
"हिज नेम वास् जीन बैप्टिस्ट टैवर्नियर" जय ने अमांडा द्वारा लिए गए नाम को सुधारते हुवे कहा।
"आई डिडन्ट नो यु नो धिस टू" निक ने हैरानी से अमांडा की ओर देखते हुए बड़ी ही अचरज से अमांडा को पूछा जिसके बदले में अमांडा ने निक के हाथ मे हाथ डाले जिसमे पीछे से बिल्कुल ताजमहल साफ दिखाई दे वैसी सेल्फी खींचकर एक और लम्हा कैमरे में कैद कर लिया।
"लाइये में आपकी एक अच्छी सी पिक खींच देता हूँ" जय ने अमांडा के हाथों में से कैमरे को लेते हुवे कहा।
अमांडा और निक हाथो में हाथ पिरोये हुवे एक दूसरे की ओर देख रहे थे, जय कैमरे में फोकस कर रहा था कि तभी थोड़े ही दूर अमांडा और निक के पीछे उसे माहेरा दिखी, उसकी खुशी का मानो ठिकाना ही नही रहा, किस्मत ने उन्हें दूसरी बार मिलाया था। जय ने जल्दी ही एक फोटो खींची और अमांडा को हाथ मे कैमरा थमाते हुवे "आई एम कमिंग" कहता हुवा माहेरा की ओर चल पड़ा।
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