Wo koun - 3 - last part in Hindi Detective stories by Uma Vaishnav books and stories PDF | वो कौन?? - भाग - 3 - अंतिम भाग

Featured Books
  • کاغذ

    زندگی کا کورا کاغذ پڑھ سکتے ہو تو پڑھ لو۔ اگر چند لمحوں کی م...

  • خواہشات کا سمندر

    خواہشوں کا سمندر دور دور تک پھیل گیا ہے۔ ایک خواہش نے زمین و...

  • ادا کیا

    آنکھیں بند کر کے پینے کی ممانعت کیوں ہے؟ شراب پینے کی کوئی م...

  • پناہ

    تباہ حال شہروں میں گھر تلاش کرنے کی بجائے۔ لوگوں کے چہروں کا...

  • سرد موسم

    خوشگوار نشہ آور موسم دل کو مائل کر رہا ہے۔ رنگ برنگے پھولوں...

Categories
Share

वो कौन?? - भाग - 3 - अंतिम भाग


भाग.. 3

प्रशांत सभी के चारो ओर धोरे धीरे कदम से चक्कर लगाते हुए। कहता है शालिनी जी... आप निशा जी पर किताना भरोशा करती है।

शालिनी... खुद से भी ज्यादा।

प्रशांत... Ohh... Really... बहुत अच्छी बात है, पर क्या वो इस भरोशे के लायक है।

शालिनी.... जी.. जी.. बिल्कुल.... आप ऎसा क्यू कह रहे हैं, आखिर उसने क्या किया है।

प्रशांत..... शालिनी जी.. शांति.. शांति.. अभी सब कुछ पता चल.. जायेगा... क्यू बंटी?

प्रशांत बंटी की तरफ बढ़ते हुए।

बंटी घबराते हुए... जी.. साहब... हमे क्या पता... हम इस बारे में कुछ नहीं जानते।

प्रशांत बंटी की बात सुन कर अचानक रुक जाता है... और... ज़ोर से चिल्लाते हुए कहता है...
.... तो और किसे पता हैं......शालिनी जी को..

.. क्यु शालिनी जी... प्रशांत शालिनी की ओर बढ़ते हुए कहता है।

शालिनी के चहरे पर पसीना आ जाता है, और वो कुछ बोल पाती उसे पहले ही प्रशांत शालिनी से कहता हैं अब आप सब सच सच बताएगी या मैं केस..साफ करूँ...

इतने में निशा बोल पड़ती है.. आप कहना क्या चाहते है... जो कुछ भी हो वो साफ साफ क्यू नहीं बताते।

मैं यहीं तो शालिनी जी से पूछना चाहता हूँ। आखिर क्यू.... उन्होने ऎसा क्यू किया।

निशा... मतलब..

निधि... मतलब तो आप अपनी फ्रेंड से पूछिए.. जो एक तरफ से तो यह कहती हैं कि आप उसकी सब से अच्छी दोस्त हैं, और सिर्फ़ दोस्त ही नहीं उसकी माँ - बाप और रिश्तेदार भी हो और दूसरी तरफ आपको ही मरना चाहती है।

निशा... क्या..?? ये आप क्या कह रहे हैं, वो भला मुझे क्यू मरना चाहती हैं, वो तो मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं।

निधि.... प्यार के लिए..... निशा जी.... . और वो प्यार हैं.. राहुल

निशा... क्या.. राहुल??

प्रशांत.. जी.. निशा जी.. दरसल शालिनी जी को कोई कॉल नही आता था और न ही कोई लड़का परेशान करता था। उन्होने हम सब को गुमराह करने के लिए ये कहानी बनाई। अब पूरी बात आप बताएगी शालिनी जी या पुलिस को बुलाये

.. तभी शालिनी रोते हुए कहती हैं... माँ - बाबा के जाने के बाद.. कोई मुझे देखने वाला नही था मैं सब अपनी मर्जी करती थी। कोई रोकने.. टोकने वाला नही था। शायद इसलिए निशा के परिवार वाले मुझे पसंद नहीं करते थे। लेकिन निशा मुझ पर विश्वास करती थी। और वो मेरी अच्छी दोस्त भी थी उसने अपने परिवार को बहुत बार समझाया और उनको बिना बताये कभी कभी मिलने भी आ जाती थी। कुछ समय बाद जब मेरी नौकरी लग गई तो वो मुझ से मिलने अक्सर मेरे ऑफिस में आ जाती थी। वही राहुल और निशा की जान - पहचान हुई। मैं राहुल को ऑफिस के पहले दिन से ही चाहने लगी थी। लेकिन यह नही जानती थी कि राहुल मुझे नही निशा को चाहता हैं, और निशा भी राहुल को पसंद करने लगी थी। अब तो वो रोज मेरे ऑफिस आजाती थी। मुझसे मिलने के बहाने वो राहुल को ही देखने आया करती थी। एक दिन उसने मुझे अपने दिल की बात बताई और पूछा कि क्या राहुल भी ऎसा सोचता हैं। मैंने राहुल से जब यह जानना चाहा तो पता चला कि वो भी निशा को बहुत पसंद करता है और इस वेलेंटाइन डे के दिन वो उसको प्रपोज़ भी करने वाला है। मुझ से ये सब बरदाश्त नही हुआ।मेरी दोस्ती नफरत में बदल गई। मैंने राहुल से सिमपती पाने के लिए झूठे कॉल का बहना बनाया और इस में बंटी ने मेरा साथ दिया। क्युकी बंटी निशा को पसंद करता था। लेकिन निशा सिर्फ राहुल को चाहती थी। बंटी ने निशा को अपने दिल की बात बताई। निशा ने बंटी के प्रपोज़ को ठुकरा दिया। जिससे बंटी भड़क गया। इन सभी बातों का पता मुझे चल गया था। इसलिए मैंने उसे वादा किया था कि वह अगर वो मेरे प्लान में मेरा साथ देगा तो निशा से बदला लेने में उसका साथ दूगीं। इसलिए हमने वेलेंटाइन डे पर जान से मारे जाने की धमकी का बहाना बनाया। लेकिन वो भी विफल हो गया। वो भी राहुल और आपकी वजह से। जब राहुल को पता चला कि कोई अनजान व्यक्ति मुझे फोन कर के परेशान कर रहा है,तो उसने उस अजनबी कॉल करने वाले को पकड़ने के लिए आपको (डिडेएक्टिव प्रशांत) को बुलाया।

प्रशांत... जी.. हाँ.. जब मैंने इस केस के सभी पहलुओं पर घोर किया तो पहली बार मुझे निशा और राहुल इन दोनों पर शक हुआ पर बाद में जब ये पता चला कि निशा और राहुल एक दूसरे से प्यार करते हैं, तो शक का कोई कारण नजर नही आया। फिर भी मैंने निशा के घर पूछताछ की तब पता चला कि शालिनी जी एक बहुत ही जिद्दी और घमंड लड़की हैं और वो अपने जिद्द किसी भी हाल में पूरी करती हैं और अपनी जिद्द के आगे वो किसी की भी नही सुनती। इसलिए वो निशा को शालिनी से दूर रहने को कहते रहते है, और बार बार फोन कर कर पता करते रहते हैकि कही वो शालिनी के साथ तो नही। लेकिन निशा जी को अपनी फ्रेंड पर बहुत विश्वाश था। इसलिए अपने मम्मी पापा को नही बताती थी कि वो शालिनी से मिलाने आई हुई है। इसलिये जब भी उनका कॉल आता कंपनी का फोन हैं कह कर काट देती थी। मैं अपने एक जासूस ऑफिसर को बंटी के पीछे लगा दिया। वही से हमे पता चला कि कॉल करने वाला बंटी ही है, फिर मेरी टीम ने बंटी से सारी हकीकत उगलवा दी।

अब बताये शालिनी जी आपको क्या सजा दी जाए। आपने अपने दोस्त का विश्वास थोड़ा हैं।
यदि हम आज आपके घर पूछताछ के लिए नही आते तो आप आज निशा जी को मारने वाली थी। आपकी आज की प्लानिंग क्या थी। जरा बताएगी हम सब को....

शालिनी.... हाँ... आप लोगों ने मेरी सारी प्लानिंग बेकार कर दी। मैंने और बंटी मिल कर निशा का पता साफ करने वाले थे। इसलिए मैने निशा को झूठ कहा कि उस अजनबी का कॉल आया और उसने मुझे जान से मारने की धमकी दी है ताकि वो मुझ से मिलने मेरे घर आये। और हम पुलिस के सामने यह कहानी बना सके कि उस अजनबी कॉल करने वाले ने मुझ पर हमला किया और मुझे बचाने के लिए निशा बीच में आ गई।और गोली उस को लग गई। सब कुछ ठीक चल रहा था। पर न जाने आप लोग कहाँ से आ गये। और मेरे सारे प्लान पर पानी फेर दिया।

प्रशांत.... शालिनी जी... जको राके शइया, मार सके न कोई।.... निशा जी की दोस्ती सची और मन साफ था। इसलिये आपने जो भी सोचा वो सब उल्टा हो गया। हमे उस वक़्त ही आप पर शक हो गया था। जब हमने आपकी डायरी देखी उस में.... लिखा था शालिनी लवस राहुल और नीचे निशा जी के नाम पर क्रॉस का निशान था। उसके बाद हमने आप के और राहुल के संबंधो के बारे में पूछताछ की, और राहुल से भी पूछताछ की... सारी जानकारी के बाद हमारा शक यकीन में बदल गया।
और सारी बात साफ हो गई। तभी पुलिस आ जाती है। निशा को बहुत दुख होता है, वो शालिनी के पास आ कर कहती हैं..

... निशा.... शालिनी... तुमने ऎसा क्यू किया... मैंने तो तुम्हें... अपनी फ्रेंड से बढ़ कर माना... मेरे मम्मी पापा.. मुझे कहते रहे कि.. तुम से दूर रहूं... पर मैंने कभी उनकी बात भी नहीं मानी। तुम पर भरोसा किया। और तुम....
इतना कह निशा मुंह फेर लेती हैं और महिला कांस्टेबल शालिनी को.. और बंटी को पुरुष कांस्टेबल हाथ कड़ी लगा कर ले जाते हैं।

End