gouri gaay in Hindi Children Stories by Udita Mishra books and stories PDF | गौरी गाय

Featured Books
Categories
Share

गौरी गाय

गौरी गाय

एक शहर में एक जाने माने शिक्षक अपने परिवार के साथ रहते थे उनके परिवार में उनकी पत्नी का नाम शीतल था एक कुशल गृहिणी थी जो कई सालों से चार, पाँच साल के बच्चों को योगा सिखाती थी उनकी एक बेटी थी बेटी का नाम मंजू था जो संगीत और कंप्यूटर की पढ़ाई कर रही थी और उनके घर में रोज सुबह एक काका आकर घर का काम करते थे उनका गोपाल नाम था सब उन्हें गोपाल काका कहकर पुकारते थे।

एक दिन शीतल ने गोपाल काका को बुलाकर पूछा कि "काका आपके पहचान में कोई साफ सुथरी लड़की है क्या जो घर में शाकाहारी खाना बनाती हो" गोपाल काका बोले "जी मैडम साहब एक विनीता नाम की लड़की है पर वो मिर्चीदार खाना बनाती है उसके ससुर मेरे गांव के ही है"

शीतल ने पूछा "काका विनीता की उम्र क्या होगी"

" यहीं कोई 21, 22 साल होगी मैडम साहब विनीता का छ: साल का एक बेटा है जो कक्षा चार में पढ़ता है ।"

इस पर शीतल ने पूछा "पर काका विनीता का पति क्या करता है ?"

काका बोले "मैडम साहब विनीता के पति का नाम सुमित हैं वो सब्जी फलों का ठेला लगता है और अपनी गाय का दूध बेचता हैं"

शीतल ने कहा काका "विनीत को बोल देना कि वह कल से यहां खाना बनाने आने लगे"

गोपाल काका ने कहा "जी मैडम साहब"

अगले दिन से विनीता शीतल के घर में खाना पकाने आने लगी पहले दिन वो अपने साथ कलाकन्द मिठाई का एक डिब्बा लाई ।

शीतल ने विनीता से पूछा

"ये मिठाई तुमने बनाई हैं क्या" उसने कहा "हाँ जीजी मेरे पास एक बहुत सुंदर सी गौरी नाम की गाय है मैंने उसीके दूध से ये मिठाई बनाई हैं और बाकी बचे 1 लीटर दूध को सुमित बेच देते हैं दरसल आज ही नई मिठाई की दूकान से हमें 50 डिब्बे कलाकन्द मिठाई का ऑर्डर मिला है अब दूकान के ग्राहकों मिठाई पसंद आ गई तो एक और ऑर्डर पक्का हो जाएगा । अभी एक ही दूकान से ऑर्डर मिलता है ।"

शुरू में वह बहुत मिर्चीदार खाना बनाती थी पर कुछ समय में शीतल के अनुसार कम मिर्ची का खाना बनाने लगी । कुछ ही दिनों में विनीता शीतल के घर की सदस्य बन गई । कभी- कभी विनीता का बेटा मंजू के साथ खेलने आता था अब रोज सुबह विनीता खाना बनाने आती और जब तक खाना बनाती तब तक शीतल को पिछले दिन की पूरी दिनचर्या और अपने दिल की सारी बातें बताती।

एक दिन उसने नमस्ते जीजी के अलावा कुछ भी नहीं कहा और अपना पूरा काम करके चली गई ।

अगले दिन भी यही होता पर शीतल के पूछने पर विनीता ने बताया

"जीजी कल सुबह मेरी गौरी गाय मर गई और जीजी गांव का एक नियम है कि वहां की किसी बेटी की शादी के बाद विदाई के समय अपने साथ एक गाय ले जाती है और बहू आती है तो अपने साथ एक गाय ले आती है मुझे उसकी बहुत याद आ रही है।"

शीतल ने कहा "अरे ये तो बहुत गलत हुआ"

"हाँ जीजी विनीता अब तुम्हारे दूध और मिठाई के काम का क्या होगा "

"जीजी एक साल पहले मेरी गौरी गाय ने दो बछड़े दिये थे जो अब दो गायें बन गई है"

इसपर शीतल ने कहा तो तुम इतनी दुखी क्यों हो रही हो गौरी गाय ने जाने से पहले तुम्हें अपने जैसी प्यारी दो गायें दी है तुमको तो अब उनका अच्छे से ध्यान रखना चाहिए"

इस पर विनीता ने कहा "जी जीजी आपने सही कहा"

इसके बाद विनीता खुशी-खुशी काम करने लगी ।

कुछ दिनों बाद विनीता ने आकर कहा "जीजी सुमित और मैंने सोच रहे हैं कि हम अपनी खुद की मिठाई की दूकान खोलें"

शीतल ने कहा "बिल्कुल खोलो" विनीता उसके पति सुमित ने अगले महीने ही अपनी खुद की मिठाई की दूकान खोल ली जो कुछ ही समय में शहर की मशहूर दूकान बन गई ।

******