The dowry is a dangerous spark - 2 in Hindi Women Focused by Uday Veer books and stories PDF | दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 2

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 2

अब तक आपने पढा, लक्ष्मी को बुखार होने की बजह से वो थोडा आराम करना चाहती है, लेकिन उसकी सास उसे आराम नही करने देती, उल्टा उसे गालियां देती है, जब लक्ष्मी का पति आता है, तो लक्ष्मी की सास लक्ष्मी की ही गलती बताते हुए, उसकी ही शिकायत कर देती है, और लक्ष्मी का पति, लक्ष्मी को ही मारता पीटता है, अब आगे............

(राजू जोकि रंजीत का भाई है और सुनामी देवी का छोटा बेटा, जब उसे इस कर्मकांड के बारे में पता चलता है तो उसे अपनी मां और भाई पर बड़ा गुस्सा आता है, और भाभी के बारे में सोच कर बड़ा दुख होता है, राजू ही इकलौता सख्स होता है, जो अपनी भाभी लक्ष्मी के लिए हमदर्दी रखता है, बाकी रंजीत और सुनामी तो पागल कुत्तों की तरह हमेशा दहेज का ताना देकर काटने को दौडते हैं)

राजू:- मां आज क्या हुआ|

सुनामी:- क्या कहना चाहते हो तुम?

राजू:- आज भाभी के साथ क्या हुआ?

सुनामी:- हो गई होगी मियां बीवी में किसी बात पर लड़ाई, तुम क्यो बीच में पडते हो, तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो|

राजू:- पढ़ाई तो मेरी सही चल ही रही है, लेकिन इस घर के हालात सही नजर नहीं आ रहे हैं|

सुनामी:- तुम घर के हालात पर नहीं खुद पर ध्यान दो|

राजू:- वो तो दिख ही रहा है, और एक बात बता दूं यह मियां बीवी की नहीं सास बहू की लड़ाई है, यह भी अच्छी तरह जानता हूं|

सुनामी:- तुम अपने काम से काम क्यों नहीं रखते?

राजू:- काम से काम रखना ये ही तो सिखा ही है बचपन से, लेकिन एक दिन हम बताए देते हैं कि तुम यह देख लेना, जितने भी जुल्म तुम उस लड़की पर कर रहे हो, और वह चुपचाप बर्दाश्त कर रही है, याद रखना जब तक सांत है तब तक कोई बात ही नहीं है, आपने जुल्म अगर बंद नहीं किया, तो 1 दिन बहुत बुरे पछताओगे, और इस दिन सब कुछ खत्म हो जाएगा याद रखना|

सुनामी:- चल जा बड़ा आया मुझे अंजाम दिखाने वाला, बच्चू बहुत चल रहा है ना, जिस दिन जेब खर्च बंद कर दिया ना, उस दिन सब नमक दाल का भाव पता चल जाएगा|

राजू:- (जेब से पैसे निकाल कर टेबल पर फैकते हुए) नहीं चाहिए मुझे तुम्हारी पाप की कमाई, इस लायक हूं मैं कि अपना खर्च खुद उठा सकता हूं|

(और गुस्से में चला जाता है‌, रंजीत आता है)

रंजीत:- क्या हुआ इसे बड़े गुस्से में दिख रहा है|

सुनामी:- कुछ नहीं कह रहा था हम लोग लक्ष्मी पर जुल्म कर रहे हैं, और अंजाम के बारे में धमका रहा था हमको|

रंजीत:- मां क्यों नहीं इसकी शादी करा दी जाए किसी बड़े घर की लड़की देख कर|

सुनामी:- सोचा तो मैंने भी यही है, लेकिन यह शादी को तैयार हो तब ना, जब भी कहो तो काटने को दौड़ पड़ता है, और मुझे ही सुनाने लग जाता है, बोलता है अपनी मर्जी से शादी करेगा, और इस घर में तो कभी शादी नहीं करेगा|

रंजीत:- अच्छा ऐसी बात है, हम भी देखते हैं कि कैसी लड़की से शादी करता है? और कहां करता है?

क्रमश:..............