Adhura Ishq - 2 in Hindi Love Stories by Balak lakhani books and stories PDF | अधूरा इश्क - 2

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अधूरा इश्क - 2


आर के का दिल काम नहीं लगाता इलीना के जाने के बाद थोड़ा उसे जानने को बेताब होए जा रहा था,पर कंट्रोल नाम की भी कोई चीज़ होती है, जो वोह लेकर बैठा था था क्या भाई बैठना ही पड़ता हे वर्ना धंधे पे ताला लगाना पड़ता जनाब, पर बन्दे को अंदर से आवाज मुहोबत करने वाली आ रही थी क्या करे बेचारा, मुहोबत भी तो जरूरी है, कहीं पर भी अह्सास थोड़े अंगड़ाई लेने लगते हैं और जहा लेते हैं वहा दिल की ही सुनी जाती हैं. दिमाग तो भजिया बन जाता है, साला खाया भी नहीं जाता और रहा भी नहीं जाता कुछ इस तरह से हाल आर के का इलीना को देखने के बाद हुवा था।

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इलीना अमेरीका मे रहती थी और वोह शादी शुदा थी, सूरज से थोड़ा ही दूर उसका गाव था वोह साल मे एक दो महीना इंडिया मे आती थी अमेरिका मे रहती थी फिर भी एक सीधी सादी सी रहती थी फेशन का उसे ज्यादा शौक नहीं था बस सिंपल सी रहती थी, इलीना भी आर के को देख कर प्रभावित हो गई थी, पर कोई रिएक्शन नहीं किया था जो आर के समज सके।

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दूसरे दिन आर के इलीना को कोल करता हे।

आर के : हैलो इलीना बोल रही हो?

इलीना : हा बोल रही हू।

आर के : मेने आपका मोबाइल अनलोक मे डाला था पर सर्वर के कारण वक़्त लगेगा मोबाइल को।

इलीना : कितना वक़्त लगेगा?

आर के : शायद ज्यादा से ज्यादा एक वीक तो लग जाएगा। आप कहे तो रखूं वर्ना आप अपना मोबाइल ले जा सकती है।

इलीना : ले जाकर भी क्या करूंगी उसे बनाना तो पड़ेगा ही, आप से नहीं तो किसी और से, इससे अच्छा आप उसे बना ही दीजिये, आपको दिक्कत ना हो तो।

आर के : मुजे भला क्या दिक्कत होंगी?

इलीना : जी आपका मोबाइल जो मेरे पास हे उसके लिए शायद आप को हल्दी होंगी, मुजे कोई जल्दी नहीं हे, मेरे पास तो अभी मोबाइल आ गया हे आप को मोबाइल जल्दी वापिस चाहिए तो आप मेरा मोबाइल जल्दी बना दीजिए ( बोल कर हसने लगती है)

आर के : (हस्ते हुवे) मतलब तलवार आपने मेरे गले मे लगा रक्खी हे?

इलीना : मेने तो नहीं रक्खी थी आपने खुद रक्खी हे तो इल्ज़ाम हम पर क्यू लगाते ही, अगर आप कहेंगे के आ बेल मुजे मार तो मारेगा ही ना, sorry jast kidding don't mind.

आर के : no problems, you are so nice parson,

इलीना : thanks, and you are a really humble person.

आर के : Thanks for complement.

इलीना : it's my pleasure.

आर के : ठीक है तो आपका मोबाइल जेसे ही हो जाता है, मे आपको कोल करके informe कर दूँगा।

इलीना : ok sure.
(कोल कट हो गया)

आर के इलीना से बात करने के बाद अपने काम मे व्यस्त हो गया, बीच बीच मे इलीना की हसी की खिलखिलाहट उसके कानो मे गूंज उठती थी तो, कभी बांसुरी जेसी आवाज उसको इलीना से बात करने को मजबूर किए जा रही थी, आर के अपने बेकाबू दिल को सम्भाले जा रहा था और अपना काम भी निपटा रहा था काम करते करते कब शाम हो गई पता ही ना चला शायद काम का बोझ इलीना से हुई बातों ने बोझ को दबा दिया हो।

रात के सन्नाटा मे भी आर के को इलीना की आवाज पीछा ही नहीं छोड़ती थी, बड़ी हिम्मत जुटा कर आर के ने इलीना को एक शुभ रात्री वाला एसएमएस सेंड कर के मोबाइल हाथ मे लेके इंतजार करने लगा और ऊपर वाले से दूवा की कोई तो उतर मिले,

#"मेरी आख़री ख़्वाहिश पूरी कर दो,,,

मुझे अपने भीतर जगह दे दो...." #

घंटा बीत जाने के बाद शायद उसकी दूवा कुबूल हुई सामने से शुभ रात्री का उतर मिला, ये देख कर उसे तो मानो कोई सिकंदर ने युद्ध जीत लिया हो वेसे चहरे के हावभाव होने लगे, मोबाइल को सीने से लगाई शायद उनके सपने में खो गया,

"दिल के रिश्ते किस्मत से बनते हे,

"वर्ना ये आँखे रोज हजारों को देखती है,

ना जाने कब सुबह हो गई ये उसे पता भी ना चला सुबह उठते ही गुड़ मॉर्निंग वाला एसएमएस रेडी ही था उसे भेजने के लिए और भेज भी दिया, पर उतर नहीं मिला सोचा थोड़ी देर बाद आएगा, पर उतर नहीं मिला थोड़ी थोड़ी देर मे मोबाइल चेक होता उसका एसएमएस तो नहीं पर आर के के हाथो मे निराशा ही हाथ लगती, लंबी आह निकल जाती थी हर बार प्यार की चिंगारी अब दिल मे आग का रूप ले रही थी ये उसे भी पता नहीं था.

शाम को इलीना का एसएमएस good evening करके आया, फटक आर के ने उतर दे दिया

इलीना : मोबाइल हाथ ही लेके बेठे थे क्या?

आर के : हा ना ..

थोड़ी देर इधर उधर की बाते की बाद मे ठीक हे मुजे अभी काम हे तो मे जाती हू तुम मेरा मनोबल जल्दी ही सही करदो ये दूसरे का मोबाइल यूज करना मुजे अच्छा नहीं लगता.

आर के :ठीक है मे आज रात को फिरसे जल्दी करने का रिक्वेस्ट डाल देता हूं.

इलीना : बहोत अच्छा और शुक्रिया

एक दूसरे मोबाइल पर बाते खत्म करते हैं

वेसे तो आर के दिल ही दिल मे तो नहीं चाहता था कि इलीना का मोबाइल जल्दी सही हो जाए, अगर हो गया तो बाते करने का कोई बहाना नहीं बचेगा, वोह उससे ढेरों बाते करना चाहता था पर इलीना के दिल मे क्या है, ए उसे पता नहीं था, बाते होंगी तो उसके दिल मे उतरने का रास्ता मिलेगा. इसीलिये एसएमएस करने वाला सीलसिला
शुरू रक्खा और इलीना भी उसके एसएमएस का उतर हमेशा देती थी तो आर के को और हिम्मत मिली बातों को आगे बढ़ाने के लिए, और ऎसा ही हुवा बाते अब ज्यादा होने लगी. (मानो इलीना भी चाहती हो बाते करना पर अभी तक बात इतनी भी आगे नहीं बढ़ी थी कि एक दूसरे के बारे मे जाने हो.

एक दिन आर के सुबह मे इलीना को एसएमएस की जगह कोल ही कर देता है

इलीना : हैलो...

आर के : हैलो तुम्हारा मोबाइल सही हो गया है. तुम जब चाहो तब आके ले जा सकती हो

इलीना : बहोत ही शुक्रिया आज मे सिटी से बाहर हू अगर शाम को जल्दी आजाऊँगी तो ले जाऊँगी वर्ना कल.

आर के : कोई बात नहीं आप जब चाहे और अगर लेट हो तो मे शॉप खोल कर भी दे जाऊंगा.

इलीना : ओहो ये सुविधा सबको मिलती है, या हमारे लिए ही अलग जहमत उठाएंगे?

आर के : नहीं सबको नहीं पर आप को ये सुविधा मिल सकती है.

इलीना : अच्छा इतनी मेहरबानी का कोई खास तो रीजन नहीं ना.. (हसने लगती है)

आर के : हा हा... जो आप समझ.

इलीना : नहीं मे कल आके ले जाऊँगी

आर के : ओके नो प्रॉब्लम्स

क्रमशः......

कहानी जारी है