एक छोटे से गांव की बात है वह एक परिवार जिसमे छोटा से बच्चा जिसका नाम इक़बाल था बहोत ही सरारती ओर सबको परेशान करता , वो जब भी कही पे भी जाए तो वह वो बिना मस्ती किये रह नही पाता, एक दिन जाब उसके पापा के साथ वो सादी में गया तब तो उसने हद कर दी एक दूल्हे की शेरवानी पे उसने श्याही डाल दी ओर भाग गया, सब लोग उसके इस बरताव से परेशान थे, सब सोचते कब बाडा होगा कब सुधरेगा पर कोई नही जनता के वो सुधरेगा या फिर ओर बिगड़ेगा, उसके पिताजिने बहोत मारा पर कुछ न हुआ उसको होस्टल में भी डाला पर फिरभी कुछ न हुआ वो भाग के घर आ जाता , अब सब लोग परेशान, करे तो करे क्या? इस लड़के का पर किसी ने कहा उसे जो करना है करने दो उसे कोई रोको मत सायद सुधार जाए, क्योकि इसे जो मना करते वो वही करता है, अब ये भी करना सरु कर दिया पर अब अकबाल में थोड़ा बदलाव आने लगा था, कैसे ? पता नही पर वो अब पहले से बदलने लगा था अब वो धीमे धीमे क्रिकेट खेलने लगा था ओर उसे ये ओएसब्द आ गया तो पूरा दिन क्रिकेट की तरफ ध्यान रहता ओर मस्ती करना तो जैसे भूल गया है,
घर में भी रेडियो पर भी क्रिकेट सुनता रहता, इक़बाल को गेंदबाजी में ज़ाहिर खान जैसा बनाना था कहता के में भी एक दिन ऐसे ही गेंदबाजी करूँगा जिसे मेरा भी नाम रेडियो में आएगा सेवको ये कहता, अब वो बड़ा होने लगा था ओर वो अपनी टीम बनाके क्रिकेट खेलता ओर आस-पास के गांव में जेक एकदूसरे के साथ खेलते ओर इक़बाल की गेंदबाजी आज पास के सभी गांव में वाह वाह बातोड़ती थी, ओर ये बात काफी दुर् तक गई किसी गांव में कोई कालू करके बाँदा रहता था उसने ये सुना ओर वो बहोत अच्छा बल्लेबाज था, तो उसे लगा के ये कैसे हो सकता है के कोई कहे जो कालू को खेलने से रोक सके, कालू ने उसके साथ मैच खेलना चाही ओर इकबाल तो हर पल तैयार रहता मैच खेलने को पर इक़बाल को कालू के बारे में कुछ पता नही था, कर उसने हा कह दिया सबने कहा के कालू यहां का सबसे अच्छा बल्लेबाज है सायद ही कोई गेंदबाज उसे आउट कर पाया हो जोके कभी सुना नही के वो कभी आउट हुआ है ।
इक़बाल कोई बात नही किसीने नही किया वो में करूँगा आखिर में भी यहां का सबसे अच्छा गेंदबाज़ हु ओर में एक दिन ज़ाहिरखांन जैसा बनूँगा पाता है ना , सवलोग उसको देख के चुप हो गए फिर आया उनके मैच का दिन, पहले इक़बाल की टीम ने बल्लेबाजी ली ओर उनके बल्लेबाज खेलते रहे ओर उन्होंने १२ ओवर में ११७ रन बनाये ओर अब बारी थी कालू की टीम की , ओर हर बार की तरह कालू पहले खेलने आये ओर इस तरफ से इक़बाल ने गेंदबाजी संभाली इकबाल ने जैसे ही पहेली गेंद फेकि कालू ने उठा के बाउंड्री के बाहर डाल दी पहले ही गेंद में इक़बाल देखता राह गया उसे पता भी ना चला के कब गेंद बाउंड्री के पार हो गई सब देखते राह गये, इक़बाल ने दूरी गेंद २ फिर ऐसे ही ओवर डालता गया पर कालू किसी भी गेंदबाज़ से रुकने का नाम ही नही ले रहा था ओर जो रन इक़बाल की टीम ने १२ ओवर में किये थे वहा तक कालू की टीम ९ ओवर में पहोच ने वाले थे अब ओवर आई वापस इक़बाल की आखरी ओवर थी इक़बाल कालू की आंखों में आंखे डालके देख रहा था क्या करे पता न चला पर इक़बाल ने बॉल डाली ओर फुलटॉस कालू बॉल को देख भी नई पाया उतनी तेजी से डाली थी फिर इक़बाल को पता नही कहा से तेजी आ गई सब लोग जो चुप थे वो सब इक़बाल इक़बाल कर रहे थे इस ओवर में इक़बाल ने ३ विकेट ली पर कालू अभी भी खड़ा था ओर कालू की टीम ने ये मैच १०.३ ओवर में जीत लिया।