Corona Crime episode - 1 in Hindi Crime Stories by Adil Uddin books and stories PDF | Corona Crime - 1

Featured Books
Categories
Share

Corona Crime - 1

भारतीय गुप्त अपराध निरोधक संगठन (I S A C O)

3 फरफवरी,2020

एक अंतराष्टरीय अपराधी पर विशेष वार्तालाप हो रही है,संगठन के बड़े अधिकारी मौजूूूद हैं,संगठन के हैड मुरली अरियप्पा कुछ विशेष जानकारीयॉ बता रहें हैं।

आज हम यहां सब इकट्ठा हुए हैं एक महत्वपूर्ण केस के लिए जिसकी वजह से आज पूरा भारत खतरे के घेरे में है।"लंबी सांस लेते हुए मुरली अरियप्पा ने कहा"।

मुरली: ये कहानी है मुम्बई के "जेम्स वाड्रा" की मुंम्बई की लोकल बस्ती में रहने वाला एक मामूली हफ्ता लेने
से शुरू करने वाला गुंडा मुम्बई का बेताज बादशाह
बन गया,उसने क्राइम की दुनिया मे अपना नाम
बनाया और अंतराष्ट्रीय मुजरिम बन गया ,आज वो
हमारी गिरफ्त से बाहर है उसको वापस भारत लाना
है। आगे की जानकारी भारतीय परमाणु वैज्ञानिक
फैज़ान मलिक आपको देंगे।

तभी सबकी नजर फैज़ान मलिक पर पड़ती हैं ,फैज़ान मलिक डेस्क पर आए और उन्होंने सबको गंभीरता से देखा और बोलना शुरू किया।

फैज़ान: बात ये है कि मैं आधुनिक परमाणु मिसाइल पर काम कर रहा था ,उसका फॉर्मूला मैने तैयार कर
लिया था जो मेरे लैपटॉप में था वो लैपटॉप मेरे दिल्ली वापस आते वक़्त मुंबई-दिल्ली फ्लाइट में
चुरा लिया गया,एयरपोर्ट या किसी विभाग में
शिकायत दर्ज नही कराई क्योंकि बात परमाणु
की है ये बात विदेशियों को पता चल जाती और
लोग उसे ढूंढ कर हतिया लेते जिससे देश का
खतरा बढ़ जाता,अब हमें उस फॉर्मूले को वापस
लाना है।

तभी इन सब बातों के बीच मे एक व्यक्ति ने टांग अड़ाई
जिसका नाम था "शौर्य सिंह राजपूत"दिल्ली का युवा I S A C O का एक नौसिखिया एजेंट थोड़ा अड़ियल दिमाग से गर्म कम बात करने वाला एक युवा एजेंट उसने अपने सवालात शुरू किए,


शौर्य: ये सब बातें तो ठीक है पर इसमें "जेम्स वाड्रा" का क्या ताल्लुक है?

फैज़ान: क्योंकि फ्लाइट में लैपटॉप उसी ने चुराया था
एयरपोर्ट में मेरे एक मित्र काम करते है उन्होंने
गुप्त तरीके से उस फ्लाइट की वीडियोज़ निकाली
उसमे "जेम्स वाड्रा" था,मेने अपने मित्र से ये बात
किसी को भी बताने से मना किया है।

शौर्य: लेकिन उसके बाद "जेम्स" कहाँ गया?

तभी मुरली अरियप्पा आगे आये और डेक्स पर माइक को पकड़ा और बोलना शुरू किया।

मुरली: "जेम्स वाड्रा" इस वक़्त चीन में है,और ये जानकारी
चीन में हमारे भारतीय दूतावास के कर्मचारी
"गुरमीत चड्ढा" ने दी है,उसे एक चीनी महिला ने
बताया कि "जेम्स" उसके पति की जन्मदिन पार्टी
में आया था।

तभी शौर्य ने बीच मे फिर से छलांग लगाई और फिर एक सवाल कर डाला।

शौर्य: एक मिनट सर ये बात उस चीनी महिला ने हमारे
दूतावास के कर्मचारी को क्यों बताई?

तभी मुरली अरियप्पा ने अपनी नजरें नीचे की और बोले।

मुरली: क्योंकि वो चीनी महिला गुरमीत चड्ढा की गर्ल फ्रेंड है


इतना सुनकर सभी लोग हँसने लगे ।
और मुरली ने सबको शांत करते हुए फिर बोलना शुरू किया

मुरली: चलिए इसी बहाने गुरमीत देश के काम तो आया
अब हमें जेम्स को चीन से वापस लाना है ,और
दुख की बात ये है कि इसमें हम चीनी सरकार की
सहायता नही ले सकते क्योंकि चीनी सरकार को
पता लगते ही उससे परमाणु फार्मूला छीन लिया
जाएगा ,इसीलिए हमे जेम्स को गुप्त तरीके से
भारत वापस लाना है।

तभी फिर से शौर्य के मन मे सवाल आया और उसने पूछ लिया।

शौर्य: सर जेम्स को वापस लाने के लिए चीन जाना पड़ेगा
और चीन हमे अपने देश मे घुसने नही देगा क्योंकि
कोरोना वायरस के चलते सारे देशो की फ्लाइट सेवा
बंद है। तो हम चीन में घुसेंगे कैसे?

तभी मुरली अरियप्पा थोड़ी देर चुप रहे,काफी देर बाद उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी।

मुरली: "शौर्य सिंह राजपूत" चीन में कैसे घुसना है जेम्स को
भारत कैसे लाना है इसकी चिंता तुम करो और
अपनी चीन यात्रा की तैयारी करो।
मिशन का नाम है "कोरोना क्राइम"
इतना कह कर मुरली अरियप्पा रोबदार अंदाज़ में अपने 8 बॉडी गार्डस के साथ वहां से निकल गए और शौर्य उन्हें सिर्फ देखता रह गया।

6 फरवरी ,2020

"शौर्य" मिशन कोरोना पर निकलने की तैयारी में जुट गया
उसने अपना सारा सामान एक छोटे से सूट केस में पैक किया ,जिसमें उसने गुप्त रूप से सारे हथियार और खुफिया जानकारी छुपाई फिर वो सीधे अपने घर से बाहर निकला और गार्डन में खड़ी बुलेट बाइक पर बैठ बिना देरी किये नेपाल की ओर रवाना हो गया,दिल्ली की सड़को को चीरती हुई शौर्य की बाइक मानो बिजली की तेज़ी से दौड़ रही थी

कुछ घंटों बाद,शौर्य और उसकी बुलेट उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में एक मध्यम रफ्तार से चल रही थी,रास्ते मे उसे अगरा कॉलेज दिखा और फिर क्या था अपना हीरो अपने अतीत की यादों में चला गया।
दरसअल शौर्य ने अपनी ज़िंदगी के कुछ साल आगरा में गुज़ारे थे अपनी नानी के घर पर रहकर वो आगरा कॉलेज से अपनी बेचलर डिग्री की पढ़ाई कर रहा था , कॉलेज में ही उसकी मुलाकात हुई थी अहाना नाम की एक लड़की से। कुछ दिन दोस्ती रही,फिर नज़दीकियां बढ़ीं और एक दिन जम के बारिश हुई जी हां बारिश आधा काम आसान कर देती है उस दिन बारिश की वजह से दोनों एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए बस अब कमी थी बिजली कड़कने की जी हां बिजली कड़केगी तभी तो बात आगे बढ़ेगी और लो साहब हमारा हीरो भी मन ही मन बिजली कड़कने का इंतेज़ार कर रहा था और जी बिजली कड़क ही गयी,लेकिन ये क्या अहाना को तो कोई डर ही नही लगा,हीरो के तो जैसे तोते उड़ गए पूरे मिशन को जैसे फेल कर दिया हो किसी ने।
और बारिश भी बंद हो गई,लेकिन ये क्या हेरोइन भी कुछ बोली।

अहाना: शौर्य कब तक मन में रखोगे दिल की बात सारे
मौके तो गवा दिए तुमने आखिर बोलेगे तुम मुझसे
I love you.

इसी बीच अपना साइलेंट हीरो भी आज रोमांटिक होने लगा
और उसने बोला पर ऊटपटांग ही।

शौर्य: अब बोलने के लिए बचा ही क्या है? जो मुझे बोलना
था ,वो तो तुमने बोल दिया। सब्र नाम की चीज़ नही।

और फिर क्या था दोनो हंस पड़े प्यार परवान चढ़ा,और शौर्य की नौकरी लग गयी उसे वापस दिल्ली आना पड़ा।

दोनों की बात चीत होती है फोन पर,लेकिन शौर्य की जिम्मेदारियों की वजह से वो मिल नही पाते है।

अचानक ही चलते चलते शौर्य चौथा गियर डालता है और रफ्तार बढ़ाता और सीधा पहुंचता है अहाना के घर के सामने,लेकिन ये क्या घर पर ताला लगा था,आस पड़ोस में पता करने के बाद पता चला कि वो लोग कल ही दिल्ली के लिए निकल गए थे,अफसोस हीरो को फिर हेरोइन नही मिली।
अब क्या था अब सीधा फोकस था मिशन पर और बाइक फिर फुर्तीले अंदाज़ में दौड़ पड़ी ।

7 फरवरी,2020 उत्तराखंड।

शौर्य मिलता है "योगेश दायमा से" शौर्य दायमा को 2000/- रु• देता है।
दायमा बदले में उसे नेपाल से चीन पहुचाने की ज़िम्मेदारी लेता है।

9 फरवरी ,2020 नेपाल -चीन बॉर्डर।
रात 2:30 बजे

शौर्य और दायमा चाइनीस फ़ौजियों को चुपचाप बर्फ के नीचे दबे हुए देख रहे थे और बड़ी-बड़ी लाइट्स बार-बार उनके आस-पास से गुज़र रही थीं,वो भी लाइट्स को चकमा देकर आगे बढ़ रहे थे,इस जदोजहद में दोनो पहुंच गए बॉर्डर के तारों के पास जिसमे बिजली दौड़ रही थी,तभी दायमा रबर के हाथों के दस्ताने पहनता है और एक बड़ा पलास निकलता है और लोहे के तारो को काट देता है फिर एक रबर से बना काले रंग का एक ड्रेस पहना दिया और उसे उन तारो के बीच से निकल दिया।
बॉर्डर के उस पार पहुचते ही अब सिर्फ चाइनीस सैनिकों का खतरा था ,शौर्य ने दायमा को गुड बाय कहा और उसे वापस जाने के लिए कहा ।

अब आगे का सारा खतरा और जोखिम शौर्य को खुद उठाना था,शौर्य छुपते-छुपते चीन के गांव में घुस चुका था रात के तकरीबन 4 बज रहे थे ,तभी शौर्य को एक चाइनीज़ आवाज़ सुनाई देती है और कुछ दौड़ते हुए कदम उसका पीछा करने लगते हैं लेकिन शौर्य नही रुकता है और भागते हुए एक जंगल मे छुप जाता है अचानक ही पेड़ के पीछे छुपे शौर्य के पीछे एक राइफल की नोक सीधे उसकी गर्दन पर रख दी गयी।
अब उसे तीन चाइनीज़ सैनिकों ने घेर लिया था,
अब बेचारा एक भारतीय जासूस और उसका सूट केस लेकिन सूट केस में थे धूल चटा देने वाले हथियार और उसके सूट केस के ऊपर लगा था एक खुफिया बटन और शौर्य ने उस बटन को दबा दिया और खुल गया कयामत लाने का जादुई बॉक्स सूट केस खुलते ही शौर्य ने आंसू गैस का बम निकाला और फिर धुंआ ही धुंआ और धुंआ खत्म होते ही वहाँ उन तीन सैनिकों की लाशें पड़ी थीं,
और शौर्य भी गायब था।

सुबह 7 बजे बीजिंग शहर।

होटल के रूम में लेटा हुआ शौर्य काफी थका हुआ था,
उसने अपना फोन निकाला और एक नम्बर डायल किया।


शौर्य: क्या मेरी बात गुरमीत से हो रही है?

गुरमीत: हां मैं गुरमीत बात कर रहा हूँ।

शौर्य: आज की मूवी का कौनसा शो देखने के लिए आना?

शौर्य के इस कथन से गुरमीत समझ गया कि उसकी बात शौर्य से हो रही है जो उसने तुरंत जवाब दिया।

गुरमीत: 6 से 9 चलते है मेरा ड्यूटी टाइम खत्म हो जाएगा
जब तक।

शौर्य: मुझे कौनसे मल्टी प्लेक्स आना है लोकेशन सेंड कर देना।


इतना कह कर शौर्य ने फोन कट कर दिया।
फिर एक लंबी सांस लेते हुये बेड पर लेट गया।


शाम 6 बजे ,मल्टीप्लेक्स बीजिंग

शौर्य एक बेंच पर बैठ कर गुरमीत का इंतेज़ार कर रहा था,
तभी वहां गुरमीत आ गया और फिर....

गुरमीत: तो क्या काम था मुझसे?

शौर्य: तुमारी लड़कीबाज़ी के किस्से इंडिया में मशहूर हो रहे
है।

गुरमीत: चीन में लड़कियां कैसे पटानी है ,ये सीखने आये
हो क्या?

तभी साइलेंट हीरो थोड़ा मुस्कुराता है।

शौर्य: नही,लड़कियों से खुफिया जानकारी कैसे निकली
जाए ,ये सीखने आया हूँ।
मुझे ये बताओ तुमारी वो चाइनीज़ गर्लफ्रैंड कहाँ
मिलेगी?

गुरमीत: "शिन झाओ" नाम है उसका ,उसका पति यहां के
आईटी डिपार्टमेंट में हेड है। उसका पता इस
विज़िटिंग कार्ड में है।

इतना कह कर गुरमीत वहाँ से चला गया।

10 फरवरी,2020 सुबह 10:30 बजे

शौर्य शिन झाओ के घर के दरवाजे की डोर बैल बजाता है।

शिन झाओ दरवाज़ा ओपन करती है और देखती है सामने खड़ा एक नोजवान जिसका बदन एक दम गठीला और कद लंबा साथ ही सावला रंग और उसके बदन पर काला सूट इस पर्सनालिटी में उसे देख कर शिन झाओ मानो जैसे मोहित होने लगी थी,फिर।

शौर्य: मैं इंडिया से आया हूँ,दरअसल में एक पत्रकार हुँ,
कोरोना पर एक लेख लिख रहा हूँ जिस पर मुझे
आपका दृष्टिकोण जानना है।

शिन झाओ: अंदर आ जाइए।

शौर्य उसके घर के अंदर चला जाता है और पास ही पड़े सोफे पर बैठ जाता है शिन झाओ भी उसके पास ही बैठ जाता है।

शिन झाओ: पूछिए क्या पूछना चाहते है आप?

शौर्य: दरसअल मैं आपसे इस जगह तो बात नही कर
सकता,क्या हम थोड़ा वक्त लेकर मेरे होटल पर
इस बारे में बात कर सकते हैं क्योंकि इस में काफी
वक़्त लगेगा।

शिन झाओ हल्की सी मुसकुरती है और फिर....

शिन झाओ: ठीक है शाम को मिलते है।

शौर्य: ये लीजिये मेरे होटल का कार्ड यहां आकर आप
रूम नंबर 681 में आ जाइयेगा।

इतना कह कर शौर्य वहाँ से अपने होटल चला आता है।
शाम भी हो चुकी थी,अचानक रूम की बैल बजती है और शौर्य दरवाज़ा खोलता है और देखता है कि शिन झाओ आ चुकी है काफी आकर्षक ड्रेस में खड़ी झाओ बेहद खुबसूरत लग रही थी,वो सीधे अंदर घुस आती है और बेड पर बैठ जाती है,फिर.....

शिन झाओ: कब तक ऐसे ही देखते रहोगे?

फिर शौर्य भी थोड़ा हड़बदाता है....

शौर्य: माफ कीजिये ,क्या लेंगी आप?

शिन झाओ: में लेने नही देने आई हूं। इंटरवियू।

फिर काफी देर श्रय उसे कोरोना वायरस में उलझाये रखता है,काफी वक्त बीत जाने के बाद झाओ थोड़ा थक सी जाती है और शौर्य का हाथ पकड़ लेती है और कहती है और नज़रों से नज़र मिलाये रखती है,फिर...

शिन झाओ: मैं अब तक जितने मर्दो से मिली हुँ, आप सब
से अलग हो।

और फिर वो शौर्य को किस करने लगती है और दोनों एक दूसरे के आलिंगन में आ जाते हैं,इसके आगे क्या हुआ शायद बताने की आवश्यकता नहीं।
फिर जब दोनों सो कर जागते हैं,तो शौर्य कुछ बदला से नज़र आता है वो शिन झाओ से कुछ सवाल करता है।

शौर्य: जेम्स तुम्हारे पति की जन्मदिन पार्टी में क्यों आया था?

शिन झाओ: कौन हो तुम?

शौर्य: मैं जो भी हुँ, फिलहाल मेरे सवालों का जवाब दो,
क्योंकि जो ये रास लीला हमने इस कमरे में कई है
एम एम एस वीडियो मैंने बना लिया है अब जल्दी
वरना चीन में इन्टर्नेट सेवा बोहत तेज़ है।

शौर्ये के ये लफ्ज़ सुनकर झाओ तो मानो जैसे हक्का बक्का रह गयी थी,फिर उसने उगलना शुरू किया।

शिन झाओ: जेम्स मेरे पति का दोस्त है मेरे पति आईटी डिपार्टमेंट में हेड हैं उन्हें टेक्नोलॉजी का अच्छा
ज्ञान है जेम्स एक लैपटॉप लेकर आया था,
जिसमे एक फ़ाइल थी जो ओपन नहीं हो रही
थी,उसी के लिए वो घर आया था।

शौर्य: ठीक है आप जा सकती हो।

इसके बाद झाओ वहां से चली जाती है,शौर्य सोचने लगता है देश के लिए क्या क्या करना पड़ जाता है,भगवान मुझे माफ़ करे।

11 फरवरी ,2020 सुबह 9 बजे

शौर्य बीजिंग की एक सड़क पर खड़ा होकर झाओ क पति "मिन सु" का के गुजरने का इंतज़ार करता है।
अचानक मिन सु की कार आती हुई दिखती है और शौर्य उससे लिफ्ट की गुजारिश करता है और सु उसे लिफ्ट देता है दोनों बात चीत करने लगते हैं तभी शौर्ये अपनी गन निकल कर सु के ऊपर तान देता है और उसे अपने इशारे पर एक सून सान फार्म लाइट हाउस पर ले जाता है।

सु को एक कुर्सी पर बांध कर शौर्य उसके चेहरे पर 7-8 घुसें
जमा देता है और फिर

शौर्य: चुप चाप जो पूछूं उसका जवाब देना है।
जेम्स ने जो लैपटॉप दिया था उसमें जो फ़ाइल थी क्या
क्या उसका पासवर्ड खुला?

मिन सु: नहीं।

शौर्य: लैपटॉप कहाँ है?

मिन सु: जेम्स के पास।

शौर्य: जेम्स कहाँ है?

मिन सु: वो फ़ाइल एक तरीके के खास पासवर्ड से लॉक है
वो पासवर्ड एक इंसान तोड़ सकता है,उसके लिए
वो इस्तांबुल गया है।

शौर्य: उस इंसान का नाम क्या है?

मिन सु: ओमार ओगलु।

शौर्य: उसकी कोई पहचान फ़ोटो या प्रोफाइल है?

मिन सु: फेसबुक आईडी है उस से तुम्हे डेटा मिल जाएगा।

शौर्य: गोली कैसे खाना पसंद करोगे?

इतना सुनकर सु गिड़गिड़ाने लगा,इस गिड़गिड़ाहट के बीच एक गोली चली और मिन सु खत्म।

इसके बाद मुरली अरियप्पा का फ़ोन आता है।

मुरली: हेलो शौर्य कैसा चल रहा है चीन का टूर ?

शौर्य: चीन से मन भर गया अब तुर्की जाना पड़ेगा ।
इस्तांबुल की तैयारी करनी है।

इतना कह कर उसने फ़ोन कट कर दिया।

(कहानी के अगले भाग में जाने की शौर्य कैसे इस्तांबुल पहुँचता है?
क्या इस्तांबुल में शौर्य जेम्स वाड्रा को ढूंढ लेता है?
क्या लैपटॉप उसे मिल जाता है?
और ये ओमार ओगलु कौन है?