इधर लक्ष्मी की मौत के बाद रंजीत अपने दोस्तों को फोन करता है, और आने को कहता है, गोली की आवाज सुनकर रंजीत की मां सुनामी दौडती हुई आती है, और राजू की लाश को देखकर रंजीत से कहती है:-
सुनामी:- इस कल्मुही के चक्कर में अपने भाई को ही क्यों मार दिया?
रंजीत:- आप शांत हो जाओ मां वरना रोने की आवाज से पड़ोसियों को पता चल जाएगा, और हम लोग फस जाएंगे|
तभी कहीं से बजरंगी आता है, और लक्ष्मी और राजू को देखकर कहता है:-
बजरंगी:- अरे चाची इन दोनों को जमीन पर क्यों लेटा रखा है? क्या ये दोनों मर गए?
सुनामी:- क्या कह रहे हो बजरंगी? मेरे बेटे और बहू की तबीयत खराब है, इसलिए ये दोनों जमीन पर लेटे हुए हैं, अभी डॉक्टर को फोन किया है, डॉक्टर आने वाले हैं|
बजरंगी:- मुझे पता है, किस डॉक्टर के पास लेकर जाना है, अभी मैंने जो गोली की आवाज सुनी थी, इन दोनों बेकसूरो को मार दिया तुमने|
सुनामी:- (बात को काटते हुए) अरे बजरंगी तुम कोई लड़की की बात करने गए थे ना शादी के लिए…
बजरंगी:- हां ठीक है, तुम शादी करो, मैं चला वीर भाई के पास, अब तो जो कुछ भी होगा वीर के आने के बाद ही होगा|
रंजीत:- हां जा जो उखाड़ मिले उखाड़ लिया मेरा|
बजरंगी चला जाता है
तभी बाहर से रंजीत के दोस्त राजन और पवन आते हैं रंजीत उन्हे सब कुछ समझाता है
राजन:- चलो अब इस लाश को ठिकाने लगाते हैं, और थाने में जाकर बात करते हैं|
रंजीत पवन के हाथ में एक सूट क्यों देता है जिसमें 10000 रुपये होते हैं
रंजीत:- तुम यह ले जाकर थाने में सब कुछ फिक्स करो, 24 घंटे तक पुलिस मेरे घर के आसपास भी दिखनी नहीं चाहिए, अगर मैं थाने गया तो बो लोग मुझे पकड़ लेंगे, इसलिए तुम लोग जाओ|
राजन:- ठीक है तब तक तुम लाशों को ठिकने लगाओ|
पवन और अमित थाने जाते हैं, और थाने में जाकर इंस्पेक्टर ललित कुमार से बात करते हैं
ललित:- आओ पवन साहब आज कैसे आना हुआ, मुझे ही बुला लिया होता|
राजन:- क्या करें इस वक्त काम ही कुछ ऐसा था|
और सारी बात बताता है, और इंस्पेक्टर ललित से कहता है:-
राजन:- रंजीत सिंह का कहना है, 24 घंटे तक पुलिस थाने से बाहर नहीं जानी चाहिए|
ललित:- ओ रंजीत साहब! फिर तो माल भी अच्छा मिलेगा|
पवन:- (सूटकेश आगे करके) यह लो तुम्हारा एडवांस और बाकी का रंजीत भाई की शादी के बाद|
ललित:- अरे आप जाकर शादी रचाइए, बाकी का काम हम पर छोड़ दीजिए|
इंस्पेक्टर ललित सूटकेस को खोल कर देखते हैं तभी वहाँ हवलदार अमन आता है
अमन:- क्या बात है सर, आज तो मोटी पार्टी हाथ लगी है|
ललित:- तुम अपना मुंह बंद रखो, और काम करो|
अमन:- क्या सर, कम से कम 10 परसेंट तो हमें भी दे दिया करो, आखिर आपका सारा काम तो हम ही करते हैं|
ललित:- तुम्हारी जुवान कुछ ज्यादा नहीं चल रही है, अपने काम पर ध्यान रखो, और अब निकलो यहां से|
इधर रंजीत लाशों (राजू और लक्ष्मी) को जंगल में दूर फैंक कर आता है, लेकिन वो भूल जाता है, कि वह जंगल चम्बल का बीहड़ जंगल है|
क्रमश:...............